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चाय के साथ चूत का मज़ा

Posted on:- 2023-08-30


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अजय है और में आगरा से हूँ. दोस्तों मेरी दादी का नया घर बन रहा था, वहां दिनभर काम चलता था, एक फ्लोर पूरा था और दूसरा बन रहा था तो रात को में अकेले वहीं सोता था. क्योंकि नीचे वाले फ्लोर में हम सामान शिफ्ट कर चुके थे, क्योंकि नीचे वाला फ्लोर पहले से बना हुआ था. दोस्तों इस स्टोरी की हिरोइन है मेरी पड़ोस वाली भाभी निकिता जो एक टीचर है, रंग सांवला, बाल घने और लंबे, चाल ऐसी कि होश उड़ जाए, चलते समय उनकी गांड ऐसे मटकती थी कि क्या बताऊँ? और बूब्स ऐसे कि बस उनका ब्लाउज फाड़ कर बाहर आ जाए. वो हुस्न की परी है और साड़ी में उनकी नाभि दिखती है वो बहुत गहरी है और पेट एकदम स्लिम है. उन्हें देखते ही किसी का भी लंड खड़ा हो जाए, उनका पति कुछ नहीं करता, उनकी लव मैरिज है और उनके कोई बच्चा नहीं है.

दोस्तों एक दिन की बात है, काम चल रहा था तो बाहर से आवाज़ आई कि अजय, फिर में बाहर निकला तो मैंने देखा कि पड़ोस वाली भाभी थी. मैंने कहा कि क्या हुआ? तो भाभी बोली ज़रा काम था, तो मैंने कहा बोलिए, तो उन्होंने कहा घर में एक जगह से दीवार टूटी है तो आप अपने मिस्त्री से कहकर उसे ठीक करवा दो, छोटा काम है. फिर में अपने मिस्त्री को लेकर उनके घर गया और ज़रा सा काम था जो मिस्त्री ने कर दिया था. फिर में जाने लगा तो भाभी बोली कि रूको अजय चाय पी लो, तो मैंने कहा नहीं आप परेशान मत हो और फिर वो बोली अरे इसमें परेशानी की क्या बात है?

मैंने उस दिन पहली बार उनसे बात की थी और फिर वो चाय लेकर बाहर आई और हम बात करने लगे. अब वो एकदम मस्त लग रही थी और अब एकदम से मेरी नज़र उनके चेहरे पर गयी और मैंने कहा कि भाभी आपको ये चोट कैसे लगी? तो वो बोली कि हो गयी थी, लेकिन वो गिरने जैसा निशान नहीं था और मैंने दुबारा भी नहीं पूछा, अब हम रोज़ बातें करते थे और अब में उनके घर कभी-कभी चाय भी पीता था. एक दिन मैंने उनसे पूछा कि आपके पति नहीं दिखते मैंने उन्हें बस एक बार ही देखा है.

वो बोली कि वो दिनभर गायब रहते है और रात में आते है. मैंने कहा जॉब तो ऐसी ही होती है और अब उनकी आँखों में आसूं थे. फिर वो बोली वो कुछ नहीं करते और मेरी सैलेरी भी उड़ा देते है वो रात में पीकर आते है और झगड़ा करते है. फिर मैंने कहा भाभी में एक बात पूंछू तो वो बोली हाँ पूछो, मैंने कहा उस दिन वो घाव भी भैया की वजह से ही था ना? तो वो रोने लगी और बोली हाँ.

फिर में उनके पास गया और उनको चुप करने लगा और पूछा कि वो ऐसा क्यों करते है? तो वो बोली उनको जॉब नहीं मिल रही है तो उसकी परेशानी है और एक प्रोब्लम है. तो मैंने कहा क्या? फिर वो बोली कि हमारे बच्चा नहीं है इस वजह से और कमी उनमें है. फिर मैंने कहा कि उन्हें तो आपकी इज्जत करनी चाहिए कि तब भी आप उनके साथ हो. अब वो रो रही थी और बोल रही थी कि मेरी ज़िंदगी में कोई सुख नहीं है, ना घर का, ना बच्चे का, ना पति का, फिर मैंने उन्हें चुप कराया.

