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कामवाली बाई को बनाया घरवाली

Posted on:- 2024-11-16


मेरे मित्रगणों  मै आप सब का हार्दिक अभिनंदन करता हु, मेरा नाम विमल दस  है और मेरी उम्र 19 साल है, में बहुत अच्छा दिखने वाला और चोदूबियर  लड़का हूँ और मेरा लंड 8.5 इंच का है. मेरी एक कामवाली है, जिसकी उम्र 32 साल है और उसका नाम कमल देवी  है और वो दिखने में बहुत ही चुदकड़  माल है, वो हमारी सोसाईटी के पास वाली झोपड़पट्टी में रहती है, वो हमारे यहाँ पर पिछले पांच महीने से काम पर है और वो दिखने में बहुत ही हॉट चुदकड़  है, उसको देखकर नहीं लगता कि वो एक शादीशुदा औरत है, वो दिखने में बिल्कुल कुंवारी लड़की की तरह लगती है और उसका वो चुदकड़  बदन झूलते हुए चूचिया  मटकती हुई गांड मुझे हमेशा ही उसकी तरफ आकर्षित करते है. मोटी गांड वाली लड़कियों की बात ही कुछ और है.

 क्या गजब चुदकड़ अंदाज थी दोस्तों उसकी वो साड़ी पहनने की स्टाईल भी बहुत चुदकड़  है और उसे देखकर तो किसी का भी लंड खड़ा हो जाए, वो कुछ ऐसी ही है कि उसकी साड़ी एकदम कसी हुई हमेशा नाभि से नीचे रहती है, जिसकी वजह से उसकी वो चुदकड़  कमर उस पर वो गहरी नाभि हर किसी को अपनी तरफ झुकने पर बेबस करती है और उसकी वो चोली भी थोड़ी छोटी होती है, उसकी कमर पर एक चैन, हाथ में हरे कलर की चूड़ियां आधा दिखता ब्रा, आगे बिखरे हुए बाल उसके चूचिया  पर से हमेशा लहराते है, उसको इस तरह सजाधजा देखकर मुझे ऐसा लगता था कि वो हर रोज दस लोगों के साथ चुदाई  करती होंगी और उसकी चूत अब तक फट चुकी होगी. लड़किया क्युआ गजब चुदकड़ होती है दोस्तों मेरे मित्रगणों  क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया.

 

साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है उस दिन मैंने बहुत नशा किया हुआ था. मैंने घर पर आते समय नशे में एक प्लान बनाया कि मुझे आज कैसे भी करके कमल देवी  को चोदना ही है. में अपने घर पर पहुंच गया और दरवाजा खोला अंदर गया और अब में कमल देवी  को याद करके मुठ मारने लगा, कमल देवी  उह्ह्ह्ह कमल देवी  कहकर, लेकिन में गांजे के नशे में बिल्कुल भूल गया था कि मुझे बाथरूम का दरवाजा भी बंद करना था और मुझे जब उसे बंद करने के बारे में याद आया तो में दरवाजा बंद करने लगा. अब सुनिए चुदाई की असली कहानी.

 

 

 मेरे मित्रगणों  एक बार चोदते  चोदते  मेरा लंड घिस गया फिर मैंने देखा कि वहां पर कमल देवी  मुझे छुपकर देख रही थी. जैसे ही उसने मुझे और मैंने उसे देखा तो वो तुरंत शरमाकर भागकर चली गई, क्योंकि में उसके सामने बिल्कुल नंगा था. फिर नहाने के बाद जब मुझे नशे का असर थोड़ा कम हो गया, तब मुझे एक बात सोचकर घबराहट और बैचेनी होने लगी कि में जब मुठ मारते वक़्त कमल देवी  कमल देवी  कह रहा था, तब उसने मुझे देख लिया था और अब वो मेरे घर से अपना काम छोड़ देगी तो मेरा उसको चोदने का सपना कभी पूरा नहीं होगा. वहा का माहौल बहुत अच्छा था  मेरे मित्रगणों .

