मुख्य पृष्ठ » ट्रेवल सेक्स स्टोरीज » बहन और उसकी सहेलियाँ


बहन और उसकी सहेलियाँ

Posted on:- 2023-04-04


कैसे है आप सब आशा है अच्छे होंगे और चुदाई के जुगाड़ में होंगे, में अविनाश शेखावत  यह मेरी पहली कहानी है और में आशा करता हूँ कि यह आप लोगों को जरुर पसंद आएगी. इसमे मैंने अपनी बहन के साथ साथ उसकी सहेलियों को भी एक एक करके चोदा और बड़े मज़े लिए और उस चुदाई में उन सभी ने मेरा पूरा पूरा साथ दिया और अब में अपना परिचय करवाते हुए कहानी सुनाता हूँ. क्या गजब चुदकड़ अंदाज थी.


 मोटी गांड वाली लड़कियों की बात ही कुछ और है दोस्तों मेरा नाम अविनाश शेखावत  है और मेरा रंग बहुत गोरा और में दिखने में बहुत चोदकड अच्छा लगता हूँ, क्योंकि मेरा बदन बड़ा ही गठीला दमदार है. में 18 साल का हूँ और मेरी लम्बाई 4.8 फिट है और यह कहानी मेरे पहले चोदा पेली  के बारे में है. मोटी गांड वाली लड़कियों की बात ही कुछ और है.


 लड़किया क्युआ गजब चुदकड़ होती है दोस्तों उस समय मैंने अपने 10 वीं क्लास के पेपर दिए थे. उसका रिज़ल्ट 25 मई को आ चुका था और उस समय मेरी एक बहन का 8 वीं का रिज़ल्ट भी आ चुका था, जिसको देखकर में मेरी बहन दोनों ही बड़े खुश थे और रिज़ल्ट आने के समय मेरे मम्मी पापा को किसी जरूरी काम से करीब तीन महीने के लिए बीकानेर जाना पड़ा इसलिए अब हम दोनों घर में बिल्कुल अकेले थे और वैसे उस समय हमारी छुटियाँ भी चल रही थी इसलिए वो घर के साथ हमारी तरफ से भी बिना चिंता के चले गए. मेरे मित्रगणों  क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया.


दोस्तों मेरी बहन का नाम रवीना  है वो दिखने में बहुत ही सुंदर है और उसके फिगर का आकार 38-26-38 है. उसके चूचिया    बहुत ही गोरे बिल्कुल सुडोल चोदकड है. में उसके सेक्सी बदन को देखकर हमेशा उसको हाथ लगाकर छूने चूचिया    को दबाकर उनके मज़े लेने के बारे में सोचा करता था और वैसे हम दोनों बहुत ज्यादा मस्ती मजाक भी किया करते थे. मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला  लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है


 मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है  जिसकी वजह से हमारी एक दूसरे से बड़ी अच्छी बनती थी और हम एक दूसरे से सभी तरह की बातें भी किया करते थे. दोस्तों जब मेरी बहन के 10th के रिज़ल्ट में 82% नंबर आये तो वो यह बात सुनकर इतनी खुश हुई कि उसने तुरंत मुझे उसी समय अपनी बाहों में भर लिया और वो मेरे होंठो पर किस करने लगी. उसको ज्यादा ख़ुशी मिलने की वजह से बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि वो किसके साथ क्या कर रही है? वो तो बस पागलों की तरह मुझे चूमती चाटती रही और में भी उसकी उस हरकत की वजह से बहुत गरम हो गया. में भी उसका साथ देने लगा और अपनी जीभ को उसके मुहं में डालने लगा और में उसकी जीभ को चूसने लगा और उसी के साथ साथ में उसके चूचिया    को कपड़ो के ऊपर से ही दबाने, मसलने लगा, जिसको में बहुत समय से छुकर महसूस करने उनको दबाने चूसने का मज़ा लेना चाहता था, इसलिए में सब कुछ जानते समझते हुए भी अपने काम पर लगा रहा. ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना  लड खड़ा ही हो जायेगा .

 मेरे मित्रगणों  चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है     अब वो जोश में आकर मोन करने लगी और सिसकियाँ लेने लगी. उसके मुहं से बड़ी ही कामुक आवाजे आने लगी थी और उसने अपने पूरे बदन को मेरी बाहों में ढीला छोड़ दिया और उस समय हम दोनों बहुत ही ज्यादा गरम हो चुके थे. क्या बताऊ मेरे मित्रगणों   उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये.