फिर दूसरे दिन उन्होंने दिन में चाय पीने के लिए मुझे आवाज़ लगाई तो में गया और हमारी बातें शुरू हो गयी. अब वो बोली कि तुम जब से मिले हो मुझे एक अच्छा दोस्त मिला है. फिर मैंने कहा कि मुझे भी आपसे बात करना बहुत अच्छा लगता है, भाभी आप इतनी सुंदर हो आपको कोई भी अच्छा लड़का मिल जाता. फिर भाभी बोली कि ये मेरा नसीब है और फिर मैंने कहा कि आप भैया को डॉक्टर के पास ले कर गयी. तो वो बोली हाँ डॉक्टर ने बोला कि कुछ नहीं हो सकता उनके वहां प्रोब्लम है और वो सेक्स भी नहीं कर सकते, अब में शॉक हो गया. फिर मैंने कहा मतलब आपने कभी सेक्स नहीं किया? तो वो बोली नहीं और शांत हो गयी.

फिर वो एकदम से उठकर किचन में चली गयी और अब मुझे लगा कि उन्हें बुरा लग गया होगा तो में भी उनके पीछे-पीछे गया और मैंने देखा कि वो रो रही थी. फिर मैंने उन्हें सॉरी बोला और उन्हें चुप करके गले लगा लिया. उनके बूब्स मेरी छाती में दब रहे थे और में उन्हें चुप करने के लिए उनकी पीठ को सहलाने लगा. अब उन्होंने भी मुझे ज़ोर से पकड़ रखा था और अब एकदम से मेरा लंड खड़ा हो गया. अब हम इतने करीब थे कि उनको शायद मेरा लंड उनकी चूत पर रगड़ता हुआ महसूस हुआ और उन्होंने मुझे और कसकर पकड़ लिया.

फिर मैंने उनका चेहरा अपने हाथों में लिया और उन्हें किस करने के लिए आगे बड़ा तो उन्होंने अपनी आँखे बंद कर ली और में उन्हें स्मूच करने लगा. अब वो एकदम से बेजान सी खड़ी थी, फिर उन्हें क्या हुआ? उन्होंने मुझे धक्का दिया और बोली कि यह गलत है फिर में भी चुपचाप वहाँ से चला गया.

फिर दूसरे दिन दोपहर में भाभी ने मुझे चाय के लिए आवाज़ नहीं दी, वो मुझे रोज 1 बजे आवाज़ देती थी और आज 2 बज चुके थे तो मैंने सोचा कि वो नाराज़ है तो उन्हें कल के लिए सॉरी बोलना चाहिए. फिर में अंदर गया. उनका घर खुला था और वो कहीं नहीं थी, फिर में उन्हें ढूंढता हुआ उनके बेडरूम में गया, तो वो सो रही थी. रोज़ की तरह उनके पति घर पर नहीं थे, फिर मैंने देखा कि वो चादर ओढ़ कर सो रही थी. फिर में उनके पास गया और बेड पर बैठ गया. अब में उनके चेहरे को देख रहा था और वो मासूम सी और बहुत ही खूबसूरत लग रही थी. अब में थोड़ा झुका और उनके लिप पर एक किस किया, अब बस में उस किस के बाद जाने ही वाला था कि भाभी ने करवट ली और चादर हट गया तो मेरी आँखे अब खुली की खुली रह गयी, क्योंकि भाभी पूरी नंगी थी.

अब मैंने हिम्मत करके पूरा चादर हटाया तो उनके बूब्स ऐसे लग रहे थे, जैसे इनका रस आज निचोड़ लूँ? और उनकी चूत बिल्कुल क्लीन शेव थी और एकदम प्यारी सी छोटी सी थी. फिर मैंने मन बना लिया कि में आज इन्हें सारी ख़ुशी दे दूँगा. फिर में बाहर गया और दरवाज़ा बंद किया. फिर जब में वापस आया तो भाभी करवट ले चुकी थी और मुँह के बल सो रही थी.

फिर मैंने उनकी पीठ पर किस किया और उनकी गांड को दबाता रहा और उन्हें पलट दिया. अब में उनके होंठो को किस कर रहा था और उनके बूब्स को मसल रहा था, ये करते-करते में उनकी गर्दन पर किस करने लगा. अब मैंने देखा कि उनके निप्पल खड़े हो गये है तो में उनके बूब्स को चूसने लगा और उनकी चूत को मसलने लगा. अब भाभी भी सिसकियाँ ले रही थी और भाभी सोने का नाटक कर रही थी. अब मुझे कुछ-कुछ समझ आ रहा था कि ये भाभी का बनाया हुआ प्लान था. अब ने उन्हें शर्मिंदा नहीं करना चाहता था तो में भी ऐसे बर्ताव करता रहा कि जैसे वो सो रही है.

