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माँ ने दो लंड से गांड मरवाई

Posted on:- 2024-04-14


दोस्तों मेरा नाम अजय सिंह हैं और मेरे घर में मम्मी पापा और मैं रहता हूँ. आप लोगों को मैंने अपनी माँ के बारे में बताता हूँ. माँ का नाम नीलम हैं और उसकी एज ४७ साल हैं. हाईट कुछ ५ फिट ४ इंच जितनी हैं. वो बहुत गोरी हैं और दिखने में गजब हैं.

उसका सब से बड़ा हथियार उसके मादक बड़े बड़े चूतड हैं, वो एकदम गोल और सेक्सी दीखते हैं. वो जब भी चलती हैं तो सब की नजर उसकी गांड पर ही होती हैं. वो ज्यादातर पटियाला सलवार पहनती हैं जिसमे उसकी गांड और भी सेक्सी लगती हैं. कभी कभी उसकी गांड में सलवार फंसती हैं और मैंने बहुत लोगों को ऐसे समय माँ की गांड को ताड़ते हुए देखा हैं.

मेरे पापा के दोस्त जब घर आते हैं तो माँ रंडियों की तरह तैयार हो जाती हैं. वो रेड कपड़ो में सब से हॉट लगती हैं. मेरे कई दोस्त भी मेरी माँ की गांड देख के मुठ मारते हैं. यहाँ तक की मेरा अपना कजिन भी माँ को गन्दी नजर से देखता हैं और चांस लेने का मौका देख रहा हैं.

ये बात आज से ३ साल पहले की हैं जब हम लोग लखनऊ में नए नए थे. हमने किराए पर छोटा सा मकान लिया था. हमारे घर के पास ही मकानमालिक भी रहता था. उसका एक २७ साल का बेटा भी था जिसका नाम रवि था जो अभी कुंवारा था. उनके घर में एक ड्राइवर भी रहता था जिसका नाम शंकर था और वो कुछ ४४ साल का था.

मेरी माँ वहां पर भी अपने रंडीपन से बाज नहीं आई थी. पापा के ऑफिस चले जाने के बाद सज संवर के निचे मकानमालिक के वहाँ जाती थी. एक बार मैंने रवि को मेरी माँ की गांड पर हाथ रखे हुए देखा और माँ उसे कुछ नहीं बोल रही थी. मेरा माँ की रवि और शंकर के साथ बहुत बात होती थी. और इन दोनों की ही नजरें ज्यादातर माँ की गांड पर ही होती थी. मुझे माँ के ऊपर पूरा शक था की माँ इन लोगों से चुद्वाती हैं.

एक दिन दोपहर में मैं सो रहा था. मेरी आँख खुली तो मैंने देखा की माँ वहां नहीं थी. मैंने सोचा की वो बगल में मकानमालिक के वहां गई होंगी. मैं पानी पिने के लिए उठा तो मुझे माँ की सिसकियों की आवाज आ रही थी. और फिर जब बगल के कमरे में मेरी नजर पड़ी तो आँखे फट सी गई मेरी. माँ कह रही थी की जोर से करो ना. रवि का हाथ मेरी माँ की चुन्चियों पर था और वो जोर जोर से माँ के बूब्स को दबा रहा था. माँ ने ब्लेक कलर का पटियाला सलवार स्यूट पहना था जो बहुत हद तक ट्रांसपरेंट था. माँ लाल बिंदी और सिंदूर में पूरी की पूरी सविता भाभी ही लग रही थी. शंकर वही बगल में खड़ा था और अपना लंड बहार निकाल के उसे हिला रहा था. माँ ने रवि से कहा, अब अपनी भाभी को ऊपर ऊपर से ही करोगे या कुछ खोलेगे भी?

