हैल्लो साथियों.. में राजन आप सभी के सामने पर अपनी एक और कहानी लेकर आया हूँ और अब में अपनी कहानी शुरू करने से पहले अपना परिचय भी करा देता हूँ. साथियों में कर्नाटका का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 26 है.. मेरी लम्बाई 6 फिट और मेरे लंड का साईज़ 8.5 है.. यह स्टोरी मेरे दोस्त की शादी के टाईम की है.
साथियों छाया और में.. छाया की शादी के बाद एक बार ही मिले थे लेकिन हम दोनों को चुदाई का मौका नहीं मिला लेकिन छाया फोन पर मुझसे हमेशा बोलती थी कि तुम यहाँ आ जाओ लेकिन मुझे टाईम ही नहीं था और हम दोनों फोन पर ही सेक्स कर लेते लेकिन हम दोनों को मौका तब मिला.. जब मेरे दोस्त और छाया के भाई की शादी तय हुई तो छाया ने मुझसे बोला कि में 10 दिन के लिए आ रही हूँ.. हम बहुत मज़े करेंगे और जब छाया और जीजू आए तो में बहुत खुश हुआ.. क्योंकि मेरा माल बड़े दिनों बाद मुझसे चुदेगा और शादी के बाद छाया थोड़ी और मस्त हो गई थी और में छाया की भोसड़ी चोदने के चक्कर में दिनभर दोस्त के घर पर रुकता और वहाँ पर थोड़ा बहुत काम करवाता लेकिन उस मादरचोद जीजा के कारण मुझे मौका ही नहीं मिलता.. साला उसे कभी अकेला छोड़ता ही नहीं और इस बात से छाया भी चिड़ने लगी.. क्योंकि वो भी मेरे लिए तड़प रही थी लेकिन क्या करते? बस एक दूसरे से बात ही कर सकते थे.. क्योंकि घर भी सगे सम्बन्धियों से भर गया था.
उसके बाद कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा और बस भाई की शादी में एक ही दिन बचा था और मुझे एक बहुत अच्छा मौका हाथ लग गया.. हमारे यहाँ शादी के एक दिन पहले तिलक की रस्म होती है तो वो समारोह दो बजे स्टार्ट होना था. हम सब तैयार होकर होटल में पहुंच गये और वहाँ पर जाते ही छाया को देखकर मेरा लंड तो बस पूछो ही मत एकदम मचल उठा.. उसका जिस्म मुझे कत्ल करने को तैयार था और वो मुझे अपनी कातिल नजरों से देख रही थी.
इतनी सेक्सी छाया मुझे कभी नहीं लगी.. वो लहंगा चोली में क्या लग रही थी और उस पर ढेर सारा वर्क था. वो उसके गोरे बदन पर बहुत अच्छी लग रही थी और उस पर साली ने चोली भी छोटी पहनी.. जिससे उसके बूब्स बिल्कुल बाहर आने को तैयार थे. मेरा तो मूड ऐसा हो गया कि मैंने सोच लिया कि आज तो में बिना चुदाई के नहीं रह सकता और उसका मेकअप मेरी जान निकाल रहा था. उसके बाद मैंने छाया को इशारा किया और साईड में आने को कहा और उसके बाद सबसे छुपकर धीरे से आई और बोली कि क्या हुआ राजन.
उसके बाद मैंने उसे बोला कि यार छाया आज तुझे देखकर मेरा वीर्य निचोड़ गया है.. प्लीज़ कुछ कर नहीं तो बस में तो और वो मेरी बात सुनकर हंसने लगी और बोली कि अच्छा जी तो मैंने कहा कि यह सब छोड़ और प्लीज कुछ कर.. तभी वो बोली कि हाँ राजन आज तो मेरा भी मूड है.. थोड़ा रुक में कुछ गेम जमाती हूँ और अब मेरी हालत तो बस बिना पानी की मछली जैसी हो गयी थी लेकिन आज मेरी किस्मत अच्छी निकली और छाया ने मुझसे बोला कि होटल के बाहर मिल और में झट से बाहर गया तो छाया अकेली बाहर खड़ी थी..
