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हैप्पी न्यू ईयर

Posted on:- 2022-08-29


हैल्लो मित्रों.. देशीअडल्टस्टोरी डॉट कॉम के सभी पाठकों को नये साल की बहुत बहुत बधाई. आप सभी की हमेशा ऐसे ही चुदाई चलती रहे और किसी चूत को लंड की कमी ना रहे.. मेरी यह ऊपर वाले से दुआ है. मित्रों चलिए अब बधाइयों का सिलसिला यहीं पर खत्म करते हैं और आज में एक मस्त कहानी आप सभी को सुनाता हूँ

मित्रों मुझे आप सभी लंड का दास भी कह सकते हैं क्योंकि में बचपन से ही चूत का बहुत शौकीन रहा हूँ.. कभी कभी मैंने अपनी सोती हुई बहन की चूत को सूँघा है तो कभी अपनी माँ की पेंटी को. मेरे काले लंड में एक इस्प्रिंग है जब देखो जहाँ देखो खड़ा हो जाता है और हर जगह गांड और चूत ढूंढ़ता फिरता है. लेकिन मेरी सबसे मन पसंद एक ही है मेरी जानू चुड़क्कड़ दिव्या.. मतलब मेरी बीवी.

दिव्या एक जवान 22 साल की मस्त गदराई हुई गांड, बड़ी बड़ी चूची, रसीले होंठ और काली गुलाबी रसभरी चूत. दिव्या से मेरी मुलाकात पहली बार एक मॉल में हुई थी.. आज से ठीक 3 साल पहले मॉल में अपनी मोटी मोटी गांड मटकाती हुई घूम रही थी और सबके लंड में आग लगा रही थी. फिर मेरे लंड को ना जाने क्या सूझी और उसके पीछे पीछे चल दिया.. मुझे याद है वो त्यौहारों का समय था और मॉल में भीड़ बहुत ज़्यादा थी और वो आगे आगे और में उसके पीछे. तभी मौके का फायदा उठाते हुए मैंने उसकी गांड पर हाथ मसल दिया.. वाह! क्या मोटे चूतड़ थे उसके.. मेरे लंड में तो करंट ही दौड़ गया. शायद उसके चूतड़ में भी खुजली हुई और उसने अपनी ऊँगली को अपनी पेंटी के अंदर सेट किया.. फिर उसकी गांड की लकीर देखकर मुझे तो मेरी तक़दीर पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं हो रहा था. यह तो बस पहली मुलाक़ात थी और फिर बात बनती गई और हमारे लंड चूत का मिलन होता गया.

आज हम दोनों एक दूसरे के साथ रोमांटिक मूड में बहुत खुश हैं और एक दूसरे की चूत, गांड और लंड, बूब्स सबका बहुत ध्यान रखते हैं. मेरे पूरे मोहल्ले में मेरी चुड़क्कड़ जानू का चर्चा होता रहता है और हर कोई उसका नाम लेकर अपनी बीवियों और रंडियों को बहुत चोदता है. हमारी गली का हाल तो यह है कि धूप में सूखती हुई उसकी ब्रा पेंटी तक लोग चुरा ले जाते हैं. कोई मूठ मारकर उन्हे वापस हमारे घर पर फेंक जाता है तो कोई उन्हें काम में लेता रहता है और में तो ना जाने कितनी जोड़ी ब्रा पेंटी ला चूका हूँ और चुदाई के समय फाड़ भी चूका हूँ. वो खुद भी बहुत खरीद कर लाती है और यहाँ तक कि मेरे पिता जी भी मेरी दिव्या के नाम की ही मुठ मारते हैं और मुझे यह सब देखकर बहुत खुशी मिलती है.. मेरी जान बहुत मस्त है.. ऐसे ही किसी को अपने पास फटकने नहीं देती.

