नमस्कार मेरे मित्रगणों और सुनाइए कैसे आप सब मुनेश दस और देवांगनाल भानु दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे, उन्होंने कालेज की नई नई शुरुआत की थी, दोनों दिखने में एकदम चुदकड़ थे। तब उनकी दोस्ती आलिया और जुबली से हुई, वे भी दिखने में चुदकड़ लड़कियाँ थी। उनकी दोस्ती आपस में बढ़ने लगी। धीरे धीरे वे एक दूसरे के बहुत करीब आ चुके थे तो एक दिन उन्होंने कहीं घूमने जाने के बारे में सोचा। तो उन्होंने मनाली जाने का तय किया। मोटी गांड वाली लड़कियों की बात ही कुछ और है.
क्या गजब चुदकड़ अंदाज थी वे चारो अगली सवेरे घर से निकल कर एक जगह इकट्ठे हुए। मुनेश दस की कार में बैठ कर मनाली के लिए निकल पड़े, रास्ते में उन्होंने खूब एक दूसरे का मजाक उड़ाया। खाने के लिए वे एक होटल में रुक गये, खाना खाने के बाद वो फिर से अपनी कार की ओर चल पड़े। तब मुनेश दस ने आलिया को आगे और जुबली को पीछे देवांगनाल भानु के साथ बैठने को कहा। चारो मनाली की ओर निकल पड़े, तब देवांगनाल भानु ने अपने फ़ोन पर कुछ वीडियो डाउनलोड की और जुबली को दिखाने लगा।.
मेरे मित्रगणों क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया पहले तो जुबली शरमा रही थी, कुछ ही देर में उसका भी मन मचलने लगा, वही वीडियो उसने आलिया को दिखाई। दोनों लड़कियाँ मुनेश दस और देवांगनाल भानु की दीवानी हो चुकी थी। कुछ ही देर में वे मनाली पहुँचने वाले थे। वे आपस में प्यार भरी बातें कर रहे थे। देवांगनाल भानु ने जुबली अपनी और खींचा और उसके होटों पर चुम्बन करने लगा, इनको देखकर मुनेश दस और आलिया भी उत्साहित हो चुके थे। कुछ ही देर में वे मनाली एक होटल में पहुँच गये। उन्होंने एक ही कमरा बुक करवाया और अपने कमरे में पहुँच गये। मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है.
मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है आलिया और जुबली के चेहरे पे एक लाली सी झलक रही थी, जिससे साफ पता चल रहा था कि वो इतनी उत्साहित क्यों हैं। चारों बेड पर लेट गये, लेटते ही आलिया और मुनेश दस को नींद आ गई मगर देवांगनाल भानु कहाँ सोने वाला था क्योंकि जुबली का चुदकड़ लुक किसी को भी बेहोश कर सकता था जिसको देखकर देवांगनाल भानु तो बेताब हो रहा था उसको पाने के लिए क्योंकि उसका चुदकड़ बदन देवांगनाल भानु को मदहोश कर रहा था। देवांगनाल भानु जुबली के चुदकड़ बदन को टकटकी लगा कर देख रहा था, तभी जुबली ने देवांगनाल भानु को पूछा- क्या देख रहे हो तुम? ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना लड खड़ा ही हो जायेगा .
देवांगनाल भानु मुस्कराते हुए बोला- तुम्हारा चुदकड़ बदन!
तो जुबली ने उसको बोला- तो अच्छी तरह से देख क्यों नहीं लेता।
देवांगनाल भानु जुबली के और करीब आकर उसको चूमने लगा।
दोनों एक दूसरे को चूमने लगे और उत्तेजित होने लगे।
मेरे मित्रगणों चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है तभी मुनेश दस की आँख खुल गई और वो उनको देख कर मुस्कराया। उसने भी आलिया के होंटों पर अपने होंट रख दिए। आलिया के मन में भी अजीब सी हलचल होने लगी। वह एक दूसरे को चूमने लगे। देखते ही देखते देवांगनाल भानु ने जुबली का टॉप उतारना शुरू कर दिया। जैसे ही टॉप जुबली के शरीर से अलग किया वे देखते ही रह गये… क्या चुदकड़ बदन था। जुबली के शरीर पर केवल लाल रंग की ब्रा और पेंटी रह गई थी। तो देवांगनाल भानु ने जुबली को फ़िर से चूमना शुरू किया और अपना एक हाथ उसकी ब्रा के अन्दर डाल दिया। जुबली भी अब मदहोश होने लगी, उन दोनों को देख कर मुनेश दस ने आलिया को भी नंगा कर दिया और लगे एक दूसरे को किस करने। क्या बताऊ मेरे मित्रगणों उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये.