 

 मेरे मित्रगणों  उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया फिर मैंने टावल पहना और वो तब किचन में जाकर मेरे लिए चाय बना रही थी. किचन के सामने से गुजरते वक़्त मैंने उसे देखा तो वो किचन के फर्श पर अपनी गांड लगाकर मेरी तरफ़ देख रही थी, उसकी नज़र मुझ पर ऐसी थी कि जैसे वो मेरी रंडी हो. फिर में अपने रूम में चला गया, तब तक वो भी मेरे लिए चाय लेकर रूम में आ गई और फिर वो मुझसे बोली कि यह लो विमल दस  चाय, तो मैंने कहा कि सामने टेबल पर रख दो और तुम मेरा बेड साफ कर दो. अब वो मेरे कहते ही तुरंत मेरा बेड साफ करने लगी थी वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों. 

 

 

 मेरे मित्रगणों  चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया में तैयार हो रहा था तो में कांच से उसको अपना बेड साफ करते वक़्त उसकी गांड, चूचिया  को देख रहा था, अभी भी में टावल में खड़ा हुआ था और उसके चुदकड़  गदराए बदन को देखकर मेरा लंड अब खड़ा हो चुका था, तभी अचानक मेरा टावल नीचे गिर गया और में पूरा नंगा हो गया. तभी कमल देवी  ने मुझे देख लिया कि मेरा लंड तनकर खड़ा हुआ है, में थोड़ा घबरा गया और टावल को उठाने के लिए थोड़ा नीचे झुक गया. तभी उसने मस्ती में आकर मेरा टावल पकड़कर खींच लिया तो मैंने उससे कहा कि यह सब क्या है कमल देवी ? प्लीज तुम मुझे मेरा टावल दे दो. ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मेरे मित्रगणों. 

 

 

 मेरे मित्रगणों  एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया फिर उसने मुझसे कहा कि तुम अभी तक बच्चे हो, इसीलिये मैंने आपका टावल खींचा और वो हंसते हुए शरमाकर चली गई. फिर मैंने फ़टाफट अपने कपड़े पहने और में भी तुरंत किचन के पास चला गया, वो किचन से बाहर खिड़की के पास खड़ी हुई थी. वो वहां पर खड़ी होकर चाय पी रही थी. फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके धीरे धीरे उसके पीछे चला गया और मैंने उसकी गांड को पीछे से कसकर पकड़ लिया. फिर उसने पीछे मुड़कर देखा और में अब थोड़ा सा घबरा गया था. उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों  गजब .

 

 उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये  अब में ज़रा भी नहीं हिचकिचाया और मैंने एक बार फिर से जाकर उसकी कमर पर हाथ रखकर अपनी कमर को उसके कूल्हों से चिपका दिया और जैसे ही मैंने उसकी गांड पर अपनी जाँघ रखी तो वैसे ही मेरा लंड करीब दो सेकेंड में उसकी गरमी पाकर बड़ा होकर उसकी गांड को साड़ी के ऊपर से धक्के देने लगा. और अब मैंने उससे कहा कि कमल देवी  में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ, तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो, में तुम्हें बहुत प्यार करूंगा और तुम्हें बहुत अच्छी तरह से रखूंगा. मेरे मित्रगणों  मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है.

 

 

 उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है  यह सब सिर्फ़ पांच सेकेंड के अंदर अंदर हुआ, लेकिन अब तक उसने मुझसे कुछ नहीं कहा. फिर वो उठी और अपना सर मोड़कर ठीक से खड़ी होकर अपनी जीभ मुझे दिखाकर आआहह विमल दस  कहने लगी और अब उसने अपने हाथ को पीछे करके मेरी गांड पर रख दिया था. में समझ गया कि उसको अब मुझसे क्या क्या चाहिए? तो में झट से उसके पीछे गया और कमल देवी  एकदम सीधा हो गई, उसके हाथ से अब चाय नीचे गिर गई और तभी उसने मुझे किस किया और कहा कि आज तुम्हारी माँ थोड़ा सा जल्दी से आनी वाली है और हम लोग बचा हुआ काम कल करते है, तुम अब मुझे छोड़ो ना, मुझे जाने दो, लेकिन मैंने उसकी बात को अनसुना कर दिया और अब उसे ज्यादा ज़ोर से जकड़ लिया था. मेरे मित्रगणों  एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया.

