नमस्कार मेरे मित्रगणों और सुनाइए कैसे आप सब , मेरा नाम हरिवंश राइ हैं और में नॉएडा का रहने वाला हूँ. यह मेरे साथ अभी कुछ समय पहले घटित हुई, पहले मुझे इतनी हिम्मत नहीं हुई, लेकिन फिर बाद में मैंने सोचा कि में इसको लिखकर आप सभी तक पहुंचा देता हूँ और मैंने बहुत मेहनत करके इसको आप लोगों के लिए तैयार किया है और इसमें मुझसे कोई भी गलती हो जाए तो प्लीज आप लोग मुझे माफ़ जरुर करें. क्या गजब चुदकड़ अंदाज थी.
दोस्तों मेरे परिवार में मेरी दो बहने है और में सबसे छोटा हूँ, बड़ी बहन 36 साल की है और उसकी शादी अहमदाबाद में हो गई और वो हमारे गाँव के पास के गाँव में ही रहती है और मेरी दूसरी बहन जो 33 साल की है, उसकी भी शादी हो चुकी थी, लेकिन शादी के कुछ सालों बाद एक कार दुर्घटना में मेरे जीजा की म्रत्यु हो गई और में अहमदाबाद से बाहर रहता हूँ. लड़किया क्युआ गजब चुदकड़ होती है दोस्तों.
मेरे मित्रगणों क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया अब में शादी के बाद अहमदाबाद से बाहर अपने काम की वजह से चला गया और मेरे जीजाजी का म्रत्यु हो जाने के बाद में हमेशा मेरी बहन जो दो बहनो में छोटी है और मुझसे उम्र में बड़ी है, उनका ख्याल रखता था और जब में अहमदाबाद जाता तो ज़रूर उनको मिलता और उनकी मदद भी करता था. अभी कुछ साल पहले उसकी सासूजी भी इस दुनिया से चल बसी और अब वो और उनकी एक पांच साल की बेटी और उनके ससुर जी के साथ रहती है. मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है.
मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है दोस्तों में पिछली बार जून के महीने में जब में अहमदाबाद गया तो मैंने सोचा कि दो दिन में अपनी बहन के घर पर भी रुक जाऊँ तो उनको भी मेरा रुकना अच्छा लगेगा और फिर जब ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना लड खड़ा ही हो जायेगा में उनके घर पर गया तो वो उस समय रसोईघर में खाना बना रही थी, वो मुझे देखकर बहुत खुश होकर बोली कि भैया आप कब आए? और आप कैसे हो? और फिर थोड़ी देर हमारी इधर उधर की बातें हुई और उनके ससुरजी घर के पास ही उनके एक पड़ोसी के पास बैठे हुए थे.
मेरे मित्रगणों चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है कुछ देर बाद वो भी आ गये और फिर हम लोगों ने रात को खाना साथ में खाया. दोस्तों उनके घर में एक रसोईघर और एक छोटा सा कमरा था और माल सामान रखने के लिए और एक बड़ा कमरा था, उसमें वो लोग हमेशा सोते थे. घर में बेड नहीं रखा था, क्योंकि उस घर में मेरी बहन और उनकी बेटी और उनके ससुरजी रहते थे तो उनको अच्छा नहीं लगता था. क्या बताऊ मेरे मित्रगणों उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये.
मेरे मित्रगणों मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है फिर खाना खाने के बाद हम लोगों ने थोड़ी देर बातें हंसी मजाक किया और फिर रात के 11 बज गये तो मेरी बहन ने कहा कि अब हम सो जाते है, में तुम्हारे लिए बिस्तर लगा देती हूँ और उन्होंने बड़े कमरे में एक तरफ जमीन पर मेरा बिस्तर लगा दिया और बीच में उनके ससुर जी का और एक साईड में उनका और उनकी बेटी का बिस्तर लगाकर उसके साथ में सो गई. मेरे मित्रगणों क्या मलाई वाला माल लग रहा था.
चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए अब रात को करीब 1:30 बजे मैंने एक आवाज़ सुनी तो मेरी नींद खुल गई. उस समय मैंने एक पतली सी चादर ओढ़ रखी थी. मैंने उसमें से देखा तो मेरी बहन नाईट गाउन में उनके ससुरजी के बिस्तर पर सोई हुई थी. हो सकता है वो दोनों मेरी नींद खुलने के डर से चुपचाप ऐसी ही पड़े रहे हो, लेकिन मेरे दिमाग़ में आया कि में उनके ससुर जी को मार दूँ, लेकिन फिर मुझे ख्याल आया कि हो सकता है कि मेरी बहन को ही यह सब पसंद हो और आख़िर में उनके पति की म्रत्यु के बाद उनको इन सभी कामो की ज़रूरत भी होती होगी. अब में भी वैसे ही चुपचाप पड़ा रहा और जैसे में वापस सो गया. साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है.
अब सुनिए चुदाई की असली कहानी कुछ 20 से 25 मिनट के बाद मेरी बहन बैठ गई और अब मेरी बहन ने उनके ससुरजी जो नाईट ड्रेस पहने हुए थे, उसको उतार दिया और फिर वो उनके एकदम मुलायम लंड को चूसने लगी. तभी उनके ससुर ने कहा कि आज रहने दे, वो जाग जाएगा तो समस्या हो जाएगी, लेकिन मेरी बहन ने कहा कि मुझे यह चाहिए और वो इतना कहकर लंड को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी. अब उनके ससुर जी उसके बूब्स को दबाने लगे और थोड़ी देर में ही उनके ससुर जी का लंड तनकर टाईट हो गया, जिसको देखकर मेरी बहन बहुत खुश होने लगी. उसके चेहरे पर एक अजीब सी शरारती मुस्कान थी और अब जल्दी से मेरी बहन ने तकिए के नीचे से कंडोम निकाला और अपने ससुर के लंड को बहुत प्यार से सहलाते हुए उस पर कंडोम चड़ा दिया. उसके बाद लंड को दोबारा से चूम लिया और उसके बाद वो तुरंत नीचे लेट गई और अब इनके ससुर जी मेरी बहन के ऊपर चड़ गए. मेरे मित्रगणों एक बार चोदते चोदते मेरा लंड घिस गया.
वहा का माहौल बहुत अच्छा था मेरे मित्रगणों अब उन्होंने मेरी बहन को पैर ऊपर उठाने के लिए कहा और मेरी बहन ने अपने दोनों पैर ऊपर उठा लिए, जिसकी वजह से चूत अब पूरी खुलकर ससुरजी के सामने आ चुकी थी और उन्होंने ज्यादा देर ना करते हुए लंड को चूत के मुहं पर रखकर वैसा ही एक ज़ोर का धक्का देकर उन्होंने अपना पूरा लंड उनकी चूत के अंदर डाल दिया, तो अचानक से हुए उस तेज प्रहार और उसके दर्द की वजह से मेरी बहन के मुहं से आहहह्ह्ह ऑश उफ्फ्फ्फ़ माँ मर गई, आईईईईई की आवाज़ निकल गई, वो दर्द से मचलने तड़पने लगी, लेकिन फिर भी वो अपने लंड को लगातार अंदर बाहर कर रहा था और मेरी बहन आह्ह्ह्हह ऑश उफफ्फ्फ्फ़ प्लीज थोड़ा धीरे करो, में मर जाउंगी तुम्हारा यह बहुत मोटा है, मुझे बहुत दर्द हो रहा है कर रही थी. मेरे मित्रगणों उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया.
वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों तभी थोड़ी देर के बाद उनके ससुरजी ने एकदम से अपने धक्के देने बंद कर दिए और मुझे लगा कि शायद उनका जूस बाहर आने वाला था, इसलिए वो रुक गये, क्योंकि वो रुकता तो उसका जूस भी रुक जाता. उसके बाद उन्हें मज़े करने के लिए ज्यादा समय मिलता और फिर वो मेरी बहन के बूब्स को दबाने लगे और कुछ देर बाद वापस से अपनी तरफ से उन्होंने धक्के मारने शुरू कर दिए. मेरे मित्रगणों चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया.
ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मेरे मित्रगणों फिर कुछ मिनट धक्के देने के बाद वो दोनों एकदम शांत हो गये और अब भी वो मेरी बहन की निप्पल को अपनी दो उँगलियों से दबाकर उसका रस निचोड़ रहे थे और कुछ देर बाद उन्होंने अपने मुरझाये हुए लंड को मेरी बहन की फटी हुई चूत से बाहर निकालकर मेरी बहन की चूत को किस किया और वो बोला ले अब इसको निकाल. फिर मेरी बहन ने हंसकर बहुत खुश होकर उनके लंड पर चड़े और कंडोम को उतार दिया और फिर लंड को बहुत धीरे हल्के से अपने रुमाल से उसका पूरा वीर्य साफ कर दिया और लंड को चमका दिया और कुछ देर बाद वो दोनों अपनी अपनी जगह पर सो गये और मुझे भी ना जाने कब नींद आ गई. मेरे मित्रगणों एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया.
उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों गजब फिर दूसरे दिन में सोकर उठा तो मैंने देखा कि सब कुछ एकदम ठीक था. में रात वाली घटना के बारे में सोचने लगा और फिर में नहाने चला गया. बाथरूम से बाहर आकर मैंने दोबारा उसी बात को सोचा, लेकिन मेरी बहन ने मुझे नाश्ता लाकर दे दिया. मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मेरे मित्रगणों .
क्या बताऊ मेरे मित्रगणों मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया मैंने देखा कि वो बहुत खुश थी और उसके चेहरे पर एक अजीब सी चमक मुझे महसूस हो रही थी, शायद वो सब रात की चुदाई की वजह से था. में अब सब कुछ अच्छी तरह से समझ चुका था और फिर जब उनके ससुरजी कुछ घंटो बाद बाजार में सब्जी लेने गये, तो मैंने ऐसे ही बातों बातों में अपनी बहन से वो बात करना चाहा, लेकिन उतनी मुझमें हिम्मत ना हुई और कुछ देर बाद मैंने हिम्मत करके उससे बातें करते करते अपनी बहन से कहा कि बहन क्या में एक बात कहूँ? कुछ भी हो माल एक जबरजस्त था .
उसको देखकर किसी का मन बिगड़ जाये उन्होंने कहा कि हाँ पूछो ना भैया? तो मैंने कहा कि बहन 6 साल हो गए है जीजा जी के देहांत को तो क्या इसके बाद आपको सेक्स करने की याद नहीं आती? तो उसने कहा कि धत ऐसी बात नहीं करते तो मैंने कहा कि बहन में भी एक शादीशुदा आदमी हूँ तो में सबकी मन की इच्छाओं को समझ सकता हूँ और वो अब कुछ नहीं बोली और अपना सर झुकाकर बैठ गई. मेरे मित्रगणों मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है.
उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है फिर मैंने कहा कि बहन तुम कोई भी टेंशन ना लेना, लेकिन पिछली रात को जो कुछ भी हुआ था, मैंने वो सब कुछ अपनी आखों से देखा है, पहले मुझे अपनी आँखो पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हुआ था. फिर वो अब मेरी बात को सुनकर बिल्कुल हैरान हो गई और अपनी चकित नजरों से मुझे देखने लगी और फिर वो मुझसे पूछने लगी तू यह सब क्या बक रहा है? तो मैंने उससे पूछा कि यह सब तुम तुम्हारी मर्ज़ी से उनके साथ करती हो या वो तुमसे यह सब ज़ोर जबरदस्ती से करते है? मेरे मित्रगणों एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया.
मेरे मित्रगणों चोदते चोदते कंडोम के चीथड़े मच गए तब वो बोली कि एक दिन बस एक बार रविवार के दिन उन्होंने मुझे हग कर दिया, लेकिन बहुत सालों के बाद कोई मर्द का शरीर मुझसे छुआ, जिसकी वजह से मेरे अंदर की प्यासी औरत दोबारा जोश में आ गई और फिर मैंने भी उनको हग किया और फिर हम दोनों गरम हो गये और उसके बाद से यह सब हो गया और मुझे भी वो सब चाहिए था तो इसलिए में बाहर जाऊं और कोई मुझे बाहर देखे तो सभी को खराब लगे. इससे अच्छा है कि घर की बात घर में ही रह जाए और हमारी इज्जत भी बची रह जाएगी और किसी को कुछ पता भी नहीं चलेगा. अब प्लीज तुम यह बात किसी को मत बताना. ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है.