मेरे मित्रगणों मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है अब मुनेश दस आलिया की चूचियां चूसने लगा था। उसने एक हाथ आलिया के बूब्स पर रखा और दूसरा हाथ उसके नीचे की और लेकर जाने लगा। उधर जुबली भी बिल्कुल नंगी होकर देवांगनाल भानु की जवानी के मजे लूटने के लिए बेताब हो रही थी। देवांगनाल भानु ने अपनी एक उंगली जुबली की चूत में डाल दी, जुबली का बदन अकड़ने लगा और देवांगनाल भानु के ऐसा करने से उसने पानी छोड़ दिया। जुबली की चूत से रस टपक रहा था और लंड लेने के लिए बेताब थी। दूसरी ओर आलिया की चूत मुनेश दस के लंड से चुदने वाली थी। मेरे मित्रगणों क्या मलाई वाला माल लग रहा था.
मुनेश दस ने आलिया से पूछा- कैसा लग रहा है मेरी जान?
आलिया बोली- अभी कौन सा अन्दर गया है मेरी जान?
मुनेश दस की ऐसी बातें सुनकर देवांगनाल भानु बोला- अरे कोई बात नहीं, अन्दर भी घुस जायेगा।
चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए अब एक ही बेड पर सब नंगे हो चुके थे और चुदाई का सफ़र शुरू होने वाला था। तभी देवांगनाल भानु जुबली की चूचियाँ चूस रहा था, एक किस उसके होंटों पे की और उसके बाद उसकी नंगी चूत के होंटों को अपनी दोनों हाथ से पकड़ कर उसकी चूत को खोल कर देखने लगा, उसकी गुलाबी चूत बहुत मस्त लग रही थी। देवांगनाल भानु ने अपने होंट उसकी चूत पर रख दिए और उसकी चूत की अन्दर अपनी जीभ डाल दी। देवांगनाल भानु के ऐसा करने से जुबली के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी और उसे मजे आने लगा। साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है.
इनको देख कर मुनेश दस ने अपना लंड आलिया के हाथ में दे दिया।
तभी मुनेश दस आलिया के ऊपर उल्टा लेट गया, उसका लौड़ा आलिया के मुँह में था और मुनेश दस उसकी चूत को अपनी जीभ से चाट रहा था। ऐसा ही करीब 15 मिनट तक करते रहे।.
अब सुनिए चुदाई की असली कहानी दूसरी ओर देवांगनाल भानु ने आलिया को अपने लण्ड को उसके पूरे शरीर पर फेरने के लिए कहा। अब सभी पूरी तरह सेक्स के नशे में मदहोश थे, तभी मुनेश दस ने आलिया की दोनों टांगे अपने कन्धों पर रख दी और लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा जिसके कारण आलिया की तड़प लण्ड लेने के लिए और बढ़ने लगी और उस से रहा न गया, वो मुनेश दस को बोली- मेरी जान, अब रहा नहीं जाता, प्लीज इसको अन्दर डालो जिससे मेरी बदन में लगी आग को शांति मिले! मेरे मित्रगणों एक बार चोदते चोदते मेरा लंड घिस गया.
