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एक रात का प्लान

Posted on:- 2021-08-11


मित्रों मै आप सब का हार्दिक अभिनंदन करता हु अपने बूर फाड् चुदाई की स्टोरी में में तांडव  .. में कोलापुर  का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 22 साल है. दोस्तों मुझे चुदाई  करना और चोदा पेली  कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है. में भी आज आप सभी दोस्तों को अपनी एक रियल स्टोरी बताने जा रहा हूँ. दोस्तों यह बात उन दिनों की है जब मेरे एग्जाम चल रहे थे. तो उन दिनों में अपनी दीदी के यहाँ पर पढ़ाई करने आता था.. क्योंकि मेरे घर पर मुझे बहुत शोर-शराबा होता था और में अपने घर पर नहीं पढ़ पता था. तो में रोज़ रात को 10 बजे अपनी दीदी के यहाँ पर आ जाता था और फिर मेरी दीदी का घर भी मेरे घर के बिल्कुल पास ही था.. बस पांच मिनट की दूरी पर. फिर में कुछ देर पड़ाई करता और फिर वहीं पर सो जाता था. में और मेरी दीदी एक ही बेड पर सोते थे क्योंकि दीदी की तबियत कुछ ठीक नहीं रहती थी और उन्हें रात को किसी ना किसी की ज़रूरत पड़ती थी. दोस्तों क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया.


 मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला  लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है तो एक दिन की बात है में किसी वजह से अपनी दीदी के घर पर पढ़ने नहीं जा सका तो. मेरी मम्मी ने मेरी कज़िन बहन स्नेहा को कहा कि तुम जाकर दीदी के साथ सो जाओ स्नेहा उस दिन दीदी के पास सोने चली गई ( उसका फिगर 28 24 28 और उसका कलर गौर और वो बहुत ही चोदा पेली  लड़की है यारो उसको देखते ही लंड अपना पानी झाड़ दे इतनी कमाल की है). मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है.


 ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना  लड खड़ा ही हो जायेगा फिर अगले दिन फिर में दोबारा उसी समय दीदी के पास सोने चला गया.. लेकिन स्नेहा वहाँ पर पहले से ही थी तो मैंने दीदी को कहा कि में चला जाता हूँ यहाँ पर तो स्नेहा है तो दीदी बोली कि ठीक है. फिर जब में जाने लगा तो स्नेहा बोली कि तांडव   तुम भी यहीं पर रुक जाओ ना.. तो मैंने कहा कि हम कहा सोएंगे? तो वो बोली कि तुम भी बेड पर ही सो जाना. तो मैंने कहा कि नहीं.. में घर पर जाकर सो जाऊंगा. फिर दीदी बोली कि बेटा सो जा कोई बात नहीं.. लेकिन में नहीं रुका और चला गया. दोस्तों चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है.

क्या बताऊ दोस्तों  उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये फिर अगले दिन सुबह मेरे स्कूल की छुट्टी थी और में दीदी को नाश्ता देने उनके घर पर गया.. तो स्नेहा भी दीदी के घर पर ही थी और जब दीदी बाथरूम गई तो स्नेहा ने बोला कि तू रात को क्यों नहीं रुका? तो मैंने कहा कि ऐसे ही.. तो वो बोली कि रुक जाता तो मुझे अच्छा लगता.. लेकिन उस टाईम तक मुझे नहीं पता था कि वो मुझे चाहने लगी है और मैंने कहा कि चल में आज रात को दीदी और तेरे साथ रुक जाऊंगा तो वो बहुत खुश हो गई. फिर दीदी वॉशरूम से आ गई और मैंने उन दोनों को नाश्ता दे दिया. हम सब एक कम्बल में बैठे थे और स्नेहा कम्बल के अंदर से मेरी जांघो पर अपना पैर घुमा रही थी और उस समय मुझे कुछ अजीब लगा और में कम्बल से बाहर आ गया और घर पर चला गया. दोस्तों मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है.


दोस्तों क्या मलाई वाला माल लग रहा था फिर शाम को में पढ़ाई करते समय स्नेहा के बारे में सोचने लगा और मुझे शक हुआ कि वो मुझे प्यार करती है. में फिर रात को दीदी के घर पर सोने चला गया. दीदी में और स्नेहा एक ही डबल बेड पर सोने चले गई (सबसे पहले दीदी में बीच में और लास्ट में स्नेहा सोने लगी स्नेहा और में एक साथ सो रहे थे. ) करीब रात के 10:45 पर मैंने महसूस किया कि स्नेहा फिर से मेरी जाँघो पर अपना हाथ घुमा रही है. तो मैंने सोचा कि यह मेरा वहम है और मैंने मुहं घुमा लिया और सोने लगा.. लेकिन कुछ देर बाद मैंने सोचा कि क्यों ना में भी ट्राई करूं.. क्या सच में स्नेहा मुझसे कुछ चाहती? चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए.

साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है तो मैंने पहले तो उसकी जांघ पर अपना पैर लगाकर रखा.. लेकिन उसका कोई जवाब नहीं आया.. फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके उसके चूचिया पर हाथ रख दिया.. तो उसने एकदम से मेरे हाथ पर अपने दोनों हाथ रख दिए और जोर से पकड़ लिए अब मेरा हाथ उसके चूचिया पर था और उसके हाथ मेरे हाथ के ऊपर.. में समझ गया कि यह मुझसे चुदना चाहती है. फिर क्या था? में उसे बिना कुछ बोले उसके होंठ पर किस करने लगा.. करीब 15 मिनट तक किस करने के बाद मैंने उसका हाथ अपने पायज़ामे के अंदर डाल दिया और वो मेरा मोटा लंड अपने हाथ में लेकर मसलने लगी और मेरे कान में बोली कि तेरा लंड तो बहुत मोटा और लंबा लग रहा. तो मैंने कहा कि तू जब देखेगी तो तेरा खा जाने का मन करेगा और उसने मेरे कान पर किस किया और मेरा लंड मसलने लगी और मैंने भी अपना एक हाथ उसकी जिन्स के अंदर डालकर उसकी पेंटी के ऊपर से उसकी चूत को सहलाने लगा और वो मेरा लंड ज़ोर ज़ोर से दबाने लगी. अब सुनिए चुदाई की असली कहानी.

दोस्तों एक बार चोदते  चोदते  मेरा लंड घिस गया फिर मैंने उसकी पेंटी के अंदर अपना हाथ डालकर उसकी चूत में अपनी दो उंगली एक साथ एक ज़ोर के झटके से घुसा दी और उसने दर्द के मारे एकदम मेरा हाथ पकड़ लिया और फिर में धीरे धीरे उसकी चूत में उंगली करने लगा. कुछ देर तक ऊँगली करने के बाद उसकी चूत में से पानी निकल आया और में रुक गया. फिर में उसके चूचिया पागलो की तरह चूसने लगा और वो मेरे सर पर हाथ घुमाने लगी वाह क्या टेस्ट था? उसके चूचिया का मज़ा आ गया था और मैंने उससे पहले कभी किसी लड़की के चूचिया नहीं चूसे थे. फिर उस दिन बस इतना ही हुआ था और फिर हम दोनों सो गए. फिर अगले दिन सुबह में दीदी को नाश्ता देने उनके घर गया तो मैंने दीदी से पूछा कि स्नेहा कहाँ पर है? तो दीदी बोली कि वो अपने घर पर चली गई और हमारा घर पास में ही है. वहा का माहौल बहुत अच्छा था  मित्रों.

दोस्तों उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया तो में जल्दी से स्नेहा के घर पर गया तो स्नेहा उस समय पहली मंजिल पर थी और नहाने की तैयारी कर रही थी.. में उसे देखकर मुस्कुराया तो उसने भी मुझे एक स्माईल दी. फिर मैंने उससे धीरे से पूछा कि क्या कल रात मज़ा आया? वो बोली कि पता नहीं. फिर मैंने कहा कि अब क्यों शरमा रही है? उसकी पेंटी और ब्रा बेड पर ही पड़ी थी तो मैंने उसे कहा कि यह किसकी है? तो वो बोली कि तेरी गर्लफ्रेंड कि. फिर मैंने बोला कि अब तो तू ही मेरी गर्लफ्रेंड है वो शरमा गई. फिर वो नहाकर बाहर आई तो मैंने उससे पूछा कि आज रात को भी करे क्या? तो वो बोली कि आज बड़ी जल्दी है. फिर मैंने कहा कि आज तो बस सारा काम खत्म कर के ही सोऊंगा. तो वो बोली कि वो कैसे? और अगर दीदी को पता चल जाएगा तो? फिर मैंने बोला कि तू चिंता मत कर.. मेरे पास एक प्लान है तो वो तैयार हो गई. फिर रात को 10:15 पर में अपनी दीदी के घर पर पहुंचा तो स्नेहा और दीदी खाना खा रहे थे और मैंने स्नेहा को अपने प्लान का इशारा किया स्नेहा समझ गई और उसने बेड पर हमारी साईड पानी का जग ग़लती से गिरा दिया और हमारी साईड का बेड गीला हो गया. वहा जबरजस्त माल भी थी मित्रों.

