मुख्य पृष्ठ » XXX कहानी » दोस्त की मर्ज़ी से उसकी बहन को चोदा


दोस्त की मर्ज़ी से उसकी बहन को चोदा

Posted on:- 2024-04-04


नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम रोहित है और में अम्बाला से हूँ. दोस्तों आज में अपनी लाईफ की पहली सच्ची कहानी लिख रहा हूँ और यह कहानी मेरे दोस्त की बहन की चुदाई के बारे में है, मेरे दोस्त का नाम मनीष है और हम दोनों एक साथ बचपन से पढ़े है मनीष की एक छोटी बहन है और उसका नाम नम्रता है. वो 20 साल की है और 12th क्लास में है. दोस्तों वो दिखने में बहुत ही मस्त है. उसका रंग एकदम गोरा है और उसके फिगर का साईज 34-28-36 है. मेरी कोई बहन नहीं है इसलिए में उसकी बहन को अपनी बहन की तरह मानता हूँ.

में और मनीष बचपन के बहुत अच्छे दोस्त है और मेरा हमेशा उसके घर पर आना जाना लगा रहता है और वो भी अक्सर मेरे घर पर आता जाता रहता है. दोस्तों पहले मेरे मन में नम्रता के लिए कोई ग़लत बात नहीं थी क्योंकि वो मेरे एक अच्छे दोस्त की छोटी बहन है इसलिए में भी उसे अपनी बहन की तरह ही मानता हूँ, लेकिन जब नम्रता 18 साल की हुई और उस पर जवानी चड़ने लगी तो अब वो मस्त माल बन चुकी थी? उसके बूब्स का उभार और उसकी मोटी गांड को देखकर किसी का भी मन उसको चोदने के लिए तैयार हो जाए और अब मेरी नम्रता के लिए थोड़ी सी भावनाए बदल गयी थी और अब में नम्रता को एक सेक्सी लड़की के रूप में देखने लगा था.

तो एक दिन में अपने दोस्त से मिलने उसके घर पर गया हुआ था वो अपने रूम में बैठकर कम्प्यूटर पर फिल्म देख रहा था, तो में भी उसके पास बैठकर फिल्म देखने लगा.

तभी मनीष ने नम्रता को पानी लाने के लिए आवाज़ लगाई और जब नम्रता रूम में आई तो में उसे खा जाने वाली नजर से देखता रहा क्योंकि वो उस समय क्या मस्त माल लग रही थी? उसने काले कलर का टॉप और लोवर पहना हुआ था और फिर मैंने ध्यान दिया कि शायद नम्रता ने टॉप के अंदर ब्रा नहीं पहनी थी इसलिए मुझे उसके मोटे मोटे बूब्स का आकार और उभरी हुई निप्पल बाहर से साफ साफ दिखाई दे रही थी और अब में तो उसके बूब्स को ही घूर रहा था और फिर जब नम्रता मुझे गिलास में पानी देने के लिए थोड़ा झुकी तो अंदर ब्रा ना होने की वजह से मुझे उसके टॉप के अंदर उसके बड़े बड़े बूब्स दिखाई देने लगे और शायद उसने मुझे ऐसा करते हुए देख लिया था. उसने मुझे हल्की सी स्माइल दी और फिर वो वहां से चली गई, लेकिन जब नम्रता वापस जा रही थी तो उसकी मोटी मोटी मटकती हुई गांड को देखकर मेरी तो हालत ही बहुत खराब हो गयी.

फिर मैंने अपने घर पर जाकर नम्रता के नाम की मुठ मारी और अब तो में अक्सर नम्रता को देखने के लिए अपने दोस्त के घर किसी ना किसी बहाने से जाने लगा. में और मेरा दोस्त आपस में एक दूसरे से सब तरह की बातें करते थे. हम लोग एक दूसरे से कुछ भी नहीं छुपाते थे. एक दिन मैंने उससे कहा कि यार क्यों ना अब हम भी किसी के साथ चुदाई का मज़ा ले? यार तू तो कई बार बहुत सी रंडियों को चोद चुका है, मेरे लिए भी कोई ऐसा जुगाड़ करवा दे मेरा भी बहुत मन करता है, प्लीज कुछ कर यार मनीष और अब में कब तक ऐसे ही अपना लंड हिलाता रहूँगा? तो मनीष बोला कि रोहित तू एक अच्छा लड़का है, तू क्यों इन रंडियों के चक्कर में पड़ता है. यह सब तेरे लिए नहीं है तू तो मेरी एक बात मान और कोई अच्छी सी लड़की को पटा ले और फिर उसे चोद ले.

