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प्यार का सबसे बुरा अंजाम

Posted on:- 2022-03-24


नमस्कार साथियों, मेरा नाम अभिराम है और मेरी उम्र 22 साल है. यह उस वक़्त की बात है जब में 20 साल का था. ये मेरी जिंदगी में आई पहली लड़की की कहानी है और उसका नाम निरसा था. वो सचमुच किसी निरसा से कम नहीं थी. फिर मेरी और उसकी कहानी ऐसे शुरू हुई. दोस्तों में और वो एक ही क्लास में थे. अब 10वीं बोर्ड के एग्जॉम होने से हम साथ-साथ ही पढ़ते थे.

 

मित्रों मेरी दो बहनें भी हमारे साथ पढ़ती थी, लेकिन वो हमसे बहुत छोटी थी. फिर साथ-साथ पढ़ते हुए हम नज़दीक आते गये और एग्जॉम ख़त्म होने के बाद भी हमारी बात होती रही. अब हम एक दूसरे की तरफ खिंचते चले जा रहे थे, वो इतनी खूबसूरत थी कि मौहल्ले के कई लोग मुझसे चुदुराम कहने लगे थे.

फिर एक दिन जब वो मेरे घर आई, तो मेरे घर पर कोई नहीं था तो मैंने उसे पकड़कर उसके गालों को चूसा.  फिर वो घबराकर भाग गई और 15 दिन तक उसने मुझसे बात नहीं की, लेकिन फिर धीरे-धीरे सब ठीक हो गया. फिर कुछ दिन के बाद ऐसा ही फिर से हुआ, तो इस बार मैंने उसे अपनी बाँहो में ले लिया और पूछा कि क्या में तुम्हें किस करूँ तो तुम नाराज़ तो नहीं होगी? तो वो कुछ नहीं बोली.

 

मैंने हिम्मत करके उसके गालों को चूसना चालू की और 7-8 मिनट के बाद मैंने किस करते हुए अपना एक हाथ उसकी लेफ्ट चूची पर रखा और धीरे-धीरे रगड़ने करने लगा. अब हम दोनों बहुत हॉट हो गये थे, हमारा ये पहला मौका था, अब में तो खड़े-खड़े ही झड़ गया था. फिर मैंने उसे अपनी बाँहो में उठाया और अपने रूम में ले आया. अब वो कुछ भी बोल नहीं रही थी, बस चुप थी.

 

फिर मैंने वहाँ उसे चूमना, चाटना और सहलाना चालू किया और सहलाते हुए कुछ देर के बाद में अपना एक हाथ उसकी जांघो से उसकी गांड पर ले आया और फिर मैंने उसे चूमना बंद करके उसकी कमीज़ उतारनी शुरू की, लेकिन जैसे ही मैंने उसकी कमीज़ को उठाया, तो उसने अपने आपको छुड़ाकर भागना चाहा. फिर मैंने कहा कि क्या हुआ? तो वो बोली कि नहीं प्लीज, ये सब मत करो. फिर मैंने उसे बहुत समझाया, लेकिन वो नहीं मानी तो तब मैंने वो किया जिसका मुझे आज तक दुःख है.

 

मैंने उससे कहा कि अगर तुम नहीं मानोगी, तो में अपनी जान दे दूँगा, तो वो घबरा गयी और रोते हुए मेरे पास आ गई. अब में उस वक़्त हवस के नशे में था तो मैंने उसे उठाकर बेड पर पटका और फिर उसकी कमीज़ उतार दी और उसकी ब्रा भी उतार दी. अब में उसे टॉपलेस देखकर पागल हो गया था. उसकी दूध सी रंगत थी और फिगर 32 साईज के होंगे. अब में उसे मसलने लगा, चूमने लगा, चूसने लगा था और अब में सब कुछ भूलकर उसमें खो गया था.

 

फिर 15-20 मिनट के बाद मुझे होश आया तो में अपना एक हाथ उसकी चूत पर ले गया और धीरे से उसकी सलवार को भी खोल दिया. फिर इस बार वो कुछ नहीं बोली बस खामोश ऊपर छत को देखती रही.

 

फिर मैंने उसकी सलवार उतारने के बाद अपने कपड़े भी खोल दिए, तो वो मुझे अपने कपड़े उतारते हुए देखती रही. अब मैंने उसकी चूत को पहली बार देखा था, उसकी चूत पर बाल नहीं थे.

 

अब 19 साल की प्यारी कुँवारी चूत देखकर मेरे मुँह में पानी आ गया था. फिर में उसे चूमने लगा और चूमते-चूमते अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी, तो वो चीख पड़ी. फिर में अपनी उंगली धीरे-धीरे आगे पीछे करते हुए उसे सिर से लेकर पैर तक चूमता रहा और फिर उसकी चूत को चाटने लगा. सच दोस्तों उस वक़्त में बयान नहीं कर सकता कि मुझे कितना मज़ा आ रहा था?