 

 मेरे मित्रगणों  चोदते  चोदते  कंडोम के चीथड़े मच गए तभी वो अब मुझसे कहने लगी कि देखो बाहर कोई आ रहा है, लेकिन मैंने नहीं सुना और में अब उसकी गर्दन को चूमने लगा, वो मुझसे छूटने का बहुत प्रयास कर रही थी, लेकिन मैंने उसे बहुत ज़ोर से जकड़ रखा था. तभी सामने से अचानक मेरी मम्मी आकर खड़ी हो गई, उन्होंने हम दोनों को इस तरह देख लिया था और वो बस हमे देखती ही रह गई, मेरी तो पूरी गांड फट गई और मेरी पकड़ उसकी कमर से कमजोर होने लगी थी और उस बात का फायदा उठाकर कमल देवी  मुझसे छूटकर भागकर बाहर दूसरे कमरे में चली गई. दोस्तों मेरी माँ अब भी मुझे ही देख रही थी, मेरा चेहरा बहुत उतरा हुआ सा था और मुझे लगा कि मम्मी आज मुझे बहुत मारेगी, लेकिन दोस्तों ऐसा कुछ नहीं हुआ. माँ ने मुझसे हर दिन की तरह बिल्कुल शांत आवाज़ में रोज की तरह बात की. दोस्तों में अब उनका इतना सब कुछ देखने के बाद भी मेरे लिए ऐसा बदला हुआ व्यहवार देखकर बहुत हैरान था और में अब बहुत गहरी सोच में डूबा हुआ था. ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है.

 

 

 एक बार मैंने अपने मौसी की लड़की को जबरजस्ती चोद दिया तभी माँ ने मुझसे कहा कि अरे बोलते क्यों नहीं आज गये थे ना अपनी ट्यूशन के लिए? मैंने कहा कि हाँ वो उन्होंने मुझे कल बुलाया है, में इसलिए कुछ देर वहां पर रुककर चला आया. अब मुझे बिल्कुल भी यकीन नहीं हुआ कि माँ ने कुछ देर पहले कमल देवी  को मेरे साथ मेरी . मै चुदाई के लिए बिल्कुल बेताब  था  मेरे मित्रगणों   बाहों में देख लिया था, उस समय मेरा एक हाथ उसकी कमर से होता हुआ उसकी भरी हुई छाती पर जा रहा था और मेरा मुहं उसकी गर्दन को चूम रहा था, लेकिन वो मुझसे अब तक कुछ भी नहीं बोली, मुझे लगा कि शायद उनको कुछ समझ नहीं आ रहा होगा और अब मैंने वो सब जो कुछ हुआ उसके बारे में सोचना बिल्कुल बंद कर दिया था. है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई मुझे तो बस चुदाई की धुन सवार थी मेरे मित्रगणों. 

 

 

 

  मुझे बूर की मादक खुसबू आ रही थी जो मुझे पागल कर रहे थे  मेरे मित्रो मामा की लड़की की चुदाई में बड़ा मजा आया मुझे लगा कि माँ मेरी हर एक ज़रूरते पूरा करती है तो वो चाहती होंगी कि मेरी यह ज़रूरत भी पूरी हो जाए, शायद इसलिए वो मुझसे कुछ नहीं बोली होंगी? फिर कुछ घंटो बाद रात हो गई और हम लोग खाना खाने के बाद टी.वी. देखने लगे. में कुछ देर बाद उठकर अपनी छत पर जाकर गांजा पीकर फिर से नीचे आकर सो गया. मेरे मित्रगणों  कई बार जबरजस्ती शॉट मरने में चुत से खून निकल गया दिन रात बस चुदाई ही चुदाई ख्याल मेरे मित्रगणों  और कुछ नहीं  .