वहा का माहौल बहुत अच्छा था मेरे मित्रगणों यह सुन कर मुनेश दस ने अपना लण्ड उसकी चूत में घुसाना शुरू कर दिया, ऐसा पहली बार हो रहा था आलिया के साथ, जिस कारण उसको दर्द भी होने लगा और वो दर्द के मारे सिसकने लगी। मुनेश दस ने एक झटका लगया और अपने लंड का सुपारा आलिया की चूत में डाल दिया जिससे आलिया को दर्द हुआ, उसकी चीख निकल गई, आलिया के होंटों को मुनेश दस ने अपने होंटों से दबा लिया और अपने लंड का दबाब जारी रखा। मुनेश दस ने आलिया के वक्ष को अपनी छाती से दबा कर रखे थे, अपने लंड का दबाब उसकी चूत पर लगातार डालते जा रहा था। तभी मुनेश दस ने जोर सा एक झटका मारा और अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया। आलिया के मुँह से जोर से चीक निकली मगर उसके होंट मुनेश दस के होंटों में होने के कारण उसकी चीख बाहर न निकल पाई। मेरे मित्रगणों उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया.
वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों मुनेश दस लगातार झटके पे झटका लगाता जा रहा था। कुछ देर बाद आलिया सामान्य हो चुकी थी और उसको भी अजीब सा मजा आने लगा। आलिया को सामान्य देख कर उसके होंटों को छोड़ दिया और उसकी गाल पर चुम्बन करने लगा, उसने अपना लंड चूत से बाहर निकाला तो देखा कि मुनेश दस का लंड खून से लाल हो चुका था और आलिया की चूत से भी खून निकल रहा था। मेरे मित्रगणों चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया.
ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मेरे मित्रगणों उन्होंने एक पेपर नैपकिन से चूत और लंड को साफ किया और देवांगनाल भानु और जुबली की तरफ देखा, देवांगनाल भानु नीचे लेटा हुआ था, उसने जुबली को अपने लंड पर बैठाया हुआ था और जुबली मजे से चुद रही थी। देवांगनाल भानु के हाथ जुबली की चूचियाँ दबा रहा था। जब जुबली ने आलिया की तरफ देखा तो आँख मार कर बोली- बधाई हो… आज तू कली से फूल बन गई! मेरे मित्रगणों एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया.
तो आलिया ने कहा- क्या तू अभी भी कली ही है?
तो जुबली बोली- अरे, हम तो कब से फूल बन चुके हैं।
तब आलिया दंग रह गई- क्या तू पहले भी यह सब कर चुकी है?
जुबली बोली- हाँ!
आलिया - मगर तुमने पहले तो कभी इस बात का ज़िकर नहीं किया?
जुबली - सबर कर, सब बता दूँगी।
उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों गजब देवांगनाल भानु ने जुबली को जोर जोर से झटके मरने शुरू कर दिए और उसकी चूचियाँ अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। अब जुबली के मुँह से आवाज़ें निकलने लगी, जुबली पानी छोड़ चुकी थी और देवांगनाल भानु ने अपना सारा पानी जुबली की चूत में ही छोड़ दिया। उनको देख कर मुनेश दस ने फिर से आलिया को चूमना शुरू कर दिया और अपना लंड आलिया की चूत में डाल दिया। अब आलिया को मजा आ रहा था और उसने अपनी चूचियाँ मुनेश दस के मुँह में दे दी। मुनेश दस उसकी चूचियाँ मजे से चूस रहा था और अपने. .लंड से उसकी चूत चोद रहा था, आलिया को भी मजा आ रहा था, वो भी मजे से अपनी चूत को ऊपर उठाकर चुदा रही थी। मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मेरे मित्रगणों .
क्या बताऊ मेरे मित्रगणों मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया अब मुनेश दस के लंड का पानी निकलने वाला था, आलिया की चूत से भी पानी टपक रहा था, मुनेश दस ने अपना सारा पानी आलिया की चूत में ही छोड़ दिया। अब सब एक साथ नहाने के लिए चले, मगर आलिया सही से चल नहीं पा रही थी क्योंकि उसकी ताजी चुदी फ़ुद्दी में दर्द हो रहा था। कुछ भी हो माल एक जबरजस्त था .
उसको देखकर किसी का मन बिगड़ जाये तब मुनेश दस उसको अपनी गोद में उठाकर बाथरूम में ले गया और चारों ने एक दूसरे को नहलाया, खूब मजा किया, फिर कपड़े पहन कर खाने का आर्डर किया। ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है दोस्तों क्या चुदाई हुई ताबड़तोड़ चुदाई में सब थक गए और लैंड घिस गया.