मुख्य पृष्ठ » देसी सेक्स स्टोरीज » चाचा से चूत चुदवाने की आदत


चाचा से चूत चुदवाने की आदत

Posted on:- 2022-12-31


मित्रों मै आप सब का हार्दिक अभिनंदन करता हु अपने बूर फाड् चुदाई की स्टोरी में, मेरा अप्रिय साहनी  है और में हरियाणा  में रहती हूँ, मेरी उम्र 20 साल है और मेरी लम्बाई 4.6 फीट है और मेरे बूब्स का आकार 34-30-36 है और मेरे बाल भूरे रंग के और लंबे भी बहुत है, में एकदम गोरी और बहुत सुंदर भी हूँ और कोई भी जवान या बुढा मर्द मुझे देखकर मुझे पाने को बेकरार हो जाता है, क्योंकि में बहुत मस्त हॉट चुदकड़  नजर आती हूँ और जैसी में नजर आती हूँ और में ठीक वैसी भी हूँ. दोस्तों क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया.


 मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला  लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है एक बार अगर किसी की नजर अगर मुझ पर पड़े और वो हटने को बिल्कुल भी तैयार नहीं होती. दोस्तों यह जो कहानी आज में आप सभी चाहने वालों के लिए लेकर आई हूँ और यह मेरी एक सच्ची चुदाई की घटना है, इसमें मैंने अपने चाचा के साथ मस्त चुदाई के मज़े लिए और मैंने उनके साथ अपनी पहली चुदाई करवाकर मेरी सील को तुड़वाकर मज़ा किया. मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है.


 ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना  लड खड़ा ही हो जायेगा  उसके बाद मुझे अब इस काम की एक आदत सी हो गई है और यह आदत अब धीरे धीरे मेरी एक जरूरत भी बन गई है और वैसे यह तब की घटना है जब मुझे नंगी फ़िल्मे देखना बहुत पसंद था और अभी भी बहुत अच्छा लगता है और में हर रोज तीन घंटे तक इंटरनेट पर चुदकड़  साईट खोलकर कभी कामुकता डॉट कॉम पर चुदकड़  कहानियों के मज़े लेती और कभी चुदकड़  फिल्मे देखकर अपना मन बहलाती रहती हूँ और में कभी कभी सेक्स चेट भी करती हूँ. दोस्तों चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है    .


 क्या बताऊ दोस्तों  उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये दोस्तों अब में आप सभी को ज़्यादा बोर करने के बदले अपनी आज की कहानी सुनाती हूँ, जिसके लिए आज में यहाँ आई हूँ. दोस्तों यह कहानी करीब एक साल पहले की है, जब में पिछले साल गर्मियों की छुट्टियों में अपने अंकल के घर गई थी. दोस्तों मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है.


 दोस्तों क्या मलाई वाला माल लग रहा था दोस्तों मेरे अंकल एक प्रोफेसर है और मेरी आंटी एक प्राइवेट बेंक में मैंनेजर है और गर्मियों के उन दिनों में पूरा दिन में और मेरे अंकल घर पर अकेले ही रहते थे, मेरे अंकल के घर में कंप्यूटर है और में हर रोज उस कंप्यूटर को चालू करके बैठ जाती और में उस पर वही अपने पुराने काम करने लगी थी. फिर एक दिन में कंप्यूटर में कुछ काम करने के थोड़ी देर बाद में अब सही मौका देखकर उसमें चुदकड़  फोटो और गंदी फ़िल्मे देखने लगी थी, वैसे दोस्तों जब भी मेरे अंकल अपनी लाइब्ररी में होते या वो कभी सो जाते, तब में कंप्यूटर पर चुदकड़  फोटो देखा करती थी और में चुदकड़  चुदाई वाली फिल्मे भी देखती थी और उन फोटो, फिल्मो में एक लड़की के साथ तीन या चार मर्द एक साथ सेक्स करते उसको देखकर में गरम हो जाती. चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए.


 साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है फिर मैंने उस दिन देखा कि एक पूरी नंगी लड़की लेटी हुई थी और एक बहुत दमदार आदमी उस लड़की की चूत में अपना 7 इंच का लंड डालता है और दूसरा मर्द अपना लंड लड़की के पीछे से उसकी गांड में डालता है और तीसरा मर्द अपना लंड उस लकड़ी के मुहं में जबरदस्ती ठूस देता है और चौथा मर्द लड़की के बूब्स के निप्पल को चूसता है और ऐसे चकित कर देने वाले विडियो को देखकर मेरा भी मन हमेशा सेक्स करने को हो जाता था और उन फिल्मो में भी ऐसे ही किया करते थे और उनमें वो लड़कियाँ अपनी चुदाई करवाकर बड़े मज़े से चीख चीखकर मज़े लेती थी. अब सुनिए चुदाई की असली कहानी.


 दोस्तों एक बार चोदते  चोदते  मेरा लंड घिस गया दोस्तों मेरे स्कूल की एक बहुत पक्की दोस्त ने भी मुझे एक बार बताया था कि उसने अपने चाचा के लड़के और उसके एक दोस्त के साथ कई बार सेक्स के मज़े लूटे है और उसको उसके अपने चाचा के लड़के के लंड की क्रीम बहुत मस्त मजेदार लगती है और उसको जब भी कोई अच्छा मौका मिलता है और वो अपने चाचा के लड़के और उसके फ्रेंड के लंड की क्रीम अपने मुहं में उनका लंड चूसकर उसको पी जाती है. वहा का माहौल बहुत अच्छा था  मित्रों .


 दोस्तों उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया फिर एक बार रात को उठकर मैंने भी अपने अंकल और आंटी को अपने रूम में मस्त चुदाई करते हुए देखा. उसके बाद मैंने ऐसा बहुत बार किया, क्योंकि मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आने लगा था और में उनका वो सेक्स का खेल पास वाले कमरे की खिड़की से देखती थी और यह सब देखकर मेरा भी मन अब यह सब करने को करने लगा था और में उनकी चुदाई को देखकर बहुत गरम जोश में आकर एकदम व्याकुल होने लगी थी, लेकिन में फिर मन ही मन में सोचती थी कि में किसके साथ में यह सब करूं और मेरी चुदाई करके मुझे कौन यह सब मज़े देगा? वहा जबरजस्त माल भी थी मित्रों .


 ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मित्रों  अब मेरा भी बहुत मन हो रहा था कि कोई मेरी इस प्यासी चूत में और गांड के छेद में अपना मोटा लंड डालकर मेरी बहुत जमकर चुदाई करे और वो मुझे बहुत जमकर चोदे और में भी उसके लंड को अपने मुहं में लेकर उसके अंदर से निकले, क्रीम को अपनी जीभ से चखकर उसके मज़े लेना चाहती थी. दोस्तों में भी अब हर रोज बाथरूम में जाकर अपने चाचा, चाची की चुदाई को सोचकर उसको याद करके जोश में आकर अपनी चूत में ऊँगली किया करती और में ऐसे ही अकेले अकेले मज़े किया करती. दोस्तों एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया.
 

 उह क्या मॉल था मित्रों गजब  मुझे एक दिन अपने अंकल का अपने मन में विचार आ गया और में सोचने लगी कि मेरी आंटी तो हर दिन सुबह दस बजे अपने ऑफिस चली जाती थी और फिर वो शाम को पांच बजे घर वापस लौटती थी, इसलिए पूरा दिन में और अंकल घर में एकदम अकेले ही होते थे और यह सभी बातें सोचकर मैंने सोचा कि क्यों ना अंकल के साथ ही यह सेक्स का खेल खेला जाए? मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मित्रों .


