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कुंवारी चूत का गिफ्ट

Posted on:- 2022-03-15


नमस्कार मेरे मित्रगणों  और सुनाइए कैसे आप सब , मेरा नाम सुनील  है और मेरी गर्लफ्रेंड नेहा और उसका फिगर मस्त है. में नेहा से नये साल की पार्टी में मिला था, जहाँ वो अपनी फ्रेंड्स के साथ आई थी. उससे मेरा परिचय मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड ने करवाया था जिसके लिए मैंने अपने दोस्त से रिक्वेस्ट की थी कि वो अपनी गर्लफ्रेंड से कहकर मेरी भी दोस्ती किसी लड़की से करवा दे, इसके लिए मैंने उनका न्यू ईयर पार्टी का खर्चा भी उठाया था. फिर मेरी दोस्ती हुई, तो हमने आपस में घर का पता वगैराह लिए, तो मुझे पता चला कि वो मेरे मकान की पीछे वाली गली में ही रहती है. तो में बहुत खुश हुआ और उस दिन हम लोगों ने साथ में खूब डांस किया और फिर पार्टी ख़त्म होने पर उसने मुझसे स्पेशली बाय किया और फिर में दूसरे दिन उसके कॉलेज के पास वाले रेस्टोरेंट में मिलने का वादा करके अपने घर आ गया. मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला  लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है. 


 मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है फिर दूसरे दिन हम दोनों ने रेस्टोरेंट में काफ़ी वक़्त बिताया और फिर अगले दिन मिलने का वादा करके अपने-अपने घर चले गये. अब उन दिनों मेरी तो हालत ही खराब थी, क्योंकि नेहा काफ़ी सुंदर थी, जिसके लिए मेरे पास शब्द नहीं है, वो 22 साल की गोरी और अच्छे फिगर 7D-28-3 वाली, 5 फुट 4 इंच की हाईट वाली एकदम सेक्सी लड़की है. अब हमारे बीच ऐसे ही बातचीत होती रहती थी. फिर एक दिन में अपनी छत पर पतंग उड़ा रहा थी कि मेरे मकान के पिछवाड़े की तरफ थोड़ी ऊँची दीवार है करीब 6 फुट की जिसके कारण एक दूसरे की छत वाले नजर नहीं आते थे. फिर तभी किसी की पतंग कटकर आई तो मैंने दीवार पर चढ़कर पतंग को पकड़ लिया. फिर तभी पीछे के मकान की छत पर मेरी नजर गयी तो में अचरज से देखता ही रह गया. ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना  लड खड़ा ही हो जायेगा .


 क्या बताऊ मेरे मित्रगणों   उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये अब वहाँ नेहा भी थी तो में जानबूझकर उनकी पतंगे काटने लगा. फिर पहले तो उसके भैया ने कहा कि हमारी पतंगे मत काटो, लेकिन में नहीं माना. तो नेहा ने दीवार से ऊपर देखकर कहा कि हमारी पतंगे मत काटो, हमें उड़ाने दो. फिर वो मुझको देखते ही छुप गयी और फिर वापस आकर अपनी पतंग माँग ली. अब उसने पतंग तो अपने भैया को उड़ाने के लिए दे दी थी और वापस आकर . मेरे मित्रगणों  मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है मुझसे बातें करने लगी, तो तब मुझे पता चला कि उसका रूम भी ऊपर ही है. अब मैंने उससे अभी तक गलत बातें नहीं की थी, लेकिन मेरे मन में यह बात थी कि किसी भी तरह से में उसको चोद लूँ, लेकिन में डरता था कि वो बुरा नहीं मान जाए और हमारी दोस्ती ना टूट जाए, जो में नहीं चाहता था. अब तक मैंने बस उसका हाथ ही पकड़ा था और बात आगे बढ़ाने के मौके में था. फिर अगले दिन हम मिले तो मैंने उसको दूसरे रेस्टोरेंट में चलने के लिए कहा तो वो तैयार हो गयी और मेरी बाइक पर बैठ गयी. अब जब हम जा रहे थे तो उसके बूब्स बार-बार मेरी पीठ को छू रहे थे, जिससे मुझको अलग सा मज़ा आने लगा था. अब हम रेस्टोरेंट में जाकर बातें करने लगे थे. अब में धीरे-धीरे उसके हाथ अपने हाथों में लेकर सहलाने लगा था, उसके हाथ बहुत सॉफ्ट थे. अब में उत्तेजित होने लगा था, लेकिन उसने कोई विरोध नहीं किया, तो में टेबल के नीचे से उसके पैरो को दबाने लगा. अब उसने अपनी आँखे नीचे कर ली थी. फिर मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ? तो उसने कहा कि कुछ नहीं और मुस्कुराने लगी. फिर मैंने उससे कहा कि मेरी तरफ देखो तो उसके देखते ही मैंने उसको आँख मार दी. तो उसने फिर से अपनी आँखे नीची कर ली और कहा कि ऐसा मत करो, मुझे शर्म आती है. फिर मैंने कहा कि में तुम्हारा फ्रेंड हूँ कोई और नहीं और मेरा ये हक है और फिर मैंने उसको किस कर दिया. अब टेबल के नीचे मेरे दोनों घुटनों के बीच में उसके दोनों घुटने थे. अब में मन ही मन सोच रहा था कि इसने हाँ कर दी है और अब ये मुझसे चुदवा लेगी. मेरे मित्रगणों  क्या मलाई वाला माल लग रहा था.    


 चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए फिर उसने चलने के लिए कहा तो मैंने कहा कि आज रात को मिले, तो उसने कहा कि ठीक है रात को 11 बजे के बाद आ जाना और फिर हम घर चले गये. अब मुझसे दिन काटना भारी पड़ गया था और अब में रात का इंतज़ार करने लगा था. फिर रात को 11 बजते ही में छत पर पहुँच गया और उसका इंतज़ार करने लगा, लेकिन वो 11 बजे नहीं आई. फिर जब में निराश होकर 12 बजे नीचे आने ही वाला था कि वो आई और मुझसे से सॉरी बोली. फिर उसने बताया कि डिनर में लेट हो गये थे. फिर हम देर रात तक बातें करते रहे. फिर मैंने उसको एक गिफ्ट दिया जिसमें मैंने उसके लिए ब्लेक कलर की पेंटी और ब्रा पैक कराई थी. फिर मैंने उससे कहा कि मेरा 29 नवम्बर को बर्थ-डे है, क्या गिफ्ट दोगी? तो उसने कहा कि जिस चीज की आपको जरूरत हो बता दो. तो मैंने कहा कि वादा रहा, जिसकी मुझे जरूरत है दोगी? तो उसने कहा कि हाँ वादा. फिर मैंने कहा कि ठीक है में बाद में बताऊंगा और फिर में उसको किस करके आ गया. साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है.


 अब सुनिए चुदाई की असली कहानी अब हम रोज रात को छत पर मिलने लगे थे. अब हम आपस में किस करते-करते में कभी-कभी किसी बहाने से उसके हार्ड बूब्स को दबा देता था. फिर 22 नवम्बर की रात को में नीचे से फ्री होकर ऊपर छत पर गया, तो वो मेरा इंतज़ार कर रही थी. फिर मैंने उसे जबरदस्त किस किया. फिर उसने मुझको लाल गुलाब दिया और साथ में एक शानदार किस भी दी और बोली कि बताओ आपको बर्थ-डे गिफ्ट क्या चाहिए? तो मैंने कहा कि मुझे नेहा चाहिए, तो उसने कहा कि बस वो तो पहले से ही आपकी है. फिर हम दोनों ने थोड़ी देर बातें की, तो उसने बताया कि कल उसके घरवाले गाँव जाएँगे, क्योंकि उसके दादा जी की तबीयत खराब है. तो मैंने कहा कि तो कल में तुम्हारे घर आ जाऊँ. तो उसने कहा कि क्यों नहीं? और बताया कि वो फोन कर देगी. फिर दूसरे दिन उसका करीब 1 बजे फोन आया और मुझे अपने घर पर बुलाया. फिर जब में उसके घर गया, तो उसने जींस और लाल टॉप पहन रखा था. अब में मन ही मन बैचेन हो गया था. मेरे मित्रगणों  एक बार चोदते  चोदते  मेरा लंड घिस गया. 


