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कामवाली को पटाकर खूब चोदा

Posted on:- 2021-08-24


नमस्कार मेरे मित्रगणों  और सुनाइए कैसे आप सब , मेरा नाम दानवीर  है और मेरी उम्र 28 साल है, में शोणभद्र  का रहने वाला हूँ और मेरी लम्बाई 6.11 और मेरा वजन 67 किलो अच्छा दिखता सुंदर शरीर और मेरे लंड का आकार 7.5 है, में वैसे भावनगर का रहने वाला हूँ, लेकिन में पहले अपनी पढ़ाई और अब अपनी नौकरी भी में मुंबई  से कर रहा हूँ और इसलिए में एक फ्लेट किराए लेकर पर अपने मकान मालिक के साथ रहता हूँ. मोटी गांड वाली लड़कियों की बात ही कुछ और है.


लड़किया क्युआ गजब चुदकड़ होती है दोस्तों मेरा अपने ऑफिस जाने का समय रात का होता है तो इसलिए में पूरे दिन अपने फ्लेट पर बिल्कुल अकेला रहता हूँ और वैसे तो में सब लड़को में बहुत शरमीले स्वभाव का हूँ, लेकिन मेरी भी कुछ ख्वाहिशे इच्छाए होती है, वैसे में जब अपने रूम पर होता हूँ तो में अधिकतर समय सिर्फ़ छोटे कपड़े ही पहनता हूँ, इसलिए उन कपड़ो से मेरी छाती पूरी खुली रहती है और उसमें से मेरे बदन का आकार साफ साफ दिखते है. मेरे मित्रगणों  क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया.


 मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला  लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है अब में अपनी तारीफ को यहीं पर रोककर सीधे अपनी आज की कहानी पर आता हूँ, जिसमें मैंने मेरे घर पर घर का काम करने आने वाली एक लड़की को चोदा और उसके सेक्सी बदन के बहुत मज़े लिए. दोस्तों वैसे तो में पिछले कुछ सालों से सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ, लेकिन मुझे लिखने का इतना कोई अनुभव नहीं है, इसलिए में आप सभी लोगों से आग्रह करना चाहता हूँ कि आप लोग मेरी गलतियों को माफ़ जरुर करे. मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है.


 ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना  लड खड़ा ही हो जायेगा  दोस्तों हमारी रसोई में काम करने के लिए एक सेक्सी आंटी हर दिन आती है और वो कुछ देर रुककर रसोई में खाना बनाकर साफ सफाई करके तुरंत. .चली जाती है, क्योंकि वो बहुत थक जाती है और वो सीधी अपने घर पर जाती है. मेरे मित्रगणों  चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है    .


 क्या बताऊ मेरे मित्रगणों   उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये दोस्तों में अपने काम पर से आकर सीधा सो जाता हूँ और फिर वो हर दोपहर को करीब ही 2.30 बजे बर्तन साफ करने आती है, क्योंकि 2.30 बजे मेरे रूम पर कोई भी नहीं होता है, इसलिए में तब तक सोया रहता हूँ और में हमेशा अपने फ्लेट का दरवाजा खुला ही रख देता हूँ ताकि वो आंटी सीधी आकर खाना बनाकर, बर्तन साफ करके चली जाए और में दोपहर को सोते वक्त सिर्फ़ अपनी अंडरवियर में ही होता हूँ और में कभी कभी तो पूरा नंगा ही सो जाता हूँ, लेकिन जब आंटी आती है, तब में अपने बदन पर कंबल डाल लेता हूँ, क्योंकि उसके रसोई में जाकर बर्तन साफ करने के लिए रास्ता मेरे बेडरूम से ही गुजरता है. मेरे मित्रगणों  मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है.


