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गर्लफ्रेंड के साथ पार्क में पहली मुलाकात

Posted on:- 2021-08-15


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम दुदुरकेवल चोददास  है और मेरी इस साईट पर ये पहली कहानी है. पहले में आपको अपने बारे में बता दूँ. में फरुखाबाद  का रहने वाला हूँ और बी.कॉम IInd ईयर में हूँ, में एक सिंपल सा दिखने वाला 20 साल का लड़का हूँ. मेरे लंड का साईज़ 6 इंच है जो कि किसी को भी सॅटिस्फाइड करने के लिए काफ़ी है. अब में आपको ज्यादा बोर ना करते हुए सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ. यह बात 2 साल पुरानी है, जब मेरे एक गर्लफ्रेंड थी और उसका नाम सूपनखा चोदसीनाथ  था. हम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे और हमारे रिश्ते को 2 साल हो गये थे, लेकिन हमने किस के अलावा कुछ नहीं किया था. अब बिना चुदाई के रह नहीं सकता था मित्रों मै पागल सा हो गया.

 अब बिना चुदाई के रह नहीं सकता था मित्रों मै पागल सा हो गया ये बात तब की है जब हम दोनों का एड्मिशन कॉलेज में हुआ था. फिर हमने डिसाईड किया कि हफ्ते में एक दिन हम मिलेंगे और घूमने जायेंगे. फिर एक दिन हमारी लड़ाई हो गई और उसने मुझे मनाने के लिए साकेत बुलाया और में उससे मिलने चला गया. उस दिन बहुत बारिश हो रही थी. में वहाँ पहुंचा तो वहाँ खड़ी थी. दोस्तों में आपको बता दूँ कि मेरी गर्लफ्रेंड दिखने में बहुत सुंदर थी और उसका फिगर तो सही तो नहीं पता, लेकिन वो सुंदर थी और उसके बूब्स ज्यादा बड़े नहीं थे, लेकिन उसकी गांड बहुत ही मोटी थी. तब तक मैंने उसके साथ कुछ नहीं किया था. फिर जब में वहां पहुँचा तो वो मेरा इंतजार कर रही थी. फिर हम मिले और मैंने उससे गुस्से में पूछा कि क्यों बुलाया? तो उसने बोला चलो जानू. फिर मैंने बोला कि बताओ कहाँ जाना है? ओह ओह ओह है कब लंड को घुसा दू ऐसा लग रहा था मित्रों .


सूपनखा चोदसीनाथ  : जहाँ जाना था, वहाँ अब नहीं जा सकते है.

में : क्यों?

सूपनखा चोदसीनाथ  : नहीं जा सकते बारिश हो रही है.

में : ऐसा कहाँ जाना था?

सूपनखा चोदसीनाथ  : ओके, चलो चलते है.

 मॉल था चुदाई के लायक  फिर उसने ऑटो वाले से पूछा और एक जगह का नाम लिया, दोस्तों मुझे नहीं पता था कि हम कहाँ जा रहे है? अब वहाँ पहुँचकर हम अन्दर चले गये और थोड़ी देर तक घूमने के बाद हम एक खाली सी जगह देखकर बैठ गये. दोस्तों वहाँ बहुत सारे कपल्स ही थे और वो लोग किसिंग कर रहे थे. अब में ये देखकर बहुत चौंक गया था और उत्तेजित भी हो गया था. फिर अचानक से मेरी गर्लफ्रेंड ने मुझे हग किया. फिर मैंने भी उसे माफ़ कर दिया और हम आधे घंटे तक एक दूसरे की बाहों में यू ही खड़े रहे. फिर मैंने उसे गले पर किस किया तो उसे करंट सा लगा. फिर उसने मुझसे बोला चलो कहीं और चलते है. फिर हमने एक सुनसान जगह देखी जहाँ हमें कोई ना देख सके और वहाँ चले गये. अब हमें परेशान करने वाला कोई नहीं था और अब हम वहाँ जाकर फिर से हग करके खड़े हो गये. मैंने सोचा पेलुँगा जरूर  कभी न कभी .    