मैंने कहा कि मेरे साथ यही तो समस्या है कि मुझसे कोई लड़की नहीं पटती तो में किसे चोदूंगा? तभी मनीष मुझसे बोला कि यार रोहित तू दिखने में इतना अच्छा है, तू अपने आप देख कोई ना कोई तो ज़रूर फंस जाएगी और में भी यही चाहता हूँ कि मेरे दोस्त को कोई अच्छी सी चूत मिल जाए और उसका लंड शांत हो जाए और मुझसे यह बात बोलकर वो हंसने लगा. फिर मैंने कहा कि क्या यार मनीष तू तो मेरा मज़ाक बना रहा है? तो वो बोला कि नहीं रोहित अच्छा तू एक काम कर, तू किसी लड़की को पटा ले और उसे चोद ले, तू कोशिश कर, मुझे उम्मीद है कि तू ज़रूर कोई लड़की पटा सकता है, मुझे तुझ पर पक्का यकीन है.

मैंने कहा कि यार मेरे पास एक प्लान है, लेकिन उसे सुनकर अगर तू बुरा ना माने तो में तुझे वो बता सकता हूँ? तो उसने कहा कि हाँ बोल ना क्या प्लान है? मैंने थोड़ी हिम्मत करते हूँ कहा कि क्यों ना तुम्हारी बहन को पटाया जाए? तो वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर एकदम चुप हो गया जैसे उसे कोई करंट का झटका लग गया हो और फिर मैंने कहा कि मनीष तू बिल्कुल भी बुरा ना मान मुझे नम्रता बहुत अच्छी लगती है और अब में उसे चोदना चाहता हूँ और यार अगर मेरी कोई बहन होती और तू मुझसे बोलता तो में अपनी दोस्ती के लिए उसे तुझसे जरुर चुदवा देता.

तभी मनीष ने कहा कि यार वो सब तो ठीक है, लेकिन नम्रता मेरी सग़ी बहन है और में उसके साथ ऐसा नहीं होने दे सकता. तो मैंने उससे कहा कि हाँ नम्रता तेरी बहन है इसलिए तो में तुझसे यह सब पूछ रहा हूँ और तू खुद मुझे बता क्या में नम्रता के लिए कोई बुरा लड़का हूँ? और मनीष तू थोड़ा अच्छी तरह सोच कि नम्रता भी एक जवान लड़की है और अब उसकी भी चूत में खुजली मचती होगी, कभी ना कभी तो वो किसी से चुदेगी ही और कोई ऐरा ग़ैरा लड़का उसका फ़ायदा उठाएगा. इससे तो यही अच्छा है कि में उसे चोद दूँ और तुझे तो खुश होना चाहिए कि तेरी बहन तेरे बेस्ट फ्रेंड से चुद रही है, जिसे तू बहुत अच्छे से जानता है.

मनीष बोला कि हाँ वो तो सब ठीक है, लेकिन तू नम्रता को इन सब कामों के लिए मनाएगा कैसे? तो मैंने कहा कि मेरे पास एक प्लान है. सबसे पहले में तेरी बहन को पटाऊंगा और फिर उसके बाद उसे किसी भी दिन कोई अच्छा सा मौका देखकर चोद दूंगा, तो उसने कहा कि लेकिन वो तो तुझे अपना भाई मानती है? तो मैंने कहा कि तू उसकी बिल्कुल भी चिंता मत कर में उसे पटा लूँगा. फिर वो कुछ देर सोचकर बोला कि ठीक है तू इस काम में कोशिश कर. तो मैंने मनीष से कहा कि यार अगर में नम्रता को पटा लूँ और वो खुद ही अपनी मर्ज़ी से मुझसे चुदवाने को तैयार हो जाए तो तुझे इसमें कोई आपत्ती नहीं होगी ना?

फिर वो बोला कि नहीं, अगर नम्रता तुझसे अपनी मर्ज़ी से चुदवाती है तो तू उसे अच्छी तरह चोद डाल, मुझे इसमें कोई आपत्ती नहीं है, क्योंकि हर हाल में मेरा दोस्त खुश रहना चाहिए, मैंने कहा कि धन्यवाद यार और उस दिन से में नम्रता से दोस्तों की तरह बिल्कुल खुलकर बात करता था और वो भी अब मुझसे खुल चुकी थी, लेकिन वो मुझसे कम बात करती थी और अब में कभी कभी उसके गालो को चूम लेता था और वो मुझसे कभी कुछ नहीं कहती थी.