में उसके पास गया तो वो बोली कि चल घर चलते है और समारोह 1 घंटे बाद शुरू होगा तो मैंने बहुत खुश होकर जल्दी से कार निकाली और घर की तरफ चल दिए और घर पर पहुंचकर दरवाजा बंद किया और मेरे फ्रेंड जिसकी शादी थी.. उसके बेडरूम में चले गये और रूम में जाते ही मैंने छाया की चिकनी कमर पर हाथ रखकर अपनी तरफ किया और छाया से कहा कि यार आज तो तूने मुझे पागल कर दिया है.. क्या लग रही है और उसके बाद होंठो पर होंठ रख दिए और चुम्बन करने लगे.. छाया भी मूड में थी तो वो भी मेरा साथ दे रही थी और में उसकी कोमल गांड और भोसड़ी को दबा दबाकर किस कर रहा था.. आज का मज़ा कुछ और ही था.
साथियों अब धीरे से हम दोनों नंगे हो गये और आज तो छाया हल्के मेकअप के कारण और भी हॉट लग रही थी और अब में उसके मुलायम बूब्स को धीरे धीरे दबाने लगा और बोला कि यार इनका साईज़ बड़ गया है.. क्या जीजाजी पूरी मेहनत कर रहे है तो वो बोली हाँ कर तो रहे है लेकिन उनसे इतनी मेहनत नहीं होती.. जितना तू करता है और हाँ थोड़ा तेज़ दबा.. आअहह ऊह्ह्ह्ह और उसके बाद वो मेरे लंड को पकड़कर हिलाने लगी.
उसके बाद में उसके बूब्स को चूसने लगा और क्या मीठा स्वाद था.. बता नहीं सकता और धीरे से नाजुक चूत पर हाथ फेरने लगा और कुछ देर तक बूब्स को चूसने के बाद मैंने छाया को लेटाया और उसकी चूत पर टूट पड़ा और आज भी उसकी चूत का वही नशा था और मैंने पूरी जीभ घुसाकर छाया की नाज़ुक चूत को चाटा.. वो तो उउफफफफ्फ़ राजन मत कर ऐसा.. आहह उह्ह्ह कर रही थी और में मज़े लेकर चाट रहा था.. क्योंकि इसके बाद ऐसी गरमा गरम चूत चाटने को मिलेगी ही नहीं.. इस कारण में ज़ोर ज़ोर से चाटे जा रहा था.
लेकिन कुछ देर के बाद वो झड़ गयी और बोली कि अब मुझे भी इसकी सेवा करने दे.. बड़े दिन हो गये और मुझे लेटाकर लंड को धीरे से मुहं में लिया और छाया के होंठ लगते ही मेरा लंड झटके देने लगा तो छाया बोली कि अभी तक शैतान है और उसके बाद मुहं में भर लिया और बहुत अच्छे से चूसा और अब वो इस काम में बहुत अच्छी हो गयी थी और उसने मुझे मस्त कर दिया तो मैंने कहा कि यार में अब नहीं रुक सकता.. चल लेट जा और वो लेट गयी और में उसके ऊपर आकर किस करने लगा और एक हाथ से लंड को सेट करके चूत में डालने लगा और उसके बाद धीरे धीरे चूत में लंड पूरा फिट होता गया और हमारा किस भी बंद हो गया लेकिन अब चली हमारी रेल गाड़ी और में धीरे धीरे धक्के देकर चोदने लगा. हम दोनों चुदाई में मस्त हो रहे थे.. आअहह राजन चलने दे क्या लग रहा है यार.. आअहह.
उसके बाद मैंने कहा कि यार छाया जान क्या गर्मी है तेरी चूत में.. हम दोनों को 15 मिनट हो गये थे तो छाया बोली कि थोड़ा तेज कर.. मेरा होने वाला है तो मैंने अपनी स्पीड को बड़ा दिया और वो हहाह्ह्ह हाँ आअहह अह्ह्हईई में तो गयी और उसके बाद उसके झड़ने के दो चार मिनट के बाद में भी धीरे से झड़ गया और 5 मिनट के बाद बेल बज गई.. उसकी आवाज से मेरी तो गांड फट गयी और हम दोनों डर के मारे ऐसे ही रुक गये.. बेल उसके बाद से बजी तो हम अलग हुए और छाया बोली कि अब तो मर गये राजन. उसके बाद बेल बजी तो मैंने और छाया ने झट से कपड़े पहने और में दूसरे कमरे के बाथरूम में भागा.. छाया दरवाजा खोलने गई और चलते चलते अपनी हालत को ठीक किया.. दरवाजा खोलकर बाहर देखा तो जीजा और छाया की सग़ी आंटी आई थी.. जीजा अंदर आते ही कहने लगा कि इतनी देर क्यों लगा दी और तुम यहाँ क्या कर रही हो? तो वो बोली कि में फ्रेश होने आई थी तो जीजा बोला यहाँ तक किसने छोड़ा तो वो बोली कि राजन छोड़कर गया है.