 माल चुदाई के लिए तड़प रही थी मित्रों  फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उसके गालों को अपने हाथों से पकड़ा और उसका सर चूमा. फिर धीरे से हमने किस करना स्टार्ट किया और फिर स्मूच करने लगे. मुझे किस्सिंग करना बहुत पसंद है. दोस्तों फिर हमारी जीभ भी एक्सचेंज होने लगी और हम किस में खो गये और हम बीच-बीच में सांस लेते और में उसके गले, गाल, कान को चूसता और वो मेरे गले, कान, गाल को चूसती. यह कुछ 1 घंटे तक चला और फिर में धीरे-धीरे अपने हाथ उसके टॉप के ऊपर से उसके बूब्स पर ले गया और उन्हें दबाया तो उसने कुछ नहीं कहा. चोदने के बाद थोड़ा रिलेक्स हुआ भाइयो क्या गजब मजा जब माल अच्छा हो तो कौन नहीं  चोदना चाहेगा  है न मित्रों आया 


 सेक्स करते समय बहुत मजा आया था मित्रों फिर मैंने अपना हाथ उसकी टॉप में डाल दिया और उसकी पीठ सहलाने लगा. अब उसे भी मज़ा आ रहा था और अब हम दोनों सेक्स के नशे में खो चुके थे. फिर कुछ देर के बाद उसने मुझे उसकी ब्रा खोलने के लिए कहा और फिर मैंने पीछे से उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और सहलाने लगा और किस करने लगा. अब में अपने हाथ उसकी कमर के आस पास सहला रहा था कि तभी उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपने .बूब्स पर रख दिया. अब मुझे उसके सॉफ्ट बूब्स का स्पर्श हुआ और उसके निप्पल कड़क हो चुके थे. अब में धीरे-धीरे उन्हें दबा रहा था और उसे मज़ा आ रहा था. उसके ओठ रसीले थे मित्रों मॉल गजब था मित्रों.

 उसके लिप्स की चूसै यू ही चलती रही  मित्रों   फिर मैंने धीरे से उसका टॉप ऊपर किया और उसके बूब्स पर किस किया. फिर क्या था? अब उसे भी मज़ा आने लगा था. और अब में भी उसके दोनों बूब्स को बारी-बारी से चूसने लगा, अब वो धीरे-धीरे मौन कर रही थी और मुझे किस कर रही थी. फिर काफ़ी देर तक उसके बूब्स चूसने के बाद उसके बूब्स लाल हो गये थे और निप्पल एकदम कड़क हो गये थे. फिर मैंने उसको किस करना चालू किया और उसकी जीन्स के ऊपर से उसकी चूत को सहलाना शुरू किया तो अब वो एकदम गर्म हो चुकी थी. अब मुझे उसकी जीन्स के ऊपर उसकी गर्म चूत महसूस हो रही थी और अब में तेज़-तेज़ उसे रगड़ रहा था. अब उसकी साँसे गर्म हो रही थी. फिर मैंने उसकी जीन्स का बटन खोल दिया तो वो कुछ नहीं बोली, अब हम धीरे-धीरे सेक्स के नशे में पूरी तरह से आ चुके थे. मित्रों वो मदहोस थी चुदाई के लिए .


