मुख्य पृष्ठ » रंडी की चुदाई » दोस्त की रंडी माँ और सेक्सी बहन


दोस्त की रंडी माँ और सेक्सी बहन

Posted on:- 2024-03-04


नमस्कार साथियों, मेरा नाम त्रिनेष है और मेरी उम्र 24 है. मित्रों मैं शुरू से ही गद्देदार चूतर का बड़ा ही दिवाना रहा हूँ. मित्रों वह दिन आज भी मुझे याद है. मेरा एक दोस्त है उसका नाम त्यागराज है और हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त है. हम हमेशा साथ साथ घूमते और मेरा हमेशा त्यागराज के घर पर आना जाना लगा रहता था. उसके घर में उसकी माँ उनकी उम्र 35 साल, लेकिन वो दिखने में एकदम कड़क माल है. वो अपनी पतली कमर को मटकाती हुई चलती जिससे उसके बूब्स भी इधर उधर हिलते जिसे देखकर देखने वालों को बहुत मज़ा आता और वो अभी भी बिल्कुल जवान लगती है, उसकी बहन शीतल जो अभी 18 साल की है और अब वो धीरे धीरे जवान होने लगी है. उसके बूब्स, गांड उभरकर बाहर की तरफ दिखने लगे है उसके जिस्म का हर एक अंग दिखने में बहुत ही सेक्सी है और उसके पापा जो हमेशा घर से बाहर रहते थे, क्योंकि उनको जुआ खेलने की लत लग गयी थी और उन्हे भी लड़कियों का बहुत शौक था और वो ज़्यादा टाइम अपने घर से बाहर ही रहते और करीब दो तीन दिन के बाद अपने घर पर आते थे. वह समय आज भी मुझे बखूबी याद है.

 

तो दोस्तों में और त्यागराज एक दिन घूमने बाहर गए हुए थे और हमे घर पर आते आते बहुत रात हो चुकी थी और घर पर जाते वक़्त त्यागराज ने मुझसे कहा कि हमे बहुत रात हो चुकी है और अब तू घर पहुंचते ही आज हमारे घर पर सो जाना और कल सुबह निकल जाना. इसके बाद मैंने उससे कहा कि ठीक है और हम घर के लिए निकल चुके थे. हमें रात के करीब 3 बज चुके थे और इसके बाद त्यागराज का घर आ गया. इसके बाद मैंने अपनी कार को एक तरफ पार्क कर दिया और कार की आवाज़ सुनते ही सुनीता आंटी जाग गयी. उन्होंने दरवाजा खोला और में देखता ही रह गया. वो लाल कलर की एक मेक्सी में थी और वो मेक्सी भी गहरे गले की होने के कारण उनके बूब्स थोड़े थोड़े बाहर से नज़र आ रहे थे. मेरी तो उन्हे देखकर बहुत हालत खराब हो गयी. इसके बाद हम अपने कमरे के अंदर गये और सोने लगे, लेकिन दोस्तों अब मुझे नींद नहीं आ रही थी और मेरी आखों के सामने उनके गोरे गोरे बूब्स आ रहे थे. आँखे बंद करते ही मुझे उनका सेक्सी जिस्म अपनी तरफ आकर्षित करने लगता और अब मेरा लंड तनकर एकदम खड़ा हो गया था और इसके बाद किसी भी तरह मैंने कंट्रोल किया और सो गया.

 

इसके बाद सुबह सब लोग उठ गये थे और इसके बाद जब मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि उस समय 11 बज गए थे. तभी आंटी हमारे पास आई और बोली कि त्रिनेष तू कितना सोता है? मैंने कहा कि अभी भी मेरी नींद पूरी नहीं हुई है क्योंकि में बहुत थक चुका हूँ. इसके बाद आंटी बोली कि ठीक है और थोड़ी देर सो जा, मैंने कहा कि ठीक है और में इसके बाद से सो गया और में उसके बाद में 1 बजे उठ गया, लेकिन मुझे कोई भी नज़र नहीं आ रहा था.

