मुख्य पृष्ठ » XXX कहानी » सेक्स का स्पेशल इलाज


सेक्स का स्पेशल इलाज

Posted on:- 2023-02-02


हैल्लो दोस्तों मेरा नाम शावना है और मेरी उम्र 24 साल है मेरी पतली कमर, मोटी जांघें, गदराया हुआ गोरा बदन, बड़े बड़े बूब्स अच्छी खासी भोसड़ी जिसको देखकर अच्छे अच्छे लंड अपना पानी छोड़ दें. दोस्तों वैसे तो में दिखने में बहुत सुंदर हूँ.. लेकिन ना जाने मुझे किस बात से डर सा लगता है और में चुदाई के नाम से ही एकदम डर सी जाती हूँ.. मुझे पसीना छूटने लगता है.. लेकिन सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और मुझे उन कहानियों में होने वाली चुदाई को पढकर बहुत मजा भी आता है और जहाँ मेरी चुदाई की बारी आई तो मेरी गांड फटने लगती है. एक दिन मैंने अपनी एक बहुत अच्छी सहेली शखीना से अपनी समस्या के बारे में बात की तो उसने मुझे डॉक्टर के बारे में सुझाव दिया और कहा कि मेरा भी पहले यही हाल था.. लेकिन अब तुम खुद ही देख लो. मित्रों ये कहानी आप देशीअडल्टस्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं.

इसके बाद मैंने भी थोड़ी हिम्मत करके डॉक्टर से मेरे मिलने का टाईम ले लिया और मेरा दो बजे का टाईम था.. मेरा एक हफ्ते पहले ही यह टाईम तय हुआ था और तब से लेकर आज तक मुझे चैन की नींद नहीं आई है और में पहली बार किसी से सेक्स के प्रति अपना डर बताने वाली थी.

मेरी सहेली शखीना ने इस डॉक्टर के बारे में मुझे यह भी बताया था कि कैसे इस डॉक्टर ने उसके मन से डर को दूर हटाया और साथ ही उसे अपने पति को खुश रखने का तरीका भी बताया. तो पहले मुझे भी यह सब सुनकर थोड़ा अजीब सा लगा कि कैसे एक अंजान आदमी से यह सब बातें कहूँगी.. लेकिन है तो वो डॉक्टर ही और डॉक्टर से कभी कोई भी बात नहीं छुपानी चाहिए.. तो यह बात सोचकर मैंने उनसे मिलने का टाईम ले लिया. शखीना भी बहुत ज़ोर दे रही थी और सच भी है पहले तो शखीना इतनी शर्मीली थी कि कभी किसी से नज़र उठाकर बात करने में भी डरती थी.. लेकिन अब बहुत निडर है और पूरी चुदक्कड़ भी और अपने पति के अलावा ना जाने किस किस से चुदवाती है.

मेरे सोसाइटी के फ्लेट में ही कई बार अपने नये नये बॉयफ्रेंड्स के साथ आ चुकी है और उसके कमरे से आती हुई आवाज़े सुनकर अच्छा तो लगता था.. लेकिन पता नहीं किस बात का डर था मेरे मन में की चुदाई का नाम सुनते ही डरके मारे मेरी जान ही निकल जाती थी.

इसके बाद में एक टेक्सी लेकर उसके दिए हुए पते पर पहुंच गई और मैंने आज तक फोन पर ही बात की थी.. क्लिनिक एक अच्छी सी कॉलोनी में था. वो एक बंगले को क्लिनिक के रूप में काम ले रहे थे और मैंने जैसे ही अंदर कदम रखा तो मुझे एकदम ऐसा लगा कि जैसे किसी फाईव स्टार होटल में आ गयी हूँ. रिशेप्शन पर एक बहुत ही सुंदर सी लड़की और एक हॅंडसम सा लड़का था. इसके बाद मैंने उस लड़की को अपना नाम बताया.. तो उसने मुस्कुराकर उस लड़के को देखा और कहा कि मेडम यह आपको बाकी का काम बताएँगे.. प्लीज आप इनके साथ जाइए. तो मुझे थोड़ा अजीब सा लग रहा था.. लेकिन अब तो में आ ही चुकी थी तो चुपचाप उसके पीछे चल पड़ी. वो मुझे उस लॉबी के आखरी कमरे में ले गया.. वो कमरा दो हिस्सो में बंटा हुआ था. सामने एक इटालियन डिज़ाईन का कांच और कॉफी टेबल था और दूसरा हिस्सा पर्दे से ढका था और कुछ दिखाई ही नहीं दिया.

