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ग्वालन को चोदा

Posted on:- 2024-03-10


हैल्लो साथियों मेरा नाम राज है और में चेन्नई का रहने वाला हूँ. यह मेरी पहली कहानी है.. लेकिन मैंने इस साईट पर बहुत सी सेक्सी कहनियाँ पढ़ी है जो कि मुझे बहुत अच्छी लगी और में इस साईट पर बहुत लम्बे समय से हूँ. साथियों अगर मुझसे इसमें कोई ग़लती हो जाए तो प्लीज मुझे माफ कर दीजिएगा. में अब अपनी स्टोरी पर आता हूँ..

साथियों यह बात आज से 2 साल पहले की है.. उस समय मेरी उम्र 22 साल थी. में अपने घर पर पापा मम्मी के साथ रहता हूँ और हमारे पास तीन गाय है और उन गायों की देखभाल के लिए हमारे यहाँ पर एक ग्वाला आया करता था. जो उन तीनो गायों का दूध निकाल कर बैचने जाया करता था और उससे जो पैसा आता था.. उसमे से कुछ हिस्सा वो हम लोग को देता था और उसकी बीबी भी कभी कभी हमारे घर पर आकर उन गायों के गोबर को उठाकर अपने घर ले जाया करती थी और उस गोबर को अपने काम में लेती थी.

एक दिन ग्वाला हमारे घर पर आया और पापा से कहने लगा कि वो दो हफ्ते के लिए बाहर किसी रिश्तेदार के यहाँ पर शादी में जा रहा है. तो हम उन गायों की देखभाल के लिए दूसरे कोई ग्वाले को ढूंड लें.. लेकिन पापा ने दूसरे ग्वाला के लिए मना कर दिया और कहा कि जब तुम वापस आ जाओगे तो उसके बाद से तुम ही दूध बैचना शुरू कर देना. उसके बाद उसी शाम को पापा के पास एक कॉल आया.. जो कि मुंबई से मेरे मौसाजी का था. तो मौसाजी कहने लगे कि मौसीजी की तबियत कुछ ज़्यादा ही खराब हो रही है.

उसके बाद पापा और मम्मी अगले ही दिन फ्लाईट से मुंबई चले गये. तो अब घर में बस में अकेला उन तीन गायों के साथ रह गया था. उसके बाद पापा ने मुंबई पहुंचने के बाद मुझे कॉल किया और कहा कि वो लोग एक सप्ताह बाद वापस आ जाएँगे और पापा, मम्मी को गये हुए तीन दिन बीत गये थे और उन तीनो गायों के गोबर से पूरे घर का माहोल महकने लगा था.

तो मैंने सोचा कि क्यों ना में गौशाला जाकर कोई ग्वालन को बुलाकर साफ करवा दूँ और में गौशाला की और जाने लगा. उसके बाद जब में गौशाला पहुंचा तो वहाँ पर देखा कि एक ग्वालन गोबर उठा रही थी और मैंने उसके पास जाकर अपनी कार रोक दी और उसके बाद में कार से उतरा और उसके पास गया. तो देखा कि वो लगभग 35 साल की थी.. उसका नाम उमा देवी था और उसका फिगर लगभग 40-38-42 का होगा.. उसका बदन गठीला था और बूब्स बड़े बड़े थे.

साड़ी का पल्लू दो चूचीयों के बीच से निकला हुआ था और उसे वो कमर में फसाए हुए थी और उसका आधा बूब्स तो ब्लाउज से बाहर था. उसने ब्रा भी नहीं पहना हुआ था और जब मेरी बूब्स से नज़र हटी तो नाभि पर गई और उसका पेट बिल्कुल साफ दिखाई दे रहा था और उसके उस टाईम काम में व्यस्त होते हुए वो अपनी साड़ी और पेटिकोट अपनी जाँघ तक उठाकर कमर में फंसाए हुए थी.. जिसके कारण उसकी साड़ी नाभि से लगभग तीन इंच सरक गई थी और यह सब देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा था.