मैंने सोचा कि अब थोड़ा और भी आगे बढ़ना चाहिए और धीरे धीरे में उसके साथ बहुत खुलने लगा. मुझे अब उसकी बातें से पता चला कि वो भी मुझे पसंद करती है, क्योंकि वो मुझसे अब अपनी सारी बातें करने लगी और वैसे मुझे पूरा विश्वास था कि उसका अब तक कोई बॉयफ्रेंड भी नहीं था. फिर एक दिन नम्रता ने बातों ही बातों में मुझसे पूछा कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? तो मैंने कहा कि हाँ है, वो मुझसे अजीब तरीके से बोली कि वो कौन है?

मैंने कहा कि तुम हो ना तो मुझे किसी और की क्या ज़रूरत है? तो वो बोली कि आजकल तुम कुछ ज्यादा ही बिगड़ रहे हो. मैंने कहा कि क्यों क्या तुम मेरी गर्लफ्रेंड नहीं हो? लेकिन अब उसने कुछ नहीं कहा, वो बिल्कुल चुप रहकर मेरी तरफ देख रही थी.

मैंने मन ही मन इसे एक अच्छा मौका समझकर उससे कहा कि में सच कहूँ तो तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो और में तुम्हे दिल से चाहने लगा हूँ. वो मेरी यह बात सुनकर एकदम से शरमा गयी और फिर वो जाने लगी तो मैंने झट से उसका एक हाथ पकड़ा और कहा कि कहाँ जा रही हो? क्या तुम मेरी गर्लफ्रेंड नहीं हो? वो बोली कि में थोड़ा सोचकर तुम्हे बताउंगी. फिर मैंने कहा कि इसमे सोचना क्या है? वो बोली कि अगर मेरे भाई को यह सब पता चला तो तुम्हारी इतनी पुरानी दोस्ती टूट जाएगी? तो मैंने कहा कि उसे यह सब कौन बताएगा? लेकिन अब वो कुछ नहीं बोली और चुपचाप चली गयी, तभी मैंने सोचा कि लगता है मेरा काम अब बन जाएगा और फिर मैंने यह बात अपने दोस्त को बताई तो उसे यह सब बातें सुनकर थोड़ा धक्का तो लगा, लेकिन वो अब मेरे लिए बहुत खुश था.

फिर मैंने उसे उसी रात को कॉल किया और बोला कि क्यों तुमने मुझे अपना जवाब नहीं दिया बोलो ना तुम मेरी गर्लफ्रेंड हो ना? तो वो बोली कि हाँ में भी तुम्हे बहुत पसंद करती हूँ दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनकर मेरी ख़ुशी का तो ठिकाना ही नहीं रहा और फिर मैंने उससे कहा कि नम्रता में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ. तो उसने भी कहा कि हाँ में भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ. फिर हम बाहर मिलने लगे और धीरे धीरे हम किस्सिंग भी करने लगे, एक दिन मेरे घर पर में अकेला था तो मैंने अपने दोस्त मनीष को फोन लगाया और उससे कहा कि यार मनीष आज में घर पर अकेला हूँ, तू एक काम कर नम्रता को मेरे घर पर भेज दे, में आज ही उसके साथ सेक्स करूंगा.

मैंने नम्रता को फोन लगाया और उससे कहा कि तुम अभी मेरे घर पर आ जाओ, क्योंकि मेरे घर पर कोई नहीं है, तो उसने कहा कि ठीक है और वो पहली बार बिल्कुल अकेली मेरे घर पर आ रही थी, वो इससे पहले भी आ चुकी थी, लेकिन हमेशा अपने भाई के साथ आई थी. तभी थोड़ी देर बाद मनीष का फोन आया तो वो मुझसे बोला कि नम्रता अभी अभी मुझसे कोचिंग क्लास जाने की बोलकर घर से निकल गयी है ज़रूर वो तेरे घर पर ही आएगी और वो आगे बोला कि अब तू आज अपने मन की इच्छा पूरी कर लेना और अब में फोन रखता हूँ तू मेरी बहन के साथ बहुत मज़े कर.

