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बुआ का बाजा बजा दिया

Posted on:- 2024-02-02


हैल्लो फ्रेंड्स.. मेरा नाम अरविन्द है और मेरी उम्र 30 साल है और मैं एक बार फिर से आप सभी के सामने मौजूद हूँ अपनी एक नई कहानी लेकर.. दोस्तों यह मेरी लाईफ की एक सच्ची घटना है जो मेरी बुआ की चुदाई पर आधारित है. यह घटना अभी कुछ साल पहले की है. दोस्तों जब मेरी उम्र 21 साल थी और मेरी क्लास में एग्जाम चल रहे थे. मेरी बुआ हमारे ही शहर में रहती है उनका घर हमारे घर से कुछ ही दूरी पर था.

तो अब में आप सभी को अपनी बुआ के बारे में बताता हूँ. दोस्तों मेरी बुआ 38 साल की हैं और उनकी शादी को 14 साल हो गये हैं और उनका एक 9 साल का बच्चा भी है. उनका फिगर 34-28-36 है. उनकी हाईट 5’3 इंच है उनका बहुत गौरा बदन है और बालों का कलर काला और वो दिखने में बहुत सुंदर है.. वो ज़्यादातर साड़ी पहनती है. यह घटना गर्मी के महीने की है जब मेरे मम्मी, पापा मेरे मामा की बेटी की शादी में चेन्नई गये हुए थे और वो मुझे जाने से पहले मेरी बुआ के घर पर छोड़कर गये और उन्होंने उनसे मेरा ख़याल रखने को कहा. मेरी बुआ को में बहुत पसंद था क्योंकि बुआ मुझसे अपनी सारी समस्या शेयर करती और में उनकी सभी बातें ध्यान से सुनता था. फिर में उनके घर रात के 10 बजे मम्मी, पापा को रवाना करके पहुँचा और ड्राईवर से कहा कि गाड़ी यहीं पार्क कर दो. फिर में गाड़ी की चाबी लेकर अंदर चला गया आज वहाँ पर केवल बुआ और बुआ का बेटा रक्षित था.

मैं : बुआ फूफाजी कहाँ हैं?

बुआ : बेटा वो 28 दिनों के लिए बिजेनस टूर पर गये हैं.

मैं : चलो फिर तो अच्छा हुआ में यहाँ पर आ गया.. अब आपको भी अकेले डर नहीं लगेगा.

बुआ : हाँ ठीक है तुम आराम से रहो.

बुआ : मम्मी, पापा को अच्छे से छोड़ आया?

मैं : हाँ बुआ छोड़ आया.

बुआ : वो लोग कब तक वापस आएँगे?

मैं : वो 5 दिन बाद लोटेंगे.

बुआ : तूने कुछ खाया है कि नहीं?

मैं : हाँ बुआ मैंने डिनर कर लिया है.

बुआ : पक्का कुछ खाना है तो बोल दे.

मैं : जी नहीं बुआ मुझे कुछ नहीं खाना.

फिर हम लोगो ने थोड़ी देर टीवी देखी और थोड़ी इधर उधर की बातें की और फिर रक्षित को नींद आ रही थी तो बुआ ने रक्षित को बेड पर सुला दिया. फिर कमरे का गेट बंद करके बुआ बोली

बुआ : चल दूसरे कमरे में आजा में कपड़ो पर प्रेस कर लेती हूँ और हम वहीं पर बैठकर बात कर लेंगे.

मैं : ठीक है चलो.

फिर बुआ जैसे ही प्रेस करने बैठीं तो उनका पल्लू सरक गया और मुझे उनकी छाती दिखी.. वाह क्या नज़ारा था? यह देखकर मेरा तो लंड खड़ा हो गया. बुआ के बूब्स बहुत बड़े नहीं थे.. लेकिन बहुत ही अच्छे थे और बुआ प्रेस करते करते मुझसे बोली कि..

बुआ : तुझे बुरा लग रहा होगा ना कि गर्मियों के केम्प की वजह से तू नहीं जा पाया.

बुआ मेरा गाल सहलाते हुए बोली कि कोई बात नहीं अब 2 महीने बाद सुमित की शादी है उसमे मस्ती कर लेना सारी कसर निकाल लेना.