वहा का माहौल बहुत अच्छा था  मेरे मित्रगणों   फिर उसने मुझसे कॉफी के लिए पूछा और कॉफी बनाने किचन में चली गयी, तो तब मैंने उनका ड्राइंग रूम देखा, उसमें उनके पूर्वजो की पेंटिंग लगी हुई थी, जो शायद सीकर आदि की थी. फिर जब में किचन में गया तो उसकी पीठ मेरी तरफ थी. अब मुझको उसकी पेंटी साफ-साफ नजर आ रही थी, जिससे मेरा लंड हार्ड हो गया था और बार-बार नेहा को चोदने की ज़िद करने लगा था. अब में उसको सभांल नहीं पा रहा था और बड़ी मुश्किल से उसको काबू में करने की कोशिश कर रहा था. फिर मैंने नेहा के करीब जाकर उसके कान में कहा कि नेहा आई लव यू. अब मेरा लंड नेहा के हिप्स पर टच करने लगा था, तो वो और ज्यादा कड़क हो गया. अब में नेहा के बालों में अपना एक हाथ फैरने लगा था और उसे किस करने लगा था. अब में उसके बूब्स पर अपना एक हाथ फैरने लगा था. फिर मैंने उसके कान को अपने दातों से हल्का सा काटा, तो नेहा ने इन बातों का हल्का सा विरोध किया, लेकिन अब धीरे-धीरे वो भी उत्तेजित होने लगी थी. मेरे मित्रगणों  उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया.


 मेरे मित्रगणों  चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया फिर नेहा ने मुझसे कहा कि लो में आपको अपना घर दिखाती हूँ. फिर मैंने कहा कि पहले अपना रूम दिखा दो, जो मुझे पहले से पता था कि ऊपर है. फिर उसने गेट अच्छी तरह से बंद किया और आने लगी, तो मैंने उसको अपनी बाँहों में उठा लिया और उसके रूम में ले गया. अब में उसको किस पर किस कर रहा था. अब वो तो गर्म हो चुकी थी, तो मैंने कहा कि नेहा तुम मेरे गिफ्ट को पहनकर दिखाओ. तो उसने पहले तो मना किया, लेकिन मैंने ज़िद की तो मान गयी और बाथरूम में जाकर अपने पहले वाले अंडरगार्मेंट्स को उतारकर मेरे वाले गिफ्ट को पहनकर आई. फिर मैंने कहा कि आओ और उसको बेड पर लेटा दिया और किस करने लगा. ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मेरे मित्रगणों  .


 मेरे मित्रगणों  एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया अब में उसके बूब्स दबाने लगा था और उसके ऊपर लेट गया था. अब उसने अपनी आँखे बंद कर ली थी और मेरे किस का मज़ा लेने लगी थी. फिर मैंने उसके टॉप को उतार दिया तो में उसके बूब्स को देखता ही रह गया, वाउ ब्लेक ब्रा में गजब ढा रहे थे. फिर मैंने अपनी शर्ट उतारी और नेहा के बगल में लेटते हुए कहा कि नेहा आई वॉंट फुक यू, यही मेरा बर्थ-डे गिफ्ट है, मुझे इसी की जरूरत है और फिर मैंने उसकी बॉडी पर किस की बौछार कर दी. अब उसके मुँह से सस्स्स्स्सस्स की आवाजे आने लगी थी. फिर में उसकी नाभि पर किस करता हुआ नीचे गया, तो उसने मना किया नहीं सुनील . तो मैंने उससे कहा कि क्यों नेहा? ये मेरा गिफ्ट है और अपनी पेंट उतार दी और उसकी स्कर्ट को ऊँचा उठा दिया. तो मुझे मेरा खजाना उसकी पेंटी नीचे बहुत ही पास नजर आई जिसे अब में खोना नहीं चाहता था. अब मेरा 7 इंच का लंड नेहा की चूत से मिलने के लिए उतावला हो रहा था. फिर में उसकी पेंटी को नीचे खींचने लगा. तो नेहा ने अपने दोनों हाथों से अपनी चूत को छुपाने का असफल प्रयास किया, लेकिन अब में कहाँ मानने वाला था? फिर मैंने उसके हाथ हटाकर उसकी शेव छोटी सी चूत को देखा तो मेरी पागल जैसी हालत हो गयी. उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों  गजब .


 मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मेरे मित्रगणों    वो पूरी तरह से गीली थी और मेरे लंड का स्वाद चखने को तैयार थी. फिर मैंने उसकी चूत पर किस किया और अपना लंड उस पर फैरकर नेहा के ऊपर लेट गया. फिर मैंने नेहा से कहा कि नेहा क्या बात है? तुम नाराज हो क्या? तो उसने मेरा कोई जवाब नहीं दिया. फिर मैंने कहा कि नेहा मुझे अपना गिफ्ट खुश होकर दो तो में लूँगा, नहीं तो रहने दो. फिर मैंने उससे कहा कि शादी के बाद तो वैसे भी होगा, तो फिर आज क्यों नहीं? अपनी आँखे खोलो और प्यार से अपना गिफ्ट दो. फिर नेहा ने कहा कि मुझको शर्म आती है. तो मैंने कहा कि इसमें शर्म की क्या बात है? और नेहा को किस करने लगा और उसके बूब्स पर अपना हाथ फैरने लगा. फिर उसने अपनी मदहोश आँखे खोली और फिर में उसकी जांघो पर अपना हाथ फैरने लगा तो वो उूउऊ, आआहस्सस्स की आवाज़े निकालने लगी. फिर में मौका देखकर उसकी दोनों टांगो के बीच में आ गया और अपने लंड का टोपा उसकी चूत के दाने पर फैरने लगा. क्या बताऊ मेरे मित्रगणों  मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया.


 कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था  फिर मैंने नेहा से पूछा कि नेहा तैयार हो तो डाल दूँ? तो उसने कुछ नहीं कहा और हम्म्मम्म्म्म की आवाज निकाली. अब मेरा लंड नेहा की फ्रेश चूत को देखकर दीवाना होकर घुसने के लिए तैयार था. फिर मैंने अपने लंड के टॉप को नेहा की चूत पर रखकर हल्का सा दबाव डाला तो नेहा चिल्ला उठी आह, हाईईईई, लेकिन तब तक मेरे लंड का टोपा अंदर जा चुका था. फिर मैंने कहा कि नेहा प्लीज थोड़ा सा दर्द बर्दाश्त करो, अब ज्यादा दर्द नहीं होगा. फिर उसने कहा कि नहीं-नहीं सुनील  प्लीज बाहर निकालो, अब मेरी शक्ति नहीं है, अब में सहन नहीं कर सकती. फिर मैंने कहा कि नेहा प्लीज अब नहीं होगा ना, जितना ज्यादा होना था वो तो हो गया, प्लीज और अपने लंड को अंदर ही अंदर घुमाने लगा तो उसका भी दर्द कुछ कम हुआ और अब उसे भी धीरे-धीरे मज़ा आने लगा था. उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये .


 मेरे मित्रगणों  मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है फिर मैंने हल्का सा दबाव बनाया और अपने लंड को करीब 6 इंच अंदर डाल दिया. अब नेहा चिल्लाती, लेकिन मैंने पहले ही नेहा के होंठो को अपने मुँह में लेकर दबा लिया था. अब वो हमम्म्म्म की आवाज के अलावा कुछ नहीं बोल पा रही थी. अब वो दर्द के मारे पागल हो गयी थी. अब में यह मौका नहीं छोड़ना चाहता था तो मैंने अपना पूरा लंड नेहा की चूत में घुसा दिया. अब वो रोने लगी थी. फिर में धीरे-धीरे उसको सहलाता रहा और फिर जब उसका मूड बनने लगा तो तब में अपने लंड को हल्के-हल्के अंदर बाहर करने लगा. अब मुझे धीरे-धीरे ऐसा लगने लगा था कि में ज़्यादा नहीं रुक सकता हूँ तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी. अब नेहा भी मेरा हल्का-हल्का साथ देने लगी थी. अब उसे भी दर्द नहीं हो रहा था. फिर थोड़ी देर के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये और शांत होकर ऐसे ही पड़े रहे. फिर थोड़ी देर के बाद हम दोनों ने अपने-अपने कपड़े पहने और फिर में अपने घर चला आया. फिर उसके बाद हमें जब कभी भी कोई मौका मिला, तो हमने खूब चुदाई की और खूब मजा किया उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है मेरे मित्रगणों  एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया.

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