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चूत ने लंड निचोड़ दिया

Posted on:- 2022-03-23


हैल्लो दोस्तों, में आप सभी को अपनी आज की कहानी सुनाने से पहले अपने बारे में देता बता देता हूँ. मेरा नाम कमल है और में आगरा में रहता हूँ, मेरी लम्बाई 5.11 इंच, वजन 80 किलो और में हर दिन सुबह जल्दी उठकर कसरत करता हूँ, इसलिए मेरा शरीर भी एकदम फिट है और रंग गोरा है.

 

मैं दिखने में बहुत अच्छा हूँ. दोस्तों में जो यह कहानी आप चाहने वालों को सुनाने जा रहा हूँ. यह मेरी और मेरे पड़ोस में रहने वाली एक लड़की की है, जो मेरे साथ कुछ समय पहले घटित हुई एक सच्ची घटना है और उस लड़की का नाम रुबिका है, जिसको मैंने चोदकर उसकी वर्जिन चूत के मज़े लिए. यह मेरा सेक्स अनुभव कभी ना भुला देने वाला अनुभव है, जो मुझे आज भी बहुत अच्छी तरह से याद है.

 

दोस्तों में रुबिका के बारे में बताऊँ तो वो दिखने में बहुत सुंदर, हॉट, सेक्सी थी और तब तक वो वर्जिन थी. उसकी लम्बाई करीब 5.5 इंच, पतला शरीर और गोरा बदन और उसके फिगर का साईज यही कोई 32-26-34 होगा. अब में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ.

 

दोस्तों यह बात तब की है जब में 12th में पढ़ता था और वो भी उस समय 12th में थी. में पढ़ने में ज़्यादा ठीक नहीं था, लेकिन मेरा गणित बहुत अच्छा था. एक दिन उसका छोटा भाई मुझे बुलाने के लिए मेरे घर पर आया और वो मुझसे बोला कि भैया आपको मेरी मम्मी हमारे घर पर बुला रही है. में तुरंत उसके साथ उनके घर पर गया और वहां पर पहुंचने के बाद उसकी माँ ने मुझसे कहा कि बेटा तू रुबिका को गणित के कुछ सवाल बता दे, इसे समझ नहीं आ रहे है.

 

रुबिका इस विषय में बहुत कमजोर है. इसके बाद मैंने भी झट से उन्हें हाँ बोल दिया. रुबिका भी उस समय वहीं पर बैठी हुई थी और इसके बाद में उसको सवाल समझाने लगा. कुछ देर में वहां पर उसकी मदद करने के बाद अपने घर पर चला आया और कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा. उसका छोटा भाई हर दिन मेरे पास आ जाता और वो मुझसे बोलता कि आप मेरी रुबिका दीदी को सवाल समझा दो और में भी उनके घर पर चला जाता था.

 

इसके बाद एक दिन जब में रुबिका को पढ़ा रहा था तो उसने अचानक से अपना एक हाथ मेरी जाँघ पर रख दिया और वो मुस्कुराने लगी, लेकिन मैंने उसकी इस बात को अपने दिमाग से निकाल दिया. इसके बाद थोड़ी देर बाद उसने दोबारा से वही किया. मैंने अब उसकी तरफ देखा तो वो अभी भी मेरी तरफ स्माइल दे रही थी, लेकिन में अब भी चुपचाप उसे पढ़ने लगा. उसकी बात पर मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और इसके बाद में कुछ देर उसको पढ़ाकर अपने घर पर चला आया.

 

इसके बाद दूसरे दिन जब में उसको पढ़ाने उसके घर पर पहुंचा तो वो उस दिन मेरे बिल्कुल नज़दीक आकर बैठ गयी और वो मेरे कंधे पर अपने बूब्स को छूने लगी, जिसकी वजह से अब मेरा ध्यान पढ़ाने में कम और उसकी तरफ ज़्यादा था. मेरा लंड अब हरकत में आने लगा था, लेकिन इसके बाद भी में उससे थोड़ा दूर होकर बैठ गया तो वो इसके बाद से मेरे थोड़ा नज़दीक आ गई और मुझे बहुत डर भी लग रहा था और में मन ही मन सोच रहा था कि में भी थोड़ी हिम्मत करके कुछ कर दूँ, लेकिन इतनी देर मे उसकी माँ आ गई और वो तुरंत मुझे थोड़ा दूर होकर बैठ गई और में उसे पढ़ाने लगा, लेकिन में लगातार चोर नजर से उसके बूब्स को देखने लगा और पढ़ाई खत्म करके में अपने घर पर चला आया.