यह बात छह महीने पहले की है.. सारा शहर दीवाली के त्यौहार की तैयारियों में डूबा पड़ा था और ना जाने मेरी चुड़क्कड़ जानू के मन में ना जाने क्या था? इस बार वो बाहर जाने की जिद भी नहीं कर रही थी.. वर्ना उससे बहुत पसंद है बाहर डिस्को जाना और क्योंकि वहाँ पर सभी लड़के उसको घूरते हैं और मौका मिलने पर हाथ भी डालते हैं. फिर उस दिन में सारा दिन घर पर ही था और दिव्या सूबह से ही नंगी घूम रही थी.. वो घर पर अधिकतर नंगी ही रहती है. तो मुझे जब भी मौका मिलता में उसकी चूची दबा देता या भोसड़े में उंगली कर देता. तभी शाम होते ही मैंने मेरी जानू से कहा कि आज कहीं चलना नहीं है क्या? आज 31 दिसम्बर है और सारे मोहल्ले वाले सभी लोग बाहर गये हुए है कहीं ना कहीं घूमने.. तो क्या हम भी चलें? तभी उसने कहा कि नहीं.. मन नहीं है. आज हम घर पर ही नया साल मनाते हैं.

अब मुझे सुनकर बड़ी हैरानी हुई.. लेकिन जैसा मेरी बीवी कहेगी वैसा ही होगा.. तो मैंने वाईन की बॉटल निकाली और दिव्या के लिए एक पेग बना दिया और हम वैसे कुछ ख़ास पीते नहीं लेकिन आज सेलिब्रेशन के मूड में थे और उसने एक छोटी सी स्कर्ट पहनी थी.. जिसमे उसके चूतड़ नहीं छुप रहे थे और उसके नीचे जाली वाली पीले रंग की पेंटी चूतड़ो के बीच में चिपक रही थी और मोटे बूब्स उसके टाईट टॉप से बाहर निकलने को बैचेन थे. फिर मैंने अपने हाथों से उसको वाईन पिलाई और उसके होंठों को चूसने लगा. अब दिव्या की चूत में भी आग लगने लगी थी और उससे अब रहा नहीं जा रहा था. फिर उसने कहा कि जान चलो कहीं बाहर घूम कर आते हैं. में कार निकालने लगा.. लेकिन दिव्या ने कहा कि नहीं बाईक पर चलेंगे. मुझे तुम्हारे पीछे चिपककर बैठाना है. मित्रों ये कहानी आप अन्तर्वासना स्टोरीज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है

फिर में मन ही मन मुस्कुराया और मैंने बाईक निकाल ली उसने अपने चूतड़ उठाए औट बाईक की सीट पर रख दिए उसके मोटे मोटे बूब्स मुझे अपनी पीठ पर चुभते हुए महसूस हो रहे थे और मुझे बहुत मजा आ रहा था. लेकिन यह मजा जब तक में पूरा लेता.. उससे पहले सुनसान रास्ते पर दो पुलिस वालों ने हाथ देकर मुझे रुकने को कहा और मैंने तुरन्त ब्रेक लगाए और बाईक एक साइड में लगा दी. दिव्या अब भी नशे में थी. पुलिस वालों ने हमे घूरते हुए कहा कि कहाँ से अय्याशी करके आ रहा है तू और यह रंडी बैठा रखी है.. क्या चुदाई करने ले जा रहा है इसे? फिर मैंने गुस्से से कहा कि यह मेरी वाईफ है. फिर पुलिस वाला बोला कि तो साले मैंने कब कहा की ये मेरी है. तू रात को घूम रहा है.. क्या तुझे पता नहीं इतनी रात घूमना ठीक नहीं है और तुमने क्या दारू पी रखी है.. साले दारू पीकर गाड़ी चलाता है.. अंदर करूंगा.. उससे दूसरे पुलिस वाले से कहा कि अरे तात्या इसको पकड़ कर चेक कर साले ने दारू पी रखी है. पंप ला और इसके मुँह में लगा और उस पुलिस वाले ने मेरे मुँह में चेक करने के लिए पंप लगाया और फिर उस पुलिस वाले ने कहा कि तात्या दूसरा पंप और दे इस लड़की का भी मुहं चेक करना है.

तात्या : बैजू यार दूसरा तो नहीं है एक इसके मुँह में दे रखा है.

