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चूत की आग नहीं मिट पाई

Posted on:- 2023-08-21


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम प्रतिष्ठा है, वैसे तो में इलाहबाद की रहने वाली हूँ, लेकिन फिलहाल वनस्थली में पढ़ रही हूँ और में दिखने में कुछ ख़ास नहीं हूँ, लेकिन हाँ जिस चीज़ की मर्दो और लड़को को ज़रूरत होती है वो सारी चीज़ें ऊपर वाले ने मुझे भर-भर कर दी है. मेरा फिगर 36-34-38 साईज है. अब में आपको ज्यादा बोर ना करते हुए सीधे स्टोरी पर आती हूँ. ये बात पिछले ही महीने की है. में अपने हॉस्टल से फ्री हुई तो मेरे एग्जाम ख़त्म ही हुए थे और में छुट्टियाँ लेकर हॉस्टल से पैकिंग करके निकलने की तैयारी में थी. अक्सर में 2 या 3 दिन घर लेट ही पहुँचती हूँ इतने दिन में अपने बॉयफ्रेंड के साथ ही रहती हूँ, तो मेरी पूरी पैकिंग हो गई थी और में अपने हॉस्टल से जयपुर के लिए निकल गई थी. बस ने जयपुर पहुँचने में 2 घंटे लगाये. अब मेरी तो चूत पानी छोड़े जा रही थी कि कब में जयपुर पहुंचू और मेरी चुदाई शुरू हो.

फिर में बस स्टेंड पहुंची और विशाल से मिली तो उसने मुझे हग किया और इतना ज़ोर से हग किया कि मेरे बूब्स उसकी छाती से चिपककर दब गये. मुझे बहुत मज़ा आया और फिर हमने मूवी देखी वहाँ भी उसने मुझे पूरी तरह से जकड़े रखा. वो कभी बूब्स दबाता तो कभी चूसता और कभी काटता उफफफफफफ्फ़ मेरी तो अब हालत खराब होने लगी थी. फिर मैंने उससे कहा कि अब और सहन नहीं हो रहा है. अब हमें अपना प्रोग्राम स्टार्ट कर देना चाहिए तो उसने कहा कि ठीक है. फिर हम मूवी आधी छोड़कर वहाँ से निकल गये और होटल के रूम में घुसते ही वो मुझ पर किसी भूखे जानवर की तरह टूट पड़ा. वो इतना पागल हो गया था कि मुझे ऐसा लग रहा था, जैसे वो मेरे कपड़े ही फाड़ देगा. मैंने वैसे भी सूट के नीचे ब्रा और पेंटी नहीं पहनी थी.

फिर मैंने उससे कहा कि पहले कुछ ऑर्डर कर लेते है क्या जल्दी है? फिर मैंने अपनी हालत ठीक की और उसने ऑर्डर दे दिया था और वेटर स्नेक्स के साथ बियर और विस्की भी ले आया था. विशाल बहुत ड्रिंक करता है तो उसने पीना स्टार्ट कर दिया और थोड़ी मुझे भी पिला दी. अब मेरा सुरूर बना और उसको भी नशा चढ़ा तो वो मेरे ऊपर टूट पड़ा. फिर मैंने उसे पलट दिया और खुद उसके ऊपर चढ़ गयी और अपना कुर्ता उतार दिया. मेरे निपल ऐसे हो रहे थे जैसे फट ही जायेंगे. फिर मैंने अपने हाथ से उसका सर अपने बूब्स पर रखा और वो उन्हें चूसने लगा. फिर मैंने उसकी शर्ट उतार कर उसकी छाती पर किस किया. फिर मैंने उसकी जीन्स खोली और उसका 6 इंच का लंड बाहर निकाला और मैंने जैसे ही उस पर जीभ लगाई तो विशाल ने अपनी आँखें बंद कर ली और वो मौन करने लगा और कहने लगा, हहहाहा हाहाआआ और मुँह में ले, पूरा मुँह में ले और में भी वैसे ही करने लगी.

फिर उसने मेरा सिर अपने लंड पर दबाया और अब उसका पूरा लंड मेरे मुँह में था. मुझे चूसने में बहुत मज़ा आता है, बिल्कुल रंडी की तरह, अब में लंड चूसे जा रही थी और उसकी हालत खराब हुए जा रही थी. फिर एकदम से वो मेरे मुँह में अपना वीर्य निकालने लगा और में पूरा पी गयी और चाट-चाटकर उसके लंड को साफ कर दिया. अब में उसे खड़ा करने के लिए और चूस रही थी, लेकिन कुछ हो नहीं रहा था. फिर में खड़ी हुई तो मैंने देखा कि विशाल दारू के नशे की वजह से सो चुका है. एक बार तो मेरी आँखो में आंसू ही आ गये, फिर मैंने उसे बहुत जगाया, लेकिन वो पागल उठा ही नहीं. फिर में अपनी सलवार उतार कर चूत में उंगली करने लगी और उस पागल को गाली दे रही थी.

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