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कविता ने अपने बॉस को खुश किया

Posted on:- 2021-08-27


नमस्कार मेरे मित्रगणों  और सुनाइए कैसे आप सब , मेरा नाम कुलवंत दस  है और मेरी उम्र 35 साल है. में मुंबई का रहने वाला हूँ और आज में आपको एक ऐसी घटना सुनाने जा रहा हूँ, जिसको सुनने के बाद आप ये सोचने के लिए मजबूर हो जाएँगे कि किस तरह से एक लड़की अपने शरीर का इस्तेमाल अपने जीवन में प्रगति के लिए करती है. मोटी गांड वाली लड़कियों की बात ही कुछ और है.


क्या गजब चुदकड़ अंदाज थी आज में आपको एक ऐसी घटना जिसे मैंने अपनी आँखों के सामने देखा है सुनाने जा रहा हूँ. ये कहानी किसी और की नहीं बल्कि मेरी अपनी पड़ोसी की है, जो अकेली रहती है और उसने अपनी नौकरी में प्रमोशन पाने के लिए एक रात के लिए अपने आपको अपने बॉस के हवाले कर दिया था, जिसका नाम कविता है और उसकी उम्र 25 साल की है. फिर एक दिन कविता ने मुझे बताया कि उनका बॉस कल यहाँ आ रहा है, तो तब में उनकी बात को समझ नहीं पाया था, लेकिन फिर अगले दिन जब रात के 7 बज़े कविता पूरी तरह से तैयार होकर कहीं जाने लगी. फिर मैंने कविता से पूछा, तो उन्होंने बताया कि वो अपने बॉस को लेने जा रही है. में समझ गया कि आज कविता अपनी रात बॉस के साथ बिताएँगी. लड़किया क्युआ गजब चुदकड़ होती है दोस्तों

 मेरे मित्रगणों  क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गयाफिर जब कविता एक हैंडसम और स्मार्ट आदमी के साथ रूम पर कुछ देर के बाद आई, तो में समझ गया कि वो कोई और नहीं उनका बॉस ही था. फिर खाना खाने के कुछ देर के बाद कविता ने बॉस को अपने बेडरूम में चलने के लिए बोला, तो बॉस कविता के बेडरूम में चला गया. फिर कविता ने मुझसे आकर बोला कि वो आज रात बॉस को खुश करने जा रही है, अब उनका प्रमोशन हो जाएगा. फिर मैंने कहा कि ये क्या ठीक है? तो कविता वहाँ से बाथरूम में चली गयी और वहाँ से कुछ देर के बाद कविता ब्रा और पेंटी पहनकर बाहर आई और बॉस के पास चली गयी. फिर मैंने देखा कि कविता जब बॉस के पास गयी तो बॉस ने मुस्कुराते हुए कविता की चूत के ऊपर अपना हाथ फैरते हुए पूछा कि ये तो बिल्कुल ही टाईट है. फिर कविता ने जबाब दिया कि हाँ ये अभी तक कुंवारी है. मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला  लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है.


 मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है कविता बेड पर जाने के बाद अपनी पीठ को ऊपर करके लेट गयी. फिर तब बॉस ने कविता की पेंटी को अपने दोनों हाथों से पकड़कर खोल दिया और उनकी पेंटी को पूरी तरह से उतार दिया और फिर कविता की जाँघ पर बैठ गया. अब कविता ने बाथरूम से आते ही अपनी ब्रा को भी खोल दिया था और अब उनकी चुदाई का समय आ गया था. फिर कविता बेड पर आकर लेट गयी, तो उनका बॉस कविता की चूत को देखकर उसे चोदने के लिए उतावला हो रहा था. फिर बॉस ने कविता की दोनों टांगों को फैलाया और अपनी कविता की दोनों टांगो के बीच में आकर कविता की कमर के पास बैठ गया. फिर उसने कविता की चूत पर अपना लंड सटाया और कविता ने अपने दोनों हाथों से अपनी चूत को फैलाया. ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना  लड खड़ा ही हो जायेगा .


 मेरे मित्रगणों  चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है     फिर बॉस ने कविता की चूत पर अपना लंड रखने के बाद अपनी कमर को हल्का सा झटका मारा, तो कविता के मुँह से आहह की चीख निकली, लेकिन कविता की चूत में बॉस का लंड नहीं गया. फिर बॉस ने अपने मुँह से थोड़ा सा थूक निकाला और कविता की चूत को फैलाते हुए अपने थूक को कविता की चूत पर रगड़ दिया. क्या बताऊ मेरे मित्रगणों   उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये.