उसके बाद मैंने उसको बताया कि मेरे घर में तीन गाय है और उनका गोबर उसको साफ करना. तो वो कहने लगी कि वो गोबर साफ करने का पैसा लेगी और उसके बाद वो 200 रुपय में मान गई और मेरे साथ मेरे घर आ गई. उसके बाद मैंने उसको वो जगह दिखाई और दो बोरियां दे दी और मैंने उससे कहा कि में ड्रेस चेंज करके आता हूँ. उसके बाद में अपनी ड्रेस चेंज करने चला गया और मैंने अपनी जीन्स और टी-शर्ट उतार कर सिर्फ़ लुंगी बांधकर चला आया. तो उसने मुझे देखा और पूछा कि तुम्हारी टी-शर्ट कहाँ है? मैंने कहा कि आपकी मदद करते वक़्त गोबर लग जाता इसलिए मैंने उसे उतार दिया. उसके बाद मैंने अपनी लुंगी को घुटनो तक उठाकर कमर में बांध लिया था और उसने भी अपनी साड़ी कमर में बाँध ली थी.

में बोरी पकड़कर खड़ा था और वो गोबर बोरी में डालती जाती और जब तक वो काम कर रही थी तब तक में उसके बड़े बड़े बूब्स और गहरी नाभि को देखता और दो बोरी भरने तक मेरा लंड खड़ा हो चुका था और में अब इस ग्वालन को चोदना चाहता था. उसके बाद उसने भी मेरी लुंगी में बने टेंट को देख लिया था.. लेकिन वो कुछ नहीं बोली और सारा काम खत्म हो जाने के बाद मैंने उसे घर के अंदर बुलाकर हाथ पैर धोने को कहा. जब वो हाथ पैर धोकर बाहर आई तो मैंने उसे टावल दिया और उसने अपने हाथ पैर साफ किए.

उसके बाद वो अपनी साड़ी को ठीक करने लगी तो मैंने उससे कहा कि अंदर शीशा लगा हुआ है.. आप वहाँ पर जाकर ठीक कर लो.. लेकिन उसे पता नहीं था कि कौन से रूम में जाना है. तो में उसे रूम तक ले गया और मैंने सोच लिया था कि आज इसको चोदकर ही छोडूंगा. उसके बाद मेरा लंड लुंगी के अंदर तना हुआ था और बाहर आने को बैताब था और जब वो शीशे के पास खड़ी होकर अपनी साड़ी ठीक करने लगी तो मुझे उसकी गोल भोसड़े को देखकर रहा नहीं गया और उसके बाद मैंने पीछे से जाकर अपना लंड उसकी भोसड़े में सटा दिया और उसके पेट को कसकर पकड़ लिया ताकि वो भाग ना पाए.

उसके बाद वो मेरी इस हरकत से चौंक गई और अपने आपको मुझसे छुडवाने की कोशिश करने लगी.. लेकिन मेरी पकड़ इतनी मजबूत थी कि वो छुड़ा ना पाई और कोशिश करते करते थक गई और वो सुस्त होने लगी थी. तभी में उसकी गर्दन को चूमने लगा और चूमते चूमते मैंने उसको कहा कि ज़ोर लगाने से कोई फायदा नहीं है और यहाँ पर आपको कोई सुनने वाला भी नहीं है क्योंकि मेरा घर बहुत सुनसान जगह पर है और उसके बाद मैंने कहा कि आज आपको चोदे बिना में जाने नहीं दूँगा और आपकी भलाई इसी में है कि आप अपने सहयोग से चुदवा लो.. किसी को कुछ भी हमारे बारे में नहीं पता चलने वाला है.

