दोस्तों, मेरा नाम विपुल बाजपेई है. मेरा गाँव लखनऊ के पास मलियाबाद में पड़ता है | मेरी शादी 3 साल पहले पलक शुक्ल के साथ हुई. मेरी बीबी प्रेग्नेंट थी तभी मैंने अपनी साली को अपने घर पर बुलया. क्यूंकि पलक को घरेलू काम करने में दिक्क्त हो रही थी, उसके 7 महीने हो चुके थे 9 महीने पुरे होने पर बच्चे का जन्म होना था. इसलिए उसको दो चार महीने के लिए बुला लिया. पहले तो उसको थोड़ा संकोच हुआ कि जीजा जी के घर पर कैसे टाइम पास होगा. फिर जब मैंने उससे बात की और बताया की आप आओ और हम और तुम दोनों मिलकर कुछ न कुछ रोमांस कर लिया करेंगे. तभी वह कुछ शरमाई इतने में ही मैंने तपाक से कह दिया की साली आधी घर वाली होती है.
आखिर कार उसका मन बन गया और वह मेरे पास आ गई. उसकी पहली रात थी और हमने भी कई महीने से चुदाई नहीं की थी. मेरा मन बार बार साली को छोड़ने के लिए कर रहा था लेकिन उसकी दीदी अर्थात हमारी धर्मपत्नी उसके पास ही सो रही थी. मैं रात को 12.30 पर उठा और उसके पास रखी पानी की बोतल को उठाने के बहाने उसके पास गया, तो वह भी जाग रही थी. मुझे लगा कि हो सकता है कि वह अपने किसी बॉयफ्रैंड को याद कर रही हो. लईकिन ऐसा नहीं था वह मेरा ही इंतजार कर रही थी.
यह बात मुझे जब पता लगा जब उसने अपना हाथ से मेरा हाँथ अँधेरे में पकड़ लिया और जोर से अपनी तरफ खींचने का प्रयास किया. मेरी साली की जवानी भी हुंकारें भर रही थी, उभरते हुए बूब्स, पतली कमर के साथ गोल गोल उभरती हुई कमर, उसे देखते ही बूढ़ों का भी लैंड खड़ा हो जाता था.
अब तकरीवन 1 बज चूका था सभी लोग गहरी नींद में थे, मैंने उसको उठया और दूसरे बेड रूम में लिटा लिया. उसको उठते टाइम मेरे दोनों हाथ उसके चूतडों को पकडे थे वह बहुत गद्देदार लग रहे थे. उसने अपना सलवार सूट उतार दिया और दोनों बाहों में भर कर जोर से मेरे होंठों को चूसने लगी. उसके बूब्स मेरे सीने को बड़ी आराम दे रहे थे. उसके बूब्स को मैं जितना ज्यादा सहला रहा था वह उतनी ज्यादा मदहोश हो रही थी, और जोर जोर से सी सी उन्हह भरने लगी.
तुम्हारी चूत की गुलाबी और मुलायम चूतड़ को अपने लंड से रगड़ता रहा. मेरी रफ़्तार धीरे धीरे बढ़ रही थी और वह …आह आह अह्हह्ह हह उह उह हुह….. करके सिसक रही थी। पलक इस समय पूरी तरह से मदहोश हो कर सेक्स करने में लगी थी. अब उसने अपनी दोनों टांगों के बीच में मुझे रख कर, दोनों टाँगें मेरे कन्धों पर रख दी.
सच में अब तो बुर लेने का अंदाज ही बदल चूका था, ऐसा लग रहा था की आज हमारा 7 इंच का लंड प्लक की चूत में डूब रहा है. काश ! मेरा लंड 10 इंच का होता तो आज पलक को मैं संतुष्ट कर पाता. पलक का अट्रैक्शन मेरे प्रति बढ़ता ही जा रहा था, लेकिन मैं हार नहीं मानने वाला था. मैंने तकरीवन 15 मिनट तक घनघोर चुदाई की. पलक पागल हुई जा रही थी धीरे धीरे चिलाने की आवाज़ और मेरे चोदने की रफ़्तार तेज होती गयी प्लीसससससस……..प्लीसससससस, आई आई मम्मी…मुई दीदी... प्लीसससससस……..प्लीसससससस, उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…” मम्मी….ओह मम्मी करके सिख रही थी।
हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था। लगातार 40 मिनट तक मैंने पलक की चूत की चुदाई की और फिर लंड को चूत से बाहर निकाला। अब मैं पलक की गांड मारना चाहता था, उसने गांड मरवाने से मना कर दिया. लेकिन मैंने जबरदस्ती उसको मैंने कुत्तिया के पोस में ( Dogi sex) कर लिया और गांड को फैला के मेरे अंदर डाल दिया।
उसने अब लंड को अपने हाथो में लेकर मुठ मारने लगी। कुछ देर तक मैंने लंड को पकड कर मुठ मारा फिर जब मेरा वीर्य निकलने वाला था, तो उसने लंड को अपने हाथो में लेकर खुद ही मुठ मारने लगे। वह बहुत तेजी से मुठ मार रही थी थोड़ी ही देर मे वीर्य निकने लगा और लंड धीरे धीरे सुखी हुई तरोई की तरह मुरझा गई। जीजा साली की चुदाई तो खत्म हो गई थी पर फिर भी मै और एक दूसरे को बांहों में भर कर एक दूसरे को चूमते रहे। इस तरह कई महीने तक जीजा साली सेक्स होता रहा. अब मेरी बीबी ने एक बच्चे को जन्म दिया फिर उसके कुछ दिनों बाद वह अपने घर चली गई. अब जब भी मैं अपनी ससुराल जाता हूँ तो साली की चुदाई का लुत्फ़ उठाता हूँ.