इसके बाद उसने मुझे एक फॉर्म दिया और कहा कि आप पहले थोड़ा रिलॅक्स हो जाइए और इसे भर दीजिए. डॉक्टर साहब थोड़ी ही देर में आ जाएँगे और इसके बाद वो मेरे लिए कॉफी ले आया.. लेकिन मैंने देखा कि उस फॉर्म की डीटेल्स बड़ी ही अजीब थी.. जैसे कि आपने कभी सेक्स किया है? क्या आप हस्तमैथुन करते है? अगर हाँ तो किस चीज़ का इस्तेमाल करते है? हाथ या सब्ज़ी या कुछ और? कमर का साईज़, फिगर का साईज़ आदी. वो लड़का लगातार मेरी तरफ देखे जा रहा था.. में और भी अजीब महसूस करने लगी. तो वो आगे झुका और मेरे फॉर्म को पढ़ने लगा.

जब मैंने फॉर्म पूरा भर लिया तो वो उसे लेकर जाने लगा और जाते जाते मुड़कर कहने लगा कि क्या आपने सच में कभी हस्तमैथुन नहीं किया?तो मेडम आप बिल्कुल सही जगह आई हैं.. सर आपकी हेल्प करेंगे. में कुछ कहूँ उसके पहले उसने कहा कि आप उस रूम में जाकर चेंज कर लीजिए प्लाजो वहाँ पर रखा है.. चेकअप के लिए आपको प्लाजो पहनना होगा और चला गया. इसके बाद में उठकर जैसे ही उस सामने वाले पर्दे के पास पहुंची तो मुझे दिखा कि पर्दे के उस पार एक आलीशान कमरा था और बहुत बड़ा बेड, एक कांच की टेबल पर एक प्लाजो रखा था और मुझे यह सब देखकर थोड़ा डर लगा.. लेकिन साईड टेबल पर कुछ औजार रखे देखकर थोड़ी तसल्ली हुई.

इसके बाद वहाँ पर प्लाजो के साथ एक पर्ची थी जिस पर लिखा हुआ था कि प्लीज़ अंदर आने से पहले प्लाजो पहन ले और अपने शरीर के गुप्तांग की अच्छे से सफाई कर लें पास ही में एक बाथरूम है उसमे आपके सभी काम में आने वाले सामन रखे हुए है.. आपके शरीर की पूरी साफ सफाई के बाद ही आपका चेकअप होगा. तो में प्लाजो लेकर बाथरूम की तरफ बढ़ी.. वहाँ पर हर तरह के शेम्पू, साबुन रखे हुए थे और तरह तरह के बाल साफ करने के क्रीम्स और रेज़र्स भी थे.

तब मुझे समझ में आया कि मुझे अपनी झाँट साफ करनी पड़ेगी और इसके बाद थोड़ी ही देर बाद में प्लाजो पहन कर बाहर आ गयी.. वो सिल्क का प्लाजो था और सामने से पूरा खुला हुआ सिर्फ़ दो रिबन्स से बंधा हुआ और ऊपर से मैंने पेंटी या ब्रा भी नहीं पहना था और मेरी त्वचा पर सिल्क का एहसास गुदगुदा रहा था. तो किसी के दरवाज़ा खोलने की आवाज़ आई.. मैंने देखा तो एक बहुत लंबा और हट्टाकट्टा आदमी वो मुश्किल से 40 साल का होगा और वो सफेद कोट पहन कर खड़ा था.. डॉक्टर सूरज.

उनके हाथ में मेरा फॉर्म था और कुछ औजार मुस्कुराकर मेरी तरफ देखकर उन्होंने कहा कि हल्की फुल्की बात शुरू करते है और मुझसे पूछने लगा कि आपको किस बात का डर है? तो मैंने कहा कि क्या सेक्स करने से दर्द होगा और इसके बाद अगर मेरा शरीर पसंद नहीं आया तो क्या पता मेरे शरीर के हिस्से किसी को संतुष्ट कर पाएँगे या नहीं.