उसके बाद इतना कहने के बाद में उसे उसके बाद से चूमने लगा और मैंने देखा कि उसको भी मज़ा आने लगा था और उसने मेरे हाथों के ऊपर अपना हाथ रख दिया. उसके बाद उसने अपना चेहरा मेरे चेहरे की तरफ किया हुआ और अपनी आँख बंद की हुई थी और वो अपना सर मेरे कंधे पर रखे हुई थी. तो में समझ गया था कि यह ग्वालन चुदवाने के लिए तैयार है. उसके बाद में ब्लाउज के ऊपर से उसके बूब्स को मसलने लगा और वो आँखे बंद करते हुए उउह्ह्ह्ह की आवाज़े निकाल रही थी. उसके बाद मैंने लुंगी के ऊपर से ही उसकी भोसड़े को चोदना शुरू किया और बिना ब्लाउज खोले नीचे से उसके ब्लाउज में हाथ घुसाकर बूब्स को मसलने लगा और वो आह्ह्ह की आवाज़े निकाले जा रही थी. साड़ी के ऊपर से उनकी भोसड़े चोदते हुए में अपना हाथ उसके पेट पर गोल गोल घुमाने लगा और कभी कभी तो नाभि में उंगली डाल देता था.

मैंने आज तक इतनी गहरी नाभि किसी की नहीं देखी थी और अपना हाथ नाभि से नीचे करते करते में चूत तक पहुंच गया. उसने पेंटी भी नहीं पहनी थी और उसकी चूत झांट से भरी हुई थी. उसके बाद मैंने चूत पर गोल गोल हाथ घुमाया और उसके बाद अपनी एक उंगली डाली तो महसूस किया कि उनकी चूत एकदम गीली हो चुकी थी. उनका चेहरा मैंने अपनी तरफ किया और स्मूच करने लगा.. करीब 5 मिनट तक स्मूच करने के बाद में उसे बेड पर ले गया. वो पीठ के बल लेट गई और में उसके ऊपर लेटे हुए उसे उसके बाद से स्मूच करने लगा और उसके बाद मैंने स्मूच करते करते उसका ब्लाउज खोल दिया और धीरे धीरे मैंने अपना हाथ उसकी नाभि के नीचे बढ़ाया.. जहाँ पर उसने साड़ी घुसा रखी थी. तो मैंने उनकी साड़ी भी खोलकर अलग कर दी और अब वो सिर्फ़ पेटीकोट में थी. में एक हाथ से उसके सीधे बूब्स को दबा रहा था और नाभि में अपनी जीभ घुमा रहा था और दूसरे हाथ से उसके पेटिकोट का नाड़ा खोल रहा था और वो सिर्फ़ उूउउंम्म अह्ह्ह्ह जैसी आवाज़ निकाल रही थी.

उसके बाद मैंने उसकी साड़ी और ब्लाउज को शीशे के पास फेंक दिया और वो अब मेरे सामने नंगी लेटी हुई थी. साथियों मेरी लाईफ में मुझे पहली बार ऐसा मौका मिला था जब कोई औरत मेरे सामने पूरी नंगी लेटी हुई थी. उसे देखकर मेरा लंड तो गरम हो चुका था और फड़फड़ाने लगा था. उसके बाद नाभि को चूमते चूमते में उसकी चूत तक पहुंच गया और उसकी चूत को चाटने लगा. वो इतनी जोश में आ गई थी कि उसने मेरा सर पकड़कर अपनी चूत में घुसा दिया और चूत उठा उठाकर चटवाने लगी. तो मैंने भी अपनी जीभ को उसकी चूत में पूरा घुसा दिया और अपनी जीभ से उसे चोदने लगा और वो सिसकियाँ लेती आआअहह उूुुउउफफफफफ्फ़ जैसी आवाज़ निकालती.. जिसे सुनकर में और जोश में आ जाता.