 

इसके बाद में उठकर हॉल में चला गया तो मैंने देखा कि वहां पर आंटी टीवी देख रही थी, में उनके पास गया और उनसे पूछा कि सब कहाँ गये? तो वो बोली कि त्यागराज तो गावं चला गया उसके गावं के किसी रिश्तेदार की म्रत्यु हो गयी है और शीतल स्कूल गयी है और अब तू जाकर नहा ले में तेरे लिए खाना लगाती हूँ. इसके बाद में बाथरूम में नहाने चला गया और में वहां पर जाकर अपने कपड़े उतारने लगा और मैंने टावल लगा लिया और ब्रश करने लगा और इसके बाद मुझे बाथरूम में आंटी और शीतल की ब्रा और पेंटी नज़र आई. इसके बाद मैंने दोनों की पेंटी उठाई और सूंघने लगा. दोस्तों में आप सभी को शब्दों में क्या बताऊँ कि वो क्या महक थी? मेरा तो लंड इसके बाद से खड़ा हो गया और में उन्हे सूँघते सूँघते अपना लंड हिला रहा था और इसके बाद कुछ देर के बाद मेरा वीर्य निकल गया. उसके चूत से झकड़.. झकड़.. झकड़.. झप.. झप... की आवाजें आ रही थी. 

 

दोस्तों हमारे लंड से आज तक इतना पानी कभी भी नहीं निकला था. में तो बिल्कुल हैरान हो गया. इसके बाद में नहाने लगा और नहाते वक़्त हमारे कपड़े पानी में गिर गये और पूरी गीले हो गये. मैंने आंटी को आवाज़ लगाई कि त्यागराज का कोई लोवर होगा तो आप मुझे वो दे दीजिए, हमारे कपड़े पानी में गिरकर पूरे गीले हो गये. इसके बाद आंटी बाथरूम के पास आई और उन्होंने कहा कि त्यागराज तो अपने सारे कपड़े अपने साथ लेकर गया हुआ है और इसके बाद उन्होंने मुझसे कहा कि तुम टावल लगाकर ही बाहर आ जाओ. इसके बाद में बाहर आ गया और मैंने आंटी से कहा कि मुझे शरम आ रही है और वो हंसने लगी और उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं.

 

इसके बाद में हॉल में चला गया और खाना खाने बैठ गया और आंटी हमारे सामने बैठकर बातें करने लगी. में खाना खाने के बाद उठकर हाथ धोने जा रहा था कि तभी टावल सोफे में अटक गया और में उनके सामने बिल्कुल नंगा हो गया और इसके बाद में तो शरम से पानी पानी हो गया और आंटी की नज़र हमारे लंड से हट ही नहीं रही थी. इसके बाद मैंने जल्दी से अपना टावल उठाया और बेडरूम की तरफ भाग गया. तभी आंटी ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी. में इसके बाद से टावल लगाकर बाहर आ गया और आंटी की तरफ़ देखा तो वो मेरी तरफ देख रही थी और अब वो थोड़ी सी कामुक हो गयी थी.

 

इसके बाद मैंने उनसे कहा कि आंटी प्लीज आपके पास कोई लोवर होगा ना, वो मुझे दे दो ना प्लीज. इसके बाद आंटी ज़ोर से हँसी और मुझसे बोली कि त्रिनेष चाहे तो तू ढूंड ले, लेकिन घर में तो तेरे नाप के कोई भी कपड़े नहीं है और अगर चाहे तो तू मेरी मेक्सी पहन ले, वैसे भी इस समय घर पर कोई नहीं है. अब में एकदम चुपचाप होकर कुछ सोच रहा था तो आंटी ने पूछा क्या हुआ तू इतना क्यों शरमा रहा है? तो मैंने कहा कि ठीक है आप लाकर मुझे दे दीजिए और इसके बाद आंटी ने मुझे उनकी एक पुरानी मेक्सी दी, वो शायद उनकी हनिमून की थी, थोड़ी जालीदार थी, सफेद कलर की एकदम सेक्सी और में वो मेक्सी पहनकर आंटी के सामने आया और वो ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी और अब मुझे भी हंसी आ रही थी. इसके बाद उन्होंने मुझसे पूछा कि क्यों कैसा लग रहा है?

