मित्रों मै आप सब का हार्दिक अभिनंदन करता हु अपने बूर फाड् चुदाई की स्टोरी में,गुड मार्निग मित्रों आप सब कैसे है,क्या हाल चाल मित्रों कैसे है आप सब आशा है अच्छे होंगे और चुदाई के जुगाड़ में होंगे .. मेंरा नाम पपु लाल कोल है और यह तब की घटना है.. जब में भिंड में रहने के लिए चला गया था और वहाँ पर रहकर एक कॉलेज से BCA कर रहा था और अपने दोस्तों के पास कभी कभी मेरा रांची आना होता था और में अक्सर अपनी मुहं बोली दीदी के घर पर ही रुकता था. उनकी दो बहन और थी.. एक का नाम रेणु और दूसरी का नाम सीमा था. सीमा रेणु से छोटी थी लेकिन वो बहुत कामुक जिस्म की मालकिन थी और उनके पूरे मोहल्ले के लड़के तो तब से ही उसके पीछे थे.. जब से में रांची में रहता था. दोस्तों क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया.
मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है दोस्तों एक बार की बात है.. मेरी दीदी ने मज़ाक में मेरी मम्मी से सीमा के साथ मेरी शादी की बात चलाई थी तो मुझे भी ऐसा लगने लगा था कि वो मेरी बीवी है और इसलिए में जब भी रांची में रहता तो अक्सर अपने दोस्तों से उसके बारे में कुछ भी गलत शब्द सुनकर उनसे झगड़ा कर लेता था और अब दोस्तों सीधे कहानी पर आते है. एक बार में रांची गया हुआ था और मेरा रुकना दीदी के यहाँ पर ही हुआ तो रात को जब हम खाना खाकर बैठे हुए थे. तभी कुछ देर के बाद दीदी और जीजा जी दूसरे रूम में सोने चले गये लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैंने सोचा कि क्यों ना फिल्म ही देख ली जाए. मेरे रूम में मेरे साथ सीमा और दीदी के दोनों लड़के लेटे थे और हमने धीरे से टीवी सेट चालू किया तो मैंने देखा कि टीवी पर अच्छी रोमेंटिक फिल्म आ रही थी और हम सब लोग एक साथ लेटकर फिल्म का मज़ा लेने लगे और करीब आधी फिल्म खत्म होते होते वो दोनों बच्चे सो गये तो मैंने धीरे से सीमा की तरफ देखा और मुझे एहसास हुआ कि वो भी सो गयी है लेकिन इतनी रोमेंटिक फिल्म को देखकर मुझे नींद कहाँ आने वाली थी. मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है.
ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना लड खड़ा ही हो जायेगा फिर मेरा हथियार तो खड़ा होकर टेंट बना रहा था तो में सीमा की तरफ जाकर लेट गया और धीरे से सीमा के पेट पर अपने हाथ को रख दिया. पहले तो सीमा हड़बड़ा गई लेकिन जब उसने मुझे महसूस किया तो वो बोली कि इधर कब आए तो मैंने कहा कि बस अभी ही आया हूँ तो उसने फिर से पूछा कि और इधर क्यों आए तो मैंने धीरे से कहा कि थोड़ा ध्यान से सुन जीजी के रोने की आवाज़ आ रही है.. पता नहीं शायद जीजाजी उनको मार रहे है. तभी वो धीरे से उठी और पास वाले रूम की खिड़की में झाँककर देखा और जल्दी से अपने मुहं पर हाथ लगाकर मेरे पास आई और बोली कि हाय राम कितना गंदा काम हो रहा है तो में झटके से उठकर बैठ गया और कहा कि क्या में भी देखूं अंदर क्या हो रहा है तो वो मुझसे मना करने लगी लेकिन मैंने फिर भी उठकर खिड़की से देखा तो जीजाजी दीदी के ऊपर चड़े हुए थे और ज़ोर ज़ोर से दीदी की चूत पर अपने लंड को ठोक रहे थे. दोस्तों चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है क्या बताऊ दोस्तों उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये.
