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रंगीन रातों की दास्तान

Posted on:- 2023-01-21


हाय दोस्तो, दोस्तों में आपको बताऊँ जो की मेरे जीवन की एक सच्ची कहानी है. ये बात उन दिनों की है, जब में 11वी में पढ़ा करता था और अब में कहानी पर आता हूँ. में जिस मकान में किराये से रहता था, उस मकान मालिक की फेमिली में 4 लोग थे. माँ, बाप, बेटा और एक बहू. ये कहानी मेरी और उनकी बहू की रंगीन रातों की दास्तान है. उनका नाम सोनाली है और में उन्हें सोनाली भाभी कहकर बुलाता था.

सोनाली भाभी की दो साल पहले शादी हो गयी थी और उनके पति के एक कपड़े की दुकान थी, दोनों बाप बेटे सुबह से रात तक दुकान पर काम करते थे और सोनाली भाभी की सास को स्लिप डिस्क की बीमारी थी, इसलिए वो अक्सर बिस्तर या सोफे पर लेटी रहती थी. में उस फेमिली से काफ़ी घुल मिल गया था. शुरू में मेरी नियत सोनाली भाभी के लिए खराब नहीं थी, लेकिन एक दिन एक हादसा हुआ जिससे मेरी उनके प्रति सोच बदल गई.

एक बार टी.वी. पर रोमांस भरी कहानी आ रहा था और में कॉलेज से आने के बाद फ्रेश होकर उनके घर मैच देख रहा था. उनकी सास सोफे पर लेटी थी और सोनाली भाभी किचन में चाय बना रही थी, उनके पति और ससुर शॉप पर थे. हम तीनों चाय पी रहे थे, जैसे ही चाय ख़त्म हुई तो मैंने देखा कि उनकी सास को नींद आने लगी थी. इसके बाद मैंने भाभी से पूछा कि इनकी तबीयत तो ठीक है. इसके बाद भाभी ने कहा ये बुढ़िया मर जाए तो अच्छा है, सारा दिन खटपट करती है और मुझे ताने देती रहती है.

मैंने कहा ये क्या कह रही हो भाभी? इसके बाद भाभी ने कहा प्रेम में क्या करूँ? इनकी खटपट से तंग आकर में इनकी चाय में नींद की गोलियाँ मिला देती हूँ और ये बुढ़िया शांत हो जाती है. तभी भाभी रोने लगी. इसके बाद मैंने कहा कि भाभी क्या हुआ? इसके बाद भाभी ने कहा कुछ नहीं और उनका रोना जारी रहा. इसके बाद मैंने भाभी के पास जाकर उनके कंधो को पकड़कर पूछा कि भाभी क्या हुआ? कुछ तो है जो आप इतना रो रही हो.

तभी भाभी ने लंड को पकड़ लिया, मेरे तो होश उड़ गये थे और लंड में अचानक तूफान आ गया. इसके बाद अपने आपको कंट्रोल करके मैंने भाभी को बाहों में भरते हुए कहा कि मत रो भाभी जो तकलीफ़ है बता दे. बोल देने से दिल हल्का हो जायेगा, तब भाभी का रोना बंद हुआ और उसने खुद को मुझसे अलग किया. इसके बाद मैंने दरवाजा बंद किया और वो मेरा हाथ पकड़कर अपने बेडरूम में ले जाने लगी और कहा आओ तुम्हें कुछ दिखाना है, मेरा दिमाग़ घूम रहा था और मुझे लग रहा था कि आज जरुर कुछ होकर रहेगा.

मैंने कहा जो होगा देखा जायेगा. इसके बाद बेडरूम में पहुँचकर भाभी ने उसका भी दरवाजा बंद कर दिया और अपनी नाईटी को तेज़ी से खोल दिया. अब भाभी सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी और इसके बाद में उसकी जवानी को देखता रह गया. मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरी आवाज़ गायब हो गयी है और पलक झपक नहीं रही थी. तब भाभी ने कहा प्रेम मेरे पति में मुझे संतुष्ट करने का दम नहीं है, वो नामर्द है और मेरी सास को पोता चाहिए, में जानती हूँ कि तुम मुझे छुप-छुपकर देखते हो. इसके बाद वो आकर मेरे गले लग गयी और कहा प्रेम मुझे अपना प्रेम रस दे दो, मुझे प्रेग्नेंएट कर दो.