फिर यह बोलकर मनीष ने फोन रख दिया और फिर थोड़ी देर में दरवाजे पर आवाज हुई, मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि ठीक मेरे सामने नम्रता खड़ी हुई थी. मैंने उसे अंदर बुलाया और कहा कि चलो कोई रोमॅंटिक फिल्म देखते है उसने कहा कि हाँ ठीक है और फिर मैंने पीसी पर एक सेक्सी फिल्म की डीवीडी को लगा दिया और उसे चला दिया. उसमे शुरू में बस किसिंग था और फिर सेक्स सीन चलने लगा. वो यह सब देखकर बहुत शरमा गई और फिर मुझसे बोली कि में यह सब नहीं देखूँगी.

मैंने कहा कि तुम्हे भी तो यह सब आगे चलकर करना ही पड़ेगा और फिर वो मेरे बहुत समझाने पर देखने लगी और में उसे किस करने लगा और फिर वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी तो में एक हाथ से उसके चूतड़ सहलाने लगा और एक हाथ से उसके बूब्स को कपड़ो के ऊपर से दबाने लगा, वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी. फिर मैंने उसका टॉप उतार दिया और अब वो लाल कलर की ब्रा में थी, में तो उसे देखकर बिल्कुल पागल हो गया और मैंने उसकी ब्रा को भी खोल दिया. तभी वो अपने दोनों हाथों से अपने बूब्स को छुपाने लगी. में उसके हाथों को हटाते हुए उसके बूब्स को मसलने लगा और फिर उसकी गर्दन पर किस करने लगा, वो मदहोश होने लगी और मचलने लगी. मैंने धीरे से उसकी जींस को खोल दिया और उसे नीचे सरका दिया और अब उसकी चूत को पेंटी के ऊपर से सहलाने लगा. वो एकदम से सिहर गयी और फिर वो मुझसे बोली कि मुझे कुछ कुछ हो रहा है उहहह्ह्ह्ह आहहह्ह्ह प्लीज अब तुम ही कुछ करो.

मैंने झट से अपने भी कपड़े उतार दिए और में बस अंडरवियर में था और वो सिर्फ़ ब्रा पेंटी में थी, में उसके सुंदर बदन को देखता रह गया, क्योंकि में पहली बार किसी लड़की को इतने नज़दीक से पूरा नंगा देख रहा था. तभी उसने मुझसे पूछा कि ऐसा क्या देख रहे हो? तो मैंने कहा कि तुम्हारा बदन और अब मेरा लंड पूरी तरह से लोहे की तरह तन गया और मेरी अंडरवियर में तंबू बन गया है.

अब में पागलों की तरह उसके बदन को चूमने, चाटने लगा. वो भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी और सिसकियाँ ले रही थी, तो मैंने अब उसकी ब्रा को उतार दिया और उसके बूब्स को मुहं में लेकर चूसने लगा और अब मेरे ऐसा करने से वो बिल्कुल पागल होने लगी और बोल रही थी आअहह हाँ और ज़ोर से चूसो ऊह्ह्हहह. फिर मैंने उसकी पेंटी को भी उतार दिया. दोस्तों क्या मस्त चूत है उसकी? बिल्कुल ब्रेड की तरह फूली हुई और उस पर एक भी बाल नहीं था. एकदम पूरी चिकनी में तो उसे देखते ही बिल्कुल पागल हो गया और मैंने अपनी अंडरवियर को उतार दिया, जिसकी वजह से मेरा लंड तनकर उसके सामने आ गया.

फिर वो मेरा इतना मोटा लंड देखकर हैरान होकर बोली कि इतना बड़ा है? यह तो आज मेरी फाड़ ही देगा. मैंने कहा कि तुम चिंता मत करो में तुम्हे बहुत आराम से चोदूंगा और फिर में उसकी चूत को चाटने लगा. उसकी चूत अब बिल्कुल लाल हो चुकी थी और में उसकी चूत में अपनी जीभ को डालकर चाटने लगा. वो बिल्कुल पागल हो गई और तड़पने लगी और अब उसका पूरा शरीर अकड़ने लगा और वो मेरे सर को पकड़कर अपनी चूत से चिपकाकर झड़ गयी और फिर एकदम शांत हो गयी और वो अब बहुत खुश दिख रही थी. मैंने उससे पूछा कि क्यों मज़ा आया डार्लिंग?

वो बोली कि हाँ और फिर मैंने कहा कि अब तुम्हारी बारी है, अब तुम मेरा लंड चूसो, लेकिन वो मना करने लगी तो मैंने उससे कहा कि देखो फिल्म में वो लड़की कैसे लोलीपोप की तरह चूस रही है, तुम्हे भी बहुत मज़ा आएगा, प्लीज अब एक बार चूसो ना. फिर उसने थोड़ा शरमाते हुए मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे चाटने लगी. दोस्तों में आपको क्या बताऊँ? मुझे तो ऐसा लग रहा था कि जैसे में अब जन्न्त में हूँ और फिर वो पूरा लंड मुहं में लेकर अंदर बाहर करने लगी. में तो जैसे सातवें आसमान पर था.