 मेरे मित्रगणों  क्या मलाई वाला माल लग रहा था     एक दिन रसोई में खाना बनाते समय आंटी ने मुझसे कहा कि अब बर्तन साफ करने के लिए उसकी एक लड़की है और जिसका नाम सपना सुहाना  है, वो आएगी क्या आपको इससे कोई दिक्कत तो नहीं है? तो मैंने उनसे कहा कि मुझे इसमें कोई भी आपत्ति नहीं है, आपका काम है आप कैसे भी करो चाहो आप करो या किसी से करवाओ, मेरा तो काम हो रहा है और वो कुछ देर बाद मुझसे बात करके अपने काम में लग गई चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए.
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 साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है फिर कुछ देर बाद अपना काम खत्म करके वो चली गई. फिर दूसरे दिन दोपहर को जब में सो रहा था, तभी किसी ने दरवाजे पर लगी घंटी बजाई तो में उठकर शॉर्ट पहनकर दरवाजा खोलने चला गया, जो पहले से ही खुला पड़ा था और फिर मैंने देखा कि सामने एक लड़की खड़ी हुई थी और में उसको देखकर बहुत चकित हो गया, क्योंकि इतने अच्छे आकार का फिगर मैंने बहुत कम देखा था, उसके बहुत बड़े आकार के बूब्स थे, दिखने में वो एकदम सेक्सी पटाका लग रही थी और उसने जीन्स टी-शर्ट पहनी हुई थी जिससे उसकी भरी हुई जांघे और उभरी हुई गांड दिखाई दे रही थी. अब सुनिए चुदाई की असली कहानी मेरे मित्रगणों  एक बार चोदते  चोदते  मेरा लंड घिस गया.

 वहा का माहौल बहुत अच्छा था  मेरे मित्रगणों   फिर मुझे थोड़ी सी शरम भी आई, क्योंकि में उस समय उसके सामने सिर्फ़ शॉर्ट ही पहने खड़ा था और वो भी बहुत ऊपर हो गयी थी, जिसकी वजह से मेरी अंडरवियर भी दिखाई दे रही थी, वो लड़की भी मेरी अंडरवियर को देखकर शरमा गई थी, लेकिन फिर उसने मुझसे कहा कि वो मेरे घर पर बर्तन साफ करने आई है और वो ही सपना सुहाना  है, जिसके बारे में कल उसकी माँ ने मुझसे कहा था. मेरे मित्रगणों  उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया.


 वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों   दोस्तों मुझे तो पहले उसकी कही बात पर बिल्कुल भी यकीन ही नहीं हुआ कि वो मेरे घर पर काम करने आई है और में कुछ देर तक लगातार उसको खा जाने वाली नजर से घूर घूरकर देखता रहा और फिर मैंने उसे अंदर बुलाया और किचन के अंदर ले जाकर सब कुछ समझा दिया और अब मैंने उससे कहा कि हर रोज दरवाजा पहले से ही खुला होगा, तुम बिना घंटी बजाए अंदर आ जाना, वो मेरी सभी बातें समझ गई और फिर मैंने अपने शरीर पर कंबल डाल लिया और अब में लेटकर सोने की कोशिश करने लगा, लेकिन अब बहुत देर तक लेटे रहने के बाद भी मुझे नींद नहीं आ रही थी और वो मेरे दिमाग़ से निकल ही नहीं रही थी, मुझे अब बस बार बार उसे पकड़कर चोदने के ही ख्याल आ रहे थे. मेरे मित्रगणों  चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया.


 उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों  गजब दोस्तों अब में उसको कैसे भी अपनी बातों में फंसाकर अपनी तरफ करना चाहता था, लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि वो मेरे बारे में क्या सोचती है, में डरता था कि कहीं वो अच्छी लड़की निकली तो? और उसकी इन कामों में अगर बिल्कुल भी रूचि नहीं हुई तो क्या होगा? और में किसी शरीफ लड़की के साथ जबरदस्ती करके उसको चोदना नहीं चाहता था. मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मेरे मित्रगणों . 


 क्या बताऊ मेरे मित्रगणों  मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया एक दिन दोपहर को जब दरवाजा खुलने की आवाज़ आई तो मैंने अपना मोबाईल का वीडियो चालू कर दिया और फिर अपने फोन को मैंने पास में सेट कर दिया और उसके बाद मैंने अपने चेहरे पर कंबल को डाल लिया और मेरा एक पैर दिखाई दे, इसलिए मैंने कंबल को अपने एक पैर से हटा लिया और अब मेरी छाती और मुहं पूरा ढका हुआ था, लेकिन नीचे से में सिर्फ़ अंडरवियर में ही था और अब तक मेरा लंड भी खड़ा हो गया था और में अब पूरी तरह से सेट था..

 कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था  अब मुझे कुछ देर बाद किचन से बर्तन उठाने की आवाज़ आई और फिर मेरे रूम का दरवाजा भी खुला, लेकिन मुझे कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था, में बस आवाजे सुन सकता था. उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये .


 मेरे मित्रगणों  मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है  मैंने उसे गेलरी में जाते हुए सुना कुछ देर बाद वो अपना सभी काम पूरा करके चली गयी और फिर मैंने तुरंत उठकर अपने मोबाईल पर वो वीडियो देखा कि उसका मुझे देखकर कैसी प्रतिक्रिया होती है और मैंने देखा कि वो जब मेरी रूम में आई, तब वो मुझे देखती है और शरमा जाती है और वापस चली जाती है, लेकिन मेरे मुहं पर कंबल होने की वजह से वो भी मुझे बिल्कुल बेफिक्र होकर देखती है, उसके गेलरी में जाकर मुझे ऐसी हालत में देखती और कुछ देर खड़ी मुस्कुराती रहती है और उसके बाद वो चली गई. दोस्तों मुझे उसकी यह सभी हरकते देखकर अब मुझ में भी बहुत हिम्मत आ जाती है कि वो भी कोई शरीफ नहीं है और शायद वो भी मुझसे चुदवाना चाहती है. उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है.


  मेरे मित्रगणों  एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया फिर दूसरे दिन मैंने जानबूझ कर बर्तन साफ करने का साबुन कहीं छुपा दिया और फिर में वैसा ही सो गया जैसे मैंने पिछले दिन किया था. फिर जब वो आई तो तब तक मैंने अपने मोबाईल का वीडियो चालू कर दिया था. फिर से मैंने उसके अंदर आने की आवाज़ सुनी और वो गेलरी में चली गई. मेरे मित्रगणों  चोदते  चोदते  कंडोम के चीथड़े मच गए.


 ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है उसके बाद वो मेरी रूम में आई और अब थोड़ी देर वो मुझे वहीं पर खड़ी खड़ी देखती रही, अब वो मुझे उठाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन शरमा भी रही थी. मुझे अपने उस कंबल में सब कुछ पता चल रहा था कि उसे साबुन चाहिए, लेकिन में अब भी जानबूझ कर सोने का झूठा नाटक करता रहा. फिर उसने अब थोड़ी हिम्मत करके मेरे हाथ पर छुआ, लेकिन मैंने कोई भी हलचल नहीं की. एक बार मैंने अपने मौसी की लड़की को जबरजस्ती चोद दिया.
 

है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई फिर उसने मेरी खुली बाह पर अपना नरम गोरा हाथ रख दिया, लेकिन मैंने फिर भी हलचल नहीं की, अब में पूरी तरह से जान चुका था कि वो भी अब गरम हो रही है. फिर वो मुझे गहरी नींद में सोता हुआ जानकर बिल्कुल बिंदास होकर मेरी बाह पर हाथ फेरने लगी और में अचानक से उठ गया तो वो मुझे देखकर शरमा गई. फिर मैंने भी सोने का नाटक चालू ही रखा. मैंने जैसे कुछ ना हुआ हो ऐसे उससे पूछा कि क्या तुम्हें मुझसे कोई काम है? तो उसने मुझसे कहा कि मुझे बर्तन साफ करने का साबुन नहीं मिल रहा है, क्या आपको पता है तो मुझे बता दीजिए. मेरे मित्रो मामा की लड़की की चुदाई में बड़ा मजा आया.


 मेरे मित्रगणों  कई बार जबरजस्ती शॉट मरने में चुत से खून निकल गया फिर मैंने उसे ऊपर उंगली करके इशारा करके बताया और उसने वो लेने की कोशिश की, लेकिन वो जगह बहुत उँची थी. फिर उसने मेरी तरफ मदद करने की नज़र से देखा तो मैंने उससे कहा कि मैंने सिर्फ़ बनियान अंडरवियर पहना है, अगर तुम्हें कोई ऐतराज ना हो तो में खड़ा हो जाता हूँ. फिर उसने कहा कि ठीक है और मैंने तुरंत अपने ऊपर से पूरा कंबल हटा लिया, अब ऐसा करने की वजह से मेरा पूरा शरीर दिख रहा था और अब तक मेरा लंड पूरा कड़क हो चुका था और मैंने ध्यान दिया कि जब में खड़ा होकर ऊपर से साबुन उतार रहा था तो सपना सुहाना  की नज़र मेरे खड़े हुए लंड पर ही थी, लेकिन मैंने अभी नींद में होने का नाटक अब भी चालू रखा और साबुन को उतारकर उसके हाथ में देकर बिना कंबल डाले पूरा खुला होकर में जानबूझ उल्टा पैर फैलाकर सो गया. उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था मेरे मित्रगणों.  