इसके बाद कुछ कुछ होश आने लगा था. इसके बाद मैंने उसका सिर दोनों हाथों से उठाकर उसके नरम मुलायम होंठो पर अपने होंठ रख दिए. करीब 5 मिनट तक हम एक दूसरे के होठों का रसपान करते रहे. उसके बाद भाभी ने मेरे कपड़े उतार दिए, जैसे ही उसने मेरा अंडरवियर उतारा तो मेरा लंड उसकी सलामी में खड़ा हो गया और ऊपर नीचे होकर सल्यूट मारने लगा.

इसके बाद भाभी की चूत सहलाता रहा. भाभी ने खुश होकर कहा कि कितना बड़ा और मस्त लंड है रे तेरा, मेरे पति का तो छोटे चूहे जैसा है, ये बोलकर भाभी ने मुझे बिस्तर पर धकेल दिया और मेरे ऊपर आकर अपने मुंह में मेरा लंड अन्दर बाहर करने लगी. भाभी इतनी मस्त माल थी कि कोई हिरोईन भी उसके सामने पानी कम चाय लगे. वो पागलों की तरह मेरे लंड को चूस रही थी. इसके बाद काफ़ी देर तक चूसने के बाद में झड़ने के करीब आ गया, तब मैंने कहा कि भाभी में झड़ने वाला हूँ. तब भाभी ने कहा मेरे मुंह में ही झड़ जा और ज़ोर-ज़ोर से पूरा लंड गले की गहराईयों तक लेने लगी, में भी बहुत तेज़ी से झड़ा और भाभी ने मेरा सारा वीर्य पी लिया.

इसके बाद भाभी ने कहा मजा आ गया रे तेरा वीर्य पीकर, कितना स्वादिष्ट है और मेरे ऊपर आकर लेट गयी. मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे ऊपर किसी ने फूलों का एक बड़ा गुलदस्ता रख दिया है. इसके बाद मैंने भाभी की ब्रा और पेंटी को उनके शरीर से अलग कर दिया और अब चूसने की मेरी बारी थी. भाभी का क्या जबरदस्त शरीर था? कहाँ चूसूं, कहाँ चाटूं, कहाँ चूमूं, कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था. में उसके दोनों बड़े-बड़े बूब्स दोनों हाथों से दबाये जा रहा था और पेट के आस-पास चूमे और चाटे जा रहा था. भाभी मदहोश होकर बोले जा रही थी, आह्ह्ह ऊऊऊऊ प्रेम और करो, मुझे पूरा खा जाओ.

इसके बाद में भाभी की चूत के पास अपना मुहं ले गया और जैसा आपने ब्लू फिल्म में अब तक देखा था, वैसे उसकी चूत को चाटने और चूसने लगा. इसके बाद उसकी चूत के दाने पर जब मैंने अपनी जीभ को लगाया तो भाभी चीख उठी और उठकर बैठ गयी. इसके बाद में अपने दोनों हाथों से उसके बड़े-बड़े बूब्स को मसलने लगा और मुंह और जीभ से चूत को खाने लगा. इसके बाद मैंने उसकी गुलाबी पंखुड़ियों सी फांको को अलग करके अपने होठों को उसकी लाल लाल रसीली चूत में डाल दिया. इसके बाद भाभी भी मेरा सिर अपनी चूत में दबाने लगी और तरह-तरह की आवाज़ें निकालने लगी. इसके बाद काफ़ी देर तक ऐसे चलने के बाद भाभी और में 69 की पोज़िशन में आ गये.

अब में भाभी की चूत और गांड के छेद की सफाई करने लगा और भाभी मेरे लंड और अंडो से खेलने लगी, में बता नहीं सकता कि दोस्तों वो क्या हसीन पल थे? इसके बाद थोड़ी देर के बाद में भाभी के साईड में लेट गया और उनकी गांड से अपनी कमर को सटा दिया और उनके पैरो को मोड़ दिया. अब मैंने अपना लंड उनकी चूत में लगाया और एक हाथ से उनको जकड़कर उनकी पीठ को अपने सीने से सटा लिया और एक हाथ से बूब्स दबाने लगा और गले पर किस करने लगा.

इसके बाद थोड़ी देर के बाद मैंने अचानक एक ज़ोर का झटका मारा और मेरा आधा लंड भाभी की चूत में घुस गया और भाभी की चीख निकल गयी. इसके बाद मैंने कहा सोनाली क्या हुआ? बहुत दर्द हो रहा है क्या? तुम बोलो तो निकाल लूँ. इसके बाद उसने कहा मेरे प्रेम आज से तुम ही मेरे स्वामी हो, तुम्हें मेरी कसम है मेरे स्वामी जो अपना हथियार बाहर निकाला मेरे प्राणनाथ, इस दर्द के लिए तो में दो साल से तड़प रही हूँ.