 

अब में पूरा दिन उसके बारे में ही सोचता रहा और उसके कामुक बदन को छूने बूब्स को पकड़कर दबाने मसलने के बारे में सोचता रहा और कैसे में इस बात को आगे बढ़ाऊँ? में बस यही सब बातें सोचता रहा था. इसके बाद अगले दिन हमारे यहाँ पर बारिश होने लगी, जिसकी वजह से हवा भी ठंडी चलने लगी थी, वो अक्टूबर का महीना था और मुझे थोड़ी सर्दी भी लग रही थी.

 

तभी उसका भाई मुझे पढ़ाई के लिए बुलाने आ गया और में उसके साथ जाकर उसकी दीदी को पढ़ाने लगा, तो कुछ देर बाद उसकी माँ ने हमे एक कंबल लाकर दे दिया और वो हम दोनों से बोली कि बेटा तुम अपने पैर इसके अंदर कर लो तुम्हे सर्दी नहीं लगेगी और वो खुद हमारे लिए चाय बनाने किचन में चली गई.

 

मैं अपने दोनों पैर अंदर करके बैठ गया और उसे पढ़ाने लगा. उसने भी अपने पैरों को अंदर कर लिया और अब वो अपने पैर मेरे पैर से छूने लगी और मेरे मन में भी अब भूत सवार था, इसलिए मैंने भी अपना पैर उसके पैर से छू दिया और में उसे देखकर मुस्कुराने लगा और वो भी मेरी तरफ मुस्कुरा रही थी.

 

इसके बाद मैंने अपने पैर को थोड़ा सा ऊपर किया तो मेरा पैर उसकी जांघ से छू गया और उसने तुरंत अपना पैर दूर हटा लिया और मुस्कुराती हुई सवाल करने लगी, लेकिन अब मेरा सारा ध्यान उसी पर था और वो सवाल कर रही थी कि तभी मैंने अपना हाथ उसकी जांघ पर रख दिया और उसे छूकर उसकी गर्मी और कोमलता को महसूस करने लगा, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली. इसके बाद मैंने भी थोड़ी देर तक अपना हाथ ऐसे ही रहने दिया और अपनी एक ऊँगली से सहलाता रहा.

 

इसके बाद में थोड़ी देर बाद उसे बातों में लगाकर अपना हाथ धीरे धीरे नीचे सरकाते हुए उसकी चूत के पास ले गया. इसके बाद उसने तुरंत मेरा हाथ हटा दिया और वो मुझसे बोली कि तुम यह क्या कर रहे हो? मैंने उससे कहा कि तुझसे कुछ बोलना है, वो बोली कि वो क्या? तो मैंने उससे कहा कि में तुझे बहुत पसंद करता हूँ और तू मुझे बहुत अच्छी लगती है, में बहुत दिनों से तुझसे यह बात कहना चाहता था, लेकिन मुझे थोड़ा थोड़ा डर लगता था.

 

अब वो मेरी यह बात सुनकर मुस्कुराने लगी और इसके बाद मैंने उसके गाल पर एक किस कर दिया. उसने मुझे दूर हटा दिया और इसके बाद मेरे गाल पर प्यार से हल्का सा थप्पड़ मारकर वो मुझसे बोली कि सुधर जाओ, वर्ना में माँ से बोल दूँगी. इसके बाद मैंने उससे कहा कि तुझे जिससे बोलना है बोल देना, लेकिन मुझे तू सच में बहुत पसंद है.

 

इसके बाद उसने हंसकर कहा कि अच्छा जी और इसके बाद मैंने उसकी आँखों में देखकर उसका चेहरा अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और मैंने उसे किस कर दिया, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली और ना ही उसने मेरा कोई विरोध किया और ना मेरा साथ दिया.

