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डॉली और कोचिंग टीचर

Posted on:- 2024-06-03


हैल्लो फ्रेंड्स, मेरा नाम श्रुति है और मेरी उम्र 21 साल है, मैं बंगलुरु की रहने वाली हूँ. मैं देखने में हॉट लगती हूँ. मेरे घर में मेरे मम्मी पापा और एक भाई है. में शुरू से ही सेक्स के बारे में काफ़ी सोचती रहती थी और इसी वजह से मेरा पड़ाई में ध्यान नहीं लगता था और पिछले साल में 10वीं में फैल हो गई थी. इस कारण मेरे पापा ने मुझे मेरे कज़िन भैया के पास गाजियाबाद भेज दिया ताकि यहाँ पर में प्राइवेट से सीधे 11वीं कर सकूँ. में दिखने में इतनी अच्छी नहीं हूँ, लेकिन इतनी हूँ कि किसी को भी अपने जाल में फंसा सकूँ, मेरे दिमाग़ में हमेशा यही सब चलता रहता था. मेरी हाईट 5 फुट 5 इंच, बाल लंबे, रंग सांवला और मेरा शरीर भरा हुआ है.

 

अब कहानी शुरू होती है. ट्यूशन टीचर दिखने में बहुत सेक्सी था. उनका फिगर 56-32 का रहा होगा. मैं उनके पास सितम्बर से जा रहा था. मैं पढ़ाई में अच्छा हूँ, तो मेरी मैडम से अच्छी बोलचाल थी. ऐसे ही पढ़ाई के साथ संध्या मैडम से मेरा हंसी मज़ाक चलता रहता था.भैया ने कहा कि श्रुति में तुम्हारी कोचिंग लगवा दूँगा, यहाँ पर एक टीचर है जिनका नाम विजय है और मैंने उनसे बात कर ली है. फिर बाद में भाभी ने बताया कि वो हमारे अपार्टमेंट में ही रहते है जो कि हमसे सिर्फ़ एक फ्लोर ऊपर था. उनकी उम्र करीब 34 साल थी और उनकी शादी भी हो चुकी थी और उनके एक बच्चा भी था. वो जब ऑफिस से आए तो भाभी ने उनको हमारे घर नीचे बुलाया और वो बाहर हॉल में बैठे थे और तभी भाभी ने मुझे आवाज़ दी कि श्रुति बाहर आओ विजय सर आए है. मेरे दिल में लड्डू फूटने लगे और में फटाफट से बाहर गई तो उस वक़्त मैंने टॉप और स्कर्ट पहन रखा था और मेरे बाल खुले हुए थे.

 

फिर बाहर जाकर मैंने सर को हाय बोला और सर ने भी मुझे हाय बोल कर हाथ मिलाया. मेरी सहेली ने मुझे बताया था कि मेट्रो सिटी में रहने वाले लोग बहुत ज्यादा ओपन हो चुके है और 18-19 साल की लड़की को काफ़ी जवान माना जाता है. सर दिखने में काफ़ी अच्छे थे और लंबे चोड़े भी थे. भाभी ने उनको कहा कि इसे कोचिंग कब से आना है, तो उन्होंने कहा कि वो कल से आ सकती है और वो चले गये. जब वो चले गये तो मुझे ऐसा लगा कि उनकी नज़रे कई बार मेरी कमर और स्कर्ट पर जा रही थी. यह सोच-सोच कर में काफ़ी देर तक अपने बिस्तर पर मचलती रही और में उन्हें फर्स्ट मीटिंग में ही इंप्रेस करना चाहती थी. फिर मैंने आज कोचिंग में जाने के लिए जीन्स और टॉप पहनने की सोचा और जब मैंने अपने आपको शीशे में देखा तो में देखती ही रह गई.