 

 

 

 उसकी आखो में चुदाई का नशा था  उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था मेरे मित्रगणों   दोस्तों दूसरे दिन में सुबह बहुत देर से उठा करीब 12 बजे, तब तक माँ ऑफिस चली गई थी और मेरी दीदी कॉलेज जा रही थी. में अब बहुत बेसब्री से कमल देवी  का इंतजार कर करके उसके बारे में सोचकर दो बार मुठ मार चुका था, लेकिन तब तक भी कमल देवी  नहीं आई. फिर मैंने अपनी माँ को यह सब मालूम होने के बावजूद भी मैंने उनको कॉल करके कमल देवी  को हमारे घर पर बुलाने को कहा और माँ के कॉल करने के बाद कमल देवी  बहुत देर से आई और में फिर से झटपट बाहर से जाकर गांजा पीकर आ गया. उसकी बूब्स  देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी  मेरा लंड उसकी बूर को चिर कर आगे निकाल रहा था .

 

 

 

 मैंने उसकी बूर का सील तोड़ दिया मेरे मित्रगणों    मेरे मित्रगणों  मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु  फिर मैंने धीरे से दरवाजा खोलकर बाहर से देखा कि कमल देवी  सबसे पहले मेरे कमरे में झाड़ू लगा रही थी और फिर मैंने यही अच्छा मौका मान कर तुरंत दरवाजा बंद करके अंदर जाकर झट से अपने कमरे का भी दरवाजा बंद कर दिया. फिर उसने मेरी तरफ थोड़ा घबराकर देखा और फिर मेरे पास आ गई. फिर उसने मुझसे कहा कि दरवाजा खोलो, मुझे इस चक्कर में आकर मेरी नौकरी नहीं गंवानी, हम लोग बहुत ग़रीब है और हमे काम की बहुत ज़रूरत है, कल तुम्हारी माँ ने मुझे एक बार माफ़ किया है, यही उनकी रहम दिली है नहीं तो दूसरों के घर पर होती तो उन्होंने मुझे बहुत धक्के मारकर बाहर निकाल दिया होता. उसको पेलने की इच्छा दिनों से है मेरे मित्रगणों फर्स्ट टाइम चुदाई में सील टूटती है तो थोड़ा तो दर्द होगा ही .

 

 

 

  लंड घुसाने में लग रहा था बस चुत फैट ही जाएगी मेरे मित्रगणों   अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता मेरे मित्रगणों      मैंने उसका एक हाथ पकड़ा और उसको यह झूठ बोला है कि माँ ने जब मुझसे पूछा कि में तुम्हारे साथ यह सब क्या कर रहा था. तब मैंने उनसे कहा कि कमल देवी  की गर्दन पर एक कीड़ा बैठा हुआ था और वो चिल्ला रही थी तो मैंने उस कीड़े को उससे दूर करने में उसकी मदद की थी और बस माँ मेरे मुहं से यह बात सुनकर मुझसे कुछ नहीं बोली और वो बोली कि अच्छा ठीक है. अब तुम बिल्कुल भी मत डरो. मेरे मित्रगणों  मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार क्या गजब लग रही थी मेरे मित्रगणों .

 

 

 

 मेरे मित्रगणों  मॉल हो तो ऐसा   उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया मेरे मित्रगणों   जैसे उसके चुत में माखन भरा हो फिर मैंने उसे बेड पर बैठा दिया, मुझे अब गांजे का थोड़ा थोड़ा नशा चड़ गया था और मेरा लंड एकदम टाईट हो गया था, उसने मुझे किस किया और में अब उसकी गांड को दबाने लगा. फिर उसकी चोली का हुक खोल दिया और अब में उसके चूचिया  के निप्पल को चूसने लगा, कमल देवी  के मुहं से अह्हह माँ स्स्स्साईईईई निकल गया, में उसके चूचिया  को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था और वो मेरी पेंट का बेल्ट खोल रही थी, उसने फिर मेरी शर्ट को उतार दिया और पेंट को निकाल दिया और मैंने उसे फिर से हग किया. उसको देखने बाद साला चुदाई भूत सवार हो जाता मेरे मित्रगणों क्या रस भरी चुत थी मेरे मित्रगणों  मजा आ गया .