 उसकी बूब्स  देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी   फिर बाद में मैंने वीडियो में देखा कि उसकी मुझे इस हालत में देखकर हालत खराब हो गई और वो लगातार मेरी तरफ देखती रही और उसने मुझे देखकर जोश में आकर अपने बूब्स भी दबाए और कुछ देर बाद वो अपने आप पर कंट्रोल करके बर्तन साफ करने चली गयी और जब वो वापस आई तो में उसके सामने खड़ा हुआ था. फिर मैंने देखा कि उसने अपने दोनों हाथों से बर्तन उठा रखे थे, में उसको घूरकर देखता रहा और वो मेरे खड़े लंड को लगातार देखती. मैंने मौके का फायदा उठाते हुए तुरंत उससे बिना कुछ बोले उसके पास आकर उसके बूब्स को दबाने लगा. मैंने छूकर महसूस किया कि उसके निप्पल अब तक टाईट हो चुके थे, वो अब धीरे धीरे मोन करने लगी. मेरे मित्रगणों  मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु. 


 उसको पेलने की इच्छा दिनों से है मेरे मित्रगणों   मैंने उसकी जीन्स की चैन को खोलकर में उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा. तब मैंने महसूस किया कि उसकी चूत बहुत गरम गीली हो चुकी थी. अब उसने अपने हाथ से बर्तनों को नीचे फेंक दिए और वो मेरे हाथ को पकड़कर अपनी चूत पर ही दबाने लगी थी. अब मैंने उसका मुहं दीवार की तरफ रखकर में उसको पीछे से पकड़कर उसके बूब्स को दबाने लगा और अपने लंड को उसकी गांड पर रगड़ने लगा था, वो अब बहुत जोश में आकर सातवें आसमान में जा चुकी थी. अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता मेरे मित्रगणों    .


 मेरे मित्रगणों  मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार फिर मैंने जल्दी से अपनी अंडरवियर को उतार दिया और अब में पूरा नंगा हो गया था. मेरा लंड पूरा कड़क होकर हल्के हल्के झटके दे रहा था और अब मुझसे बिल्कुल भी राह नहीं देखी जा रही थी, मुझ में अब ज्यादा समय रुकने की हिम्मत नहीं थी. उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया मेरे मित्रगणों   जैसे उसके चुत में माखन भरा हो.


में : क्या तुम मुझसे चुदवाना चाहती हो?

सपना सुहाना  : ऑश उफफ्फ्फ्फ़ हाँ प्लीज अब थोड़ा जल्दी करो मुझे ना जाने क्या हो रहा है?

में : हाँ, लेकिन पहले यह बताओ कि तुम पहले भी कितनो के साथ सोई हो?

सपना सुहाना  : मैंने पहले कभी ऐसा किसी के साथ नहीं किया, में इन सबसे बिल्कुल अंजान हूँ, लेकिन प्लीज मुझे अब चोद दो मुझसे अब रहा नहीं जाता, आअहह्ह्ह उय्फ्फफ्फ्फ़.

 उसको देखने बाद साला चुदाई भूत सवार हो जाता मेरे मित्रगणों  में : पहले सच सच बोल मुझसे पहले तुझे कितनो ने चोदा है? में मान ही नहीं सकता कि यह चुदाई तेरी पहली चुदाई है, तू मुझसे पहले भी बहुत बार जाने कितनो का लंड खा चुकी है, चल अब मुझे सच बता और कुछ भी मत छुपा में सब कुछ जानता हूँ. मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू    तब तक ठीक नहीं होता.


सपना सुहाना  : हाँ तुमने बिल्कुल ठीक पहचाना मैंने अपनी बहुत बार चुदाई करवाई है और तुम वो चौथे इंसान हो.

में : अब तुम मेरी रंडी हो और में तुम्हें जरुर चोदकर तुम्हारी चूत को शांत करूंगा, क्योंकि तुमने मुझसे आज बिल्कुल सच कहा है.

सपना सुहाना  : हाँ, लेकिन अब थोड़ा जल्दी करो.