 

इसके बाद मैंने दूर हटकर उससे कहा कि अगर तुझे यह सब पसंद नहीं है तो में कभी ऐसा दोबारा नहीं करूँगा और मैंने उससे थोड़ी देर ऐसे ही बातें की. इसके बाद इतनी देर में उसकी माँ हमारे लिए चाय बनाकर ले आई तो हम दोबारा पढ़ने लगे और कुछ देर हमारे साथ बैठकर चाय पीने के बाद उसकी माँ बाहर चली गई और में भी पढ़ाई पूरी करके अपने घर पर जाने लगा. तभी उसने पीछे से मेरा हाथ पकड़कर मुझे किस कर दिया और वो मुझसे बोली कि अब तुम अपने दिल में मुझसे कोई भी शिकवा या शिकायत मत रखना, क्योंकि में भी तुम से बहुत प्यार करती हूँ और यह बात में भी तुमसे बहुत जल्दी कहना चाहती थी, लेकिन आज तुमने खुद ही मेरे मन की बात कहकर मुझे बहुत खुश कर दिया है.

 

दोस्तों अब मुझे उसकी यह सभी बातें सुनकर नींद कहाँ आने वाली थी. में अपने घर पर पहुंचकर पूरी रात उसके बारे में सोचत रहा और इसके बाद मैंने दो बार उसके नाम की मुठ भी मारी और सो गया. अगले दिन इसके बाद से उसका भाई मुझे बुलाने आ गया तो में फटाफट से उसके घर पर पहुंच गया. मैंने वहां पर पहुंचकर देखा कि उसकी माँ अपने घर के काम में व्यस्त थी तो उस बात का फायदा उठाते हुए हमने बहुत देर तक जमकर किस किए और में कपड़ो के ऊपर से ही उसके बूब्स को दबाता रहा.

 

दोस्तों उसके बूब्स दिखने में थोड़े छोटे लगते थे, लेकिन थे बहुत बड़े क्योंकि मैंने उनको छूकर अच्छी तरह से दबाकर देखा था, जिसकी वजह से वो बहुत गरम हो गई और सिसकियाँ लेने लगी और में लगातार उसके बूब्स को मसलता रहा. इसके बाद कुछ देर बाद मैंने उससे बोला कि में आज रात को तेरे रूम में आ जाऊंगा, तो वो मुझसे थोड़ा नखरा करने लगी, लेकिन इसके बाद मेरे कहने और समझाने पर वो मान गई और वो मुझसे बोली कि ठीक है में तुम्हे सभी के सो जाने के बाद फोन कर दूँगी, तब तुम आ जाना और अब बस में रात होने का बड़ी बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था.

 

दोस्तों आज का दिन मुझे जैसे सबसे लंबा दिन लग रहा था और मैंने दिन में ही अपनी तरफ से सारी तैयारियां कर ली थी कंडोम वगेरह की और में सब कुछ करने के लिए तैयार हो गया. रात को इंतज़ार करते करते मुझे ना जाने कब नींद आ गई और रात में करीब एक बजे उसका मेरे नंबर पर फोन आया तो मेरी नींद खुली और इसके बाद हम दोनों के मकान की छते एक दूसरे से जुड़ी हुई है, इसलिए में तुरंत उठकर अपनी छत पर चला गया और में वहां से होते हुए उसकी छत पर पहुंच गया. इसके बाद मैंने देखा कि वो वहीं पर खड़ी हुई थी और मैंने उसे झट से अपनी बाहों में भर लिया और उसे पागलों की तरह किस करने लगा.

 

इसके बाद वो मुझसे बोली कि प्लीज थोड़ा तो सब्र करो, अब में तुम्हारे पास ही हूँ, कहीं भागी नहीं जा रही जो तुम इतने उत्सुक हो रहे हो और वैसे भी यहाँ पर कोई हमे देख लेगा, इसलिए हम नीचे चलते है, घर के सभी लोग सो रहे है.