 

जब में उनके घर पहुँची तो उनकी पत्नी ने दरवाजा खोला और में रूम में जाकर बैठ गई और पढ़ने लगी. फिर सर भी रूम में आए और उन्होंने मुझे पढ़ाया, लेकिन एक बार भी उन्होंने मुझे ऐसी नज़र से नहीं देखा जिस नज़र से उन्होंने मुझे कल देखा था. करीब 4-5 दिन तक ऐसा ही चलता रहा. मुझे यहाँ दिल्ली में आए हुए करीब 12 दिन हो चुके थे और में यहाँ बहुत बोर हो रही थी, क्योंकि यहाँ ना तो मेरा पर्सनल कंप्यूटर था और ना मेरी सहेली से इतनी बात हो पाती थी. फिर मुझे सर के घर जाते 7 दिन हो गए थे, फिर जब में उनके घर पहुंची तो सर ने दरवाजा खोला और मैंने अंदर जा कर देखा तो घर में कोई नहीं था. में आज स्कर्ट और टॉप पहने हुई थी, लेकिन आज सर की नजरें अलग ही थी. फिर मैंने कन्फर्म करने के लिए उनकी पत्नी से पानी लाने के लिए कहा है, फिर में जानबूझ कर पानी लेने के लिए किचन की तरफ जाने लगी तो उन्होंने आवाज़ दी कि मेरी पत्नी घर पर नहीं है, में पानी ला देता हूँ.

 

फिर वो पानी ले कर आए, तो मैंने सर से पूछा कि सर आपकी पत्नी कहाँ है? तो वो बोले कि वो अपने घर कानपुर 10 दिन के लिए गई है, लेकिन उनकी नज़रें आज बदली बदली थी. उनकी नजर बार-बार कभी मेरी नंगी टांगो पर तो कभी मेरी कमर और कभी मेरे बूब्स पर जा रही थी. ऐसी नज़रें मैंने कई बार पहले भी देखी थी, लेकिन वो सब पब्लिक प्लेस पर ही होता था, लेकिन आज पहली बार कोई बंद घर में मेरी इस कच्ची जवानी को अपनी नज़रो का शिकार बना रहा था. मुझे यही टाईम सही लगा कि सर के साथ और दोस्ती बड़ाई जाए और मेरी बेचेनी भी बढ़ती जा रही थी. फिर मैंने बोला कि सर आपसे एक बात पूछनी थी, सर कई बार जब में प्रश्नों की प्रेक्टीस करती हूँ तो बीच बीच में अटक जाती हूँ. सर बोले कि अपनी गाईड में देख लिया करो, लेकिन सर गाईड तो और कन्फ्यूज़ कर देती है.

 

फिर सर बोले तो एक ही रास्ता है, वो क्या सर? तुम मुझे कॉल कर लिया करो. में दिल ही दिल में उछल पड़ी और मेरा निशाना ठीक बैठा था. तो सर बोले कि मेरा नंबर नोट कर लो और मुझे कॉल कर लेना, लेकिन इसमें भी एक प्रोब्लम है सर, क्योंकि अगर में इतनी कॉल्स करुँगी तो काफ़ी बिल आयेगा और में अपने भैया पर और बोझ नहीं बढ़ाना चाहती. सर अगर आपको बुरा ना लगे तो में आपको अपने फोन से मिस कॉल दूं तो क्या आप मुझे कॉल कर दोंगे? यह सुनते ही सर की नज़रे और खुल गई और शायद वो थोड़ा-थोड़ा समझ भी गये. फिर उन्होंने मेरा नंबर माँगा और मुझे मिस कॉल दे दिया. अब तो पहले दिन मैंने सर से जानबूझ कर दिन में बात की और फिर जब रात के 11 बजे तो मेरी बैचेनी बढ़ती गई और फिर मैंने अपनी सहेली से बात की और सब कुछ बताया और उसका उत्तर था कि यह सर तो फंस गया, लेकिन मैंने उससे कहा कि वो तो मेरी उम्र से डबल है, तो वो हंस कर बोली तो इसी में ही तो मज़ा है मेरी जान और ऊपर से वो शादीशुदा भी है, मतलब अनुभवी है.

 

फिर मैंने फोन काटकर सर को मिस कॉल दे दी. मिस कॉल देने के बाद मेरे दिल की धड़कन बहुत तेज हो गई थी और सिर्फ़ 10 सेकेंड के बाद ही उनका कॉल आ गया, तो में एकदम घबरा गयी और मेरे मुँह से ग़लती से निकल गया कि ग़लती से कॉल लग गई थी. तो वो हंसने लगे और मुझसे पूछा कि तुम्हारे भैया भाभी कहाँ है? तो मैंने बोला कि वो अपने कमरे में है. फिर उन्होंने कहा कि जब भी मन करे कॉल कर लेना मुझे बुरा नहीं लगेगा और हंसकर फोन काट दिया, शायद उन्हें पता चल गया था कि मिस कॉल ग़लती से नहीं लगा था, मैंने ही लगाया था. फिर करीब 12 बजे मेरे फोन पर सर का मैसेज आया कि सो गई क्या? मैसेज देखते ही मेरे रोंगटे खड़े हो गये और बैचेनी भी बड़ गई. फिर मैंने झट से अपनी फ्रेंड को कॉल लगाया तो वो बोली कि वो सब समझ चुका है, बस अब उसका साथ देती जा और डर मत, वो सब संभाल लेगा.