 

 

 

 लड़कियों की चुत मरने का मजा ही कुछ और है  मेरे मित्रगणों    मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू    तब तक ठीक नहीं होता फिर उसने मुझसे कहा कि मेरी गांड पर अपना लंड लगाओ, उसकी चोली नहीं थी, लेकिन उसके नीचे साड़ी थी और में उसकी साड़ी नीचे लेने लगा तो उसने कहा कि मुझे साड़ी में ही चोदो. वो अब डॉगी स्टाईल में बैठ गई थी और अपनी गांड को आगे पीछे आगे पीछे कुत्तो की तरह हरकत करने लगी, उसके मुहं से नशीली आवाज़ निकल रही थी, विमल दस  आह्ह्हह्ह सस्साआहा उफ्फ्फ्फ़ चोदो ना. एक बात और मेरे मित्रगणों  चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है मेरा लंड तनकर टाइट था मेरे मित्रगणों .

 

 

 

  मेरा लंड चुत में घुसने को तैयार था मेरे मित्रगणों   उह यह उसकी नशीली आँखे में एक दम  चुदकड़ अंदाज है अब मैंने उसके पीछे जाकर अपना लंड हाथ में पकड़कर उसकी साड़ी में घुसा दिया. मेरा लंड साड़ी के साथ ही उसके दोनों गुब्बारों के अंदर चला गया. फिर मैंने उससे कहा कि ओह वाह कमल देवी  तुम्हें कितना कुछ पता है? तब उसने मुझसे कहा कि पगले में भी कुछ सालों पहले एक कॉलेज स्टूडेंट थी और मेरी शादी मेरी मर्जी से हुई थी. मेरा पति मुझे हर रोज नये नये तरीकों से चोदता था और मैंने उसके साथ चुदाई  के बहुत मज़े किए, लेकिन अब पूरे 9 साल हो गये है मुझे किसी ने नहीं चोदा, अब तुम्ही मेरे पति की तरह मुझे हर बार चोदना और मेरी प्यासी चूत को अपने लंड से हर बार शांत करना. मेरे मित्रगणों  देखने से लगता है की वो पका चोदा पेली का काम करती होगी चुची की चुसाई में क्या मजा है मेरे मित्रगणों  .

 

 

 

  मै उसकी चूची  पी रहा था   मेरे मित्रगणों  चुत को चाटेने के  समय उसके बूर के बाल मुँह में आ रहे थे   फिर मैंने उससे कहा कि कमल देवी  मुझे माफ़ करना, लेकिन मुझे तुम्हारी गांड बहुत अच्छी महसूस हो रही है और में तुम्हारा पति हूँ, लेकिन सिर्फ़ तुम्हें ऐसे कैसे छोड़ सकता हूँ? अब मैंने उसकी साड़ी को नीचे खींचकर देखा तो उसकी चूत पर एक भी छोटा सा बाल नहीं था. उसकी चूत दिखने में एकदम 13 साल की बच्ची की तरह थी. मेरे मित्रगणों  मुझे तो कभी कभी चुत के दर्शन मात्र से खूब मजा आता क्योकि मई पहले बहुत बार अपने मौसी के लड़की  को बिना पैंटी के देखा था  वाह क्या मजा आया था मेरा लंड ताबड़तोड़ चुदाई के लिए तैयार.

 

 

 

 अब वो समय आ गया जब मुझे उसकी चुदाई करनी थी   अब चुदाई करने को  १००% तैयार थी   फिर वो बोली कि हाँ देखो विमल दस  पिछले 9 साल हो गये है, अभी तक मेरी चूत में किसी का भी लंड अंदर नहीं गया, मुझे किसी ने नहीं चोदा. मैंने अपनी चूत के आज तक कभी ऊँगली भी नहीं की, लेकिन तुम मुझे बहुत पसंद आए हो, इसलिए मैंने अपनी चूत को तुम्हारे हवाले कर दिया है, तू जैसे चाहो जब चाहो मुझे चोद सकते हो, में तुम्हें कभी भी मना नहीं करूंगी. मन कर रहा था कब इसे चोद लू मेरा लंड समझने  को तैयार नहीं था . मेरे मित्रगणों  वो बुल्कुल मादक शराब जैसी लग रहे थी मन कर रहा अभी पी  लू .