 क्या बताऊ दोस्तों मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया अब में उस बारे में सोचकर मन ही मन बहुत ख़ुशी थी और अब में उनको अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए में जब भी हम घर में अकेले होते थे, तो में जानबूझ कर अंकल के सामने ऐसे झुककर बैठती थी कि जिससे कि उनको मेरे गोरे गोरे बड़े आकार के लटकते हुए बूब्स बिल्कुल साफ साफ दिखाई देने लगते और जब वो मुझे देखते थे, तब में अपने कपड़ो के अंदर हाथ डालकर अपने बूब्स को खुजाने लगती और वो ऐसा करते हुए मुझे घूर घूरकर देखते रहते और टी.वी. में जब भी कोई चुदकड़  द्रश्य आता तो में उनके सामने देखकर मुस्कुराती और में बातों ही बातों में उनको आँख मारती और कभी कभी में अंकल से बोलती कि मुझे पीछे खुजली हो रही है, में उनको खुजाने के लिए कहती और वो मेरे कपड़ो के अंदर अपना हाथ डालकर मुझे खुजाने लगते. कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था .
 

 उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये  दोस्तों धीरे धीरे में अपनी उस सोची समझी चाल में एकदम कामयाब हो रही थी और में उस बात को सोचकर बहुत खुश रहने लगी थी और मेरी हिम्मत बढ़ने से में अब और भी आगे बढ़ती चली गई. दोस्तों मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है.

 उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है एक दिन रविवार के दिन आंटी घर में थी और उनको उस दिन अपने सर में बहुत ज़ोर से दर्द हो रहा था और इसलिए वो अपने रूम में जाकर लेट गई. कुछ देर बाद उनको नींद भी आ गई. अब में और अंकल बाहर छेद में बैठकर टी.वी. देख रहे थे. तभी कुछ देर बाद मैंने अंकल से झूठ कहा कि मेरे सर में भी आज बहुत दर्द हो रहा है और इसलिए मैंने उनको मेरा सर दबाने को कहा. दोस्तों एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया.

दोस्तों चोदते  चोदते  कंडोम के चीथड़े मच गए फिर उन्होंने कहा कि हाँ ठीक है और फिर मैंने अपना सर उनकी गोद में रख दिया और वो धीरे धीरे मेरा सर दबाने लगे. तभी थोड़ी देर के बाद मैंने अंकल को कहा कि देखिए ना अंकल आज मेरा दिल बहुत ज़ोर से धड़क रहा है, पता नहीं मुझे आज जाने क्या हो गया है और यह बात कहकर मैंने उनका एक हाथ जबरदस्ती पकड़कर तुरंत अपनी छाती पर रख दिया. ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है.


 एक बार मैंने अपने मौसी की लड़की को जबरजस्ती चोद दिया अब उन्होंने मेरी छाती को छूकर महसूस करके कहा कि तुम्हारा दिल तो एकदम सही तरह से ही धड़क रहा है और तभी मैंने उनका हाथ अपनी छाती पर थोड़ा ज़ोर से दबाते हुए कहा कि ज़रा आप ध्यान से देखो और ऐसा कहकर मैंने उनको आँख मारी. अब वो मेरे बूब्स को दबाते हुए मुझसे कहने लगे कि हाँ अब यह बहुत ज़ोर से धड़क रहा है और फिर वो मेरे बूब्स को सहलाने लगे और सही मौका देखकर मैंने भी उनकी लूँगी के ऊपर से उनके तनकर खड़े लंड को अपने एक हाथ से पकड़ लिया और में उसको सहलाने लगी. फिर मैंने अंकल के बाल पकड़े और उनके होंठो को मेरे होंठो से लगा लिया और अब में उनको किस करने लगी थी. है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई.

 मेरे मित्रो मामा की लड़की की चुदाई में बड़ा मजा आया फिर मैंने कुछ देर किस करते हुए अपनी पूरी जीभ को अंकल के मुहं में डालकर मज़े लेने लगी. दोस्तों सच में मुझे उनके साथ यह सब करने में बहुत मज़ा आ रहा था. फिर उसके बाद मैंने अपनी टी-शर्ट को थोड़ा सा ऊपर किया और अब मैंने अंकल को मेरे बूब्स को चूसने के लिए कहा और फिर अंकल ज़ोर ज़ोर से मेरे बूब्स को सक करने लगे, जिसकी वजह से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और में बहुत जोश में आ चुकी थी. दोस्तों कई बार जबरजस्ती शॉट मरने में चुत से खून निकल गया.


 उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था मित्रों  फिर मैंने उसी समय सही मौका देखकर अपनी जींस को भी उतार दिया और अब अंकल मेरे बूब्स को छोड़कर मेरी चूत की तरफ नीचे आकर वो अपनी जीभ को मेरी चूत पर घुमा रहे थे, उस वजह से में तो एकदम पागल हो गई थी और मुझसे अब बिल्कुल भी रहा नहीं गया और मैंने उसी समय अंकल की लूँगी को ऊपर की तरफ उठा दिया और मैंने देखा कि उन्होंने अंदर अंडरवियर नहीं पहना था और उनका वो दमदार मोटा लंबा लंड देखकर तो मेरे होश ही उड़ गये, उनका लंड लम्बाई में करीब 5 इंच लंबा और 1.5 इंच मोटा था. उसकी बूब्स  देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी  .


 मित्रों मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु  अब मैंने जल्दी से नीचे झुककर उनके लंड को अपने मुहं में ले लिया और में उसको ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी. करीब दस मिनट चूसने के बाद उनके लंड के अंदर से गरम गरम वीर्य निकला, जिसको मैंने चूसकर चाटकर अपने मुहं में पूरा ले लिया, वो क्या मस्त थोड़ा सा नमकीन था, में अपने अंकल के लंड की वो पूरी क्रीम खा गई. फिर कुछ देर बाद आंटी उठ गई और उनकी आहट सुनकर हम दोनों ने अपने अपने .कपड़े ठीक किए, लेकिन दोस्तों मुझे वो सब करने में सच में बहुत मज़ा आया और में मन ही मन बहुत खुश थी. उसको पेलने की इच्छा दिनों से है मित्रों.


 अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता मित्रों    फिर दूसरे दिन सुबह करीब दस बजे आंटी उसने ऑफिस चली गई और अंकल ने उनके चले जाने के बाद मुझे बाथरूम के अंदर से आवाज़ देकर कहा कि वो टावल बाहर ही भूल गये है. फिर में उनको टावल देने बाथरूम में चली गई और तभी उन्होंने मेरा एक हाथ पकड़कर मुझे बाथरूम के अंदर खींच लिया. फिर मैंने देखा कि उस समय अंकल मेरे सामने पूरे नंगे खड़े हुए थे और उन्होंने बिना देर किए जल्दी से मेरे भी कपड़े उतार दिए और अब हम दोनों पूरे नंगे होकर साथ में नहाने लगे और हम दोनों ने बड़े मज़े लिए और कुछ देर बाद वो मुझे अपनी गोद में उठाकर अपने रूम में ले गये और अब वो मेरे पूरे गीले बदन को चूमने लगे, सबसे पहले उन्होंने मेरे नरम गुलाबी होंठो का रस पिया. मित्रों मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार.


उसके बाद मेरे बूब्स को सक किया और फिर नीचे आकर वो अब मेरी चूत का रस पीने लगे और अपनी ऊँगली को भी मेरी चूत के अंदर डालकर ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगे, उसके यह सब करने की वजह से में एकदम पागल हो रही थी और में ज़िंदगी में पहली बार पूरी तरह से संतुष्ट हो गई और में एकदम मस्त थी और उस समय मेरे अंदर से मुझे एक अजीब सी ख़ुशी महसूस हो रही थी, ज़िंदगी में पहली बार मुझे ऐसा सुख मिला था, जिसके लिए बहुत समय से तरस रही थी.

 उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया मित्रों  जैसे उसके चुत में माखन भरा हो फिर अंकल ने मुझे सीधा लेटा दिया और वो मुझ पर उल्टा लेट गये और अब वो मेरी चूत को चूस रहे थे और में उनके लंड को सक कर रही थी. करीब दस मिनट तक ऐसे ही उनका लंड चूसने के बाद उन्होंने अपने लंड का वीर्य मेरे मुहं में छोड़ दिया और फिर से में उनकी पूरी गरम चिकनी क्रीम खा गई और करीब आधे घंटे तक हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे की बाहों में एक दूसरे से चिपककर पड़े रहे और हम एक दूसरे के होंठो को सक कर रहे थे. फिर अंकल ने कुछ देर बाद मुझे उल्टा लेटा दिया और वो उठकर किचन में से तेल लेकर आ गए और अब उन्होंने मेरी गांड के छेद में बहुत सारा तेल लगा दिया, उसको देखने बाद साला चुदाई भूत सवार हो जाता मित्रों.
जिसकी वजह से वो जगह बिल्कुल चिकनी हो चुकी थी और अब वो मेरी गांड में अपनी एक ऊँगली को डालकर छेद को बड़ा करने लगे और वो मेरी गांड के छेद में भी तेल लगाने लगे और उसकी भी अच्छे से मालिश करने लगे थे.

 मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू    तब तक ठीक नहीं होता फिर उन्होंने अपने लंड को भी बहुत सारा तेल लगाकर उसको भी चिकना कर दिया और अब वो मेरे ऊपर लेट गये उन्होंने मेरी गांड के छेद के पास अपना लंड लाकर उसको हल्के से धक्का मारा, तो दर्द की वजह से मेरे मुहं से एक जोरदार चीख निकल गई, क्योंकि अंकल का लंड बहुत मोटा था और मेरी गांड का छेद बहुत छोटा और इससे पहले मैंने कभी भी अपनी गांड में ऊँगली भी नहीं डाली थी, इसलिए मुझे बहुत जोरदार दर्द होने लगा था. एक बात और मित्रों चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है.


उह यह उसकी नशीली आँखे में एक दम  चुदकड़ अंदाज है फिर मैंने अंकल से कहा कि अंकल प्लीज आह्ह्हह्ह ऊफफ्फ्फ् अब आप बस करिए, क्योंकि मुझे बहुत दर्द हो रहा है और में इस दर्द से मर ही जाउंगी मेरी जान निकली जा रही है. मित्रों देखने से लगता है की वो पका चोदा पेली का काम करती होगी.


  मित्रों चुत को चाटेने के  समय उसके बूर के बाल मुँह में आ रहे थे   फिर अंकल ने कुछ नहीं कहा और उन्होंने ज़ोर से दोबारा अपने लंड का झटका मेरी गांड में मार दिया और उस वजह से उनका थोड़ा सा लंड मेरी गांड के छेद को फैलाता हुआ उसके अंदर चला गया, लेकिन मुझे अब पहले से भी बहुत तेज दर्द होने लगा और में ज़ोर से चीख पड़ी ओह्ह्ह्हह मम्मी में मर गई स्सीईईईइ अंकल आपने तो मेरी गांड को फाड़ दिया, लेकिन अंकल ने मेरे दर्द की तरफ बिल्कुल भी ध्यान ना देकर फिर से दूसरी बार भी एक मुझे दोबारा ज़ोर का झटका मार दिया, जिसकी वजह से अब उनका पूरा लंड मेरी गांड के छेद को चीरता हुआ अंदर चला गया, लेकिन में उस दर्द की वजह से बहुत ज़ोर से चिल्लाई, क्योंकि वो मुझसे अब सहा बिल्कुल भी नहीं जा रहा था और में उसकी वजह से छटपटाने लगी, ओह्ह्ह्हह माँ में मर गइ आआईईईई प्लीज अब इसको बाहर निकाल दो. मित्रों मुझे तो कभी कभी चुत के दर्शन मात्र से खूब मजा आता क्योकि मई पहले बहुत बार अपने मौसी के लड़की  को बिना पैंटी के देखा था  वाह क्या मजा आया था.