 

में सच में काफ़ी डर गई थी और मैंने मैसेज भी नहीं किया था, तब तक मैंने चेंज करके नाइटी पहन ली थी. उसके बाद सर का फोन आया. फिर मैंने फोन उठाया तो उन्होंने कहा कि में आपको परेशान तो नहीं कर रहा. फिर मैंने कहा नहीं सर, वो में आपके मैसेज का जवाब नहीं दे पाई, क्योंकि मेरे मोबाईल में 2 ही रुपए थे इट्स ओके श्रुति, अगर चाहों तो में पैसे डलवा दूं, नो सर, अरे कोई प्रोब्लम नहीं है, ओके तो में 500 रूपए डलवा देता हूँ और 500 रूपए सुनते ही में उछल पड़ी. फिर सर ने फोन काटा और कुछ ही देर में मेरे फोन में 500 रूपए का रीचार्ज हो गया. फिर सर का फिर से कॉल आया और उन्होंने कन्फर्म किया. फिर सर ने पूछा कि क्या सब सो गये तो मैंने कहा कि हाँ सर. फिर उन्होंने पूछा की तुमने 11 बजे जब मिस कॉल दिया था तो क्या वो सच में ग़लती से किया था? में घबरा गयी और बोली हाँ सर सच में ग़लती से हो गया था, फिर सर ने पूछा ग़लती कैसे हुई बताओ मुझे? तो में चुप हो गई.

 

फिर उन्होंने कहा कि जब तुम चाहो तो मुझसे बात कर सकती हो. श्रुति एक बात कहूँ तो बुरा तो नहीं मानोगी. नो सर बताओ, वो आज तुम्हारा ड्रेस तुम पर बहुत अच्छा लग रहा था. यह सुनते ही मेरे सर से लेकर पैर तक एक अजीब सी हलचन होने लगी, चलो बाय. फिर सर ने फोन तो रख दिया, लेकिन उसके बाद में अपने बिस्तर पर मचलने लगी, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था और इतने में ही मैंने, वो कर दिया जो मुझे नहीं करना चाहिए था. मैंने एक बार फिर से उन्हें मिस कॉल दे दी. सर का फिर से फोन आया, लेकिन मैंने उनका फोन नहीं उठाया, फिर सर ने फिर से कॉल किया और मुझे उठाना पड़ा क्या हुआ नींद नहीं आ रही क्या? सॉरी सर इट्स ओके. फिर सर बोले एक चीज़ बोलूं श्रुति, हाँ सर, अभी तुमने क्या पहन रखा है? सर प्लीज बाय और मैंने फोन रख दिया, फिर अगले दिन में कोचिंग नहीं गयी, क्योंकि मुझे काफ़ी डर लग रहा था.

 

फिर रात को सर का फोन आया और उन्होंने मुझसे पूछा आज कोचिंग क्यों नहीं आई? तो मैंने कहा कि सर मुझे कोंचिंग नहीं पढ़नी, तो सर ने मुझे काफ़ी समझाया और फिर कहा कि तुम नहीं आओगी तो तुम्हारी भाभी खुद तुम्हें लायेगी फिर तो आना पड़ेगा और कल में तुम्हारी एक्सट्रा क्लास लूँगा और उसका नाम सेक्स क्लास होगा, सर प्लीज यह मत करना, प्लीज सर, बाय श्रुति.

