मुख्य पृष्ठ » गे सेक्स स्टोरीज » अंकल के साथ मेरा पहला हनीमून


अंकल के साथ मेरा पहला हनीमून

Posted on:- 2024-02-16


मित्रों मै आप सब का हार्दिक अभिनंदन करता हु, चाचा  ने उस रात बस  में हुई हमारी पहली मुलाकात में ही मुझे चार बार चोदा और हम दोनों ने बहुत मज़े लेकर उस पूरी रात अपनी सुहागरात मनाई फिर जब हम सुबह स्टेशन पहुँचे तो चाचा  ने पहले से ही फोन करके हमारे लिए एक बहुत अच्छा सा होटल बुक कर लिया था. हमारे स्टेशन पर पहुंचते ही हमें होटल से एक गाड़ी लेने आई थी और हम थोड़ी देर में उस होटल में पहुँच गये और चाचा  ने हमारे लिए एक हनिमून स्वीट रूम बुक कराया था. फिर जैसे ही हम होटल के रूम में पहुँचे तो चाचा  ने रूम को तुरंत अंदर से बंद कर लिया और अब वो मुझे पीछे से पकड़कर मेरे बूब्स को अपने दोनों हाथों से ज़ोर ज़ोर से दबाकर निचोड़ने लगे और फिर मुझसे कहने लगे. मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है.

चाचा  : क्यों डार्लिंग तुम्हे यह रूम कैसा लगा?

में : बहुत अच्छा लगा.

 ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना  लड खड़ा ही हो जायेगा  चाचा  : तो चलो ना अब हम दोनों आज साथ में चलकर नहाते है और मुझे तुम्हे बाथरूम में एक बार चोदने का बहुत मन है, प्लीज मेरी यह इच्छा भी आज एक बार पूरी कर दो. दोस्तों चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है    .


 क्या बताऊ दोस्तों  उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये में : जानू कल से आप मुझे करीब चार बार चोद चुके हो फिर भी क्या आपका मेरी चुदाई से मन नहीं भरा? जो अब आप मुझे बाथरूम में भी चोदने की बात कहते हो? दोस्तों मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है.


 दोस्तों क्या मलाई वाला माल लग रहा था चाचा  : नहीं, अगर तुम्हारे जैसी पत्नी मेरी हो तो उसको एक दिन में कम से भी कम दस बार चोदने का मेरा मन होगा क्योंकि तुम बहुत हॉट, सेक्सी हो और अब में पूरी तरह से तुम्हारा दीवाना हूँ. चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए.


 साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है दोस्तों वो यह बात कहकर मुझे किस करने लगे और मेरी गांड को भी दबाने लगे जिसकी वजह से में तो जैसे अब धीरे धीरे पागल हो रही थी और में जोश में आकर उनके होठों को चूमने लगी और इस बीच चाचा  मेरे टॉप को उतारकर मेरी ब्रा के ऊपर से ही मेरे बूब्स को किस करने लगे और निप्पल को हल्का सा काटने लगे, इतने में वेटर ने दरवाजा बजाया और हम दोनों अलग हो गये और चाचा  उठकर दरवाज़ा खोलने चले गए और वो वेटर से कुछ सामान ले आया और वो सीधा बाथरूम में चले गये. अब सुनिए चुदाई की असली कहानी.
 

दोस्तों एक बार चोदते  चोदते  मेरा लंड घिस गया अब में भी टावल में बाथरूम के अंदर चली गई तो मैंने देखा कि चाचा  बाथटब में सिर्फ अंडरवियर में लेटे हुए थे और मुझे देखते ही उन्होंने तुरंत मेरा हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया और मेरे टावल को पकड़कर एक झटका देकर उतार दिया. में अब सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में खड़ी हुई थी और चाचा  ने मुझे बाथटब में लेटा लिया और मेरे बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही किस करने लगे और एक हाथ को मेरी चूत के ऊपर रखकर दोनों जांघो के अंदर बाहर करने लगे और अब में जोश में आकर सिसकियाँ लेने लगी आहहह्ह्ह प्लीज चाचा  में मर गई उउम्म्म्ममम और में जोश में आकर बोल पड़ी चाचा  में आपसे बहुत प्यार करती हूँ आज आप जैसे चाहो मुझे चोद सकते हो, प्लीज अब मुझे थोड़ा जल्दी चोदो और मेरी आग को बुझा दो उफ्फ्फफ्फ्. ( दोस्तों उन चाचा  का नाम समीर था) तो मेरे मुहं से यह शब्द सुनकर चाचा  को अब ज्यादा जोश आ गया और बोले कि रानी आज से तुम मुझे सिर्फ सेम ही बुलाओगी और अब उन्होंने मुझे टब से बाहर निकालकर उल्टा खड़ा कर दिया और मेरी गांड को पेंटी के ऊपर से किस करने लगे और बोले जानू जब भी में पीछे से तुम्हारी गांड को देखता हूँ तो मेरी हालत बहुत खराब हो जाती है और में हमेशा तुम्हे सोच सोचकर बहुत बार मुठ मारता हूँ. वहा का माहौल बहुत अच्छा था  मित्रों .