अब में उनकी नाभि के पास गया और उसे चूमने लगा तो भाभी की सिसकियाँ तेज होती जा रही थी और अब आआअहह उफफफफफफफफ्फ़ उउम्म्म्मममम की आवाज़े पूरे कमरे में गूंज रही थी. अब में उनके नीचे गया और उनकी चूत पर किस किया तो वो मचल गयी. अब में जीभ से उनकी चूत को चाट रहा था, चूस रहा था और अब वो पागल सी हो गयी थी और अपने बूब्स को मसल रही थी और मैंने जैसे ही उनकी चूत पर अपने दांतों से काटा तो वो सहम सी गयी और आँख खोलकर अपनी चूत पर मेरे सर को दबाने लगी.

अब में समझ गया कि वो तैयार है फिर में उसके ऊपर आया और उनको किस किया अब वो मेरी जीभ को अपने मुँह में डालकर चूस रही थी. फिर मैंने उनका हाथ अपने लंड पर रख दिया तो वो उसे सहलाने लगी और मैंने उनसे कहा कि इसे चूसो तो वो शर्माने लगी और बोली कि नहीं. फिर मैंने कमरे की लाईट को बंद कर दिया, अब कमरे में हल्की सी रोशनी थी और वो लेटी थी.

फिर में उनके मुँह के पास गया और अपने लंड को उनके मुँह पर रखा और उनके लिप पर रगड़ने लगा. अब उन्होंने अपना मुँह खोलकर उसे चूसना शुरू कर दिया था और अब तो में बस जन्नत में था. अब भाभी ने अपनी बाहें फैलाकर मुझे अपनी तरफ आने का इशारा किया तो में उनके ऊपर आ गया और किस करने लगा. अब भाभी ने मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और अपनी चूत पर रगड़ने लगी और अपनी चूत के छेद पर दबाने लगी तो मैंने जोर से धक्का मार दिया और अब मेरा आधा लंड चूत के अंदर था.

भाभी की चूत एकदम टाईट थी तो उनकी आअहह निकल गयी और अब वो मुझे पागलों की तरह किस करने लगी. फिर मैंने दूसरे झटके में अपना पूरा लंड अंदर कर दिया. अब तो वो मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ रही थी और अब में धक्के मारे जा रहा था और वो उउउहह आआआहह उम्म्म्ममम अजय, धीरे धीरे करो अजय प्लीज, आराम से करो, ऐसे बोल रही थी, अब वो झड़ चुकी थी और कमज़ोर सी हो गयी थी.

अब में धक्के लगाए जा रहा था और फिर थोड़ी देर के बाद जब में झड़ने वाला था तो मैंने भाभी से कहा कि मेरा निकलने वाला है तो में अपना लंड बाहर निकाल रहा हूँ. फिर उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया और भाभी ने मुझसे कहा कि अंदर ही निकाल दो. अब मैंने अपना गर्म- गर्म पानी उनकी चूत में ही छोड़ दिया था और और हम ऐसे ही पड़े रहे. फिर थोड़ी देर के बाद भाभी बाथरूम में गयी और वो अपनी चूत को धो रही थी. में भी उनके पीछे गया तो उन्होंने मेरे लंड को भी साफ किया.

फिर हमने एक साथ शॉवर लिया और ओरल सेक्स किया. फिर हम सोफे पर आकर टी.वी देखने लगे. अब हमने कपड़े पहन लिए थे. फिर में जाने लगा तो भाभी बोली कि चाय पीते जाओ और किचन में जाकर चाय बनाने लगी, अब में भी उनके पीछे से गया और उनके पीछे से गर्दन पर किस करने लगा और उनके बूब्स मसलने लगा.

अब भाभी फिर से गर्म हो गयी थी और मैंने उनकी मैक्सी ऊपर की और खड़े-खड़े ही उन्हें झुकाकर उनकी चूत में पीछे से लंड डाल दिया और उन्हें चोदना शुरू किया. अब वो भी अपनी गांड आगे पीछे कर रही थी और अब मैंने उन्हें दीवार से चिपका दिया और उन्हें किस करने लगा और सामने से उनकी चूत में लंड डाल दिया. अब हम दोनों सीधे खड़े थे और ऐसे ही चुदाई कर रहे थे और किस कर रहे थे. अब में उनके बूब्स भी मसल रहा था. कुछ देर बाद में फिर से उनकी चूत में ही झड़ गया तो भाभी ने मुझे किस किया और बोली कि अजय आज तुमने मेरे सारे सपने पूरे कर दिए. फिर मैंने भी उन्हें गले लगाया. अब जब कभी भी हमें मौका मिलता है तो हम चुदाई करते हे.

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