 एक बात और मेरे मित्रगणों  चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है फिर मैंने उसकी टी-शर्ट को उतार दिया और अब जीन्स को भी उतार दिया. उसके बाद मैंने जोश में आकर उसकी ब्रा, पेंटी को फाड़ दिया और उसे अपनी गोद में उठाकर मैंने अपने पलंग पर फेंका और में भी उस पर कूद पड़ा. मैंने कुछ देर बूब्स को निचोड़ने के बाद उसके दोनों पैरों को फैला दिया, जिसकी वजह से चूत मेरे सामने पूरी तरह से खुल गई. मैंने अपने लंड को उसकी खुली चूत के मुहं पर रखकर एक ज़ोर का धक्का देकर उसकी चूत में अपना पूरा लंड एक ही बार में डाल दिया और वो मेरे उस धक्के की वजह से बहुत ज़ोर से चिल्लाने चीखने लगी और उस असहनीए दर्द से तड़पने लगी थी. मेरे मित्रगणों  देखने से लगता है की वो पका चोदा पेली का काम करती .होगी मेरे मित्रगणों  मुझे तो कभी कभी चुत के दर्शन मात्र से खूब मजा आता क्योकि मई पहले बहुत बार अपने मौसी के लड़की  को बिना पैंटी के देखा था  वाह क्या मजा आया था.

सपना सुहाना  : आशश्ह्ह्ह उफफफफ्फ़ धीरे आईईईई माँ मर गई ऑश हाँ चोदो मुझे आह्ह्ह.

 मन कर रहा था कब इसे चोद लू मेरा लंड समझने  को तैयार नहीं था . अब में उसे उसका जोश देखकर ज्यादा ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा था. मैंने अपने धक्को की स्पीड को बढ़ा दिया था, में कुछ देर लगातार चोदता. फिर मैंने धक्के रोककर अपना लंड चूत से बाहर निकाल लिया और उसे उठाकर सोफे पर ले गया और तब मैंने अपना पूरा लंड उसके मुहं में दे दिया, वो तो मेरे लंड को ऐसे चूसने लगी जैसे वो बहुत बरसों से बस लंड की ही प्यासी हो. उसके चूसने की वजह से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, वो बहुत धीरे धीरे पूरा अंदर बाहर करके लंड को चूस रही थी. फिर मैंने उसे अपने सामने डॉगी स्टाईल में बैठाकर रखा और सही मौका देखकर मैंने लंड को चूत के अंदर किया और अब में उसके पीछे खड़े रहकर उसे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा था. अब बिना चुदाई के रह नहीं सकता था मेरे मित्रगणों  मै पागल सा हो गया .


 ओह ओह ओह है कब लंड को घुसा दू ऐसा लग रहा था मेरे मित्रगणों   मैंने उसके दोनों कूल्हों को बहुत कसकर पकड़ा, जिसकी वजह से वो अपनी मर्जी से हिल भी नहीं सकती थी और मुझे धक्के देने में बहुत आसानी हो रही थी और मेरा लंड सीधा जाकर उसकी बच्चेदानी से टकरा गया, जिसकी वजह से उसकी बहुत ज़ोर से सिसकियाँ निकलने लगी थी और तब मैंने महसूस किया कि वो अब तक करीब दो बार झड़ चुकी थी और कुछ देर बाद में भी झड़ गया और मैंने अपना वीर्य उसकी चूत के अंदर ही डाल दिया, वो अब मेरी चुदाई से बहुत संतुष्ट नजर आने लगी थी. दोस्तों उस दिन मैंने उसे थोड़ा रुककर आराम करके करीब पाँच बार चोदा और हमे चुदाई करते हुए शाम हो गई थी. माल चुदाई के लिए तड़प रही थी मेरे मित्रगणों  .


 चोदने के बाद थोड़ा रिलेक्स हुआ भाइयो क्या गजब मजा जब माल अच्छा हो तो कौन नहीं  चोदना चाहेगा  है न मेरे मित्रगणों  आया  फिर वो अपने कपड़े वो भी बिना ब्रा पेंटी पहने अपने घर पर चली गई, वो मेरे साथ चुदाई करके पूरी तरह तक थक चुकी थी, उसकी चाल बिल्कुल बदल चुकी थी और उससे ठीक तरह से चला भी नहीं जा रहा था. फिर दूसरे दिन मैंने उसे अपने साथ बाजार ले जाकर ब्रा पेंटी खरीदकर दे दी और फिर मैंने घर पर आकर उसे एक बार फिर से बहुत जमकर चोदा और उसकी चूत के पूरे पूरे मज़े लिए. दोस्तों हमारी चुदाई का यह सिलसिला बहुत दिनों तक चलता रहा. मैंने उसके साथ बहुत मज़े किए और उसको अपनी चुदाई से पूरी तरह से संतुष्ट किया. सपना सुहाना  करते समय बहुत मजा आया था मेरे मित्रगणों .

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