दोस्तों मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है फिर मैंने बहुत धीमी आवाज़ से सीमा से कहा कि तू भाग क्यों गयी.. इधर आना तो लेकिन उसने आने से मना कर दिया और कुछ देर बाद वो आवाज़ आनी बंद हो गयी और मैंने कमरे में देखा तो दीदी जीजाजी की छाती पर सर रखकर लेट रही थी तो मैंने सीमा के पास आकर उसका हाथ पकड़ लिया और बोला कि क्या तुम भी ऐसे मज़े लेना चाहती हो तो उसने मुझे जकड़ लिया और फिर मैंने भी उसकी गर्दन को ज़ोर से पकड़ लिया और उसके गुलाबी रंगीन होंठो पर अपने होंठ रख दिए और अपनी जीभ से उसका मुहं चोदने लगा.. थोड़ी देर बाद मुझे एहसास हुआ कि वो भी मेरे मुहं में अपनी जीभ को देकर मुझसे चुसवाना चाहती है तो मैंने भी उसका आमंत्रण स्वीकार कर लिया और उसके मुहं का स्वाद लेने लगा. मेरा तो अब बुरा हाल हुए जा रहा था लेकिन धीरे-धीरे उसकी पकड़ भी ढीली हो चुकी थी तो मैंने इसी बीच धीरे से उसकी स्कर्ट का हुक खोल दिया और उसकी स्कर्ट को सरकाकर नीचे कर दिया. फिर मैंने अपने एक पैर को उठाकर धीरे से उसकी पेंटी को भी नीचे खिसका दिया और अपने पैर का अंगूठा उसकी चूत पर रगड़ने लगा और कुछ देर बाद मैंने अपना एक हाथ उसकी चूत पर रखा तो मुझे कुछ गीला सा महसूस हुआ और इस दौरान उसने भी मेरे पजामे को धीरे से नीचे सरकाकर मुझे नंगा कर दिया था. दोस्तों क्या मलाई वाला माल लग रहा था.
चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए फिर मैंने धीरे से उसके कान में कहा कि टीवी और लाईट को बंद कर दो तो हुकुम की गुलाम की तरह उसने टीवी और लाईट को बंद कर दिया. फिर में और सीमा 69 पोज़िशन में आकर एक दूसरे के मुहं की चुदाई करने लगे. फिर मैंने अपना मुहं उसकी चूत पर रखा और उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा लेकिन कुछ ही देर बाद मुझे अहसास हुआ कि वो हल्के-हल्के झटके ले रही है तो मुझे समझने में ज्यादा साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है वक्त नहीं लगा कि वो गरम हो चुकी है और में जीभ से उसको ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा और कुछ ही पलों में वो खामोश होने लगी और उसने मेरे मुहं में ढेर सारा पानी उडेल दिया और में तो उसका पानी पीकर निढाल हो गया था लेकिन अब मेरी बारी थी तो मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रखा और जोश में आकर एक जोरदार धक्का देकर पूरे लंड को चूत की गहराइयों में पहुंचा दिया तो उसके मुहं से बहुत ज़ोर की चीख निकली और मैंने उसके मुहं पर हाथ रखकर उस आवाज़ को दबा दिया.
अब सुनिए चुदाई की असली कहानी फिर में धीरे-धीरे धक्के देकर चोदने लगा और जब मुझे महसूस हुआ कि उसका दर्द कम हो गया है तो मैंने अपने धक्के तेज कर दिए लेकिन में बहुत ही जल्दी झड़ गया.. क्योंकि में पहले से ही बहुत गरम था और जैसे ही में झड़ने वाला था तो उसने मेरे लंड को बाहर निकालकर अपने पेट पर सारा वीर्य गिरा दिया लेकिन मुझे अफ़सोस था कि में उसकी अच्छे से चुदाई नहीं कर सका और हम दोनों एक दूसरे से ज़ोर से चिपक गये. में फिर से उसके चूचिया को दबाकर, सहलाकर उसको गरम करने लगा तो वो मना करने लगी लेकिन में कहाँ मानने वाला था? मैंने अब उसके चूचिया को चूसना शुरू किया और दस मिनट के बाद उसके मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी तो मैंने अपने हाथ से उसका मुहं बंद कर दिया और दूसरे हाथ से उसकी चूत में फिर से उंगली करने लगा और कुछ ही देर में वो फिर से पूरी तरह गरम हो गयी और इतनी ही देर में मेरा लंड भी फिर से खड़ा हो चुका था. दोस्तों एक बार चोदते चोदते मेरा लंड घिस गया.