 

उसके बाद मैंने उससे अपने लंड को चूसने को कहा तो वो चुपचाप मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी और में पलटकर उसकी चूत को 69 स्टाइल में चाटने लगा.

 

अब जब मेरे सब्र से बाहर हो गया तो में उठा और तेल की बोतल लाया और थोड़ा उसकी चूत पर और थोड़ा अपने लंड पर लगाया. फिर मैंने एक तकिया उसकी नाज़ुक मुलायम गांड के नीचे रखा (ये सब मैंने एक सेक्स की किताब में पढ़ा था कि चुदाई कैसे होती है?) वो अब भी चुप थी, ना साथ दे रही थी और ना ही विरोध कर रही थी.

 

उसके बाद मैंने सोचा कि उसे भी मज़ा आ रहा है, लेकिन वो शर्म के मारे कुछ बोल नहीं रही है. फिर मैंने उसकी चूत को अपने हाथ से खोला और उसकी चूत के छेद पर अपना लंड रखकर थोड़ा ज़ोर लगाया तो तेल की चिकनाई ने कमाल दिखाया और मेरा लंड करीब 2 इंच उसकी चूत को फाड़ता हुआ अंदर चला गया.

 

उसके बाद उसके मुँह से कराह निकली तो मैंने देखा कि उसने अपने होंठ भींचकर अपने दांतो में दबा रखे थे. अब उसकी आँखों से आँसू आ रहे थे और अब में समझ गया था कि ये चूत फटने के दर्द के आँसू है. फिर मैंने थोड़ा रुककर फिर से थोड़ा ज़ोर लगाया तो इस बार भी मेरा लंड करीब उतना ही उसकी चूत के अंदर चला गया.

 

अब में ऐसे ही अपने आधे घुसे हुए लंड से ही धक्के मारने लगा था. अब मेरा लंड उसकी चूत में बहुत ही फँस-फँसकर आ जा रहा था. अब उसकी चूत से खून भी निकल रहा था. फिर करीब 10 मिनट के बाद कुछ आसानी से मेरा लंड आने जाने लगा तो मैंने जोश में आकर थोड़ा ज़ोर का एक झटका लगाया तो मेरा पूरा 7 इंच का लंड जड़ तक उसकी चूत में घुस गया.

 

उसके बाद वो ज़ोर से चीखी, तो मैंने उसके मुँह पर अपना एक हाथ रखा और कहा कि क्या कर रही हो? मरवाओगी क्या? फिर थोड़ी देर के बाद मैंने फिर से हिलना चालू किया और अपना काम करीब 15 मिनट में ख़त्म किया. फिर वो उठकर बिना मुझसे बात करे अपने कपड़े पहनकर चली गई थी. फिर मैंने समझा कि शरमा गई होगी और अगर नाराज़ भी होगी, तो में 1-2 दिन में मना लूँगा, लेकिन मेरे होश तब उड़े जब मुझे उसका लेटर मिला.

 

उसने मुझे लिखा था डियर अभिराम में तुम्हें बहुत चाहती थी, लेकिन उस दिन तुमने वो किया जो में सोच भी नहीं सकती थी, तुमने अपनी जान देने की धमकी ना दी होती, तो में कभी नहीं मानती. में तुम्हें अपनी जान से ज़्यादा चाहती हूँ, तो में तुम्हें कैसे मरने दे सकती हूँ? वो भी अपने इस नाश्वर शरीर के लिए, लेकिन अभिराम ये बात मुझे अब भुलाए नहीं भूलती कि तुमने कुछ देर के मज़े के लिए मुझे दागदार कर दिया, तुम्हें जिस इज़्ज़त के रखवाले बनना था, उसकी हवस की आग में जलकर तुमने ही उसे लूट लिया. में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ इसलिए तुमसे नफ़रत नहीं कर सकूँगी, लेकिन प्लीज अब तुम मुझसे मिलने या बात करने की कोशिश भी मत करना, वरना अब में अपनी जान दे दूँगी. ये मेरा जिस्म तो एक दिन तुम्हें ही मिलना था, लेकिन इस तरह से तुमने मेरे दिल को छलनी किया है कि में तुम्हें कभी माफ़ नहीं करूँगी.

 

मित्रों उसके जाने के बाद मुझे अहसास हुआ कि मैंने कितनी कीमती चीज़ इस हवस के हवाले होकर खो दी है, में उसकी याद में आज तक रो रहा हूँ शायद ये मेरे प्यार का सबसे बुरा अंजाम था, क्योंकि चाहता तो में भी उसे इतना ही था जितना वो मुझे चाहती थी, लेकिन में अपने आप पर काबू ना रख पाने की सज़ा पा रहा हूँ. अब तक वो भोसड़ी मरवाने की शौक़ीन हो चुकी थी.

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