तो उन्होंने कहा कि आप आराम से खुलकर बात कीजिए.. चुदाई सबसे नॉर्मल चीज़ है उनके मुहं से यह सुनकर थोड़ा अजीब तो लगा.. लेकिन मुझे थोड़ा सुकून आया कि अब किसी फॉरमॅलिटी की ज़रूरत नहीं है. तो उन्होंने कहा कि कभी सेक्स नहीं किया.. लेकिन क्या लंड देखा है? आदमी और औरत का शरीर एक दूसरे के लिए ही बने है इसमे शरमाने या डरने की ज़रूरत नहीं और कोई समस्या हुई तो में ठीक कर दूँगा. तुम अब आराम से बेड पर लेट जाओ और मुझे चेकअप करने दो. तो में प्लाजो को संभालते हुए लेट गयी और मेरे दोनों पैर जांघो तक खुले थे और रिबन के गेप में से मेरा पेट और बूब्स साफ दिख रहे थे और में बता दूँ कि भगवान ने मुझे बहुत ही बढ़िया बूब्स से नवाज़ा है.

मेरा साइज़ 38-30-34 है और हर कोई मेरे बूब्स पर ही अटक जाता है. इसके बाद डॉक्टर की नज़र भी बार बार वहीं पर जा रही थी.. पहले तो उन्होंने मेरा नॉर्मली चेकअप किया और इसके बाद बोले कि अब डीटेल में चेक करना है. आप आराम से आँखे बंद कर लीजिए और जरा भी घबराने की ज़रूरत नहीं और इसके बाद में आँखे बंद करके अपने शरीर पर घूमते हुए उनके हाथ को महसूस कर रही थी. इसके बाद उन्होंने एक मेटल रोड जैसी चीज़ से मेरी चूत को चेक किया.. इसके बाद परेशान आवाज़ में कहा कि यहाँ पर थोड़ी समस्या है.. चूत का छेद थोड़ा छोटा है और बिल्कुल भी गीलापन नहीं है और हमने आपको कॉफी के साथ कुछ दवा दी थी जिससे गीलापन होना चाहिए था वो भी अब तक अपना असर नहीं कर सकी है.

तो मैंने अपनी आँखे खोली और उठते हुए पूछा कि अब क्या होगा डॉक्टर? तो उन्होंने मेरे कंधे पकड़ कर मुझे लेटाते हुए कहा कि आप आराम से लेटीए.. यह सब में अभी ठीक कर दूँगा पहले हमे गीलापन लाने के लिये कुछ करना होगा.. इसके बाद एक अलग औजार डालकर चूत के अंदर चेक करना होगा उससे आपको थोड़ा दर्द हो सकता है.. लेकिन इसके बाद सब ठीक हो जाएगा. तो में वैसे ही डरी हुई थी और अब चुपचाप लेट गयी. तो उन्होंने मुझे एक दावा पिलाई इसके बाद बेग से एक तेल की शीशी निकाली और कहने लगे कि चूत के साथ साथ बाकी के हिस्सो का भी ध्यान रखना होगा दावा के असर करने तक में आपको मसाज का तारीका बता देता हूँ.

इसके बाद उस दवा के असर से मुझे बहुत अजीब सा लग रहा था और सब बहुत अच्छा लग रहा था और उनके हाथ जब भी मेरे नंगे बदब पर पड़ते तो सिहरन सी होती थी. इसके बाद उन्होंने धीरे से प्लाजो का रिबन खोला और थोड़ा तेल मेरे पेट और बूब्स पर टपका दिया. इसके बाद आहिस्ते से पेट पर मसाज करना शुरू किया और मुझे यह सब बहुत अच्छा लग रहा था. इसके बाद उन्होंने कहा कि अब आप मुझे बताती जाए कि आपको कैसा लग रहा है ताकि में ठीक से मसाज कर पाउँगा. तो मैंने कहा कि आपके हाथों में जादू है.. मुझे बहुत अच्छा लग रहा है और मसाज कीजिए. तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि इसी तरह आपको अपने पेट का मसाज रोज़ करना होगा और इसके बाद इस तरह से बूब्स का.. यह कहकर उन्होंने मेरे बड़े बड़े बूब्स को दबा दबाकर मसाज करना शुरू किया और कहने लगा कि आपको तो कभी घबराना ही नहीं चाहिए.. मैंने आज तक इतने अच्छे बूब्स नहीं देखे और आप से आपका पति बहुत खुश होगा.