बैजू : अच्छा लेकिन चेक तो करना पड़ेगा.. अभी देता हूँ इसके मुँह में पंप (हंसते हुए उसने अपना काला लंबा मोटा लंड मेरी बीवी दिव्या के मुँह में दे दिया) मेरी बीवी की तो साँस ही अटक गई और अंदर तक लंड उसके मुँह में घुस गया और उसकी आँखे बाहर आ गई. फिर में चिल्लाया यह क्या कर रहे हो? और तात्या ने मुझे एक थप्पड़ मारा और कहा कि ज़्यादा मत बोल वरना अभी अंदर कर दूँगा.. समझा.

बैजू : सुन लड़की चुपचाप यह लंड चूस वरना दोनों की खड़े खड़े यहीं पर गांड मार दूँगा और दिव्या ने मेरी तरफ देखा और उसे कोई रास्ता नज़र नहीं आया और उसने अपनी दोनों आंखे बंद की और लंड को पकड़कर ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी. फिर बैजू उसके मुहं में लंड अंदर बाहर करने लगा.. अब शायद दिव्या को भी मजा आने लगा था.. काला लंड उसके मुँह में था और वो उसे लोलीपोप के जैसे चूस रही थी और अब मेरी और तात्या की पेंट टाईट हो गई. फिर तात्या ने भी अपना काला लंड बाहर निकाला और उसके मुँह में दे दिया वो एक साथ दो दो लंड चूस रही थी. अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था और में उसके पीछे जाकर उसके चूतड़ दबाने लगा और ज़ोर ज़ोर से उसकी चूचियाँ खींचने लगा.. वो तड़पने लगी और उनका लंड चूसने लगी और उसकी चूत टपकने लगी थी.

फिर मैंने एक हाथ उसकी पेंटी में घुसा दिया और चूत मसलने लगा.. वाह! क्या नज़ारा था. में दबाए जा रहा था और वो लोग उसे लंड चुसाए जा रहे थे. तभी शायद रात के 12 बजे और आसमान में आतिशबाज़ी शुरू हो गई और नया साल आ गया था और साथ में उन दोनों के लंड का पानी भी दिव्या की चूंचियों पर गिरने लगा और में उसी पानी से उसकी चूचियों को मसल रहा था. दोनों पुलिस वाले झड़ चुके थे और फिर दोनों ने एक साथ कहा कि.. आह्ह्ह्ह हेप्पी दिवाली ओफ्फ्फ.

फिर पुलिस की गाड़ी पर वायरलेस पर मैसेज आने लगे तो दोनों ने हमसे रफूचक्कर होने को कहा और दारू पीकर गाड़ी ना चलाने की हिदायत दी.. लेकिन दिव्या अब भी गरम थी और मैंने दिव्या को आगे बैठाया और अपना लंड उसके हाथ में दे दिया और किक मारकर बाईक स्टार्ट की और वहाँ से निकल गया और सारे रास्ते में उसकी चूची को चूसता हुआ उन्हें खींचता हुआ घर पर आया और आते ही उसकी पेंटी फाड़कर चूत में घुस गया और सारी रात में उसकी चूत, गांड में घुसा रहा और वहीं ज़ोर ज़ोर से चूत चाटने लगा.. वो सिसकियाँ लेने लगी और मेरे सर को चूत पर जोर जोर से दबाती रही.. 10 मिनट चूत चाटने के बाद मैंने उसे लेटा दिया और चूत में लंड डालकर धक्के देने लगा अब मैंने उसकी नये साल की चुदाई शुरू कर दी और जोर जोर के धक्को के साथ जोर से कहता रहा.. हैप्पी दिवाली.. मेरे लंड देवता घुस जा और फाड़ दे इसकी चूत.. आज अच्छे से दिवाली मना दे हमारा.

फिर 12 मिनट की चुदाई के बाद में उसकी चूत में झड़ गया और उसके ऊपर सर रखकर ऐसे ही हम दोनों सो गये. इसके बाद गहरे सपनों में खो गए.

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