मैं: स्माईल पास कर दी.. हाँ बुआ मुझे तो सब से मिलना और घर वालों के साथ बहुत मस्ती करनी है.

बुआ : मैंने तेरे जीजाजी की फोटो देखी बहुत सुंदर हैं और उनकी जोड़ी बहुत अच्छी है.

मैं : हाँ बात करने में भी अच्छे हैं और अमिर भी हैं बिल्कुल अपने स्टॅंडर्ड के.

फिर में बुआ के पास गया और उन्हें गले लगाकर चुप करने लगा और कहने लगा कि मुझे पता है कि बुआ अपनी शादीशुदा लाईफ से खुश नहीं हैं और कितनी बार दादी जी को तलाक के लिए बोलती रहती हैं.. लेकिन मेरी दादी नहीं मानती फूफाजी बहुत गरीब फेमिली से हैं और कमाते वगेरह अच्छे हैं और खुले मिजाज के भी हैं.. लेकिन शराबी हैं और रोज़ दारू पीकर घर आते हैं और एक बार तो उन्होंने दारू पीकर बुआ पर हाथ भी उठाया था. फिर बुआ ने भी मुझे कसकर पकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से रोने लगी. में बुआ को चुप करा रहा था.. लेकिन साथ ही साथ उनको गले लगाने पर मेरे शरीर में करंट भी दौड़ रहा था. तो मुझसे अब कंट्रोल नहीं हो रहा था. फिर मैंने बुआ का चेहरा ऊपर उठाया और उनके आंसू पोंछे.

मैं : बुआ ऐसे आदमी के लिए रोकर क्या फ़ायदा जिसकी नज़र में आपकी कोई कीमत नहीं.. लेकिन बुआ अभी भी रो रही थी.

बुआ : तुझे नहीं पता सन्नी कितना बुरा लगता है जब किसी का पति उस पर बिल्कुल ध्यान नहीं देता. तू अभी बच्चा है और तू नहीं समझेगा कैसा दर्द होता है.

मैं : बुआ में समझता हूँ आपको क्या चाहिए? यह कह कर मैंने बुआ को किस करने की कोशिश की बुआ ने मुझे दूर किया और चिल्लाकर कहा.

बुआ : क्या बदतमीज़ी है यह?

मैं : बुआ यह कोई बदतमीज़ी नहीं आपकी खुशी है जो फूफाजी आपको नहीं देते.

बुआ : क्या तू पागल हो गया है?

फिर यह बोलकर बुआ पलटी और अपने बेडरूम की तरफ जाने लगी. तो मैंने बुआ की कमर पीछे से पकड़ ली और कहा.

मैं: बुआ हर खुशी पर सबका बराबर हक़ होता है और अगर फूफाजी आपको यह खुशी नहीं देते तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप इस खुशी की हक़दार नहीं.. आपको भी सेक्स का पूरा हक़ है.

फिर बुआ मेरी तरफ पलटी और चौंककर मेरी तरफ देखने लगी.. क्योंकि मैंने पहली बार उनके सामने सेक्स जैसा शब्द काम में लिया था. फिर मैंने बुआ का चहरा पकड़ा और उनकी आँखों में झाँककर कहा.

मैं : बुआ मेरा इसमे क्या स्वार्थ आप तो मेरी गर्लफ्रेंड्स के बारे में सब जानती हैं ना और में उनमे से किसी के भी साथ सेक्स कर सकता हूँ और मेरी आपके साथ सेक्स की बात यह आपकी खुशी के लिए है अब आप ही समझो.

बुआ : नहीं यह ग़लत है अंकित.. यह बिल्कुल ग़लत है.