 

 

 

  अब उसे चुदाई का मजा मिल रहा था मेरे मित्रगणों   अब बिना चुदाई के रह नहीं सकता था मेरे मित्रगणों  मै पागल सा हो गया  ओह ओह ओह है कब लंड को घुसा दू ऐसा लग रहा था मेरे मित्रगणों 

दोस्तों में उसकी चूत को देखकर एकदम पागल हुआ जा रहा था और अब में उसकी चूत को ऊपर से चाटने लगा, तभी उसने कहा कि हाँ चाट मेरे राजा उफफ्फ्फ्फ़ हाँ आईईईइ आज तुम मुझे पूरा खा जाओ आह्ह्ह्ह पूरा अंदर तक अपनी जीभ को डालकर चाटो स्सीईईईई. दोस्तों उसका इतना जोश देखकर में और भी जोश में आ गया, वो अब अपनी चूत को उठा उठाकर मुझसे चटवा रही थी. सच मुझे अब पता चला की चुदाई में कितना मजा है मेरे मित्रगणों. 

 

 

फिर क्या था मेरे मित्रगणों   मॉल था चुदाई के लायक  फिर कुछ देर चूत को चाटने के बाद मैंने उसको अपना लंड उसके मुहं में लेने के लिए कहा, उसने मुझे धक्का देकर बेड पर नीचे गिरा दिया और वो अब मेरे ऊपर लेटते हुए मुझे किस करके मेरी गर्दन को चाटने, पेट को चूमते हुए नीचे आती हुई फिर लंड के ऊपर उसने हल्का सा चुम्मा लेते हुए. जीभ लगाई और फिर मेरी तरफ आखों में आखें डालकर ऐसे हंसने लगी जैसे उसे आज अपनी जिंदगी की सारी खुशियाँ मिल गई हो, उसने लंड पर फिर से अपनी जीभ को लगाकर गोल गोल घुमाकर मुहं में ले लिया और बहुत मज़े से मेरे लंड को चूसने लगी. मैंने सोचा पेलुँगा जरूर  कभी न कभी इस प्रकार हमने मस्त  चुत की ताबड़ तोड़ चुदाई की और मजा लिया और आप .

               

 

 

वो मुस्कुरा रही थी मेरे मित्रगणों   माल चुदाई के लिए तड़प रही थी मेरे मित्रगणों   फिर उसके कुछ देर चूसने के बाद में उसके मुहं में झड़ गया और उसने मेरा पूरा वीर्य पी लिया और में उसके चूचिया  को सहला रहा था, धीरे धीरे निप्पल को निचोड़ रहा था और हम दोनों बहुत देर तक ऐसे ही लेटे रहे. दोस्तों उसके कुछ देर बाद वो उठकर खड़ी हुई और अपने कपड़े ठीक करने लगी, तब तक मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए थे और कुछ देर बाद वो मुझे एक लंबा सा किस देकर चली और में उसके बारे में सोचता रहा और ना जाने कब सो गया, मुझे पता ही नहीं चला. चोदने के बाद थोड़ा रिलेक्स हुआ भाइयो क्या गजब मजा जब माल अच्छा हो तो कौन नहीं  चोदना चाहेगा  है न मेरे मित्रगणों  आया सुनकर आपका लंड खड़ा हो जायेगा मेरे मित्रगणों. 

 मेरा लंड ताबड़तोड़ है और एक अच्छी चुत के तलाश में है   चुदाई  करते समय बहुत मजा आया था मेरे मित्रगणों  दोस्तों अब कमल देवी  के साथ चुदाई  की शुरुआत करके मुझे दो दिन हो गये थे और अब कमल देवी  हमारे परिवार का हिस्सा बन गयी थी और वो मेरे साथ बहुत खुश थी. क्योंकि हम लोग बाहर बारिश में खेल रहे थे और उस समय बाहर बहुत ज़ोर से बारिश हो रही थी, जिसकी वजह से में पूरा भीग गया था, मेरे पूरे शरीर पर कीचड़ लगा हुआ था. खेल खत्म होने के बाद हम सब उसके ओठ रसीले थे मेरे मित्रगणों  मॉल गजब था मेरे मित्रगणों. 

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