 मेरे मित्रगणों  मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है इस बात का मैंने अब पूरा पूरा फायदा उठाना चाहा और में जैसे ही हिम्मत करके उसके कपड़े उतारने लगा तो दरवाजे पर लगी घंटी बजी और मेरी बहन ने अपने होश में आकर मुझसे दूर हटकर बाहर जाकर दरवाजा खोलकर देखा तो बाहर उसकी एक दोस्त खड़ी थी और तब तक हम दोनों ने वापस अपने कपड़े ठीक कर लिए और उस लड़की के अचानक से आ जाने की वजह से मेरा सारा मूड खराब हो गया में अपने हाथ से उस मौके के निकल जाने की वजह से बहुत उदास था और में मन ही मन सोच रहा था कि अगर यह लड़की कुछ देरी से आती तो में दोनों चूचिया    को चूसने का मज़ा भी लेता और शायद हो सकता था कि आज में अपनी बहन की चुदाई के मज़े भी जरुर ले लेता, लेकिन उस लड़की ने मेरे सारे बने काम को बिगाड़ दिया. मेरे मित्रगणों  क्या मलाई वाला माल लग रहा था    .
 

चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए फिर में अपने खड़े लंड को लेकर तुरंत बाथरूम में चला गया और अब में अपने लंड को कपड़ो से बाहर निकालकर वही बात सोचकर हल्के हल्के रगड़ने सहलाने लगा और थोड़ी देर बाद में झड़ गया. मेरे लंड से बहुत सारा गरम वीर्य बाहर निकलकर सामने वाली दीवार पर चिपक गया. दोस्तों मेरा लंड मोटा और लंबा है, लेकिन फिर भी में शांत नहीं हुआ और में अब बाथरूम से बाहर निकलकर सीधा अपने कंप्यूटर रूम में आकर मैंने कंप्यूटर पर एक ब्लूफिल्म को चला दिया और में उसको देखकर उसके मज़े लेने लगा. साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है.


 अब सुनिए चुदाई की असली कहानी मैंने अपने लंड को बाहर निकालकर उसको हिलाना शुरू किया, तभी थोड़ी देर के बाद में मेरी बहन और उसकी चार सहेलियाँ जिनका नाम कोमल , कसकुन्तल  , सकुन्तल , स्वदीपा ना जाने कब वो सभी मेरे पीछे आकर चुपचाप ब्लूफिल्म देखने लगी और वो आपस में एक दूसरे से इशारे करने लगी. वो एक दूसरे के चूचिया    को दबाने और होंठो पर किस भी करने लगी और उन्होंने अपने आधे आधे कपड़े उतार दिए थे. वो एक दूसरे के चूचिया    को दबाने चूत में उँगलियाँ डालकर मज़े कर रही थी और जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो में बिल्कुल चकित हो गया, क्योंकि मुझे बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि वो सभी लड़कियाँ मेरे पीछे आकर कभी ऐसा भी कर सकती है? उन सभी के उस काम को देखकर मेरा लंड अब पूरा तनकर खड़ा हो गया. मेरे मित्रगणों  एक बार चोदते  चोदते  मेरा लंड घिस गया…


 वहा का माहौल बहुत अच्छा था  मेरे मित्रगणों   दोस्तों में उठकर उनके पास चला गया और मैंने अपनी तड़पती हुई बहन को अपनी बाहों में जकड़कर में करीब दस मिनट तक लगातार उसको उसके होंठो पर किस करता रहा और उसके चूचिया    को पूरे जोश में आकर निचोड़ने लगा. हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था और हम दोनों ही उस समय पूरे जोश में थे और वो आईईईइ माँ मर गई प्लीज थोड़ा धीरे करो उफफ्फ्फ्फ़ मुझे बहुत दर्द हो रहा है कह रही थी. अब कोमल  तुरंत मेरे पास आकर मेरे लंड को चूस रही थी, सकुन्तल  और कसकुन्तल   मुझे चाट रही थी चूम रही थी और स्वदीपा एक रबड़ के लंड को अपनी चूत में डाल रही थी. मेरे मित्रगणों  उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया.


 वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों   अब में रवीना  की चूत को चाटने लगा वो गरम होकर अपने मुँह से बड़ी सेक्सी कामुक आवाज़ें निकाल रही थी आआआहह आईईईइ वो पूरी से जोश में आ चुकी थी और वो कुछ ही देर बाद झड़ने वाली थी. फिर मैंने उसकी चूत को चाटना अब बंद किया और मैंने अपना लंड उसकी चूत में धीरे धीरे डालने लगा. मेरा लंड थोड़ा सा ही उसकी चूत के अंदर गया था कि वो जोरदार चीख मारने लगी आईई माँ में मर गई, भाई मुझे बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज अब इसको बाहर निकाल लो ऊईईईईइ माँ उफ्फ्फफ्फ् लगता है कि आज मेरी जान ही बाहर निकल जाएगी, लेकिन में नहीं माना और में उसके होंठो को अपने होठों में लेकर उनको चूसने लगा, लेकिन उसको दर्द बहुत ज्यादा हो रहा था, इसलिए मैंने थोड़ी देर अपना लंड वैसे ही रखा और फिर कुछ देर बाद मैंने अपने लंड को दोबारा धीरे से थोड़ा सा अंदर धक्का दे दिया. मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर जाने लगा. मेरे मित्रगणों  चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया.


 ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मेरे मित्रगणों   अब तो उसने उस दर्द की वजह से रोना शुरू कर दिया और वो साथ में मुझसे कहने लगी कि भैया आप बहुत गंदे हो और मुझे बहुत दर्द हो रहा है और आप मुझे अब इतना कहने पर छोड़ भी नहीं रहे हो और साथ में वो दर्द से आआहह उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ माँ मर गई भी कर रही थी, लेकिन मेरे ऊपर उसके कहने का कोई भी असर नहीं हो रहा था और मैंने उसके दर्द की परवा किए बिना एक जोरदार धक्का मारा, जिसकी वजह से उसके मुँह से वो चीख निकल गई आईईईईईईई आह्ह्ह्हह्ह माँ में मर गई, माँ मरी प्लीज अब मुझे छोड़ दो, प्लीज मुझे बहुत दर्द हो रहा है में मर जाउंगी, लेकिन दोस्तों मेरे ऊपर तो उसको आज जमकर चोदने का भूत सवार था, इसलिए मुझे उसके दर्द की बिल्कुल भी चिंता नहीं थी और अब मैंने एक दो धक्के ज़ोर से मारे, जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड उसकी चूत की गहराई में चला गया, वो एक ज़ोर की चीख मारकर बिल्कुल चुप हो गयी और शायद वो बेहोश भी हो गयी. मेरे मित्रगणों  एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया.


 उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों  गजब  फिर मुझे डर लगने लगा कि कहीं इसको कुछ हो तो नहीं गया, इसलिए मैंने डरते हुए उसकी चूत से अपने लंड को बाहर निकाल लिया और मैंने देखा कि मेरा पूरा लंड खून से लाल हो चुका था जो उसकी चूत की सील के टूट जाने से मेरे मोटे लंड के अंदर जाने से चूत के फटने की वजह से बाहर भी आ रहा था. फिर मैंने उसके चेहरे पर ठंडे पानी के छींटे मारे तब उसको थोड़ा सा होश आ गया और वो मुझसे बोली कि भैया आप बहुत बड़े जालिम हो, आज अपने मुझे तो मार ही डाला, देखो मेरी चूत की क्या हालत हो गई है इससे कितना खून बह रहा है ...और मुझे कितना दर्द हो रहा है में किसी भी शब्दों में बता नहीं सकती. मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मेरे मित्रगणों  .


 क्या बताऊ मेरे मित्रगणों  मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया फिर मैंने वापस अपने लंड को उसकी चूत में डाला तो वो बुरी तरह से चिल्ला उठी आह्ह्ह्ह ऊउईईईइ माँ मर गई प्लीज थोड़ा धीरे करो. फिर मैंने देखा कि अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत में फिसलता हुआ बहुत आराम से चला गया और मैंने ज़ोर ज़ोर से अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया और वो ज़ोर ज़ोर से आउऊऊउ स्सीईईईईईईईइ करके सिसकियाँ लेने लगी. कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था .


 उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये  फिर मैंने बोला कि बस और दो मिनट रुक जाओ, अब तुमको भी मज़ा आएगा और में लगातार धक्के देता रहा. फिर कुछ देर बाद उसको मज़ा आने लगा और वो मुझसे कहने लगी कि वाह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है उफ्फ्फ्फ़ और वो मोन करने लगी और कुछ देर के बाद मैंने अपने धक्कों की स्पीड को बढ़ा दिया, जिसकी वजह से अब हम दोनों पूरी मस्ती में थे और वो जोश मस्ती में आकर मोन कर रही थी, हाँ भाई आऊऊ ऐसे ही करो, मुझे बहुत मज़ा आ रहा है. मेरे मित्रगणों  मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है.