फिर मैंने बुआ की बात बिना सुने उनके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और चुम्मन करने लगा. पहले बुआ थोड़ा हिचकिचा रही थी.. लेकिन धीरे धीरे वो भी मेरा साथ देने लगी और अब हम दोनों एक दूसरे के होंठ चूस रहे थे और दोनों वैसे ही किस करते करते पास के रूम में चले गये और फिर मैंने बुआ को बेड पर लेटा दिया दूसरे रूम में.. उसमे नहीं जिसमे रक्षित सो रहा था. फिर मैंने मेरी टी-शर्ट निकाली और जीन्स उतारी और साईड में रख दी. फिर में बुआ के ऊपर चढ़ गया और हम एक बार फिर से किस करने लगे.. में किस करते करते बुआ का सीधा बूब्स दबाने लगा.. अहहा मज़ा आ गया.. बुआ के क्या मुलायम बूब्स हैं. फिर मैंने बुआ का ब्लाउज उतारा. बुआ ने काली ब्रा पहनी हुई थी. बुआ के बूब्स को किस करता हुआ में नीचे जाने लगा और फिर मैंने बुआ के पूरे शरीर को किस किया और वापस ऊपर आते हुए मैंने बुआ के पेटिकोट का नाड़ा खोला और उसे धीरे धीरे नीचे सरका दिया.

फिर मैंने बुआ की पेंटी के ऊपर से ही उनकी चूत पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और बुआ धीरे धीरे उन्हह उन्हह उन्हह की आवाज़ें करने लगी. बुआ ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपनी तरफ खींचा और में फिर से अपना चेहरा बुआ के चहरे के पास ले गया और हम फिर लिप किस करने लगे. इस बार तो बहुत ही लम्बी किस की ऐसा लग रहा था मानो मेरी जीभ उनकी जीभ से लड़ रही हो 10 मिनट तक यूँही किस करने के बाद में बुआ के बूब्स की तरफ ध्यान देने लगा. पहले तो मैंने उन्हें ब्रा के ऊपर से बहुत दबाया और फिर एक साईड से ब्रा को थोड़ा हटा दिया उनके निप्पल भूरे कलर के थे. में अब उनके निप्पल चूस रहा था और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मेरा लंड तो मानो जैसे मेरी अंडरवियर फाड़ कर बाहर आना चाहता हो. में अब उनके बूब्स चूस रहा था और बीच बीच में काट भी रहा था. मेरी बुआ धीरे धीरे आवाज़ें कर रही थी.. अहह हुम्म अफ हुम्म यह आवाज़ें मुझे और पागल बना रही थी. फिर बुआ ने खुद ही अपनी ब्रा निकाल दी और मेरे मुहं को अपने बूब्स पर ज़ोर ज़ोर से दबाने लगी 10 मिनट तक उनके बूब्स दबाने और चूसने के बाद में नीचे उनकी चूत की तरफ गया और उनकी पेंटी उतारने लगा. तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहा.

बुआ : नहीं यह बिल्कुल ग़लत है.

मैं : क्या ग़लत है बुआ बताओ मुझे?

बुआ : में तेरे साथ यह सब नहीं कर सकती.

मैं : बुआ हमने इतना सब कुछ तो कर ही लिया है अब आपको क्या अचानक यह सब ग़लत लगने लगा?

बुआ : नहीं सन्नी.. बस अब नहीं.

मैं : बुआ खून करो या खून करने की कोशिश सज़ा तो एक ही मिलती है अगर यह सब ग़लत नहीं था तो सेक्स क्यों ग़लत है अब मत रोको बुआ मुझे.. लेकिन बुआ मना करने लगी और मुझे लगा कि जल्दी कुछ ना किया तो यह मौका तो हाथ से गया. मैंने तुरंत बुआ के बूब्स पकड़े और उन्हें ज़ोर से दबाने लगा. में फिर से बुआ के ऊपर चढ़ गया और अब उन्हें लिप किस कर रहा था. जब बुआ का ध्यान किस में था तो मैंने मौका पाकर बुआ की पेंटी सरका दी.. लेकिन बुआ ने मेरा हाथ फिर पकड़ लिया.. लेकिन इस बार में बुआ की एक नहीं चलने देने वाला था और थोड़ी सी कोशिश के बाद मैंने बुआ की पेंटी को उतार दिया.. वाह क्या नज़ारा था? बुआ की बालों से भरी चूत ठीक मेरे सामने थी और में उसे देखकर पागल हुआ जा रहा था. फिर मैंने अपनी बीच वाली ऊँगली बुआ की चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा बुआ की चूत बहुत गीली हो चुकी थी और बुआ सिसकियाँ भरने लगी.. आह आह आह उफ्फ्फ. मैंने बुआ की चूत सूँघी तो क्या खुश्बू थी कसम से गुलाब भी ऐसा मदहोश नहीं कर सकता जैसी उनकी चूत की खुश्बू ने मदहोश कर दिया था. फिर मैंने मेरी अंडरवियर उतारी और आख़िर कार मेरा 6 इंच का लंड आज़ाद हो गया और शिकार को बेताब था.. में अब बुआ के ऊपर आ गया और अपने लंड को उनकी चूत पर रगड़ने लगा था.