तभी मुझे पता नहीं क्यों शरम सी आ गयी मसाज तो छाती का हो रहा था.. लेकिन ना जाने क्यों मेरी चूत में कुछ अजीब सा लग रहा था.. तो मैंने कहा कि मुझे वहाँ नीचे कुछ अजीब सा लग रहा है. तो डाक्टर बोला कि कहाँ पर पैरो में? इसके बाद मैंने कहा कि नहीं वहाँ पर. तो वो बोला कि थोड़ा खुलकर बोलो वरना मुझे कैसे समझ आएगा.

तब मैंने बोला कि मुझे चूत में अजीब सा लग रहा है. इसके बाद वो कहने लगा कि लगता है कि हमारी दवाई का असर हो रहा है अब धीरे धीरे सब ठीक हो जाएगा.. उनके हाथ मेरे बदन को ना जाने कहाँ कहाँ पर छू रहे थे और मुझ पर तो जैसे नशा छा रहा था. मैंने सुरूर में अपनी आँखे बंद कर ली और थोड़ी ही देर में मुझे अपने बूब्स पर कुछ अजीब सा लगा और जब मैंने अपनी आँखे खोली तो डॉक्टर मेरे निप्पल को चूस रहा था. तो मैंने उससे पूछा कि यह सब क्या है? इसके बाद उसने कहा कि यह सब इलाज के लिए है ताकि मुझे पता चले कि आपके शरीर के सभी अंग ठीक हैं या नहीं वरना आपके पति को बहुत परेशानी होगी.. हमे सब कुछ सही तरीके से चेक करके उसका इलाज करना है.. आप बस आराम कीजिए आपको धीरे धीरे अच्छा ही लगेगा.. बस आप बताते जाना कि कैसा लग रहा है. इसके बाद वो मेरी चूची ज़ोर ज़ोर से दबाकर चूसने लगे और में तो सातवें आसमान पर थी आअहह डॉक्टर और चूसो सस्स्सई थोड़ी देर के बाद वो रुक गये और मेरे हाथ खुद अपनी चूची दबाने लगे.. वाह बस ऐसे ही दबाओ इन्हे और वो मेरे दोनों हाथ पकड़ कर दबवाने लगे.

मैं अब अपनी चूची खुद ही दबा रही थी और उनके हाथ मेरे पेट से सरककर मेरी चूत पर आ चुके थे और वो कहने लगे कि अब इसकी बारी और वो धीरे धीरे मेरी चूत के दाने को सहलाने लगे और इसके बाद थोड़ी देर रुककर मेरे पैरो के बीच में आ गये और मेरी चूत को अपनी जीभ से सहलाने लगे और कहने लगे कि बताओ अब यह कैसा लग रहा है? तो मैंने कहा कि बहुत अच्छा और चाटो सस्स्स्सईई आअहह चाटो और चाटो. तभी वो बोले कि गीलापन तो बन रहा है.. अब औजार डालकर चेक करते है. इसके बाद उन्होंने कुछ रबर का रोड जैसा उठाया उसे तेल से भिगोया और मेरी चूत पर रगड़ना शुरू किया. अहह उफ्फ्फ्फ़ डॉक्टर कुछ करो मुझे अजीब सा लग रहा है हाईईईईईईई कुछ करो प्लीज. तो वो कहने लगे कि थोड़ा दर्द हो सकता है.. लेकीन इलाज के बीच में रुक नहीं सकते.. तो अगर आप चाहे तो हम रुक जाते है. या इसके बाद एक बार शुरू होने बाद दर्द के कारण रुक नहीं सकते. तो मैंने कहा कि नहीं प्लीज रूको मत.. इलाज पूरा होना चाहिए. प्लीज आप रुकना मत.. में कहूँ तो भी नहीं. तो उन्होंने धीरे से उस रोड को मेरी चूत के छेद पर रखा और एक झटके में पूरा अंदर डाल दिया.

तो मेरी चीख निकल गयी और आँखो से आँसू आने लगे. मेरी चूत में इतनी ज़ोर का दर्द हुआ. इसके बाद कहने लगे कि थोड़ी ही देर में सब ठीक हो जाएगा बस लेटी रहो और इसके बाद उन्होंने थोड़ा तेल मेरी चूत पर टपकाया और उस रोड को अंदर बाहर करने लगे. थोड़ी देर में दर्द कम हुआ मेरी चूत में वो रोड अच्छी लग रही थी. तो मैंने कहा कि डॉक्टर इसे अंदर बाहर करने से मुझे दर्द में आराम है. तो वो कहने लगे कि इसे अंदर बाहर करना नहीं कहते.. यह रोड एक नमूना है जिससे में भोसड़े को चोद रहा हूँ ताकि आगे की तकलीफ़ दूर हो जाए. इसके बाद मैंने पूछा कि क्या इसे चुदाई कहते है? यह तो बहुत अच्छी लग रही है और मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा है.