 

मैंने कहा कि एकदम खुला खुला और हम दोनों हसने लगे और इसके बाद आंटी झाड़ू लगाने लगी थी और में टीवी देख रहा था. अब उन्होंने अपनी मेक्सी के ऊपर के बटन खोल दिए थे और उनके पूरे निप्पल नज़र आ रहे थे और मेरा लंड उन्हे झूलते हुए देखकर खड़ा हो गया था. इसके बाद आंटी झाड़ू लगाकर किचन में चली गयी और किचन से मुझे आवाज़ लगाई कि त्रिनेष ज़रा इधर आना, मुझे वो डिब्बा निकालकर दे. मेरा लंड खड़ा था और अब मुझे भी मज़ा आ रहा था. में वैसे ही उठकर किचन में चला गया और उन्हे डब्बा उतारकर दिया.

 

तभी उनकी नज़र हमारे लंड पर गयी और मुझसे कहा कि अंदर क्या है? मैंने कहा कि कुछ भी तो नहीं वो बोली कि ज़रा अपने अरमानो पर काबू रख, मैंने कहा कि लेकिन कैसे रखूं? इसके बाद वो हमारे पास आई उन्होंने मेरा लंड छुआ और कहने लगी कि वाह यह तो मेरी उम्मीद से बहुत बड़ा लगता है और इसके बाद लंड को अपने एक हाथ से पकड़कर हिलाने लगी और इसके बाद मुझसे कहा कि चलो बेडरूम में चलते है. में तो उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ.

 

में बेडरूम में गया तो उन्होंने मुझे बेड पर बैठा दिया और मेरी मेक्सी को ऊपर किया और मेरा लंड देखने लगी और कहा कि हाए रे इतना बड़ा लंड? दोस्तों में तो उनके मुहं से लंड शब्द सुनकर एकदम दंग रह गया और अब उन्हे अपनी चुदाई का बहुत जोश चढ़ गया था और वो हमारे लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी और मेरी गोलियां चूसने, चाटने लगी और कहने लगी कि 12 साल के बाद आज में इसके बाद से चाट रही हूँ. इसके बाद मैंने उनसे पूछा कि क्यों क्या अंकल आपको नहीं चोदते? तो उन्होंने बहुत गुस्से में कहा कि वो हरामी कुत्ता क्या मुझे चोदेगा? और उसके लंड से अच्छा है कि में किसी छोटे लड़के की नुन्नु चूस लूँ. मुझे अब बहुत मज़ा आ रहा था और इसके बाद मैंने उनके कपड़े उतार दिए और उनको बेड पर लेटाया.

 

इसके बाद आंटी ने कहा कि त्रिनेष में बहुत सालो से भूकी हूँ, तू आज मुझे खुश कर दे, इसके बाद तू जो मुझसे बोलेगा में वो सब करूंगी तुझे जो चाहिए वो दूँगी. इसके बाद मैंने अपना लंड उनके मुहं में डाला और कहा कि में शीतल को भी चोदना चाहता हूँ. इसके बाद हमारे मुहं से यह बात सुनकर पहले तो वो थोड़ी नाराज़ हो गयी और उसने मुझसे कहा कि तू कितना बड़ा हरामी है त्रिनेष, मैंने तो सोचा भी नहीं था कि तू अपने दोस्त की बहन की भी चुदाई करना चाहता है? तो मैंने कहा कि किसने सोचा था कि में कभी आपसे अपना लंड चुसवाऊंगा? इसके बाद वो मेरी यह बात सुनकर ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी और इसके बाद वो मान गयी.