 दोस्तों उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया मैंने कहा कि हाँ मुझे वो सब पहले से पता है और में बहुत अच्छी तरह से अपनी मेरे ऊपर उस गंदी नियत को पहचानती हूँ, तो उन्होंने मुझसे पूछा कि वो कैसे? वहा जबरजस्त माल भी थी मित्रों.

 दोस्तों चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया में : उस दिन रात को जब में सो रही थी तब आप मेरे पास आकर मेरी गांड को छूते हुए और आगे बढ़ते हुए गांड को किस कर रहे थे, मेरे कोई भी विरोध ना करने पर आपकी हिम्मत धीरे धीरे बढ़ती गई, मुझे वो सब पता है कि आपके मन में उस दिन से मेरे लिए क्या क्या चल रहा था? ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मित्रों .


चाचा  : तो तुम मुझसे कुछ बोली क्यों नहीं? और मैंने सोचा कि तुम शायद गहरी नींद में थी इसलिए मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और अपने काम में लगा रहा. दोस्तों एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया


 उह क्या मॉल था मित्रों गजब  में : मुझे आपकी वो बात अच्छी लगी इसलिए में एकदम चुप रही और जब आप बाथरूम में जाकर अपना लंड हिला रहे थे और मेरी पेंटी को किस कर रहे थे, तब मैंने आपको देख लिया था और आप तो उस दिन एकदम पागल हो गये थे और आपने मेरी पेंटी को किस करके बिल्कुल गीला कर दिया था. उह क्या मॉल था मित्रों गजब .


चाचा  : हाँ सच मैंने जब से तुम्हे देखा है में बिल्कुल पागल हो गया हूँ.

 क्या बताऊ दोस्तों मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया फिर यह बात बोलकर उन्होंने मेरी पेंटी को उतार दिया और मेरी गांड को किस करने लगे और गांड के छेद को चाटने लगे, ओहह क्या मस्त अहसास था? उस वक़्त में तो जैसे पागल हो गई थी. फिर चाचा  करीब बीस मिनट तक मेरी गांड को चाटते रहे और बूब्स को दबाते रहे. फिर उन्होंने मुझे बाथरूम के कमोड पर बैठा दिया और मेरे दोनों पैरों को पूरा खोलकर मेरी चूत को चाटने लगे और चूसने लगे कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था 
. उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये   फिर करीब दस मिनट के अंदर ही में उनके मुहं में झड़ गई और उन्होंने मेरा सारा पानी चाटकर साफ कर दिया और अब उन्होंने उनके लंड को मेरे मुहं में दे दिया और में उनके लंड को लोलीपोप की तरह मज़े लेकर चूसने लगी और वो सिसकियाँ भरने लगे आहह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ जानू हाँ मज़ा आ गया बेबी उउम्म्म्म हाँ इसे और चूसो बेबी. दोस्तों मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है.


 उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है उनके मुहं से यह बातें सुनकर में जोश में आ गई और अब में ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी. करीब 15 मिनट के अंदर चाचा  मेरे मुहं में झड़ गये और मैंने चाचा  का पूरा वीर्य अपने मुहं से बाहर गिरा दिया, क्योंकि मुझे गरम गरम वीर्य लेने से उल्टी आने लगी थी. अब में फव्वारे के नीचे नहा रही थी और तभी चाचा  मुझे एक बार फिर से पीछे से पकड़कर किस करने लगे, जिसकी वजह से उनका मोटा लंड ठीक मेरी गांड के छेद के ऊपर था जिसकी गरमी और मोटाई में बहुत अच्छी तरह से महसूस कर रही थी और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. दोस्तों एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया.


में : यह आप क्या कर रहे हो?

चाचा  : कुछ नहीं बस अपनी पत्नी को थोड़ा सा प्यार कर रहा हूँ.