 

इसके बाद में उसके कहने पर उसके पीछे पीछे नीचे चला गया और नीचे जाकर हमने कमरे में जाकर तुरंत दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया और अंदर जाते ही में उसे किस करने लगा. दोस्तों मैंने महसूस किया कि अब वो भी मेरा साथ दे रही थी और में किस करते करते उसके बूब्स को भी दबा रहा था और कभी कभी में कपड़ो के ऊपर से ही उसकी चूत पर भी अपनी उंगली को घुमा रहा था. इसके बाद थोड़ी देर किस करने के बाद मैंने जल्दी से उसके कपड़े उतारना शुरू कर दिए और अब वो मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी.

 

दोस्तों उसके कातिल सेक्सी गोरे बदन को देखकर मेरा मन ललचाने लगा था. उस कामुक गोरे बदन पर उसकी वो काली कलर की ब्रा, पेंटी और भी उसकी सुन्दरता को बढ़ा रही थी. सच पूछो तो वो उस समय काम की देवी लग रही थी और में उस समय अपने पूरे जोश में था. तभी उसने मेरे भी सारे कपड़े उतार दिए और में अब उसके सामने सिर्फ़ अंडरवियर में था. मेरा लंड अंडरवियर में तनकर खड़ा था, जिसको देखकर वो मन ही मन मुस्कुरा रही थी.

 

इसके बाद मैंने उसकी ब्रा के ऊपर से ही दोनों बूब्स को बारी बारी से दबाना और चूसना शुरू किया तो वो अब गरम होकर सिसकियाँ भरने लगी और इसके बाद मैंने एकदम सही मौका देखकर उसकी ब्रा को भी उतार दिया और अब तो उसके गोल गोल बूब्स को देखकर मुझसे बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हो रहा था और मैंने उन्हे ज़ोर ज़ोर से चूसना और दबाकर निचोड़ना शुरू कर दिया. इसके बाद वो और भी ज़ोर से सिसकियाँ भरने लगी और कुछ देर बाद उसने मुझे दूर कर दिया और वो मेरा अंडरवियर उतारकर मेरे लंड से खेलने लगी और इसके बाद उसने अपने होंठ मेरे लंड पर रख दिए.

 

दोस्तों मुझे तो मानो जन्नत मिल गयी हो ऐसा मज़ा आ रहा था. इसके बाद उसने धीरे धीरे मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया. मुझे मज़ा आने लगा और में उसके सर को पकड़कर अपने लंड पर दबाने लगा, जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड उसके गले तक जा रहा था और वो बहुत मजे लेकर चूस रही थी.

 

उसके कुछ देर चूसने के बाद में उसके मुहं से ही झड़ गया और उसने लंड को बाहर निकालने की बहुत कोशिश की, लेकिन मैंने अपना पूरा दम लगाकर उसको रोके रखा और इसके बाद उसने मेरा पूरा गरम गरम वीर्य अपने गले में भरकर बाहर थूक दिया. इसके बाद मैंने उसे लेटा दिया और में उसे किस करते हुए उसके बूब्स तक पहुंचा. बूब्स को चूसते चूसते में उसकी चूत में भी उंगली करने लगा. तब मैंने महसूस किया कि उसकी चूत बहुत टाईट, आकार में छोटी सी, गरम और पूरी गीली हो चुकी थी, वो अब सिसकियाँ भरने लगी थी.

 

अब में धीरे धीरे उसके पूरे बदन को अपनी जीभ से चाटते हुए उसके नीचे तक आ गया और अब उसकी चूत पर जीभ घुमाने लगा. इसके बाद उसने मेरा सर पकड़ लिया और चूत पर दबाने लगी और अपनी कमर को ऊपर नीचे करने लगी. में भी उसकी चूत को चाट रहा था और जीभ को उसकी चूत में अंदर तक घुसाकर उसे चोदने की कोशिश कर रहा था, वो भी जोश में आकर मुझसे कहने लगी कि प्लीज आईईईइ अब और ज़्यादा मत तड़पाओ उफफ्फ्फ्फ़ और अपना लंड मेरी चूत में डाल दो आह्ह्ह्ह में अब ज्यादा नहीं सह सकती.