उसके बाद छाया ने बोला कि आंटी क्या हुआ कुछ काम है तो वो बोली कि हाँ कुछ लेकर जाना है. छाया ने पूछा कि क्या? तो जीजा बोले कि आंटी जी आप सामान ले लो और छाया तुम चलो तो मुझे कुछ काम है और आंटी उस रूम में आने लगी.. जिसमे में था और में बाथरूम में घुस गया.. अब आंटी सामान निकालने लगी और उसके बाद सामान लेकर बाहर जाने लगी.. तब मेरी जान में जान आई लेकिन आंटी उसके बाद से अंदर आ गयी और अब तो वो बाथरूम की तरफ आ गयी और मेरी तो गांड फट रही थी.. क्योंकि दोस्त की बहन जो थी और ऊपर से उसकी शादी भी हो गई थी और अब आंटी ने दरवाजा थोड़ा सा खोला और में दरवाजे के पीछे छुपा था.. शुक्र है कि उन्होंने लाईट चालू नहीं की और बैठकर मूतने लगी और उठ गई और ज्यादा अँधेरे के कारण वो मुझे देख नहीं पाई लेकिन मेरी किस्मत कितनी खराब है.. साली ने हाथ धोने के लिए लाईट चालू कर दी और उनको में दिख गया और उनके मुहं से चीख निकलने ही वाली थी कि मैंने हाथ रखकर रोक दिया तो आंटी ने मेरे हाथ को झटका दिया और बोली कि तू यहाँ पर क्या कर रहा है. साथियों मेरी तो हालत बस पूछो मत और में पसीना पसीना हो गया और हकलाते हुए बोला कि कुछ नहीं आंटी बस ऐसे ही.
उसके बाद वो बोली कि ठीक से बोल क्या कर रहा है और मेरा डरा हुआ चेहरा देखकर वो समझ गई कि कुछ तो गड़बड़ है और वो बोली तो छाया और इतना बोलते ही में बोला कि आंटी प्लीज़ कुछ मत बोलो और उनके पैरों में गिर गया तो आंटी अकड़कर बोली कि अच्छा तो शादी दोस्त की है और सुहागरात तू मना रहा है और वो भी मेरी भतीजी के साथ.. रुक जा अभी बताती हूँ. तो मैंने कहा कि आंटी प्लीज़ कुछ मत बोलो.. जो आप कहोगी में वो करूंगा प्लीज़.. लेकिन वो उसके बाद भी नहीं मानी और बोली कि नहीं यह तो बोलना ही पड़ेगा और अब मैंने सोचा कि साली यह तो मान ही नहीं रही और उसके बाद मैंने कहा कि हाँ आंटी आप बेशक सभी से बोल दो लेकिन इसमें छाया की भी बदनामी होगी.
तब वो सोचने लगी और बोली कि रुक तू में छाया को बुलाती हूँ और बाहर चली गई और छाया को साथ में लेकर आई तो छाया रोने लगी. तभी आंटी बोली कि छाया अब ज्यादा नाटक मत कर.. क्या तुम दोनों को शर्म नहीं आई और हमें बहुत सुनाई और हम दोनों सर झुकाकर सुनते रहे और यह तो बहुत अच्छा था कि जीजा बाथरूम में था. उसके बाद आंटी ने छाया से पूछा कि क्यों सुनील जी कुछ नहीं करते है क्या? जो तू यह सब कर रही है और इसमें क्या हीरे लगे है? लेकिन छाया कुछ नहीं बोली.