उसके बाद करीब 10 मिनट चूत चाटने के बाद वो झड़ गई और में उसका पानी पी गया. लाईफ में पहली बार मैंने किसी की चूत का पानी पिया था. उसके बाद में खड़ा हुआ और मैंने अपनी लुंगी को हटा दिया.. मैंने अंडरवियर नहीं पहनी थी और मेरा तना हुआ लंड देखकर वो चौंक गई. उसके बाद वो बोली कि बाप रे इतना मोटा और लंबा लंड मैंने आज तक कभी नहीं लिया.. यह तो लगभग 7 इंच का है. तो मैंने कहा कि पहले नहीं लिया तो अब ले लो और मैंने उसे लंड को मुहं में लेकर चूसने को कहा.. लेकिन वो मना कर रही थी और कह रही थी कि आज तक उसने किसी का लंड नहीं चूसा है.

तो मैंने उससे कहा कि तुम भी मेरा लंड चूस लो.. मैंने भी आज से पहले कभी किसी की चूत को नहीं चूसा.. लेकिन आपकी तो चूसी है.. अब आप भी मेरा लंड चूसो. उसके बाद इतना कहते ही वो राज़ी हो गई और अपने हाथ से मेरे लंड को सहलाने लगी और उसके छूने से ही मुझमें एक करंट सा दौड़ गया और उसके बाद कुछ देर सहलाने के बाद उसने लंड को अपने मुहं में लेकर चूसना शुरू किया और में बहुत अच्छा महसूस करने लगा.

उसके बाद वो इतना जोश में थी कि उसने अपने दोनों हाथ मेरी भोसड़े पर रखकर अपनी तरफ खींचा जिससे कि लंड उसके मुहं में पूरा समा जाए.. लेकिन उसके ऐसा करने से मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा था और में आआहह की आवाज़ निकाल कर उसके सर को पकड़ कर उसके मुहं को जोर जोर से धक्के देकर चोद रहा था. उसके बाद कुछ देर चोदने के बाद मुझे महसूस हुआ कि मेरा वीर्य निकलने वाला है और मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसका सर पकड़ा और ज़ोर ज़ोर से ताबड़तोड़ धक्के देकर चोदने लगा और थोड़ी देर में ही उसके मुहं में झड़ गया.. लेकिन उसकी इस चुदाई से उसकी आँखों से आंसू आने लगे. मेरा लंड उसके गले के आखरी तक जाने की वजह से उसकी सांसे रुक सी गई और वो मेरा पूरा वीर्य पी गई.

वीर्य को पीने के बाद वो मुझसे बोली कि मैंने पहली बार किसी का वीर्य पिया है. उसके बाद में बेड पर लेटकर उसके बूब्स को दबाने लगा और वो मेरा लंड सहलाने लगी.. मेरा लंड उसके बाद से खड़ा हो गया और में उसे स्मूच करने लगा और अपनी उंगली उसकी चूत में घुसाकर उसे उंगली से चोदने लगा.. वो पूरी गीली हो चुकी थी. उसके बाद वो कहने लगी कि अब चोदो मुझे इतनी देर तक मत तरसाओ.. आज फाड़ दो मेरी चूत को. बस इतना सुनते ही मेरा लंड उसके बाद से फड़फड़ाने लगा और में अब उसके दोनों पैरो के बीच जाकर बैठ चुका था और उसने अपने दोनों पैरो को ऊपर उठा लिया था. उसके बाद में अपना लंड पकड़ कर उसकी चूत पर रगड़ने लगा.. तो वो कहने लगी कि चोदो ना डाल दो अपना लंड मेरी चूत में.

उसके बाद उसके इतना कहते ही मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया. तो वो दर्द से चिल्ला उठी और जोर से रोने लगी.. वो कह रही थी कि बाहर निकलो बाहर निकालो.. मुझे बहुत दर्द हो रहा है उफफफ माँ मरी बचाओ जैसी आवाज़ निकाल रही थी. तो मैंने उससे कहा कि मेरा तो अभी आधा लंड ही गया है. उसके बाद जैसे ही उसने अपनी आँख खोलकर देखा कि आधा लंड ही घुसा है.. तभी मैंने एक जोर के धक्के के साथ पूरा लंड अंदर डाल दिया और उसने अपना सर तकिये पर पटक दिया और मुझे कसकर पकड़ लिया और वो बोलने लगी कि छोड़ो मुझे मैंने पहले कभी इतने लम्बे लंड से चुदाई नहीं करवाई है.