 

मुझे पूरी रात नींद नहीं आई और सुबह करीब 12 बजे सर का फोन घर पर आया और सर ने पता नहीं भाभी से क्या बात की? तो भाभी ने मुझसे कहा चलो कोचिंग और भाभी मुझे ज़बरदस्ती सर के घर ले गई. फिर सर ने दरवाजा खोला और भाभी ने मुझे अंदर जाने को कहा और में चली गई. फिर सर ने भाभी को कहा कि आज क्लास लंबी चलेगी तो में इसे 5 बजे तक पढ़ाउंगा. फिर भाभी चली गई और सर ने दरवाजा बंद कर दिया और में वही खड़ी रही. फिर सर मुझे सिर से लेकर पैर तक घूरने लगे, तो में घबरा के अंदर वाले रूम में भाग गई, लेकिन जैसे ही में अंदर गई तो वहाँ का नज़ारा देखकर में और उत्तेजित हो गई, वहाँ पर दीवारों पर सेक्सी-सेक्सी पोस्टर्स लगे हुए थे और बिस्तर पर सफ़ेद कलर की चादर बिछी हुई थी जिस पर लाल रंग के गुलाब बिखरे हुए थे.

 

यह देखते ही मेरे अंदर की कच्ची जवानी मचलने लगी और में मदहोश सी होने लगी और इतने में ही मुझे दरवाजा बंद होने की आवाज़ आई, तो मैंने देखा कि वहां सर थे. अब में सर को देखकर घबरा गई और मेरी साँसे तेज़ हो गई, मुझे ऐसा लगा कि आज सर मुझे लूट लेंगे. सर बोले कि श्रुति आज में तुम्हारी इस रसीली जवानी के साथ खेलना चाहता हूँ. सर की यह बात सुनकर में और ज्यादा बेकरार हो गयी और मेरा पैर पलंग के साथ टच हो गया और मेरा बैलेन्स बिगड़ा और में उन गुलाब के फूलों पर गिर गई. फिर सर ने एक ही झटके में अपनी टी-शर्ट निकाल दी.

 

फिर में फटाफट पलंग पर खड़ी हुई और सर मुझे घूर रहे थे, श्रुति मुझे सब पता है कि किस तरह से पिछले 7 दिन में तुमने मेरा ध्यान बढ़ाने के लिए क्या क्या किया है? सर मुझे काफ़ी डर लग रहा है.

 

सर बोले कि देखो श्रुति अगर तुम्हारा मन ना माने तो हम कुछ नहीं करेंगे. एक काम करते है में स्टडी रूम में जा रहा हूँ और अगर तुम्हें यह सब नहीं करना तो अगले पाँच मिनट में वहाँ आ जाना और अगर तुम नहीं आई तो में यहाँ वापस आ जाऊंगा और तुम्हारे साथ वो सब करूँगा जो सुहागरात में होता है. सर प्लीज सुनिए तो, सर बिना कुछ कहे स्टडी रूम में चले गये. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था और करीब 3 मिनट निकल चुके थे. मेरा मन तो स्टडी रूम में जाने को नहीं कर रहा था. फिर इतना सोचते-सोचते ही 5 मिनट पूरे हो गये. फिर मैंने फटाफट से अपनी फ्रेंड को फोन लगाया कि रश्मि सुन यार यहाँ सब हो गया में क्या करूँ?

 

रश्मि बोली वाऊ यार देख वहीं रहो और बस एक चीज़ का ध्यान रखना कि बिना कंडोम के मत करना, चाहे वो कितना भी कहे.

 

फिर इतने में ही मुझे दरवाजा खुलने की आवाज़ आई और मैंने फोन काट दिया. सर जैसे ही अंदर आए तो उनको देखकर मेरे अन्दर कंपकंपी छूट गई. वो सिर्फ़ चड्डी में थे, सर को इस रूप में देखकर मेरी योनि का पहला बीज फूट गया. थैंक्स श्रुति मुझे तुम्हारा उत्तर मिल गया और अब में तुम्हारी इस कच्ची जवानी को लूटूंगा. सर की यह बातें सुनकर में सेक्स में पूरी तरह से डूब गई. जब तक में कुछ सोच पाती तो सर मेरे एकदम से नज़दीक आ गये और एक झटके में मुझे अपनी गोद में उठा लिया.

 

अब सर का एक हाथ मेरे कंधे को पकड़ा हुआ था और दूसरा हाथ मेरी जांघ पर था. में सर की बाहों में से निकलने की कोशिश कर रही थी, लेकिन सर ने मुझे कोई मौका नहीं दिया और मुझे बिस्तर पर डाल दिया. फिर पलक झपकते ही सर भी बिस्तर पर आ गए, फिर सर मेरे इतने करीब आ गये कि उनका वो मोटा लंड मेरी जांघ पर टच होने लगा.