एक बार मैंने अपने मौसी की लड़की को जबरजस्ती चोद दिया अब मैंने उनसे कहा कि में अभी बात कर रहा हूँ तो में समझ सकता हूँ, लेकिन तुम बुरा नहीं मानो तो में यह सब देखकर इतना गरम हो गया हूँ कि मुझसे भी अब रहा नहीं जाता. फिर मेरी बहन ने मुझसे कहा कि ठीक है, लेकिन पहले तुम मुझसे वादा करो कि मेरा और मेरे ससुरजी के बारे में तुम किसी को कुछ भी नहीं बताओगे तो में भैया आपको भी मौका दे दूँगी, लेकिन जब मेरे ससुरजी घर पर नहीं होगे तब. है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई.
मेरे मित्रो मामा की लड़की की चुदाई में बड़ा मजा आया फिर मैंने कहा कि नहीं आज रात को हम साथ में करेंगे और ससुरजी के सामने करेंगे तो बहन ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता है. फिर मैंने कहा कि तुम एक काम करना पिछली रात की तरह तुम लोग दोबारा वो सब करोगे तो में अचानक से जाग जाऊंगा और फिर में तुमसे कहूँगा कि तुम उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था मेरे मित्रगणों यह क्या कर रहे हो? तो तुम्हारा ससुर मेरी यह बात सुनकर बिल्कुल शर्मिंदा हो जाएगा और फिर में बोलूँगा तो वो तैयार भी हो जाएगा और हम तीनों को बड़ा मज़ा आएगा. मेरे मित्रगणों कई बार जबरजस्ती शॉट मरने में चुत से खून निकल गया.
उसकी बूब्स देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी अब हमारे प्लान के हिसाब से रात के वक़्त हम सभी खाना खाने के बाद कुछ देर हंसी मजाक करने के बाद सो गये और जैसे ही मेरी बहन के ससुरजी को लगा कि अब में गहरी नींद में सो चुका हूँ और डरने की कोई बात नहीं तो वो दोनों नंगे हो गए और फिर उनके ससुरजी ने मेरी बहन के बूब्स को दबाना शुरू किया और वो दोनों कुछ देर बाद पूरे जोश में आ गये और मज़े करने लगे.
मेरे मित्रगणों मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु फिर मैंने भी सही मौका देखकर उठकर कर उन दोनों के पास पहुंच गया. तभी वो मुझे अपने पास देखकर हक्के बक्के रह गये. फिर मैंने उनसे पूछा क्यों तुम यह क्या कर रहे हो? अब उनका ससुर अपनी गर्दन को नीचे करके चुपचाप बैठ गया. फिर मैंने उनसे कहा कि देखो इसमे आपका कोई कसूर नहीं है आप बेफ़िक्र रहिए, लेकिन आज में भी तुम्हारे साथ इस काम में शामिल होना चाहता हूँ. उसको पेलने की इच्छा दिनों से है मेरे मित्रगणों .
अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता मेरे मित्रगणों फिर उनके ससुर ने कहा कि हाँ ठीक है. फिर मैंने उनके ससुर से बोला कि आज में मेरी बहन को चोदूंगा और इस चुदाई के काम में तुम भी मेरी मदद करना. उसके बाद मेरी बहन ने मेरे कपड़े उतार दिए और मैंने उसको नीचे लेटने के लिए कहा और में उसके ऊपर बैठ गया. मेरे मित्रगणों मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार.
उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया मेरे मित्रगणों जैसे उसके चुत में माखन भरा हो मैंने उनसे कहा कि में बिना कंडोम के ही चुदाई करूंगा, क्योंकि लंड पर कंडोम लगाना मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता और फिर मैंने अपनी बहन से कहा कि आज जितना दिल चाहे उतना मेरा लंड चूस और जब में बहुत ही गरम हो गया . ...मैंने मेरी बहन के ससुर से कहा कि अब आप मेरी बहन के दोनों पैरों को ऊपर उठा लो. आज मुझे बहुत जमकर चुदाई करनी है और उन्होंने वैसा ही किया. उसको देखने बाद साला चुदाई भूत सवार हो जाता मेरे मित्रगणों .
मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू तब तक ठीक नहीं होता उसके बाद मैंने मेरी बहन की गांड के नीचे एक तकिया रख दिया और जैसा ही ऊपर आया तो मैंने अपनी बहन की चूत में जोरदार धक्का देकर अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और फिर मेरी बहन उसकी वजह से होने वाले दर्द से तड़पने लगी, लेकिन कुछ देर बाद उसको अपनी चुदाई के मज़े आने लगा और वो अब पूरी तरह से जोश में आकर कहने लगी भायाआ आअहह ओहहह भैया तुम्हारा तो बहुत बड़ा है प्लीज और ज़ोर से करो, वाह मज़ा आ गया हाँ पूरा अंदर डाल दो उफ्फ्फफ्फ्फ़ तुम कितने अच्छे हो आईईईइ मज़ा आ गया, ऐसा मज़ा मुझे आज पहली बार मिला है और अब में उसके ऊपर पूरा चढ़कर अपने लंड को अंदर बाहर करता रहा और वो आहहहह स्सीईईईईई ऑश वाह मज़ा आ गया, हाँ आज तुम मुझे पूरी तरह से जमकर चोद दो, करती रही. एक बात और मेरे मित्रगणों चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है.
उह यह उसकी नशीली आँखे में एक दम चुदकड़ अंदाज है फिर थोड़ी देर की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत में छोड़ दिया और वो मुझे मेरी चुदाई की वजह से बहुत खुश नजर आई तो मैंने उससे पूछा क्यों मज़ा आया ना? अब मेरी बहन मुस्कुराती हुई बोली कि हाँ बहुत मज़ा आया और यह चुदाई बहुत लाजवाब रही.
मेरे मित्रगणों देखने से लगता है की वो पका चोदा पेली का काम करती होगी फिर मैंने उनके ससुर से कहा कि अब तुम तुम्हारी बारी है, तुम अब अपनी चुदाई चालू करो, में अब बहुत थक चुका हूँ और में सोने जा रहा हूँ. फिर उसके ससुर ने मेरी बहन को चोदना शुरू किया और वापस सुबह उठकर मैंने अपनी बहन को चोदा और आने वाली रात को मैंने और उनके ससुर ने उसको बहुत बार चोदा और फिर में वापस अपने घर पर आ गया तो मुझे थोड़ी सी टेंशन होने लगी कि मेरी बहन मेरी चुदाई की वजह से गर्भवती ना हो जाए, लेकिन उस ऊपर वाले का बहुत बहुत धन्यवाद हमने दो महीने तक राह देख ली, लेकिन उनको ऐसा कुछ ना हुआ था और में आज भी जब अहमदाबाद जाता हूँ तो एक बार अपनी बहन की चुदाई ज़रूर करता हूँ. मेरे मित्रगणों चुत को चाटेने के समय उसके बूर के बाल मुँह में आ रहे थे मेरे मित्रगणों मुझे तो कभी कभी चुत के दर्शन मात्र से खूब मजा आता क्योकि मई पहले बहुत बार अपने मौसी के लड़की को बिना पैंटी के देखा था वाह क्या मजा आया था.
अब चुदाई करने को १००% तैयार थी मैंने उसको अब तक बहुत बार चोदा और एक बार तो मैंने उसके ससुरजी के साथ मिलकर उसके दोनों छेद में एक साथ लंड डालकर उसको चोदा और उस दिन उसकी गांड में लंड डालने का वो पहला दिन था, जिसकी वजह से उसको बहुत दर्द हुआ और वो करीब दो दिनों तक उठने, बैठने, चलने, फिरने से परेशान हो गई थी और उसके बाद भी मैंने अपनी बहन की गांड मारी और उसके भी मज़े लिए. मन कर रहा था कब इसे चोद लू मेरा लंड समझने को तैयार नहीं था . अब बिना चुदाई के रह नहीं सकता था मेरे मित्रगणों मै पागल सा हो गया ओह ओह ओह है कब लंड को घुसा दू ऐसा लग रहा था मेरे मित्रगणों माल चुदाई के लिए तड़प रही थी मेरे मित्रगणों चोदने के बाद थोड़ा रिलेक्स हुआ भाइयो क्या गजब मजा जब माल अच्छा हो तो कौन नहीं चोदना चाहेगा है न मेरे मित्रगणों आया सेक्स करते समय बहुत मजा आया था मेरे मित्रगणों उसके बूब्स क्या मस्त थे मेरे मित्रगणों अब मै क्या कहु मेरे मित्रगणों मैंने तय किया की चोद कर ही दम लूंगा मै चुदाई के लिए बिल्कुल बेताब था मेरे मित्रगणों.