उसके बाद में बोला कि आंटी ग़लती हो गई.. प्लीज ऐसा अब नहीं होगा और छाया का रोना बंद नहीं हो रहा था.. आंटी ने छाया से पूछा कब से है यह सब तो वो तब भी नहीं बोली तो आंटी चिल्ला पड़ी.. तब छाया ने बोला कि दो साल हो गए है और इतने में जीजा ने आवाज़ लगा दी छाया.. तब आंटी बोली कि आई और में जाने लगा तो वो मुझसे बोली रुक यहाँ पर और छाया से बोला कि सुनील जी को लेकर निकल में इससे बात करके आती हूँ और वो चली गई..
कुछ देर बाद वो अपने पति के साथ हमे वहाँ पर अकेला छोड़कर चली गई. तब आंटी बोली कि हाँ तो राजन अब मुझे पूरी बात बता.. तुम दोनों यहाँ पर कितनी देर से मज़े लूट रहे हो तो में बोला कि आंटी थोड़ी ही देर हुई है और इतने में वो मेरे पास आई और मेरे लंड को मुट्ठी में भरकर दबाने लगी और बोली कि अच्छा तेरा लंड बहुत मचल रहा है.. जो तू मेरी भतीजी को और उसके बाद मेरे लंड को दबा दिया और मेरे मुहं से आह्ह्हअहह आंटी प्लीज मत करो.
तब आंटी ने पकड़ ढीली की तो मुझे आराम आया.. लेकिन इस दौरान आंटी मेरे बहुत पास आ गयी थी और उनके तन की सुगंध मुझे मदहोश करने लगी और उनका हाथ लंड पर होने से उसके बाद से झटके देने लगा.. लेकिन वो तो बोले जा रही थी और धक्के दे रही थी और मेरा लंड आंटी के पास होने से मेरा तो मन हो रहा था कि आंटी को ही पकड़ लूँ. वैसे एक बात है आंटी 40 साल की थी लेकिन मस्त माल है और ऊपर से शादी का मेकअप बड़े बड़े बूब्स और गांड तो पूछो मत, मज़ा आ जाए.. में तो बस उनके बूब्स को देखकर सोच रहा था. तभी आंटी एकदम से चुप होकर बोली.. क्यों रे अभी भी तू नहीं मान रहा और तब मुझे होश आया तो उस वक़्त मेरे मन में हवस भरी हुई थी तो आंटी बोली कि अब तो तेरा कुछ करना ही पड़ेगा और मुझे एक कसकर थप्पड़ मार दिया और बोली कि अब में तेरे पापा से बात करूंगी.
तब मेरी उसके बाद से गांड फटी और मैंने सोचा कि अबे मादरचोद यह क्या कर दिया तूने.. अब तो गया तू. उसके बाद में आंटी से बोला कि सॉरी आंटी बस एक बार माफ़ कर दो और अब नहीं होगा प्लीज़.. लेकिन आंटी बोली कि नहीं.. अब तो तू गया और आंटी जाने लगी और उधर मेरी गांड फट गयी तो मैंने आंटी का हाथ पकड़कर रोका लेकिन वो तो बस गुस्से से लाल हो गयी और मुड़कर मुझे एक और थप्पड़ मार दिया और जिससे मुझे गुस्सा आ गया.. क्योंकि आज तक मेरे पापा ने मुझे एक थप्पड़ भी नहीं मारा और इसने मुझे दो मार दिए.
उसके बाद मैंने सोच लिया कि मरना तो वैसे भी है तो क्यों ना कुछ करके ही मरुँ और मैंने आंटी को कमर से पकड़ लिया तो वो एकदम से चिल्लाई.. यह क्या कर रहा है तू? तो में कुछ नहीं बोला और आंटी को उठाकर बिस्तर पर गिरा दिया.. आंटी बोली क्या तू पागल हो गया और यह सब क्या है?
में बोला कि चुपकर अब में तेरे ही मज़े लूँगा जाकर बोल देना सबको तो वो बोली कि प्लीज राजन ऐसा मत कर में किसी को कुछ नहीं बोलूंगी.. मैंने कहा कि नहीं अब तो तू सबसे बोल.. साली मुझे थप्पड़ मारती है और में उसके ऊपर आ गया और हाथ पकड़कर होंठो को चूमने लगा तो वो मुहं घुमाने लगी और पैर फेंकने लगी लेकिन मैंने बहुत टाईट पकड़ रखा था और वो कुछ नहीं कर पाई और में आंटी के होंठो को चूम रहा था और थोड़ी देर किस करने के बाद में हटा तो वो बोली कि ऐसा मत कर, प्लीज़.. में शादीशुदा हूँ तो मैंने कहा कि अब चुपचाप सब करवा ले.. तुझे भी बहुत मज़ा मिलेगा और मेरा काम भी हो जाएगा.. मुझसे एक बार चुदवा ले.. मुझे याद करेगी और उसके बाद से चुदवायेगी.
