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पड़ोस वाली रांड की चूत में झटके

Posted on:- 2022-02-15


नमस्कार मेरे मित्रगणों  और सुनाइए कैसे आप सब , मेरा नाम विराज सिंह  है, आज में आपके लिए फिर से एक चोदा पेली  भरी स्टोरी लेकर आया हूँ, जो 4 साल पहले की बात है. मेरे सारे घरवाले बरीपदा में थे और में पढाई के लिए बालासोर में अपने बड़े भाई के पास गया हुआ था. अब वहाँ मेरा बड़ा भाई सुबह काम पर जाता था और में स्कूल जाता था. में स्कूल से तक़रीब 3 बजे तक आ जाता था और भाई शाम को 5 बजे आता था, इसलिए में घर में अकेला ही होता था. उस वक्त मेरी उम्र 18 साल की थी और में 10वीं क्लास में पढता था. मेरे मित्रगणों  क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला  लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है.

 

 

 

 ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना  लड खड़ा ही हो जायेगा  एक दिन में स्कूल से आया और खाना खाकर बैठा था कि तभी डोर बेल बजी, तो मैंने जाकर गेट खोला तो, तो में क्या देखता हूँ? कि मेरे सामने एक खूबसूरत औरत खड़ी है, फेस से बिल्कुल चुदकड़ , उम्र कोई 25-27 साल की होगी, गोल-गोल दूध . फिर मेरे पूछने पर उसने बताया कि वो पड़ोस में रहती है और नई-नई आई है इसलिए पड़ोसियों से मिलने आई थी मेरे मित्रगणों  चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है     .

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 क्या बताऊ मेरे मित्रगणों   उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये फिर उसने कहा कि क्या में अंदर आ सकती हूँ? तो मैंने उन्हें अंदर आने दिया. फिर वो थोड़ी देर बैठकर गपशप लगाती रही. अब 4 बज गये थे, तो मैंने उससे कहा कि मेरा भाई आ जाएगा. फिर वो उस दिन चली गयी और प्यार से मुझे राजा कहकर चली गयी. फिर दूसरे दिन वो फिर से आई और गपशप की. अब वो रोज-रोज आने लगी थी और उसकी और मेरी अच्छी दोस्ती हो गयी थी. मेरे मित्रगणों  मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है.

 

 

 मेरे मित्रगणों  क्या मलाई वाला माल लग रहा था        उसने मुझको बताया कि उसका पति रात को 1 बजे घर आता है, क्योंकि वो कॉल सेंटर में काम करता है इसलिए उसको उसके साथ गपशप करने का मौका नहीं मिलता है इसलिए वो मेरे पास आती है. फिर मैंने भी कहा कि ठीक है और फिर मैंने भी उसको अपने बारे में सब कुछ बताया. अब आंटी रोज सुबह मुझको स्कूल जाते हुए देखती थी और उनका घर मेरे घर के बिल्कुल सामने था, क्योंकि हम लोग फ्लेट में रहते थे. चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए.

 

 

 साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है फिर एक दिन मेरा स्कूल जाने का मन नहीं किया, तो आंटी ने सोचा कि कोई गड़बड़ है. फिर जब मेरा भाई चला गया तो वो मेरे घर आई और पूछा कि आज स्कूल क्यों नहीं गये? तो मैंने कहा कि मेरी तबीयत ख़राब है इसलिए नहीं गया और फिर में सो गया और आंटी मेरे पास ही बैठी थी. अब सुनिए चुदाई की असली कहानी.

 

 

 मेरे मित्रगणों  एक बार चोदते  चोदते  मेरा लंड घिस गया थोड़ी देर के बाद मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि आंटी मेरी पेंट के ऊपर से ही मेरे लंड को चूस रही थी और अपना एक हाथ फैर रही थी. तो में हैरान रह गया कि आंटी ये क्या कर रही है? फिर में भी सोने का बहाना करने लगा और लेटा रहा. वहा का माहौल बहुत अच्छा था  मेरे मित्रगणों  .