फिर कुछ देर लंड चूसने के बाद मैंने नम्रता को सीधा लेटाया और उसके दोनों पैरों को फैलाकर अपने घुटनों के बल उसकी जांघो के बीच में बैठ गया और फिर मैंने अपने लंड का टोपा नम्रता की चूत के छेद पर रखा तो वो चूतड़ उठाने लगी. फिर में उससे बोला कि अब तुम तैयार हो जाओ में तुम्हे आज जन्नत की सैर करवाता हूँ? तो वो बोली कि प्लीज थोड़ा जल्दी करो मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है. फिर मैंने थोड़ा ज़ोर लगाया, लेकिन लंड अंदर नहीं गया, क्योंकि उसकी चूत अभी तक कुवारी थी मैंने उसकी चूत पर थोड़ा सा तेल लगाया और अपने लंड पर भी बहुत सारा तेल लगा लिया.

लंड को चूत के मुहं पर रखकर एक ज़ोर का धक्का मारा तो मेरा लंड 5 इंच अंदर धंस गया, लेकिन वो ज़ोर से चीख उठी उई  उई  मम्मी और बोलने लगी कि प्लीज इसे बाहर निकालो, नहीं तो में मर जाउंगी, प्लीज बाहर निकालो और फिर वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी. मैंने उससे कहा कि थोड़ी सी देर और सह लो जानू, उसके बाद तुम्हे बहुत मज़ा आएगा और फिर में वैसा ही पड़ा रहा और उसके बूब्स चूसने लगा तो उसका दर्द कुछ कम हुआ तो वो नीचे से झटके देने लगी और में धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा और वो आवाज़े निकालने लगी. फिर मैंने एक ज़ोर का झटका मारा और लंड उसकी सील तोड़ता हुआ 5 इंच अंदर घुस गया और वो रोने लगी.

इसके बाद उसे चुदाई करने लगा और हल्का हल्का धक्का मारता रहा. उसकी चूत से खून निकल रहा था और जब वो थोड़ा शांत हुई तो मैंने एक और ज़ोर का झटका मारा तो लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ पूरा अंदर घुस गया. वो फिर से चीखने, चिल्लाने लगी, लेकिन में इस बार नहीं रुका और ज़ोर ज़ोर से झटके मारता रहा और वो चिल्लाती रही. में धक्के मारता रहा और अब कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी अपनी गांड को उठा उठाकर मेरा साथ देने लगी और बोल रही थी कि हाँ चोदो मुझे और ज़ोर से आआहह अहहहहह फाड़ दो आज मेरी चूत को, बहुत दिनों से इसमे ज्यादा खुजली हो रही थी ऊउईईईइ माँ हाँ तुम आज इसकी खुजली को मिटा दो आहह उूऊहह हाँ और ज़ोर ज़ोर से चोदो मुझे.

उसके इन बातों ने सेक्स की टाइमिंग को बढ़ावा दिया. मैंने अपने धक्को की स्पीड को तेज़ कर दिया और भी तेज़ नम्रता को चोदने लगा और अब मेरा 8 इंच का पूरा लंड बहुत तेज़ी से नम्रता की चूत के अंदर बाहर हो रहा था. पूरा कमरा फ़च फ़च और नम्रता की चीखने चिल्लाने की आवाजो से गूँज रहा था, लेकिन अब मुझे तो जन्नत का मज़ा आ रहा था. में अब उसे डोगी स्टाइल में चोदने लगा और 5 मिनट तक बिना रुके तेज़ तेज़ धक्के मारने के बाद में नम्रता की चूत के अंदर ही झड़ गया और उसकी चूत को अपने वीर्य से पूरा भर दिया. नम्रता की चूत ने भी अपना पानी छोड़ दिया था और अब हम दोनों हाफ रहे थे. में उसको किस करते हुए उसके ऊपर लेटा रहा. दोस्तों उस दिन के बाद हमने कई बार चुदाई की और मजे लिये. और अब में चुदाई करने बाद तुरंत सो जाता हूँ.

What did you think of this story??






अन्तर्वासना इमेल क्लब के सदस्य बनें


हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !


* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।