 

इसके बाद मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रख दिया और एक हल्का सा धक्का दिया, लेकिन मेरा लंड बिल्कुल भी अंदर नहीं गया और इसके बाद मैंने दोबारा थोड़ा और ज़ोर से धक्का लगाया तो मेरा लंड हल्का सा अंदर गया और वो झटके से पीछे हट गई और वो मुझसे बोली कि तुम बस अब रहने दो, तुम्हारा लंड ज्यादा अंदर नहीं जाएगा, मुझे बहुत दर्द होगा, प्लीज अब मुझे छोड़ दो.

 

इसके बाद दोस्तों मैंने उसे बहुत प्यार से समझाया और उससे कहा कि पहली पहली बार सेक्स करने में थोड़ा दर्द जरुर होता है, लेकिन उस दर्द का मज़ा भी कुछ और ही होता है, तुम्हे भी थोड़ा दर्द जरुर होगा, लेकिन उसके बाद तुम्हे बहुत अच्छा लगने लगेगा और उस अनुभव को पाकर तुम मन ही मन बहुत अच्छा महसूस करोगी.

 

इसके बाद मैंने अपने लंड को दोबारा से उसकी चूत के मुहं पर रख दिया और एक ज़ोर से धक्का दे दिया तो हल्का सा लंड अंदर चला गया और उसके मुहं से चीख निकल गई. मैंने झट से अपना हाथ उसके मुहं पर रख दिया और एक हाथ से उसकी कमर को पकड़ रखा था, वो मुझसे दूर जाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मैंने नहीं जाने दिया और वो उस दर्द से बहुत ज़ोर ज़ोर से चीख रही थी. इसके बाद वो मुझसे लंड को बाहर निकालने के लिए कह रही थी, लेकिन मैंने उसकी एक भी बात ना सुनी और में उसी पोज़िशन में धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा. इसके बाद वो कुछ देर बाद जाकर थोड़ा शांत हुई और मैंने देखा कि उसकी आँखों से आँसू बाहर आ रहे थे.

 

इसके बाद मैंने थोड़ी देर बाद एक और तेज़ झटका दिया तो मेरा आधा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया और उसकी साँस ऊपर की ऊपर और नीचे की नीचे रह गई. उसका आधे से ज्यादा बदन बिस्तर से ऊपर उठ चुका था, वो चिल्लाना चाहती थी, लेकिन मैंने उसका मुहं बंद किया हुआ था और अब वो रो रही थी, वो मुझसे लगातार छूटने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मैंने भी उसकी कमर को बहुत कसकर पकड़ा हुआ था.

 

इसके बाद ऐसे ही मैंने मौका देखकर एक और तेज़ झटका दे दिया. जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया और उसकी आँखों से आँसू गिरने लगे, उसे बहुत दर्द हो रहा था और इसके बाद में थोड़ी देर ऐसे ही रहा और वो भी धीरे धीरे शांत होने लगी. उसका पूरा बदन पसीने से भीगा हुआ था और वो एकदम निढाल होकर चुपचाप पड़ी हुई थी. अब मैंने उसके मुहं से अपना हाथ हटा लिया और उसे किस करने लगा और धीरे धीरे उसके बूब्स को दबाने लगा तो मैंने महसूस किया कि वो एकदम शांत हो गई थी. इसके बाद मैंने धीरे धीरे उसकी चुदाई करना शुरू किया तो उसे अब भी बहुत दर्द हो रहा था और वो मुझे धक्के देने से रोक रही थी, लेकिन में धीरे धीरे चुदाई करता रहा.

 

इसके बाद थोड़ी देर बाद उसे भी बहुत मज़ा आने लगा था और वो भी अब अपनी कमर को ऊपर नीचे करने लगी थी. में समझ गया कि इसे भी मज़ा आ रहा है, तो मैंने अपने धक्कों की हल्की हल्की स्पीड को बढ़ा दिया और उसे चोदने लगा और अब रुबिका भी अपने पूरे जोश में आ गई थी और वो मुझसे लगातार तेज़ तेज चुदाई करने के लिए बोलने लगी थी, वो कह रही थी हाँ थोड़ा और अंदर जाने दो उफ्फ्फ्फ अब जब तुमने इतना अंदर आह्ह्हह्ह डाल ही दिया है तो इसके बाद क्यों अच्छे से नहीं चोदते, तुम्हे अब किस बात का डर है उईईईईइ माँ तुम्हारा लंड बहुत मोटा है, हाँ पूरा अंदर तक जाने दो स्स्सईईईईईई.