वहा का माहौल बहुत अच्छा था मित्रों लेकिन इस बार मैंने ज्यादा देर नहीं की और तुरंत ही नीचे आकर उसके दोनों पैरों को फैलाकर उसकी चूत पर अपने लंड को रखकर एक धक्का लगाया तो में तो डर ही गया. वो बहुत ज़ोर से चीख पड़ी तो मैंने ज़ोर से उसके मुहं पर अपने होंठ रख दिए और दोबारा से उसकी चूत पर अपना लंड टिकाकर धीरे-धीरे अंदर करने की कोशिश करने लगा और मुझे पता चल चुका था कि वो अब तक पूरी तरह से कुँवारी है.. कुछ देर पहले ही एक बार लंड लेने के बाद भी उसकी चूत बहुत टाईट थी और वो मेरे लंड को बहुत मुश्किल से झेल रही थी. मैंने एक ज़ोर का झटका मारा और लंड अंदर चला गया लेकिन इस बार में तैयार था. मैंने उसके होंठो को अपने होंठो से दबा रखा था. इस कारण वो चीख नहीं सकी लेकिन उसकी आखों से निकलते आंसू इस बात की गवाही दे रहे थे कि उसको कितना दर्द हुआ होगा. दोस्तों उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया.
वहा जबरजस्त माल भी थी मित्रों फिर में कुछ देर तक रुका रहा और जब वो ठीक हो गयी तो मैंने धीरे-धीरे से अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू किया और अब मुझे महसूस हुआ कि वो भी मुझे धीर-धीरे से नीचे से अपनी चुदाई की सहमति प्रदान कर रही थी. मैंने फिर से एक तेज झटका मारा तो मेरा 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड उसकी चूत को फाड़कर उसकी बच्चेदानी से चिपक गया और उसकी गले से अहह आह्ह की ज़ोर से आवाज़े आने लगी. मुझे भी कुछ गीला गीला लगा लेकिन मुझे पता था कि क्या हुआ होगा तो में उसका मुहं दबाकर उसके ऊपर ही थोड़ी देर के लिए लेट गया और धीरे-धीरे अपने लंड को आगे पीछे करने लगा और जब 5 मिनट बाद सब कुछ शांत हुआ तो मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ानी शुरू कर दी और फिर वो समझ चुकी थी कि मुझे इस बार झड़ने में थोड़ा समय लगेगा और नीचे से मुझे सीमा का साथ भी मिलने लगा. दोस्तों चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया..
ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मित्रों फिर उसका साथ मिलते ही मैंने अपने इंजन की रफ़्तार बड़ानी शुरू की और मेरा इंजन राजधानी एक्सप्रेस बन गया. करीब 10 मिनट के बाद मुझे सीमा के शरीर में अकड़न महसूस हुई और में समझ गया कि वो अब झड़ने वाली है. फिर उसने ज़ोर से मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया और मुझसे इस तरह चिपक गयी.. जैसे हम दो नहीं सिर्फ एक जिस्म हो लेकिन में अभी भी नहीं झड़ा था तो मैंने अपनी राजधानी को पैसेंजर ट्रेन नहीं बनने दिया लेकिन कुछ देर के बाद मुझे ऐसा लगा कि अब मेरे इंजन को सीमा कंट्रोल करना चाहती है तो में सीमा के नीचे आ गया और सीमा मेरे लंड पर अपनी चूत रखकर मेरे लंड की सवारी करने लगी और कुछ समय बाद वो फिर से झड़ गयी. फिर मैंने तुरंत ही उसको फिर से नीचे किया और इस बार उसको डोगी स्टाईल में बैठाया और अपने लंड को उसकी चूत में ज़ोर-ज़ोर से डालने लगा. दोस्तों एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया.
उह क्या मॉल था मित्रों गजब फिर में अपने दोनों हाथों से उसके चूचिया को पकड़कर ज़ोर से दबा रहा था और वो अपने दातों से अपने होंठो को दबाए हुए थी. मैंने अपने धक्को की स्पीड बड़ा दी और अब में अपनी चरम सीमा पर पहुंचने वाला था और मेरी स्पीड को बड़ा हुआ देख वो भी अब समझ गयी थी तो वो भी फिर अपनी गांड को आगे पीछे करने लगी और 15-20 झटको बाद मेरा सारा वीर्य उसकी चूत में चला गया. फिर जब मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो खून की तेज धार बह निकली तो रोते हुए उसने मुझसे पूछा कि यह तुमने क्या किया तो मैंने हंसकर जवाब दिया कि पगली यह तो तेरी चुदाई का इनाम था.. जिसकी तू हकदार थी और इतना कहकर में सो गया लेकिन शायद वो नहीं सोई थी.. क्योंकि सुबह जब मैंने उसकी आखें देखी तो वो सूजी हुई थी. फिर मैंने अकेले में उससे बात करने की कोशिश की तो उसने मुझे किसी तरह का मौका नहीं दिया. में फिर दोस्तों के घर चला गया और शाम को वापस भिंड लौट आया .. मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मित्रों मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू तब तक ठीक नहीं होता..