 मेरे मित्रगणों  मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है फिर बॉस ने अपने लंड को कविता की चूत पर रखकर पहले की अपेक्षा ज़्यादा ज़ोर से झटका लगाया, तो कविता पहले की अपेक्षा ज़ोर से चिल्लाई और कविता ने सरसों के तेल को लाने के लिए बोला. फिर बॉस किचन से सरसों का तेल का डब्बा लेकर जब कविता के रूम में गया, तो कविता की पोज़िशन को देखकर बॉस सेक्स करने के लिए बैचेन हो गया. फिर बॉस ने डब्बे से तेल निकाला और कविता की चूत को फैलाते हुए उसमें तेल लगाया और उसके बाद अपने लंड को तेल के डब्बे में डाल दिया और उसके बाद अपने लंड को कविता की चूत के ऊपर रखा और एक ज़ोर से झटका मारा, तो तब भी कविता की चूत में लंड नहीं गया. मेरे मित्रगणों  क्या मलाई वाला माल लग रहा था    .


 चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए फिर कविता ने अपनी चूत में बॉस के लंड को घुसाने के लिए बोला, तो बॉस ने कविता की जाँघो को और फैलाया. अब कविता की चूत का छेद बिल्कुल ही साफ दिख रहा था. फिर कविता ने बॉस को अपने लंड का टोपा उसकी चूत के छेद में डालने के लिए बोला. फिर बॉस ने अपने लंड के टोपे को कविता की चूत के छेद में डाल दिया. साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है.


 अब सुनिए चुदाई की असली कहानी बॉस ने कविता के दोनों हाथों को दीवार से लगी एक लकड़ी को ज़ोर से पकड़ने के लिए बोला, तो कविता ने उसे अपने हाथों से पकड़ लिया. फिर कविता ने बॉस को अपनी कमर को पकड़कर ज़ोर से झटका मारने के लिए बोला. फिर बॉस ने कविता की कमर को पकड़कर एक ज़ोर का झटका मारा, तो कविता की दर्द के मारे नईईईईईईईई की आवाज़ के साथ ज़ोर से चीख निकली. तो उसे सुनकर बॉस ने कविता का मुँह अपने मुँह से बंद कर दिया. मेरे मित्रगणों  एक बार चोदते  चोदते  मेरा लंड घिस गया.


 वहा का माहौल बहुत अच्छा था  मेरे मित्रगणों    मैंने देखा कि कविता की चूत से ब्लडिंग होने लगी थी. फिर तभी कविता ने बॉस को उसकी चूत में धक्के लगाने के लिए बोल दिया. फिर बॉस ने कविता की कमर पर से अपने हाथ हटाते हुए अपने दोनों हाथों से कविता की दोनों चूचीयों को पकड़ लिया और अपनी कमर को हिलाना जारी रखा. अब कविता के मुँह से आह आह, उहह उऊहह, ओह ऊफफफफ्फ़, उईईईईईईइ माँ, आहहा की आवाजे निकल रही थी, जो उनके बॉस को और भी जोश में ला रही थी. मेरे मित्रगणों  उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया.


 वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों   अब उधर बॉस उनकी चूत के अंदर और अंदर अपने लंड को ले जाने के लिए अपनी कमर से ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगा रहा था और कविता दर्द के मारे आआहहह, उईईईईईईइ माँ की आवाजे निकाल रही थी. फिर मैंने देखा कि कविता की चूत में उसके लंड का कुछ भाग अंदर चला गया था. अब कविता कुछ देर तक ज़ोर-ज़ोर से चीखने के बाद शांत होने लगी थी और मस्ती के साथ आहें भरने लगी थी. मेरे मित्रगणों  चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया


 ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मेरे मित्रगणों   फिर बॉस ने एक ज़ोर से झटका मारा तो कविता ने फिर से अपने हाथ को अपनी चूत तक ले जाकर उनके लंड को निकालना चाहा और ज़ोर से आआहह, आहह, उहह उऊहह, ओह ऊफफफफफफफ्फ़, आअहह, उईईईईईईइ माँ की आवाजे उसके हर एक झटके के साथ देते हुए अपने पूरे बदन को तोड़ते हुए अपना विरोध जताया. मेरे मित्रगणों  एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया.
 उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों  गजब   में वहाँ से हट गया, क्योंकि उस समय तक कविता की चूत में बॉस का 4 इंच लंड पूरा चला गया था. अब कविता को भी मज़ा आने लगा था, अब कविता भी पूरी मस्ती में दिख रही थी और अपनी मदमस्त भरी आवाज़ से मदहोश कर रही थी और आआहह, आहहआआआ करते हुए इस तरह से बोले जा रही थी. अब कविता अपने बॉस का 4 इंच का लंड अपनी चूत के अंदर लेने में सफल हो चुकी थी. अब कविता पूरी तरह से खुलकर अपने बॉस का पूरा सहयोग दे रही थी. फिर इस तरह से कविता ने अपनी जवानी को उस रात पूरी रात तक अपने बॉस के हवाले कर दिया और अपने प्रमोशन के लिए अपने रास्ते को आसान कर लिया. मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मेरे मित्रगणों चोदने के बाद थोड़ा रिलेक्स हुआ भाइयो क्या गजब मजा जब माल अच्छा हो तो कौन नहीं  चोदना चाहेगा  है न मेरे मित्रगणों  आया.

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