तो आंटी बोली कि प्लीज ऐसा मत कर राजन में तेरे हाथ जोड़ती हूँ.. में बोला कि तू आज कुछ भी कर.. लेकिन में तेरी चूत का भोसड़ा बनाकर रहूँगा और उसकी साड़ी को हटाकर ब्लाउज को फाड़ दिया उसके साथ में काली ब्रा भी आधी फट गयी उसके एकदम मस्त बूब्स थे और में उनको फटी हुई ब्रा के ऊपर से ही मसलने लगा और बोला कि आंटी मान जाओ यार चुपचाप चलने दो.
तो आंटी बोली कि राजन प्लीज मुझे छोड़ दे.. तब में बोला कि आंटी में रिस्क नहीं ले सकता काम तो आज पूरा ही करूँगा.. इसलिए बोल रहा हूँ मान जाओ और खुद भी मज़े लो. तो आंटी कुछ सोचने लगी और बोली कि ठीक है.. लेकिन बस आज उसके बाद से दोबारा कभी भी नहीं. तो में खुश होकर बोला कि धन्यवाद ठीक है अब में उनको किस करने लगा और कुछ ही पलो में वो मेरा साथ देने लगी और में उनके होंठो को चूस रहा था और कभी उनकी जीभ को. उसके बाद में हटा और शर्ट को उतार दिया और उनकी गर्दन को चूमते हुए बूब्स पर आ गया और निप्पल को मुहं में भर लिया और दूसरे को धीरे से दबाने लगा.
आंटी अब पूरी गरम हो गयी थी वो मेरे सर पर हाथ घुमा रही थी और में उनके निप्पल को जमकर चूस रहा था और बीच बीच में किस भी दे रहा था वो पूरी मस्त हो गयी थी और अब में आंटी के ऊपर से हटा और अपनी जीन्स खोलने लगा. उधर आंटी भी पूरी न्यूड होकर मेरे 8.5 के लंड को घूरने लगी. तो में बोला कि आंटी क्या हुआ कैसा है मेरा लंड?
तो वो बोली कि तभी छाया तुझसे चुदा रही है.. में बोला कि क्या? तो वो बोली कि देख कैसा हो रहा है यह.. तो में बोला कि आंटी इसे मुहं में तो लो उसके बाद देखो इसका कमाल. तो आंटी बोली कि हाँ और मुहं में भर लिया और चूसने लगी और आंटी पूरा स्वाद लेकर चूस रही थी. में भी मस्त होकर बोला कि आंटी आपकी चूत भी तो दो मुझे तब हम 69 पोजिशन में आ गये.. लेकिन मेरा मन थोड़ा खराब हो गया क्योंकि आंटी की चूत पर बहुत बाल थे.. लेकिन उसके बाद भी मैंने अपना काम चालू कर दिया और अपनी जीभ से चूत को चोदने लगा. तो वो भी मेरे लंड को चूस रही थी और मस्ती में अपनी चूत को मुहं पर दबा रही थी और जब हम दोनों अलग हुए तो आंटी बोली कि राजन तू सच बोल रहा था.. मस्त कर दिया तूने. तो मैंने कहा कि अभी नहीं अभी तो काम बाकी है.
तभी वो बोली कि अब तो में तेरी हूँ तुझे जो करना हो कर ले. तो में बोला कि आंटी में आपकी गांड को देखकर पागल हो गया हूँ.. आंटी बोली क्या मतलब? तो मैंने कहा कि क्या पीछे डाल दूँ तो वो बोली कि नहीं रे मैंने पीछे आज तक तेरे अंकल से नहीं डलवाया और उसके बाद तेरा तो बिल्कुल नहीं. तो मैंने कहा कि आंटी में बहुत आराम से करूंगा प्लीज.. तब जाकर वो मानी और उन्होंने क्रीम निकालकर पूरे लंड पर लगा दी और थोड़ी खुद की गांड पर भी और डॉगी स्टाईल में आ गयी.