 उसके बूब्स क्या मस्त थे मित्रों अब मै क्या कहु मित्रों  अब बटन खोलने के बाद में अपना एक हाथ उसकी गांड पर ले गया और दबाने लगा. अब उसे मज़ा आ रहा था. फिर उसने मेरा हाथ पकड़ा और फिर से अपनी चूत पर रख दिया तो में फिर से उसकी चूत को सहलाने लगा. और अब तक मेरा लंड भी पूरा खड़ा हो चुका था और पानी छोड़ रहा था. अब उसको भी मेरा लंड महसूस हुआ और वो उसे मेरी पेंट के ऊपर से ही सहलाने लगी. अब मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था और मैंने उसकी जीन्स की चैन नीचे की, लेकिन उसकी जीन्स बहुत टाईट थी तो इसलिए वो नीचे नहीं हुई और अब हम ओपन में थे तो में नीचे उतारना भी नहीं चाहता था, वैसे हम जिस जगह खड़े थे, वहाँ हमें कोई नहीं देख सकता था, वो एक जंगल जैसा ही था. ख़ैर आगे मैंने अंदर हाथ डाला और उसकी पेंटी के ऊपर से उसकी चूत को रगड़ने लगा. मेरा मन चुदाई का था मित्रों .


 मैंने तय किया की चोद कर ही दम लूंगा  उसने फ्लेवर वाली पेंटी पहनी थी सो क्यूट, अब वो धीरे- धीरे मज़े में मौन कर रही थी. फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी पेंटी के अंदर डाला तो उसकी चूत बहुत गर्म थी और उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और वो बुरी तरह से पानी छोड़ रही थी, उसकी चूत पर छोटे-छोटे बाल भी थे, जो उसने शेव नहीं किए थे. अब में धीरे-धीरे उसे रगड़ने लगा और उसे मज़ा आने लगा था. लेकिन पेलुँगा जरूर .


 मै चुदाई के लिए बिल्कुल बेताब  था  मित्रों  फिर मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाली तो वो उछल पड़ी और बोली कि जानू उंगली अन्दर बाहर मत करना तो मैंने भी उसे ओके बोला और रब करने लगा. फिर जब उसको मज़ा आने लगा तो मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी और धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा. वो पूरी तरह से वर्जिन थी और अब उसे हल्का-हल्का दर्द हो रहा था लेकिन थोड़ी देर के बाद उसको मज़ा आने लगा. फिर मैंने दो उंगली अन्दर डाल दी और उसे चोदने लगा. अब उसको मेरी उंगलियों से चुदने में मज़ा आ रहा था और वो आअहह जानू और आआआहह और करो आहह ऐसे बोल रही थी. फिर 15 मिनट तक फिंगरिंग करने के बाद वो झड़ गई और मुझसे लिपट गई, अब उसका सारा माल मेरे हाथ में आ गया और मैंने उसकी जीन्स का बटन लगा दिया. मुझे तो बस चुदाई की धुन सवार थी मित्रों .


 मुझे बूर की मादक खुसबू आ रही थी जो मुझे पागल कर रहे थे  अब हम सेक्स करना चाहते थे, लेकिन खुले में नहीं कर सकते थे. फिर अचानक से हमें सिक्यूरिटी गार्ड के आने की आवाज़ सुनाई दी और हम वहाँ से निकल गये, लेकिन मेरा लंड अभी खड़ा था और मेरे हाथ भी गंदे थे तो में हाथ धोने वॉशरूम में गया तो वॉशरूम खाली था और आस पास भी कोई नहीं था. फिर मेरी गर्लफ्रेंड अंदर आ गई और उसने मेरा लंड जो पहले से ही खड़ा था, वो बाहर निकाला और उसे सहलाने लगी, क्योंकि वो जानती थी कि में शांत नहीं हुआ हूँ. फिर काफ़ी देर तक मूठ मारने के बाद मेरा भी निकल गया और हम अपने कपड़े ठीक करके वहाँ से निकल गये. फिर रात को घर पहुँचकर हमने फोन पर भी सेक्स किया. अब वो चुदने के लिए बेताब हो रही थी और में भी उसको चोदने के लिए बेताब हो रहा था, लेकिन हमें कभी मौका नहीं मिला. दिन रात बस चुदाई ही चुदाई ख्याल मित्रों और कुछ नहीं   मेरा लंड उसकी बूर को चिर कर आगे निकाल रहा था  फर्स्ट टाइम चुदाई में सील टूटती है तो थोड़ा तो दर्द होगा ही.

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