 

में खुश हो गया और इसके बाद मैंने उनकी पेंटी को उतार दिया और मैंने देखा कि उनकी चूत पर बहुत सारे बाल थे जिसकी वजह से उनकी चूत तो नज़र ही नहीं आ रही थी.

 

मैंने उनसे कहा कि कभी आप अपनी चूत के बाल साफ नहीं करती? तो आंटी ने कहा कि में अब किसके लिए अपनी चूत के बालों को साफ करूं? और में ज़ोर ज़ोर से हंसने लगा. इसके बाद आंटी ने कहा कि चल अब आज तू खुद ही साफ कर दे. इसके बाद मैंने उनकी चूत के सभी बालों को एक रेज़र की मदद से साफ किया और अब उनकी चूत तो 18 साल की लड़की तरह दिख रही थी एकदम कामुक, चिकनी, फूली हुई और जोश से भरी हुई. इसके बाद मैंने उनकी चूत चाटी, उसका स्वाद बहुत नमकीन सा था, तभी उन्होंने कहा कि त्रिनेष रुक ज़रा में अभी मूतकर आती हूँ और वो उठकर चली गई और जल्दी से वापस आ गयी और अब वो बड़ी खुश लग रही थी.

 

इसके बाद मैंने अपना लंड उनकी चूत के मुहं पर रखा और धीरे धीरे दबाते हुए अंदर डालने की कोशिश कर रहा था, लेकिन मेरा लंड बहुत मुश्किल से अंदर गया और इसके बाद में चोदने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी और में उन्हे लगातार चोदता रहा. चोदने के साथ साथ में उनके बूब्स को भी मसल रहा था जिसकी वजह से वो सिसकियाँ ले रही थी और मुझसे कह रही थी अह्ह्हह्ह्ह्ह हाँ और थोड़ा और पूरा अंदर आईईईईईईई तक जाने हाँ उह्ह्हह्ह्ह्ह.

 

इसके बाद थोड़ी ही देर के बाद हमारे लंड ने अपना वीर्य चूत के अंदर ही निकाल दिया और उसके कुछ देर बाद उनकी चूत ने भी अपना पानी छोड़ दिया और हमारे लंड के पानी से और उनकी चूत के रस से उनकी चूत पूरी भर गयी, जिसकी वजह से वीर्य एक एक बूंद करके बाहर टपकने लगा जिसने बेड पर गीला कर दिया. इसके बाद में बहुत थक गया और में उनके पास में लेट गया.

 

वो खड़ी होकर मुझे देख रही थी और उनकी चूत में से पानी टपक रहा था, उन्होंने कपड़े पहने और इसके बाद मेरा गीला लंड चूसने लगी और अब 5 बजने वाले थे और शीतल अपने कॉलेज से आने वाली थी. इसके बाद आंटी ने कहा कि तू नंगा ही सोने का नाटक कर में तेरी सेटिंग लगाती हूँ, में सोने का नाटक करने लगा और इसके बाद कुछ देर के बाद शीतल आ गई और आंटी किचन में काम करने लगी.

 

इसके बाद शीतल रूम में आई और हमारे तनकर खड़े लंड को घूर घूरकर देख रही थी और इसके बाद वो अपनी माँ के पास गयी और कहा कि त्रिनेष बेडरूम में नंगा सोया है. इसके बाद माँ ने उससे कहा क्या? चलो में भी देखती हूँ? और इसके बाद वो दोनों हमारे पास आकर खड़ी हो गई, तो शीतल ने माँ से कहा कि माँ देखो ना इसका कितना बड़ा है? तो माँ ने कहा कि हाँ क्या तुम इसका चूसना चाहोगी? दोस्तों पहले तो वो मना कर रही थी इसके बाद कुछ देर के बाद शीतल ने मेरा लंड पकड़ा और कहा कि माँ यह तो बहुत गरम है.