उसके बाद मैंने अपना पूरा लंड अंदर ही रखा ताकि दर्द थोड़ा कम हो जाए.. लेकिन वो लगातार आहह उह्ह्ह उूउउईई माँ मर गई जैसे आवाज़ निकाल रही थी और रो भी रही थी. उसके बाद मैंने अपना आधे से ज़्यादा लंड बाहर निकाला और उसके बाद ज़ोरदार धक्के के साथ अंदर डाल दिया. इसी तरह मैंने धीरे धीरे चोदना शुरू किया. चोदते चोदते मैंने उससे पूछा कि क्यों तेरी चूत तो उतनी छोटी नहीं है? तो उसने कहा कि कल ही रात को मैंने दो बार चुदाई करवाई है.

उसके बाद मैंने पूछा कि तेरे पति का कितना लंबा लंड है? तो वो बोली कि अभी तक जितनो से चुदवाई है उनमे सबसे छोटा उसी का है. उसके बाद मैंने पूछा कि तो क्या अपने पति के अलावा पहले किसी और से चुदवाई है? तो उसने कहा कि हाँ मैंने अपने बेटे के दोस्त से तीन बार, अपने देवर से बहुत बार, मेरे घर पर दूध लेने एक आदमी आता है उससे और कल रात को मेरे बेटे के एक दोस्त ने मुझे चोदा था.. लेकिन उन सबसे तुम्हारा लंड बहुत लंबा है. उसके बाद में उसको स्मूच करते करते उसके बूब्स चूसते मसलते चोदने लगा और करीब 20 मिनट चोदने के बाद मेरा वीर्य निकलने वाला था और इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थी और वो तीसरी बार झड़ने जा रही थी और में भी झड़ने वाला था.. मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी और उसने अपने पैरो को मेरी कमर पर रखकर जकड़ लिए और चूतड़ उठा उठाकर चुदवाने लगी. थोड़ी देर बाद वो भी झड़ गई और मैंने उसकी चूत में वीर्य गिरा दिया.

हम दोनों हाँफने लगे थे और बहुत थक गए थे.. मैंने अपना लंड उसी की चूत में रहने दिया. थोड़ी देर बाद में उसके बूब्स को चूसने और दबाने लगा वो मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर हिलाने लगी और मेरा लंड उसके बाद से 7 इंच का हो गया. तो मैंने उससे कहा कि पेट के बल लेट जाओ में आपकी भोसड़े मारूँगा.. वो मना करने लगी और बोली कि नहीं आज तक मैंने किसी को भोसड़े मारने नहीं दी. तो मैंने बोला कि डरो मत कुछ नहीं होगा.. वो मना करती रही.. लेकिन मैंने उसकी एक ना सुनी और उसकी भोसड़े में उंगली डाल दी. वो सही कह रही थी कि उसकी भोसड़े आज तक किसी ने नहीं मारी थी.. क्योंकि उसकी भोसड़े का छेद बहुत छोटा था. उसके बाद मैंने उसे कुतिया की तरह बनने को बोला और उसकी भोसड़े के छेद में वेसलिन लगाने लगा और थोड़ा वेसलिन अपने लंड के सुपाड़े पर भी लगाया और उसके बाद लंड का सुपाड़ा उसकी भोसड़े के छेद पर टिकाया और लंड डालने से पहले ही वो रोने लगी.