 

इसके बाद मैंने भी उसकी बात को सुनकर और भी जोश में आकर उसकी कमर को कसकर पकड़ लिया और अब मैंने उसे तेज़ तेज़ झटके देना शुरू कर दिए. जिसकी वजह से वो पूरी हिलने लगी थी. उसके बूब्स हर एक धक्के पर आगे पीछे होने लगे थे और वो अब मेरे धक्कों से खुश होकर मस्त मस्त आवाज़ निकाल रही थी. मेरा मूड और ज़ोर से धक्के देने का बन रहा था और वो लगातार सिसकियाँ भरती जा रही थी.

 

अब में उसके बूब्स को दबाता और कभी अपनी उंगली उसके मुहं में डाल देता और वो उसे बहुत प्यार से चूसती रही और ऐसे ही करीब 10-15 मिनट लगातार ताबड़तोड़ धक्के देकर चुदाई करने के बाद वो अब ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी और मैंने भी अपनी स्पीड को बड़ा दिया था और वो भी नीचे से अपने चूतड़ को उठा उठाकर मेरे साथ साथ धक्के दे रही थी और अब हम दोनों अपनी पूरी स्पीड से सेक्स करने लगे थे.

 

इसके बाद कुछ देर बाद वो मुझसे बोली कि में अब झड़ने वाली हूँ. इसके बाद वो और तेज़ होकर अचानक से रुक गई. शायद वो उस समय झड़ चुकी थी और मुझे उसके चेहरे पर वो संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी और में भी उसको 10-15 धक्के देने के बाद झड़ गया और मैंने अपना सारा गरम लावा उसकी चूत की गहराईयों में छोड़ दिया. में कुछ देर वैसे ही रुका रहा और अपनी एक एक बूंद को चूत में गिराता रहा. उसके बाद हम दोनों किस करते रहे और एक दूसरे में खोने लगे.

दोस्तों उस रात हमने तीन बार चुदाई करके बहुत मज़े लिए और उसने मेरा पूरा पूरा साथ दिया, वो हर बार बहुत ज्यादा जोश में आकर मुझसे अपनी चुदाई करवा रही थी और मैंने भी हर बार उसकी चूत को बहुत अच्छी तरह से चोदकर उसकी आग को शांत किया और इसके बाद सुबह करीब 5 बजे में उठकर उसी रास्ते से अपने घर पर आ गया और में उसकी चुदाई से बहुत थक चुका था, इसलिए में घर पर आते ही लेट गया और अब में अपनी पड़ोसन की वर्जिन चूत को चोदकर अपने घर पर आने के बाद मन ही मन उसकी चुदाई को लेकर सोचता रहा. में बहुत खुश था, क्योंकि आज मैंने उसकी सील को तोड़ दी थी.

इसके बाद मुझे पता ही नहीं चला कि कब में सो गया, लेकिन उसके बाद मेरा जब भी उसकी चुदाई करने का मन करता, तो में उसको फोन कर देता और वो मुझे दोबारा फोन करके घर पर सभी के सो जाने और रास्ता साफ हो जाने पर बता देती और में तुरंत अपनी छत से होता हुआ उसके घर पर चला जाता और उसकी चूत को बहुत जमकर चोदता. दोस्तों मैंने ऐसा बहुत बार किया और अब उसको मेरे लंड की और मुझे भी उसकी चूत की एक जरूरत सी महसूस होने लगी थी, लेकिन इसके बाद कुछ समय के बाद उसकी शादी हो गई और वो मुझे दूर अपने ससुराल चली गई. अब वह जब भी अपने घर आती है तो मुझे चुदाई जरूर करती है.

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