दोस्तों चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया फिर मैंने दीदी को बोला कि अब हम कैसे सोएंगे? तो स्नेहा बोली कि चल तांडव   हम दूसरे कमरे में सो जाते है. फिर दीदी बोली कि ठीक है तुम दोनों दूसरे कमरे में चले जाओ. फिर मैंने दीदी के सामने स्नेहा को बोला कि तू बेड पर सो जाना और में सोफे पर सो जाऊंगा. वो बोली कि ठीक है ताकि दीदी को कोई शक ना हो.. फिर हम दोनों अपने रूम में चले गए और रूम अंदर से लॉक कर लिया. फिर मैंने स्नेहा को कहा कि तैयार हो ना.. वो शरमा गई और बेड पर जाकर लेट गई. फिर में स्नेहा के पास लेट गया और 15 मिनट बाद में उसकी चूत के पास उसकी जांघो को सहलाने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी. फिर में स्नेहा के ऊपर चड़ गया और उसे किस करने लगा और मैंने अपनी जीभ उसके मुहं में डाल दी और उसको चाटने लगा. फिर मैंने उसकी टी-शर्ट उतारी और उसकी ब्रा के ऊपर से उसके निप्पल को चूमने लगा उसे अब बहुत मज़ा आ रहा था. मैंने उसकी ब्रा को खींचकर निकाल दिया और उसके चूचिया उछल कर बाहर निकल आए. ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मित्रों.

दोस्तों एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया उसके चूचिया अब ब्रा के बंधन से आज़ाद थे और में उसके चूचिया पागलो की तरह चूस रहा था.. उसका हाथ मेरे सर को जोर जोर से दबा रहा था. फिर में थोड़ा नीचे आया और उसकी नाभि को चाटकर साफ करने लगा और अब हम दोनों के शरीर पूरी तरह गरम हो गये थे. फिर थोड़ा और नीचे आकर मैंने उसकी जिन्स को उतार दिया और उसकी पेंटी के ऊपर से उसकी चूत को सहलाने लगा और चाटने लगा. फिर उसकी पेंटी को उतार कर उसकी चूत को चाटने लगा.. उसकी चूत गुलाब की तरह गुलाबी थी और मैंने उसकी चूत को खोलकर उसकी चमड़ी को अपने मुहं से खींचकर चूसने लगा और उसकी चूत को अपनी जीभ से चूसने लगा. तो वो बोली कि अब तड़पाओ मत और जल्दी से लंड को चूत के अंदर डाल दो प्लीज. फिर मैंने जरा भी देर ना करने हुए अपना लंड उसकी चूत पर रखा और एक जोर का धक्का दिया.. लेकिन लंड आधा ही चूत में जा सका क्योंकि उसकी चूत बहुत टाईट थी.. लेकिन इस धक्के ने उसकी आँखों से आंसू बाहर आ गये थे और वो दर्द से सिसिकियाँ ले रही थी और कह रही थी कि तांडव   तुम मेरे दर्द की चिंता मत करो और मुझे बस बिना रुके चोदते रहो. उह क्या मॉल था मित्रों गजब.

मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मित्रों  फिर उसकी यह बात सुनते ही मुझे और भी जोश आ गया और मैंने एक और जोर का धक्का दिया.. इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत में जा चुका था और में उसको देखे बिना उसकी चुदाई में व्यस्त हो गया और जोर जोर से धक्के दे कर चोदने लगा. वो भी चुदाई का मजा लेने लगी और सिसकियों के साथ साथ मुझे चुदाई के लिये भी उत्तेजित करने लगी और कहने लगी कि और जोर से तांडव   और जोर से मिटा दो आज मेरी चूत की खुजली.. फाड़ दो मेरी चूत.. बना लो मुझे अपनी रांड. तो में अपनी चुदाई में लगा रहा और उसके दोनों चूचिया अपने दोनों हाथों से पकड़ कर उसे और जोर से धक्के देने लगा और वो अपनी इस चुदाई से बहुत खुश नजर आ रही थी और में भी. फिर करीब बीस मिनट के धक्को के बाद मेरा और उसका झड़ने का समय आ गया और हम दोनों एक एक करके झड़ गये. दोस्तों आज स्नेहा की चुदाई के बाद मुझे बहुत ख़ुशी मिली और मैंने उसको थेंक्स कहा तो उसने मुझे गले लगा लिया और किस करने लगी और एक हाथ से मेरा लंड सहलाने लगी और मौका देखकर लंड को चूसने लगी और उसने चूस चूसकर लंड को फिर से खड़ा कर दिया. क्या बताऊ दोस्तों मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया.

कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था दोस्तों यह सिलसिला आज भी जारी है और हम लोगो को जब भी मौका मिलता है हम अपनी अपनी प्यास बुझा लेते है. मैंने स्नेहा को आज पूरी तरह नए नए तरीको से चुदना सिखा दिया है. उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है दोस्तों एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया.

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