यह सुनके माँ का स्यूट रवि ने उतार दिया. अब माँ सफ़ेद ब्रा और सलवार में थी. रवी ने अब माँ की ब्रा को भी खोल दिया और उसके मोटे मोटे बूब्स बहार दिखने लगे. माँ को इस हालत में देख के मैंने भी अपना लंड निकाला और हिलाने लगा. माँ एकदम रंडी लग रही थी. अब रवि ने माँ की चुन्चियों को स्मूच करना चालू कर दिया. माँ भी सिसकियाँ ले रही थी. रवि बोला रहा था की नीलम मैं तुझे कुतिया बना के चोदुंगा आज. ये सब देख के शंकर ने भी अपना लंड जोर से हिलाना चालू कर दिया. अब रवि ने नीलम की सलवार का नाडा खोल दिया. नाडा खुलते ही सलवार जैसे अपनेआप निचे उतरने लगी थी. अन्दर ब्लेक पेंटी पहनी थी माँ ने. रवि ने पेंटी में ऊँगली डाल के उसे भी निचे खिंच दिया.

अब माँ की चूत दिख रही थी वो चुद चुद के बहोत बड़ी हो गई थी. मेरा शक सही था माँ पापा के अलावा भी कई लोगो से चुदी हैं. माँ की चूत के ऊपर हलके हलके बाल थे. अब रवि से रहा नहीं जा रहा था माँ की सेक्सी चूत को देख के. उसने अपना ८ इंच का लंड उठा के माँ को निचे लिटा के उसमे पेल दिया. माँ ने आवाज निकाली आअह्ह्ह्ह, मर गई रे रवीईईईइ….. रवि ने माँ को पकड़ा और जोर जोर से लंड को चूत में अन्दर बहार करने लगा.

अब माँ बोली, चोदो जोर से मुझे फाड़ दो मेरी निगोड़ी चूत को.

यह सुनके रवि एकदम जोश में आ गया और उसने माँ के चुन्चो पर चूमना चालू कर दिया और जोर जोर से माँ की चूत को पेलने लगा. वो माँ के ऊपर पूरा चढ़ गया और झटके मार मार के उसे चोदना चालू कर दिया.. माँ भी अपनी गांड को उछाल उछाल के चुदवा रही थी. माँ की चुदाई को देख के मेरा लंड एकदम तन गया था और मैं भी नीलम के नाम की मुठ पेल रहा था.

१० मिनिट तक माँ की चूत ऐसे ही चुदती रही, चूत एकदम गीली थी. चूत को चोदने के बाद अब रवि ने माँ को पलटा दिया और गांड को खोल के बोला, नीलम चल अब तेरी गांड में डालता हूँ मैं अपना लोडा.

उसने चूतड को प्यार से देखा, शंकर भी माँ की गांड देख के पागल सा हो रहा था. माँ ने अपने हाथ से गांड को खोला और रवि ने फट से लंड को गांड में धकेल दिया. माँ ने आह निकाली और बोली, मारो मेरी गांड को जोर जोर से. शंकर बोला, मेरा लंड चुसो साहब के बाद मैं भी मारूंगा तुम्हारी गांड को.

रवि ने ५ मिनिट तक माँ की गांड मारी और माँ ने पूरा सपोर्ट किया और इतनी देर तक उसने शंकर के लंड को चूस चूस के कडक कर दिया, रवि ने जैसे ही अपना पानी छोड़ा शंकर भी माँ की गांड मारने के लिए आगे बढ़ गया.

उसने माँ की चूत नहीं बल्कि सिर्फ गांड ही मारी. दो डॉन लंड से चुदवाने के बाद भी माँ तो जैसे कुछ हुआ न हो वैसे कपडे पहन के अपने बालों को सही करने लगी थी. मेरा भी वीर्य छुट गया था पेंट के ऊपर ही माँ के नाम की मुठ मारते हुए. मैं जा के बिस्तर पर वापस सो गया, माँ को रंडी से औरत बनाना मेरे बस में थोड़ी था.

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