 

 

 मेरे मित्रगणों  उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया कुछ देर के बाद जब आंटी ने देखा कि में कोई हरकत नहीं कर रहा हूँ, तो वो आराम से मेरे लंड के साथ खेलने लगी. अब मेरा लंड खड़ा होकर डंडा बन गया था. फिर आंटी ने ये देखा तो वो खुश हो गयी और उसको पकड़कर रगड़ने लगी. अब उस वक़्त मेरा लंड इतना बड़ा नहीं था, आज तो मेरा लंड उससे भी बड़ा है. वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों .

 

 

 मेरे मित्रगणों  चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया फिर तभी आंटी ने उसको पकड़ा और मेरे टोपे को अपने हाथ में पकड़कर दबाने लगी. अब मुझको मज़ा आ रहा था. अब आंटी अपने एक हाथ से मेरे लंड को मसल रही थी और उसका दूसरा हाथ उसकी टांगो के बीच में था. फिर थोड़ी देर के बाद आंटी अपना मुँह मेरे लंड के करीब लाई और उसको एक किस किया. अब मुझको मज़ा आ रहा था और मुझको पता नहीं था कि वो क्या कर रही है? लेकिन मुझको बहुत मज़ा आ रहा था. अब मेरा लंड उनके मुँह में जाते ही वो झटके से मेरे लंड को अपने मुँह में आगे पीछे करने लगी थी और मुझको बहुत मज़ा आ रहा था. ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मेरे मित्रगणों  .

 

 

 मेरे मित्रगणों  एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया थोड़ी देर के बाद मेरे लंड में से गर्म पानी निकल पड़ा तो में समझा कि पेशाब है, लेकिन मुझको बाद में पता चला कि वो स्पर्म है जो मर्द का जोश ठंडा करने के लिए निकलता है. अब उसके बाद में ठंडा पड़ गया था. अब आंटी ने अभी भी मेरा लंड नहीं छोड़ा था और अपने मुँह में लिया हुआ था और मेरा सारा वीर्य उनके मुँह से बाहर निकल रहा था. उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों  गजब .

 

 

 मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मेरे मित्रगणों   फिर उन्होंने मेरे लंड को अपनी जीभ से साफ किया और मेरी पेंट की चैन बंद कर दी और फिर उसके बाद वो अपने घर चली गयी. फिर वो शाम के टाईम आई, तो वो मेरी तरफ देखकर शर्मा रही थी. अब में भी उनको दूसरी नजरों से देख रहा था. फिर वो मेरे पास आकर बैठ गयी और मुझसे कहा कि विराज सिंह  तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है क्या? तो मैंने कहा कि नहीं है. तो उन्होंने कहा कि आज से में तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूँ और ये कहकर उन्होंने मुझको अपने सीने से लगा लिया. क्या बताऊ मेरे मित्रगणों  मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया.

 

 

 कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था  अब में उनके बड़े-बड़े दूध  का मज़ा ले रहा था. फिर थोड़ी ही देर के बाद वो मुझको पागलों की तरह किस करने लगी तो मैंने कुछ नहीं कहा. अब पहले तो वो मेरे चेहरे पर किस कर रही थी और फिर उसके बाद उन्होंने मेरे होंठो पर किस करना शुरू कर दिया और फिर उसके बाद उन्होंने मेरे मुँह में अपना मुँह डालकर अपनी जीभ मेरी जीभ के साथ मिलाकर मेरी जीभ को चूसने लगी. अब मुझको मज़ा आ रहा था जिसकी वजह से मेरा लंड खड़ा हो गया था, जो उनकी टांगो के बीच में लग रहा था. फिर तभी उन्होंने कहा कि राजा मेरी टांगो के बीच में क्या लग रहा है? तो में शर्मिंदा सा हो गया. उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये .

 

 

फिर उन्होंने किस छोड़कर मेरी पेंट की चैन खोल दी और मेरा लंड बाहर निकाल लिया और मुझसे कहने लगी कि विराज सिंह  तुम्हारा लंड बहुत अच्छा है, तो में शर्मा गया. फिर उन्होंने मेरी पेंट उतार दी. अब में आराम से खड़ा हुआ था और फिर उसके बाद उन्होंने मेरी शर्ट भी उतार दी. अब में उनके सामने नंगा खड़ा हुआ था, अब मुझको शर्म आ रही थी. मेरे मित्रगणों  मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है.