मैंने एक झटका और मारा और मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया और भाभी के मुँह से एक और बड़ी चीख निकली. इसके बाद मैंने कहा सोनाली तो उसने गर्दन मोड़कर मेरी आँखो में देखकर कहा हाँ स्वामी, मेरा लंड उसकी चूत के अंदर था और में उसकी आँखो में तड़प देख रहा था. इसके बाद मुझे ऐसा लगा जैसे अगर में उसे ऐसा करने को कहूँ तो वो मेरे लिए जान भी दे देगी, वो बहुत भावनात्मक पल था.

इसके बाद मैंने उसे अपनी बाहों में कसकर ज़कड़ लिया और उसके गालों को काटने लगा. वो एक असंतुष्ट औरत की वासना नहीं, उसका प्रेम और समर्पण था. में खुद को बहुत भाग्यशाली समझने लगा. इसके बाद मैंने पूरे दिल से उसकी चुदाई करनी शुरू कर दी अब हम दो जिस्म एक जान हो गये थे. इसके बाद मैंने आगे से पीछे से कई स्टाईल से उसकी चुदाई की और पूरे कमरे में फच-फ़च छप-छप की आवाज़ गूंज़ने लगी और अब हम दोनों पसीने से पूरे भीग चुके थे, ऐसा लग रहा था कि चूत और लंड की कोई जंग चल रही है और इसी बीच वो कई बार झड़ी और उसने ढेर सारा पानी छोड़ा. इसके बाद करीब आधे घंटे की लगातार चुदाई के बाद में भी अकड़ने लगा और उसकी चूत में ही झड़ गया. इसके बाद मेरा गर्म लावा उसकी गर्म भट्टी को और गर्म करने लगा.

इसके बाद कई धार छोड़ने के बाद में उस पर ऐसे गिरा जैसे कोई डाली पेड़ से टूट कर गिरती है और काफ़ी देर तक में उसके ऊपर पड़ा रहा. इसके बाद जब हम नॉर्मल हुए तो मैंने उसकी आँखो मे देखा तो उसकी आँखो से पानी निकल रहे थे. इसके बाद मैंने कहा मेरी रानी रो क्यों रही है? तो उसने कहा कि मेरे स्वामी ये खुशी के आसूं है आप नहीं समझोगे. आज से आप ही मेरे पति परमेश्वर हो.

हम दोनों ने बाथरूम में जाकर एक दूसरे को नहलाया और अंगो को सहलाया. इसके बाद वो नंगी ही किचन में गयी और मेरे लिए गर्म दूध में शहद मिलाकर ले आई. इसके बाद मैंने ग्लास टेबल पर रखकर उसे अपनी गोद में बैठा लिया तो उसके नरम मुलायम चूतड़ मेरे कड़क लंड पर धसने लगे. इसके बाद मैंने उसके दोनों बूब्स को कसकर दबाते हुए कहा कि आज तो गिलास में पी रहा हूँ एक दिन इनमें से पीऊंगा. इसके बाद उसी पोज़िशन में बैठे-बैठे हम दोनों ने उस दूध को बारी-बारी पिया. इसके बाद हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और इसके बाद उसने कहा स्वामी थोड़ा रूको.

इसके बाद उसने अलमारी खोली और वो एक सिंदूर का डिब्बा और मंगलसूत्र ले आई और कहा स्वामी आज आप मेरी माँग भर दो. इसके बाद मैंने भी उसकी माँग में सिंदूर भर दिया और मंगलसूत्र पहना दिया. उसने झुककर मेरे पैरों को छूना चाहा तो मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और कहा सोनाली तुम मेरी बीवी हो और तुम रात में मेरे कमरे में आना, तुम्हारी जगह मेरे दिल में है.

रात में उसने अपने पति, ससुर और सास के खाने में नींद की गोलियाँ मिला दी और जब वो सब गहरी नींद में सो गये तो वो मेरे पास आई और मुझसे बेल की तरह लिपट गयी. इसके बाद मैंने उसके पूरे कपड़े उतारे और उसने भी मेरे पूरे कपड़े ऊतारे. इसके बाद मैंने तेल की बोतल उठाई और खूब सारा तेल अपने लंड पर लगाया, वो ये सब बस देख रही थी. इसके बाद मैंने कहा कि चल मेरी रानी उल्टी लेट जा, आज शुरू होगी तेरी गांड चुदाई, तो उसने कहा मैंने आज तक गांड नहीं मरवाई और मैंने सुना है बहुत दर्द भी होता है. तो मैंने कहा दर्द में ही तो मज़ा है. इसके बाद सोनाली बोली कि हाँ स्वामी इसी दर्द की तो में प्यासी हूँ.