में : क्यों अभी तो किया था ना फिर वो क्या था?

चाचा  : मेरी रानी मुझे तुम्हे फव्वारे के नीचे भी एक बार चोदना है.

में : लेकिन वो कैसे जानू, यहाँ पर मुझे तुम कैसे चोदोगे?

 दोस्तों चोदते  चोदते  कंडोम के चीथड़े मच गए मेरे मुहं से इतनी बात सुनते ही चाचा  एक बार फिर से नीचे झुककर मेरी चूत को चूसने लगे और उन्होंने मेरी चूत को अपने दोनों हाथों से पूरी तरह फैला लिया था जिसकी वजह से उनकी जीभ मेरी चूत में बहुत गहराई तक जा रही थी, उस समय उस गरम जीभ को महसूस करके मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे में सातवें आसमान में हूँ और मेरे मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी. ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है..


 एक बार मैंने अपने मौसी की लड़की को जबरजस्ती चोद दिया में : अह्ह्ह्ह समीर में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ डार्लिंग प्लीज अब चोदो मुझे और मत तड़पाओ एक बार और अपनी पत्नी की चूत को चोदकर शांत कर दो, प्लीज थोड़ा जल्दी करो उह्ह्ह्ह. है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई.


चाचा  : रानी आज तो हमारा हनिमून का पहला दिन है और जब तक हम यहाँ पर रहेंगे, तुम्हे में हर एक पोज़िशन में चोदूंगा.

 मेरे मित्रो मामा की लड़की की चुदाई में बड़ा मजा आया फिर में नीचे झुककर उनके लंड को चूसने लगी और कुछ देर बाद चाचा  ने मुझे खड़ा करके मेरे एक पैर को अपने कंधे पर रख लिया और अपने लंड को मेरी चूत में डाल दिया और मुझे ऐसा लगा कि जैसे मेरी चूत में कोई गरम सरिया डाल दिया हो, में चीख उठी उईई माँ मर गई प्लीज बाहर निकालो उफ्फ्फफ्फ्फ़. तो चाचा  बोले कि मेरी रानी तुमने मुझे बहुत सताया है और जब भी में तुम्हारे घर पर जाता था तुम जानबूझ कर ढीले ढीले टॉप्स पहनती थी और मुझे चाय देने के बहाने अपने झूलते हुए दूध मुझे दिखाती थी और मेरी बेचैनी को बढ़ाती थी, मुझे भी सब कुछ पता है कि तुम मुझसे क्या चाहती हो? और में अपनी इतने दिन की तड़प आज पूरा करूँगा और तुम्हे ऐसे ही खड़े खड़े चोदूंगा. दोस्तों कई बार जबरजस्ती शॉट मरने में चुत से खून निकल गया.


 उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था मित्रों  फिर यह बात कहकर उन्होंने एक और ज़ोर का झटका दिया और अब उनका लंड आधा मेरी चूत के अंदर चला गया और मुझे भी मज़े आने लगा आहह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह समीर चोदो मुझे, डार्लिंग ज़ोर से चोदो मुझे, में तुम्हारी पत्नी हूँ और ऐसे शब्द मेरे मुहं से निकलने लगे. फिर करीब 25 मिनट के बाद हम दोनों झड़ गये और चाचा  ने मेरे अंदर ही अपना वीर्य छोड़ दिया और मुझे पकड़कर बाथटब में मेरे ऊपर लेटे रहे, बाथटब का पानी हमारे पानी से खराब हो गया था और हमने पानी को बदल दिया और फिर साथ में नहाए और नहाने के बाद जैसे ही में अपने कपड़े पहनने लगी तो चाचा  ने मेरे कपड़े छीन लिए और वो मुझसे बोले कि डार्लिंग तुम रूम में कुछ नहीं पहनोगी और नंगी रहोगी ताकि में जब चाहूं तुम्हे चोद सकूँ. फिर मैंने भी उनके कहने पर अपने कपड़े नहीं पहने और चाचा  को भी नंगा रखा, हम दोनों पूरे नंगे ऐसे एक दूसरे की बाहों में लेटकर टीवी देखने लगे और वो मेरे बूब्स से खेलने लगे और में उनके लंड को. दोस्तों उस हनीमून में हमने बहुत सारे तरीकों से चुदाई के मज़े लिए. उसकी बूब्स  देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी   मित्रों मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु .

What did you think of this story??






अन्तर्वासना इमेल क्लब के सदस्य बनें


हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !


* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।