इसके बाद डॉक्टर बोले कि यानी अब तुम्हारी आधी समस्या खत्म और उन्होंने रबड़ का वो नमूना मेरी चूत से निकाल दिया.. उस पर खून लगा था जिसे देखकर में बहुत डर गयी. तो वो कहने लगे कि यह सब झिल्ली फटने से है.. तुम अब जाकर धो लो इसके बाद बाकी इलाज करेंगे. तो मैंने बाथरूम में जाकर अपनी चूत को सहला सहला कर साफ किया और जब वापस आई तो डॉक्टर ने मेरी आँखो पर पट्टी दी और कहा कि अब सिर्फ़ महसूस करना है और मुझे लेटाकर मेरे बूब्स दबा दबाकर चूसने लगे.. में ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी.. ईईईस्स्स्सस्स अहह और चूसूऊऊऊ अच्छा लग रहा है.

इसके बाद थोड़ी देर में मुझे उनका भार अपने ऊपर लगा उन्होंने अपने कपड़े उतार दिए थे और कहा कि अब असली इलाज होगा बस मज़े लो और ज़ोर ज़ोर से मुझे हर जगह चूमने लगे.. उन्होंने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ना शुरू किया. तो मैंने कहा कि यह नमूना तो कुछ अलग ही लग रहा है. इसके बाद डॉक्टर ने जोर जोर से हंसना शुरु किया हाहाहा और कहा यह नमूना नहीं मेरा लंड है. अब इस चूत का इलाज सिर्फ़ लंड ही कर सकता है तुम बस मज़े लो.

मेरी भोसड़ी पूरी गीली थी और उन्होंने अपना लंड मेरी भोसड़ी में डाला.. लेकिन उनका लंड था बहुत बड़ा और एकदम कड़क और इसके बाद उन्होंने धीरे धीरे धक्के देकर मुझे चोदना शुरू किया और मैंने भी अपनी कमर उचका उचका कर उनका पूरा साथ दिया और चुदाई के साथ साथ वो मेरे बूब्स चूस रहे थे और में कह रही थी हाँ और चोदो मुझे. मेरी चूत का अच्छे से इलाज करो और चोदो. इसके बाद थोड़ी ही देर में मेरा पूरा शरीर अकड़ने लगा.. कुछ अजीब सा लगा और एक कपकपी के साथ मेरी चूत में से कुछ निकला.

तो बाद में डॉक्टर ने मुझे बताया कि इसे झड़ना कहते है और डॉक्टर तो अभी भी मुझे जोर जोर के धक्को के साथ चोद रहे थे और अब उनके झटके और तेज़ हो गये थे और मुझे थोड़ा दर्द भी हो रहा था.. लेकिन मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. इसके बाद थोड़ी देर के बाद उनका शरीर अकड़ने लगा और उन्होंने एक झटके से लंड बाहर निकाला और अपना सारा पानी मेरे पेट पर छोड़ दिया. दोस्तों उस दिन के बाद लगातार एक हफ्ते तक यह स्पेशल इलाज चला और इस इलाज के बाद से ना जाने कितनो के नीचे लेटी हूँ और ना जाने कितने लंड खाए हैं.. लेकिन उस डॉक्टर जितना मज़ा किसी ने नहीं दिया है क्या इलाज था उसका? बिल्कुल हटकर प्यार भरी मस्त चुदाई. किसी को मालूम भी ना पड़े कि ईलाज हो रहा है या उसकी चुदाई. तो दोस्तों उस डॉक्टर ने मुझे एक हफ्ते तक चोदा और मेरी गांड भी मारी और हर जगह मालिश भी की. दोस्तों देशीअडल्टस्टोरी डॉट कॉम पर कहानियां पढ़ने में कैसा लग रहा हमें जरुर बताएं.

What did you think of this story??






अन्तर्वासना इमेल क्लब के सदस्य बनें


हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !


* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।