इसके बाद वो पेट के बल लेट गयी, इसके बाद मैंने दो तकिये उसके पेट के नीचे लगायें तो उसकी गांड ऊपर हो गयी और इसके बाद उसके दोनों पैर फैलाये और इसके बाद मैंने ढेर सारा तेल उसकी गांड के छेद में डाल दिया. इसके बाद एक उंगली से तेल अन्दर बाहर करने लगा तो उसे दर्द के साथ मजा आने लगा. इसके बाद दो उंगली अंदर बाहर करने लगा. इसके बाद मैंने कहा कि चल तैयार हो जा मेरी रांड अब बजाता हूँ तेरी मस्त गांड. इसके बाद मैंने अपने लंड को उसकी गांड के छेद पर रखा और थोड़ा अंदर दबाया तो वो आह्ह्ह्ह ऊऊऊ ऊफफफफ करने लगी. इसके बाद जब लंड गांड के छेद पर सेट हो गया तो मैंने उसके दोनों कंधो को हाथों से दबाया और कमर ठीक उसकी गांड के ऊपर सेट कर ली. में जानता था कि एक बार लंड अंदर चला जाए तो कितना भी दर्द हो सोनाली सहन कर लेगी, लेकिन जब तक लंड अंदर नहीं जाता तब तक उसकी बॉडी को ढीला नहीं छोड़ना है.

इसके बाद मैंने पहले ही सोनाली के मुहं में कपड़ा डाल दिया था ताकि वो ज़ोर की आवाज़ ना कर सके और एक झटके से अपना लंड उसकी गांड में डाल दिया. जैसे ही उसकी गांड में मेरा लंड गया तो मैंने उसकी पीठ पर अपना सीना और बॉडी गिरा दिया और उसके दोनों हाथों को पकड़ लिया. तो वो छटपटाने लगी और पैर पटकने लगी, उसकी बॉडी मेरी बॉडी के नीचे दबी हुई थी और में धीरे-धीरे करके आवाज़े निकाल रहा था. इसके बाद में थोड़ी देर उसी पोज़िशन में लेटा रहा और उसकी आँख से आसूं आ रहे थे, लेकिन मैंने कोई दया नहीं दिखाई. इसके बाद थोड़ी देर के बाद वो नोर्मल हुई तो मैंने उसकी गांड की खुदाई शुरू कर दी.

उसे भी मजा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी, अब मैंने उस पर ढील छोड़ी और मुहं से कपड़ा निकाला. इसके बाद मैंने कहा कि मेरी रांड मज़ा आ रहा है या नहीं, तो उसने कहा कि पहले तो ऐसा लगा जैसे किसी ने गांड में मोटा डंडा डाल दिया हो, लेकिन अब पता चला कि गांड चुदवाने में कितना मजा आता है. इसके बाद उसने कहा कि मेरी गांड को फाड़ दो, आज की रात मेरी यादगार रात बना दो स्वामी. मैंने उस रात उसकी 1 बार गांड मारी और 2 बार चूत भी मारी और अपने सारे रस से रात भर उसकी चूत सींचता रहा.

इसके बाद हमें जब भी मौका मिलता है तो हम एक दूसरे में चुदाई की आग बुझाते है. में 2 साल वहाँ रहा और मैंने उसे 2 साल में कई बार चोदा और दो बार उसे माँ बनने का सुख दिया. हमारी दो प्यारी प्यारी बेटियाँ है जो उस पर गयी है. इसके बाद एक बार वो अपने मायके गयी थी, तब मैंने वहाँ से शिफ्ट करने में भलाई समझी और वहाँ से उसे बिना बतायें दूसरी जगह शिफ्ट हो गया. अपने अनैतिक बच्चो और बीवी से दूर होना आसान नहीं था, लेकिन इसी में सबकी भलाई थी और इसके बाद मुझे ये कठोर फ़ैसला लेना पड़ा. आज वो खुश तो नहीं है लेकिन दु:खी भी नहीं है. में उसे बेवफा नहीं मानता हूँ, हर इंसान को खुश रहने का अधिकार है. उसने अब शायद समझोता कर लिया है अब उसके घर में खुशीयाँ है, क्योंकि अब वो बाँझ नहीं कहलाती है. दोस्तों ये थी मेरे जीवन की एक यादगार घटना. में सही हूँ या ग़लत में नहीं जानता और सोचता भी नहीं, अगर में ये सोचूँगा तो जी नहीं पाउँगा. क्यूँकि चुदाई की लत लग गई.

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