तो मैंने अपना लंड उसकी भोसड़े के छेद पर रखकर धक्का मारा तो वो आगे की तरफ चली गई.. जिससे सिर्फ़ सुपाड़ा अंदर घुसा.. उसी में वो चिल्ला उठी.. भोसड़े मत मारो छोड़ दो आआहह उूउउइईईईई दर्द हो रहा है कहने लगी. उसके बाद थोड़ी देर रुकने के बाद मैंने उसके कंधे पकड़े और उसके बाद ज़ोर का धक्का दिया जिससे कि लंड का कुछ हिस्सा अभी भी बाहर ही था और वो छटपटाने लगी.. उसने बेडशीट को कसकर पकड़ रखा था और थोड़ी देर रुकने के बाद मैंने हल्का सा लंड बाहर निकाला और देखा कि उसकी भोसड़े से थोड़ा खून निकल रहा है. उसके बाद थोड़ी देर शांत रहने के बाद उसका दर्द कम हुआ तो मैंने उसे पकड़ा.. अब वो समझ गई थी कि अब लंड डलेगा जिसके लिए वो तैयार हो गई थी.

मैंने उसके बाद से एक जोर के धक्के के साथ लंड डाल दिया और लंड भोसड़े में घुस गया.. तो वो बोलने लगी कि दर्द हो रहा है छोड़ दो मुझे मत चोदो. उसके बाद मैंने चोदना शुरू कर दिया जब जब में झटका मारता तब तब वो आगे की और चली जाती और उसके बूब्स झूलने लगते. तो में उसके बूब्स को मसलते हुए चोदने लगा और वो भी भोसड़े पीछे करके चुदवाने लगी और उसे भी अब मज़ा आने लगा था.. वो दर्द भूल गई थी और वो बोली कि फाड़ दो मेरी भोसड़े को.. पूरा लंड डालो जोर से और जोर से जैसी बातें बोल रही थी. करीब आधा घंटा चोदने के बाद में झड़ गया और मैंने पूरा वीर्य उसकी भोसड़े में डाल दिया और वो लेट गई. में भी उसके पास में लेट गया. उसकी भोसड़े से निकलता वीर्य और खून बेडशीट पर गिर गया था.

उसके बाद मैंने उसकी चूत और भोसड़े को एक कपड़े से साफ कर दिया और थोड़ी देर आराम करने के बाद वो उठी और अपने कपड़े पहनने के लिए जाने लगी.. मैंने देखा कि जब वो अपने कपड़े लेने जा रही थी तो ठीक से चल भी नहीं पा रही थी. उसको चलने में थोड़ी तकलीफ़ हो रही थी. उसके बाद वो अपने कपड़े पहनते हुई बोली कि मुझे आज तक किसी ने पूरा नंगा करके नहीं चोदा था.. सिर्फ साड़ी ऊपर करके ब्लाउज के 2-3 हुक खोलकर लंड चूत में डाल देते थे.. आज जो चुदाई करने में मज़ा आया है वो कभी नहीं आया. यह चुदाई में कभी नहीं भूलूंगी.. अब जब भी चुदाई करने का मन करे तो आ जाना और में हमेशा तुमसे चूत चुदवाने के लिए तैयार रहूंगी.

उसके बाद उसने अपनी साड़ी को ठीक किया और हम बाहर आ गये और गोबर से भरी बोरियो को कार की डिग्गी में रखकर गौशाला की तरफ चल पड़े. तो उसने मुझे अपने घर से कुछ दूरी पर गाड़ी रोकने को कहा और बोली कि में यहाँ से चली जाऊंगी. उसके बाद मैंने डिग्गी में रखी बोरियो को उतार कर वही रख दिया और मैंने अपने पर्स से 200 रुपये उसे देने के लिए निकाले. तो उसने लेने से मना कर दिया तो मैंने बोला कि यह जो गोबर आपने साफ किया है उसके लिए है. वो बोली कि आज मुझे जितनी सन्तुष्टि और ख़ुशी चुदाई में मिली है वो आज तक नहीं मिली.. इसलिये इसे तुम ही रख लो. उसके बाद में अपनी कार में आ कर बैठ गया और उसके बाद में वापस घर आकर सो गया और ग्वालन  की चुदाई के सपने देखने लगा.

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