मुख्य पृष्ठ » ट्रेवल सेक्स स्टोरीज » दीदी को मकान मालिक ने चोद डाला


दीदी को मकान मालिक ने चोद डाला

Posted on:- 2021-08-26


नमस्कार मेरे मित्रगणों  और सुनाइए कैसे आप सब , मेरा नाम सुमित पाठक  है, में बदायू  का रहने वाला हूँ. आज में आपको एक और कहानी सुनाने जा रहा हूँ, ये कहानी किसी और की नहीं मेरी दीदी की है. में वैसे तो बदायू  का रहने वाला हूँ, लेकिन अभी प्रयागराज  में रहता हूँ. मोटी गांड वाली लड़कियों की बात ही कुछ और है.


 क्या गजब चुदकड़ अंदाज थी मेरी दीदी मेरे साथ रहती है, में दो रूम के एक फ्लेट में रहता हूँ. आज में आपको मेरी दीदी की पहली ऐसी कहानी सुनाने जा रहा हूँ जिसे मैंने अपनी आँखो से देखा है. तो सबसे पहले में आपका परिचय अपने दीदी से और अपने मकान मालिक से करा दूँ. लड़किया क्युआ गजब चुदकड़ होती है दोस्तों.


 मेरे मित्रगणों  क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया मेरी दीदी जिनकी उम्र 24 साल की एक सुंदर और सुशील लड़की है, उनकी हाईट 5 फुट 6 इंच है, वो एक गोरी और सेक्सी लड़की है, दीदी को देखकर सबके लंड खड़े हो जाते है, वो मेरा खाना बनाने के लिए मेरे साथ रहती है. मेरा मकान मालिक एक सुंदर और गोरे बदन का मर्द है, उसकी उम्र लगभग 50 साल है और उसका लंड लगभग 10 इंच का है, वैसे तो वो दूसरी जगह पर रहता था, लेकिन वो किराया लेने के लिए यहाँ आया करता था. मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला  लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है.


 मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है अब में आपको अपनी कहानी की तरफ ले चलता हूँ, में नौकरी करता हूँ तो दिनभर मेरी दीदी अकेली घर पर रहती है. अब कुछ दिनों से मेरी दीदी किसी की तलाश है. में उस दिन अपनी जॉब के काम से जब रूम से निकला तो दीदी ने मुझसे पूछा कि में कब लौटूँगा? ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना  लड खड़ा ही हो जायेगा .


 मेरे मित्रगणों  चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है    मैंने बोला कि में शाम से पहले नहीं लौटूँगा. तो दीदी बोली कि ठीक है, लेकिन मुझे जिस सेल्समैन के साथ जाना था, वो अपने कमरे पर नहीं था. तो में अपने रूम पर पहुँचा, उस दिन मेरा मकान मालिक यहाँ आया हुआ था. क्या बताऊ मेरे मित्रगणों   उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये.


 मेरे मित्रगणों  मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है जब मैंने अपने रूम के दरवाजे पर ताला बंद पाया, तो मैंने सोचा कि दीदी कही गयी होंगी, तो में पीछे के दरवाजे से अंदर गया, तो मैंने अंदर के कमरे में दीदी को किसी के साथ बात करते हुए सुना. फिर मैंने वहाँ अपनी दीदी को अपने मकान मालिक के रूम में बैठा पाया. मेरे मित्रगणों  क्या मलाई वाला माल लग रहा था.    


 चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए फिर मैंने देखा कि दीदी बेड पर बैठी हुई थी और मकान मालिक दीदी के पास आया और दीदी के पास आकर ही बैठ गया. अब में वही सीढ़ियों पर आराम से बैठ गया था और देखने लगा कि वो दीदी के साथ क्या करता है? तो मैंने देखा कि वो दीदी के पास जाकर दीदी के होंठो को चूसने लगा था. तो तभी दीदी ने मकान मालिक से कहा कि यह आप क्या कर रहे है? साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है.


 अब सुनिए चुदाई की असली कहानी उसने कहा कि वो किराया वसूल रहा है. फिर कुछ देर तक ऐसा करने के बाद उसने दीदी के सलवार के नाडे को खोल दिया, तो दीदी की सलवार जमीन पर गिर गयी. फिर उसने दीदी की पेंटी भी उतार दी, अब दीदी भी उसका सहयोग कर रही थी. फिर मैंने देखा कि दीदी के सलवार खोलने के बाद उसने दीदी के सूट को भी उतार दिया था और खड़ा होने के लिए बोला, तो दीदी खड़ी हो गयी. मेरे मित्रगणों  एक बार चोदते  चोदते  मेरा लंड घिस गया.