 

फिर सर का हाथ मेरी कमर पर आ गया और मेरे मुँह से आह्ह्ह्ह निकल गयी. फिर सर ने मेरे माथे पर किस किया और मेरे कान में कहा कि हम थोड़ी देर में शॉवर लेंगे. में बोली कि सर प्लीज मेरे सारे कपड़े गीले हो जायेंगे. फिर सर बोले कि पगली यह कपड़े 10 मिनट में उतर जायेंगे. फिर में कुछ कह पाती इतने में ही सर के होंठ मेरे होठों को चूसने लगे और सर का एक हाथ तो मेरे एक हाथ की उंगलियों के साथ लॉक था और दूसरा हाथ मेरी कमर से मेरे बूब्स की और जाने लगा तो मैंने अपने हाथ से उन्हें रोकने की कोशिश की जो कि नाकाम रही. फिर सर का हाथ जैसे ही मेरे बूब्स पर गया तो मानों में तो पागल सी हो गई, अब उनके हाथ मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे. सर की बॉडी का पूरा वजन मेरी बॉडी पर आ गया और अब में मदहोशी की और बढ़ती जा रही थी.

 

फिर सर ने अपने दोनों हाथों से मेरे बूब्स दबाने शुरू कर दिए, लेकिन में बीच-बीच अपना विरोध दिखा रही थी. फिर सर ने वो किया जिससे में उनके वश में आ गयी. सर मेरे बूब्स अपने दोनों हाथों से दबा रहे थे और उनकी इस हरकत से मेरे दोनों हाथ सर के ऊपर चले गये और फिर अचानक से सर का एक हाथ मेरी नंगी जांघो पर आ गया और वो मेरी चूत की और बढ़ रहा था. में इतनी मदहोश हो चुकी थी कि चाहते हुए भी में उन्हें रोक नहीं पाई और जैसे ही सर का हाथ मेरी पेंटी को टच हुआ तो मेरे मुँह से ओहह्ह्ह निकल गया.

 

फिर झटके से में सर को धक्का मारकर सर के ऊपर आ गई. अब सर का हाथ तो वहाँ से हट गया था और अब में सर के थोड़ा और ऊपर आ गयी. सर ने भी मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया था. फिर सर भी अपने हाथ मेरी कमर, पेट, और जांघो पर फेर रहे थे. अब मेरे दोनों बूब्स सर की छाती से दब गये थे. फिर सर ने मेरे बालों से हेयर बैंड निकाल दिया और मेरे बाल खोल दिए, जैसे ही उन्होंने मेरे बाल खोले तो मुझे लगा कि यह मेरे कपड़े उतारने की शुरुवात हो गयी, जो कि बाद में जाकर सही साबित हुई.

 

फिर सर ने मेरे खुले बालों को हटाकर मेरे टॉप की चैन पीछे से खोल दी और मेरे लाख मना करने के बाद भी मेरे टॉप को निकाल कर फेंक दिया. मेरी जवानी को लूटने में यह सर की पहली सफलता थी. अब सर के दोनों हाथों ने मेरी नंगी कमर और पेट को लूटना शुरू कर दिया था. फिर सर ने मेरा हाथ पकड़कर अपनी अंडरवियर पर रखवा दिया और मुझे उसे उतारने को कहा, लेकिन मेरे हाथ कांप रहे थे तो में यह नहीं कर पाई, फिर सर ने अचानक से ही मुझे चूमना शुरू कर दिया. कभी वो मेरे होंठ को चूसते तो कभी मेरी गर्दन पर किस करते, तो कभी वो मुझे अपने ऊपर लेते और कब उन्होंने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया मुझे पता भी नहीं चला. अब मेरी ब्रा एकदम ढीली हो गई और जब तक में कुछ सोच पाती, उन्होंने मेरी ब्रा को एक ही झटके में निकाल दिया और फिर मैंने जल्दी से अपने हाथों से अपने बूब्स को छुपा लिया और बिस्तर से निकलकर खड़ी हो गई.