तो मैंने लंड को भोसड़े के अंदर धक्का दिया तो थोड़ा अंदर घुसा और आंटी के मुहं से एकदम चीख निकल पड़ी आअ हहह्ह्ह राजन धीरे दर्द हो रहा है और तभी मुझे मेरा थप्पड़ याद आया और मैंने सोचा कि इस साली आंटी को अब बताता हूँ और लंड बाहर निकालकर एक ज़ोर से धक्का मारा तो साली की गांड में आधे से ज़्यादा लंड घुसा दिया. क्या चीख निकाली उसने पूरे कमरे में क्या बाहर भी सुनाई दी होगी और उसकी गांड से खून भी निकल रहा था.. वो नीचे गिरी हुई रो रही थी और बोली कि कुत्ते निकाल इसको बाहर.. यह तेरी माँ का भोसड़ा नहीं है मेरी गांड है.
में उसको देखकर हंसने लगा और बाकि बचा हुआ भी लंड फिट कर दिया. आंटी बिस्तर को नोचती रह गयी. तो में रुका और आंटी के बूब्स को दबाने लगा. थोड़ी देर बाद वो नॉर्मल हुई और मैंने धक्के देने चालू किए और अब आंटी को भी मज़ा आने लगा था और मुझे भी मजा तो आना ही था. में एसी कसी हुई गांड जो बजा रहा था. 20 मिनट तक गांड मारने के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला और एकदम से चूत में फिट कर दिया.
उसके बाद आंटी आहह उह्ह्ह मादरचोद तू बोलता तो एकदम सही है और में बोला कि आंटी सॉरी और चूत को चोदने लगा. आंटी आहह उह्ह्ह्ह राजन ऐसे ही चोद इसको मज़ा आ रहा है ऊहह और तेज में अह्ह्ह और वो झड़ गयी और मैंने अपनी स्पीड बड़ाई और बिना रुके 20 मिनट तक लगातार चोदकर उसकी चूत का भोसड़ा बना दिया और चूत में ही झड़ गया और साईड में आकर लेट गया.
आंटी और मेरी सांसे बहुत तेज चल रही थी हम थोड़ी देर लेटे रहे और उसके बाद में कपड़े पहने लगा.. लेकिन आंटी ऐसे ही पड़ी हुई मुझे देखकर बोली कि राजन तू तो बहुत एक्सपर्ट है तभी छाया तुझसे.. लेकिन जो भी है तूने मज़े करवा दिए.. आज से मुझे भी मिलते रहना.. लेकिन तू बड़ा मतलबी है मेरी हालत देखे बिना चल दिया. तो मैंने कहा कि आंटी आपको क्या हुआ? तो वो बोली कि मुझे उठाकर बाथरूम ले चल और उसके बाद आंटी भी तैयार होकर मेरे साथ ही होटल चली गई. उसके बाद हम दोनों को अंदर आते देखकर छाया मेरे पास आई और आंटी से बोली कि क्या हुआ आंटी आप ऐसे क्यों चल रही है?
तो आंटी मेरी तरफ देखकर हंसती हुई निकल गयी. तो छाया ने मुझसे पूछा कि क्या हुआ राजन? और क्या आंटी गिर गई? तो मैंने कहा कि नहीं और मैंने कहा कि चुप और सुन आंटी मान गयी है छाया तो बहुत खुश हो गयी और बोली कि यह ठीक रहा. उसके बाद में बोला कि आंटी ने साफ साफ बोल दिया है तुम्हे चुदाई करना हो कर लो.. तभी छाया बोली लेकिन आंटी कहाँ पर गिरी? तो में हसने लगा तो वो बोली कि हंस क्यों रहा है? तो में बोला कि अरे पागल मैंने आंटी को मस्त कर दिया है और मेरी यह बात सुनकर उसके तो होश उड़ गये और वो बोली कि कैसे? तब मैंने बोला कि चल रात को अकेले में बताऊंगा और रात को मौका देखकर यह पूरी कहानी उसको बता दी. वह दिन भी क्या दिन थे? जब मैंने उसकी भोसड़ी का बाजा बजता था.