अब वो दीदी के पीछे आकर अपनी लुंगी को खोलकर खड़ा हो गया था, उसका लंड 10 इंच लंबा था. अब उसका लंड देखकर दीदी डर गयी थी. वहा का माहौल बहुत अच्छा था  मेरे मित्रगणों  .


 मेरे मित्रगणों  उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया दीदी बोली कि यह तो बहुत मोटा है, मेरी चूत फट जाएगी. फिर तभी उसने दीदी से पूछा कि क्या उसका पहली बार है? तो दीदी ने हाँ में अपना सिर हिलाया. अब उसका लंड मेरी दीदी की चूत को फाड़ने के लिए बैचेन हो रहा था. फिर उसने दीदी से कहा कि पहले दर्द होगा, लेकिन बाद में मज़ा आएगा और अपने एक हाथ को दीदी कि गांड पर, तो अपने दूसरे हाथ से अपने लंड को दीदी की गांड में घुसाने का प्रयास किया, लेकिन उसका लंड अंदर नहीं जा रहा था. वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों . 


 मेरे मित्रगणों  चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया उसने अपने लंड पर थोड़ा तेल लगाया और दीदी की गांड पर भी तेल लगाया, तो फिर दीदी ने अपनी गांड का रास्ता दिखाया. फिर कुछ देर के बाद मैंने दीदी को अपने दोनों हाथों से अपनी गांड को फैलाते हुए देखा. फिर उसने दीदी की कमर को पकड़कर एक झटका मारा, तो दीदी के मुँह से उफफफ्फ की आवाज मेरे कान तक पहुँची. ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मेरे मित्रगणों  .


 मेरे मित्रगणों  एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया अब वो अपनी कमर को हिलाने लगा था. फिर उसने दीदी से पूछा कि गया क्या? तो दीदी ने हाँ में अपना सिर हिलाया. अब उसका लंड 2 इंच दीदी की गांड में जा चुका था. फिर कुछ देर तक वो मेरी दीदी की गांड को इसी तरह से पेलता रहा. अब मेरी दीदी उसके हर एक झटके के साथ ओउुउउ, अओउ, आअहह की आवाजे निकाल रही थी. उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों  गजब .


 मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मेरे मित्रगणों   कुछ देर के बाद जब दीदी को खड़े होने में परेशानी होने लगी, तो उन्होंने उसे बेड की तरफ मुँह करने के लिए बोला, तो दीदी चुपचाप झुक गयी. फिर उसने दीदी को बेड की तरफ जैसे ही घुमाया, तो मैंने देखा कि दीदी की गांड में उसका लंड 3-4 इंच चला गया था. अब दीदी बेड पर झुक गयी थी और अब वो दीदी की कमर पकड़कर ज़ोर-ज़ोर से दीदी की गांड में अपने लंड को पेल रहा था. फिर उसने एक ज़ोर से झटका. ,.मारा, तो दीदी दर्द से कांप उठी. अब उसका लंड दीदी की गांड में पूरा जा चुका था. क्या बताऊ मेरे मित्रगणों  मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया.


 कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था  फिर दीदी ने मकान मालिक से पूछा कि कितना बाहर है? तो उसने कहा कि पूरा अंदर है. तो तब दीदी ने उनसे कहा कि जल्दी गिरा दो, अब सहा नहीं जाता है. फिर 15 मिनट के बाद मकान मालिक हांफने लगा. अब में समझ गया था कि अब उसका बीज गिरने वाला है और फिर कुछ देर के बाद वो दोनों शांत हो गये और मकान मालिक ने अपना बीज गिरा दिया. उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये .


 मेरे मित्रगणों  मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया और बाथरूम में चला गया और दीदी वही बेड पर चुपचाप लेटी रही. फिर जब वो बाथरूम से बाहर आया तो दीदी उठकर बाथरूम में चली गयी. फिर जैसे ही दीदी बाथरूम से बाहर आई तो वो दीदी की चूत पर अपना एक हाथ फैरने लगा था. उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है,


 मेरे मित्रगणों  चोदते  चोदते  कंडोम के चीथड़े मच गए तभी दीदी बोली कि आपका किराया तो वसूल हो गया? तो वो हँसने लगा और बोला कि अगले महीने का किराया भी तो वसूलना है. अब दीदी बेड पर लेट गयी थी और वो दीदी की जाँघ पर बैठ गया था. फिर उसने दीदी की चूत के बालों के ऊपर अपना हाथ फैरना शुरू कर दिया और अब इधर दीदी ज़ोर-ज़ोर से अंगडाई लेने लगी थी..