 

अब सर बिस्तर पर लेटे लेटे मेरी ब्रा को किस कर रहे थे और फिर सर ने अपनी टाईट चड्डी में मेरी ब्रा को अंदर डाल दिया और मुझे देखकर मुस्कुराने लगे. सर प्लीज मेरी ब्रा दे दो मुझे बहुत शर्म आ रही है, तो सर बोले ओके श्रुति तो आकर ले जाओ अपनी ब्रा को. ये देखो कहाँ फंस गयी है? सर में नहीं आ सकती, आपको मेरी कसम प्लीज दे दो ना.

 

श्रुति चलो एक गेम खेलते है, में 5 तक गिनती बोलूँगा अगर तुम यहाँ नहीं आई तो में वहाँ आकर तुम्हारी स्कर्ट ले जाऊंगा, नो सर आप बहुत बेशर्म हो, प्लीज सर दे दो ना, तो गेम स्टार्ट बेबी. 1 सर प्लीज, 2 सर आपको मेरी कसम है, 3 सर में गुस्सा हो जाउंगी, 4 ओके सर में आती हूँ, लेकिन मेरा टॉप दे दो में अपने हाथ कैसे यूज़ करुँगी? फिर सर मेरे नज़दीक आ गये, ओके ठीक है में स्कर्ट निकाल रहा हूँ अगर रोकना चाहों तो मुझे रोक लो और हाँ में स्कर्ट निकालने के लिए हाथों का यूज़ नहीं करने वाला, सर प्लीज.

 

फिर सर ने अपने दातों से मेरी स्कर्ट का पहला बटन खोल दिया, ओहह्ह्ह सर प्लीज, ओह नो श्रुति यह बाकी दो बटन तो अंदर की साईड है. इसके लिए तो मुझे स्कर्ट के अंदर मुँह डालना पड़ेगा, यह सुनते ही मेरी चूत में से काफ़ी पानी बाहर आ गया और मेरी पेंटी उस वक़्त पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और में झड़ने ही वाली थी. फिर सर ने नीचे से स्कर्ट को थोड़ा उठाया और अपना सिर मेरी स्कर्ट में डॉल दिया, यह होते ही जिन हाथों ने मेरे बूब्स को दबा रखा था, उन्होंने ही उसे दबाना शुरू कर दिया.

 

अब उन्होंने अपने होठों से मेरी जांघो को चाटना शुरू कर दिया. यह होते ही मेरे मुँह से आवाज़े निकलनी शुरू हुई, आह्ह् ओह्ह्ह्ह गई, ओह माँ और जैसे ही उनके होंठ मेरी पेंटी से टच हुए तो मेरे मुँह से आवाज़ आई ओहह फक मी और तीन चार किस के बाद ही में वहीँ खड़े-खड़े उनके मुँह के ऊपर ही झड़ गई. फिर सर ने अपने हाथों से ही मेरी स्कर्ट के बाकी के दो बटन को भी खोल दिया और मेरी स्कर्ट भी नीचे गिर गयी और मैंने जल्दी से दीवार की और मुँह कर लिया.

 

मैं सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी और फिर सर ने मेरे कान में कहा कि कैसा लगा? और में शरमा कर रह गई. फिर सर बोले अब शरमाती ही रहोगी या मेरा अंडरवियर भी उतारोगी. आओं ना प्लीज या में तुम्हारी पेंटी निकाल दूं, ओह सर प्लीज. फिर सर ने पीछे से ही अपने हाथों से मेरी कमर पर हाथ रख दिया और मुझे किस करने लगे. में फिर से जोश में आने लगी और मुझे जोश में लाने के लिए सर के दोनों हाथ मेरे हाथ को हटाने लगे और कुछ ही सेकेंड के बाद मेरे मुँह से आह्ह्ह निकल गई. अब उनके हाथों ने मेरे दोनों बूब्स को अपनी मुट्ठी में भर लिया था और मेरे दोनों हाथ ऊपर हो गये थे. फिर वो मेरे बूब्स के साथ खेलने लगे और ज़ोर-ज़ोर से मेरे बूब्स को दबाने लगे. फिर उन्होंने मुझे सीधा किया और मेरे बूब्स को अपने मुँह में ले लिया. मेरी शर्म भी काफ़ी कम गई थी, फिर में सर के साथ चिपक गई, इसके बाद हमें खूब मजे लिए. वो क्या मस्त एहसास था … मेरी तो समझ ही नहीं आ रहा था कि ये सब इतनी जल्दी क्या हो गया.

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