 मेरे मित्रगणों  मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है दोस्तों वो उस समय इतनी मस्ती में थी कि वो पूरा का पूरा शब्द भी नहीं बोल पा रही थी और में अपनी स्पीड को धीरे धीरे बड़ता जा रहा था हाँ मेरे राजा ऐसे ही चोदते रहो ऊऊऊह्ह्ह्हह्ह हाँ और ज़ोर से चोदो, आज फाड़ दो तुम मेरी चूत को, इसका भोसड़ा बना दो, आज कुछ भी हो जाए, लेकिन तुम मेरी चूत को फाड़े बिना मत छोड़ना आह्ह्ह हाँ और ज़ोर से सस्स्स्स्स्स्सीईए ऐसे ही वो लगातार मोन कर रही थी. मेरे मित्रगणों  एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया.

 मेरे मित्रगणों  चोदते  चोदते  कंडोम के चीथड़े मच गए फिर कुछ देर के बाद मैंने देखा कि मेरा लंड अब पानी से भीग रहा है और वो भी अपनी चूत का पानी छोड़ने वाली थी, इसलिए वो जोश में आकर नीचे से अपनी कमर को उठाकर चिल्ला रही थी और ना जाने क्या क्या बड़बड़ा रही थी, हाँ और ज़ोर से अंदर तक डालकर चोदो मेरी चूत को, आज तुम इसका भोसड़ा बनाकर ही छोड़ना और इसे जमकर चोदना. फिर कुछ देर के बाद वो बोली कि में अब झड़ने वाली हूँ और में भी तब तक झड़ने के करीब पहुंच गया था, क्योंकि हम लोग लगातार करीब 15-20 मिनट से वो मज़े ले रहे थे और जमकर चुदाई कर रहे थे. ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है.

 एक बार मैंने अपने मौसी की लड़की को जबरजस्ती चोद दिया फिर मैंने बोला कि हाँ डार्लिंग अब में भी झड़ने वाला हूँ और मैंने अपने धक्कों की स्पीड को अब बढ़ा दिया था और वो कुछ देर के बाद झड़ गयी और में भी झड़ने के बड़े करीब आ गया था, इसलिए कुछ देर के बाद में भी अब झड़ गया और उसने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया. में भी उसके चूचिया    के ऊपर पड़ा रहा और फिर कुछ देर बाद उसके ऊपर से हटकर मैंने स्वदीपा की चूत में अपना लंड डाल दिया और उसको भी मैंने चोदा और उसके बाद मैंने थोड़ा सा आराम करने के बाद कोमल  को भी बहुत जमकर चोदा. अभी हमारी चुदाई चल ही रही थी कि तभी दरवाजे पर लगी घंटी बजी और उसकी आवाज सुनकर में डर गया. है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई.
 मेरे मित्रो मामा की लड़की की चुदाई में बड़ा मजा आया तभी रवीना  ने कहा कि वो हीना है मेरी चचेरी बहन. फिर में और भी ज्यादा डर गया. फिर उसने बोला कि वो यहाँ पर अपनी चुदाई करवाने आई है और यह सब मेरा ही प्लान था. फिर में तुरंत सब कुछ समझ गया और फिर में बड़े मज़े से उन सब को बारी बारी से एक एक करके चोदने लगा. मैंने उनके साथ बहुत मज़े लिए और रवीना  की दोस्त रात को करीब 8 बजे चली गई. मेरे मित्रगणों  कई बार जबरजस्ती शॉट मरने में चुत से खून निकल गया.
 उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था मेरे मित्रगणों   फिर मैंने रात भर अपनी दोनों बहन को बहुत मज़े लेकर जमकर चोदा और सुबह होते ही उनकी वो सब दोस्त भी दोबारा आ गई, जिनको भी मैंने दिन में चोदा. दोस्तों यह सब तीन महीने से चल रहा है, जिसमें में हर किसी की चूत को चोदकर अपने लंड को शांत करके चुदाई के मज़े लेता हूँ. उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया मेरे मित्रगणों   जैसे उसके चुत में माखन भरा हो मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू    तब तक ठीक नहीं होता.

What did you think of this story??






अन्तर्वासना इमेल क्लब के सदस्य बनें


हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !


* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।