मेरे मित्रगणों  एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया फिर मैंने दीदी की चूत को और उसके लंड को ध्यान से देखा तो मैंने सोचा कि बहुत मज़ा आने वाला है. फिर उसने दीदी की चूत पर थोड़ा तेल लगाया और अपने लंड के ऊपर भी थोड़ा तेल लगाया. फिर मैंने देखा कि अब उसने दीदी की चूत पर अपने लंड को सटा दिया था और एक हल्का सा झटका मारा तो उसके लंड का अगला हिस्सा दीदी की चूत में चला गया था. फिर तभी दीदी ने ज़ोर से आओउ करके सिसकी ली. तो तभी उसने पूछा कि गया क्या? तो दीदी बोली कि हाँ. ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है.


 एक बार मैंने अपने मौसी की लड़की को जबरजस्ती चोद दिया अब वो दीदी की दोनों चूचीयों पर अपना हाथ फैरने लगा था और दीदी की चूत में अपने लंड को अंदर डालने के लिए झटके लगाने लगा था. अब दीदी नहीं धीरे, आहह करके आवाजे निकाल रही थी. अब वो दीदी के ऊपर लेट गया था और अपनी कमर को झटके के साथ हिलाने लगा था. है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई.


 मेरे मित्रो मामा की लड़की की चुदाई में बड़ा मजा आया मैंने देखा कि वो दीदी के होंठो को चूसने लगा था. अब दीदी ने अपनी दोनों जाँघो को फैला दिया था और अब वो ज़ोर-ज़ोर से दीदी की चूत को चोदने लगा था. अब कुछ देर में दीदी की चूत में उसका पूरा लंड जा चुका था. अब दीदी भी उसका भरपूर साथ दे रही थी. मेरे मित्रगणों  कई बार जबरजस्ती शॉट मरने में चुत से खून निकल गया.


 उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था मेरे मित्रगणों  फिर मैंने देखा कि अब दीदी भी अपनी कमर को ऊपर उठा-उठाकर उसके साथ सुर में ताल मिला रही थी. फिर कुछ देर के बाद दीदी ने पूछा कि अब कितना बाहर है? तो वो बोला कि पूरा का पूरा अंदर जा चुका है और एक ज़ोर का झटका मारा तो दीदी के मुँह से आअहह की आवाज आई. फिर कुछ देर तक दीदी के मुँह से इसी तरह ओउ आह की आवाजे निकलती रही. उसकी बूब्स  देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी  .


 मेरे मित्रगणों  मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु  तब उसने दीदी के होंठो को चूसना शुरू कर दिया. अब दीदी भी उसका पूरा साथ देने लगी थी. अब लगभग 45 मिनट के बाद वो हांफने लगा था. अब दीदी समझ गयी थी कि उसका वीर्य गिरने वाला है तो तभी दीदी ने उससे कहा कि अपना बीज चूत में मत गिराना, नहीं तो वो कुंवारी माँ बन जाएँगी. तो उसने दीदी से कहा कि मेडिकल स्टोर से गर्भ निरोधक खा लेना. फिर दीदी मान गयी और उसने दीदी की चूत में ही अपना बीज गिरा दिया. उसको पेलने की इच्छा दिनों से है मेरे मित्रगणों .
 

अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता मेरे मित्रगणों     फिर 5 मिनट तक दीदी के ऊपर लेटे रहने के बाद उसने उठकर अपने लंड को दीदी की चूत से बाहर निकाला और दीदी के ऊपर से हट गया और दीदी 5 मिनट तक वैसे ही लेटी रही. फिर जब मैंने दीदी की चूत को देखा तो मैंने पाया कि दीदी की चूत काफ़ी फूल गयी थी. फिर दीदी की चूत को देखकर उसने बोला कि लगता है ये अभी भी भूखी है. मेरे मित्रगणों  मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार.

उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया मेरे मित्रगणों   जैसे उसके चुत में माखन भरा हो तभी दीदी मुस्कुराते हुए बोली कि आपका किराया तो वसूल हो गया. तो वो बोला कि नहीं ये तो अभी सूद है, ब्याज़ तो बाद में लूँगा. फिर दीदी उठकर अपने कपड़े पहनने लगी और अपने कपड़े पहनने के बाद रूम से बाहर निकलने के लिए जैसे ही तैयार हुई, तो में वहाँ से निकलकर चला गया. फिर मैंने वहाँ से दीदी को ऊपर जाते हुए देखा. अब मेरा मकान मालिक दीदी को रोज चोदता है और वो मजे लेती रहती है. उसको देखने बाद साला चुदाई भूत सवार हो जाता मेरे मित्रगणों मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू    तब तक ठीक नहीं होता.

What did you think of this story??






अन्तर्वासना इमेल क्लब के सदस्य बनें


हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !


* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।