 

 

 उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है उन्होंने मेरा एक हाथ पकड़ा और अपने दूध  पर रख दिया और कहा कि इसको दबाओ, तो में उसको दबाने लगा. अब मुझको बहुत मज़ा आ रहा था जिसकी वजह से मेरा लंड और भी तन गया था. फिर उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया और उससे खेलने लगी. फिर उसके बाद उन्होंने अपने कपड़े भी उतारने शुरू कर दिये. पहले तो उन्होंने अपनी कमीज उतारी, उन्होंने नीचे ब्रा पहनी हुई थी, वो भी उतारी और फिर मुझसे कहा कि अब इनसे खेलो. मेरे मित्रगणों  एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया.

 

 

 मेरे मित्रगणों  चोदते  चोदते  कंडोम के चीथड़े मच गए अब में उनके दूध  को पकड़कर खेलने लगा था और वो मुझको साथ में गाइड करने लगी थी. फिर थोड़ी देर के बाद उन्होंने मुझको एक गोली दी, जो मैंने खा ली.

 

 ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है उन्होंने मुझसे कहा कि मेरे दूध  को चूसो, तो में बच्चों की तरह उनके दूध  को चूसने लगा, तो कभी उनके एक निपल को अपने मुँह में लेता, तो कभी उनके दूसरे निपल को अपने मुँह में ले रहा था, उनके निपल बड़े-बड़े थे और तनकर खड़े हो गये थे, उनके निपल काले रंग के थे. अब में उनको चूस रहा था और वो मेरे लंड को अपने एक हाथ में पकड़कर मसल रही थी. फिर उन्होंने अपनी सलवार उतारी और फिर अपनी पेंटी भी उतार दी. तो मैंने देखा कि उनकी टांगो के बीच में काफ़ी बाल थे. एक बार मैंने अपने मौसी की लड़की को जबरजस्ती चोद दिया.

 

 है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई फिर वो अपनी दोनों टाँगे खोलकर लेट गयी और फिर उन्होंने मुझको अपनी चूत दिखाते हुए बोला कि इसको चाटो. फिर मैंने उनका हुक्म सुनते ही उसको चाटना शुरू कर दिया. अब उनके मुँह से बहुत अजीब सी आवाज़े निकल रही थी, आह विराज सिंह  मजा आ रहा है और फिर वो भी उल्टी हो गयी और मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया. मेरे मित्रो मामा की लड़की की चुदाई में बड़ा मजा आया.

 

 

 मेरे मित्रगणों  कई बार जबरजस्ती शॉट मरने में चुत से खून निकल गया अब उनकी चूत मेरे मुँह पर थी और अब वो मेरा लंड चूस रही थी और में उनकी चूत को चाट रहा था. फिर तभी उन्होंने कहा कि विराज सिंह  इसमें उंगली करो, मुझको पता नहीं था कि कहाँ उंगली करनी है? तो मैनें उनसे पूछा कि कहाँ? उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था मेरे मित्रगणों  .

 

 

 उसकी बूब्स  देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी   फिर उन्होंने अपनी चूत में मेरी एक उंगली डालकर बताया कि यहाँ. फिर मैंने उनकी चूत में उंगली करना शुरू किया और वो मेरा लंड चूस रही थी. फिर थोड़ी देर के बाद उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया, तो जब उनकी चूत में से पानी निकला, तो मैंने अपना मुँह हटा लिया और उनसे कहा कि आंटी आपने मेरे मुँह में पेशाब कर दिया है. फिर उन्होंने कहा कि ये पेशाब नहीं है, ये मेरी गर्मी थी जो निकल गयी है, तो मैंने कहा कि ठीक है. मेरे मित्रगणों  मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु .

 

 

 उसको पेलने की इच्छा दिनों से है मेरे मित्रगणों  फिर थोड़ी देर के बाद वो बेड पर लेट गयी और मुझको खड़ा होने को कहा. तो में उनकी चूत के पास खड़ा हो गया. फिर उन्होंने अपनी दोनों टाँगे उठाकर अपने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत में डाला और कहा कि विराज सिंह  अब आराम से आगे हो जाओ. अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता मेरे मित्रगणों  . 