 

इसके बाद आंटी ने कहा कि इसे लंड कहते है और इसे चूसने से लड़कियां एकदम गोरी हो जाती है क्योंकि शीतल इतनी ज़्यादा गोरी नहीं थी इसलिए उसकी माँ ने उससे यह झूठी बात कही. उसकी माँ और उसमें ज़मीन आसमान का फ़र्क था. इसके बाद शीतल ने माँ से पूछा कि क्या माँ तुमने कभी किसी का लंड चूसा था कि तुम इतनी गोरी हो गयी? तो माँ ने कहा कि हाँ में तेरे पापा का लंड हमेशा चूसती थी इसलिए में इतनी गोरी हूँ.

 

इसके बाद वो मेरा लंड चूसने लगी और कुछ ही सेकिंड के बाद में जाग गया और शीतल एकदम से डर गई. इसके बाद माँ ने उससे कहा कि कुछ नहीं बेटा तुम बिल्कुल भी मत डरो बस चूसती रहो. इसके बाद मैंने कहा कि हाँ हाँ तुम तो चूसो इसके बाद सुनीता आंटी ने शीतल के कपड़े उतार दिए और उसे नंगा किया और इसके बाद खुद भी बिल्कुल नंगी हो गयी. में तो आज अपनी लाईफ में पहली बार एक साथ दो औरत से मज़े कर रहा था.

 

इसके बाद उसकी माँ ने शीतल को 69 पोजीशन में कर दिया और में उसकी चूत को चाट रहा था और शीतल लंड चूस रही थी और उसकी माँ मेरी गोलियां चाट रही थी. में तो जन्नत की सैर कर रहा था और इसके बाद मैंने एक बार शीतल की चूत मारी. उसकी चूत मारने में मुझे बहुत मज़ा आया, क्योंकि वो मेरी चुदाई के पहले तक वर्जिन थी, लेकिन अब एक फटी हुई चूत, जिसकी सील मैंने अपने लंड से तोड़ी. मेरी चुदाई से उसकी चूत ने अपना सारा रस खून के साथ साथ बाहर निकाल दिया. वो अपनी चूत के दर्द से तड़पती रही और उसकी माँ उसकी छाती को सहलाती रही और उसे चुप करवाती रही. हर जवान औरत की चूत लंड की प्यासी होती है.

इसके बाद कुछ देर के बाद वो अपनी चुदाई के मज़े लेने लगी और अपनी गांड को हवा में उछाल उछालकर मेरा लंड लेने लगी और अब मुझे उसकी गांड भी मारनी थी, लेकिन आंटी ने मुझसे साफ मना कर दिया और इसके बाद उन्होंने मुझसे कहा कि उसकी गांड अभी बहुत टाईट है, तूने इसकी चूत को चोदकर फाड़ दिया है तो आज इसकी गांड को छोड़ दे, उसका स्वाद तू कुछ दिनों के बाद में लेना वर्ना आज इसकी दोनों तरफ की चुदाई इसको ठीक से चलने भी नहीं देगी. इसके बाद मैंने कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन प्लीज आपकी गांड दे दो और इसके बाद हंसते हुए आंटी हमारे लंड पर बैठ गई और मज़े लेने लगी. हम तीनों ने रात भर चुदाई के मज़े किए और तीन दिन तक वहां पर हमारे अलावा कोई भी नहीं था और हम तीन दिन तक बिल्कुल नंगे रहे और हम साथ साथ नहाते खाते पीते और नंगे ही सो जाते. दोस्तों वो दिन मेरी लाईफ के बड़े मज़े के दिन थे जिसमे मैंने उन दोनों को तीन दिन तक लगातार चोदा और बहुत मज़े किए.  एक बार उसने जोश में आकर 7 इंच लंड भोसड़ी के बजाय गांड में धंसा दिया. इसलिए आज भी कभी कभी मेरी गांड में दर्द होने लगता है.

What did you think of this story??






अन्तर्वासना इमेल क्लब के सदस्य बनें


हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !


* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।