बुआ : नहीं सन्नी मत कर प्लीज छोड़ दे मुझे.. यह सब बहुत गलत है.

मैं : बुआ अब मत रोको मुझे.. आज जी भरकर चोदने दो.

बुआ : प्लीज मुझे बहुत दर्द होगा.

मैं: हाँ बुआ आप तो ऐसे कह रही हो जैसे पहली बार चुद रही हो और में अपना काम करने लगा. मैंने बुआ की एक ना सुनी और मैंने फिर बुआ के होठों पर अपने होंठ रख दिए और उन्हें किस करने लगा. 2-4 किस के बाद उनके होंठ चाटते हुए मैंने एक ज़ोरदार झटका लगाया और मेरा आधा लंड अंदर चला गया और बुआ बहुत जोर से चीख उठी आ माँ मरी प्लीज धीरे दर्द हो रहा है.

मैं : बुआ धीरे चिल्लाओ वरना रक्षित उठ जाएगा.. यार आप तो सच में ऐसे चिल्ला रही हो जैसे पहली बार चुद रही हो.

बुआ : सन्नी दर्द हो रहा है जल्दी बाहर निकाल प्लीज.

मैं : कुछ नहीं होगा आपको.. शांत रहो. अभी तो मज़ा शुरू भी नहीं हुआ है.

फिर में थोड़ी देर वैसे ही पोज़िशन में रहा और फिर बुआ के नॉर्मल हो जाने पर धीरे धीरे धक्के लगाने लगा. फिर कुछ मिनट बाद मैंने एक और ज़ोर का धक्का मारा और मेरा पूरा का पूरा लंड अब बुआ की चूत में था बुआ एकदम से हिल गयी और उन्होंने मेरी पीठ पर नाख़ून गड़ा दिए और में बुआ को धक्के लगाने लगा. पहले धीरे धीर और फिर उनकी रफ़्तार बढ़ाता गया. बुआ भी अब सेक्स का मज़ा ले रही थी और सिसकियाँ भर रही थी.. उफ़ अफ उऊँ आह.. पूरा कमरा ठप ठप की आवाज़ से भर गया था. ठप ठप ठप की आवाज के साथ साथ में बुआ के बूब्स भी दबाता और उन्हें किस भी करता. बुआ के सीधे हाथ को मैंने टाईट पकड़ा हुआ था. करीब 16 मिनट ऐसे ही चोदने के बाद बुआ ज़ोर से चिल्लाई अह्ह्ह उन्हह ओह्ह्ह और एक लंबी साँसे लेते हुए बेड पर शांत होकर गिर गयी.

मैंने देखा बुआ की चूत ऊपर से सफ़ेद वीर्य चिपका हुआ था में समझ गया था कि बुआ झड़ चुकी है और में भी थोड़ी देर वैसे ही रहा. बुआ ने मुझे एक लम्बा लिप किस किया और मैंने फिर से धक्के लगाने शुरू कर दिए. बुआ ने अपने दोनों पैर मेरी कमर से लपेट दिए में भी अब झड़ने वाला था. तो मैंने अपने धक्के और तेज़ कर दिए और दो मिनट बाद में भी झड़ गया. फिर मैंने बहुत ज़ोर से अपना लंड आखरी धक्के से बुआ की चूत में डाला और बहुत देर तक वैसे ही डाले रखा. हमने फिर एक दूसरे को किस किया और में बुआ के ऊपर ही गिर गया.. लेकिन सच कह रहा हूँ उस दिन तो में इतना झड़ा जितना कि में मुठ मारने में तो कभी भी नहीं झड़ा. बुआ की चूत से मेरा वीर्य बाहर टपक रहा था.. लेकिन हम दोनों इस बात की चिंता किए बीना एक दूसरे से चिपक कर सो गये. उस रात बुआ को भी कुंवारे लंड का बेपनाह प्यार मिला.

 

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