 

 

 मेरे मित्रगणों  मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार में आराम से आगे हुआ तो मेरे लंड का टोपा उनकी चूत में चला गया, उनकी चूत इतनी गर्म थी कि जिस तरह कोई चीज आग से नीचे उतारी हो. फिर मैंने कहा कि आंटी ये तो बड़ी गर्म है. फिर उन्होंने कहा कि ये इसी तरह होती है और उनके .मुँह से आह की आवाज निकली और मेरे लंड को पकड़कर और अंदर किया. फिर आहिस्ता-आहिस्ता मेरा पूरा लंड उनकी चूत में चला गया. उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया मेरे मित्रगणों   जैसे उसके चुत में माखन भरा हो.

 

 

 उसको देखने बाद साला चुदाई भूत सवार हो जाता मेरे मित्रगणों  आंटी ने कहा कि अब आराम से आगे पीछे हो, लेकिन लंड चूत में से बाहर ना निकले. अब में आराम से झटके मारने लगा था. अब मुझको बहुत मज़ा आ रहा था और ऐसा लग रहा था कि जैसे में हवा में उड़ रहा हूँ. अब आंटी ने अपने हाथ हटा दिये थे और कहा कि हाँ विराज सिंह  इसी तरह झटके मारो. फिर थोड़ी देर के बाद में झटके मारता-मारता थक गया तो मैंने कहा कि आंटी में झटके मार-मारकर थक गया हूँ. मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू    तब तक ठीक नहीं होता.

 

 

 एक बात और मेरे मित्रगणों  चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है फिर उन्होंने मुझको लेटा दिया और वो मेरे ऊपर आ गयी और अपनी चूत को मेरे लंड के ऊपर रख दिया और मेरा पूरा लंड अपनी चूत में ले लिया और अब वो ऊपर नीचे होने लगी थी. फिर क़रीब 45 मिनट तक वो इस तरह से करती रही और अब उनकी चूत से पानी निकल रहा था. उह यह उसकी नशीली आँखे में एक दम  चुदकड़ अंदाज है.

 

 

 मेरे मित्रगणों  देखने से लगता है की वो पका चोदा पेली का काम करती होगी उन्होंने मुझसे उनकी निपल्स को अपने हाथ में पकड़कर चूसने के लिए कहा, तो मैंने ऐसा ही किया. फिर उसके बाद जब वो थक गयी तो फिर उन्होंने मुझको खड़ा किया और खुद बेड पर लेट गयी और अपनी दोनों टाँगे मेरे कंधे पर रख़ ली और मुझसे कहा कि झटके मारो, तो मैंने झटके मारने शुरू कर दिये. फिर मैंने आंटी से कहा कि मुझको पेशाब आ रहा है. तो वो समझ गयी की में झड़ने वाला हूँ, तो आंटी ने कहा कि मेरी चूत में ही छोड़ दो. मेरे मित्रगणों  चुत को चाटेने के  समय उसके बूर के बाल मुँह में आ रहे थे  .

 मेरे मित्रगणों  मुझे तो कभी कभी चुत के दर्शन मात्र से खूब मजा आता क्योकि मई पहले बहुत बार अपने मौसी के लड़की  को बिना पैंटी के देखा था  वाह क्या मजा आया था फिर जब में पूरी तरह से झड़ गया तो आंटी ने अपनी जीभ से मेरे लंड को साफ किया. फिर थोड़ी देर तक हम इसी तरह से पड़े रहे. फिर मैंने देखा कि 5 बजने वाले है तो मैंने आंटी से कहा कि भाई के आने का वक़्त हो गया है, अब आप जाओ. फिर उन्होंने अपने कपड़े पहने और चली गयी. अब चुदाई करने को  १००% तैयार थी  .

 मन कर रहा था कब इसे चोद लू मेरा लंड समझने  को तैयार नहीं था . में रात को उन्ही के बारे में सोचता रहा और फिर सुबह भाई ने जबरदस्ती मुझे स्कूल भेजा. फिर जब में स्कूल से वापस आया तो आंटी फिर से मेरे घर आई और मैंने फिर से उसको चोदा. फिर यह सिलसिला करीब 2 साल चलता रहा और मैंने 12वीं क्लास पास कर ली और फिर भाई ने मुझको बरीपदा भेज दिया. अब बिना चुदाई के रह नहीं सकता था मेरे मित्रगणों  मै पागल सा हो गया ओह ओह ओह है कब लंड को घुसा दू ऐसा लग रहा था मेरे मित्रगणों  .

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