 अब चुदाई करने को  १००% तैयार थी   अब अंकल मेरे दर्द को देखकर थोड़ी देर ऐसे ही मेरे ऊपर लेटे रहे, लेकिन उन्होंने लंड को बाहर नहीं निकाला बस धक्के देना बंद करके वो मेरे पूरे बदन को अपने एक हाथ से सहलाकर मुझे शांत करने की कोशिश करते रहे. मन कर रहा था कब इसे चोद लू मेरा लंड समझने  को तैयार नहीं था .


 अब बिना चुदाई के रह नहीं सकता था मित्रों मै पागल सा हो गया  फिर वो जब कुछ देर बाद मेरे शांत हो जाने पर अब अपने लंड को धीरे धीरे धक्के देकर मेरी गांड के अंदर बाहर करने लगे और कुछ देर बाद मुझे अब दर्द बहुत कम लेकिन मज़ा ज्यादा आ रहा था. फिर में उनको कहने लगी ओह्ह्ह्ह अंकल थोड़ा और ज़ोर से करो हाँ और ज़ोर से मेरी गांड में धक्के मारो और आज आप फाड़ दो मेरी इस गांड को, ओह्ह्ह्हह्ह अंकल अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा है, मुझे इससे पहले नहीं पता था कि गांड मरवाने में इतना मज़ा आता है और अब आप मुझे ऐसे ही लगातार धक्के मारते रहो, मुझे आपका यह सब करना बहुत अच्छा लगा, आप बहुत अच्छे है और वैसा ही अपना यह मोटा लंबा लंड भी है. अब मेरी यह सभी बातें सुनकर अंकल और भी ज्यादा ज़ोर से अपने लंड को मेरी गांड के छेद में अब अंदर बाहर करने लगे थे. ओह ओह ओह है कब लंड को घुसा दू ऐसा लग रहा था मित्रों .

 मॉल था चुदाई के लायक  करीब दस मिनट धक्के देने के बाद अंकल ने अपने लंड का वीर्य मेरी गांड के छेद में निकाल दिया. दोस्तों सच में मुझे उनके साथ यह सब करने में बहुत मज़ा आया, लेकिन अब हम दोनों बहुत ज्यादा थक चुके थे, इसलिए हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे और करीब आधे घंटे के बाद अंकल ने दोबारा अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिया और मैंने करीब पांच मिनट तक उनके लंड को सक करके दोबारा मेरी चुदाई करने के लिए तैयार कर दिया मैंने देखा कि एक बार फिर से उनका लंड सीधा पाईप की तरह टाईट हो गया. मैंने सोचा पेलुँगा जरूर  कभी न कभी .    

 माल चुदाई के लिए तड़प रही थी मित्रों   उन्होंने मुझसे कहा कि में अपना लंड डालकर तुम्हारी मस्त मजेदार चुदाई करूंगा, इसके बाद तुम कच्ची कली से खिलकर एक फूल बन जाओगी, मतलब कि तुम इस चुदाई के बाद एक कुंवारी लड़की से एक औरत बन जाओगी और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि एक कली से ज़्यादा फूल सुंदर दिखता है और इतना कहकर उन्होंने मेरी चूत को थोड़ा सा चाटा और कुछ देर अपनी जीभ से मेरी चूत की चुदाई करने के बाद उन्होंने मेरी चूत के अंदर थोड़ी देर अपनी ऊँगली को डालकर उसको लंड लेने लायक बनाया और फिर उसके बाद उन्होंने मेरी चूत को बहुत सारा तेल लगाकर उसको बिल्कुल चिकना कर दिया. चोदने के बाद थोड़ा रिलेक्स हुआ भाइयो क्या गजब मजा जब माल अच्छा हो तो कौन नहीं  चोदना चाहेगा  है न मित्रों आया .


फिर उसके बाद उन्होंने अपने लंड पर कंडोम लगाया और उसके बाद उन्होंने अपना पूरा लंड तेल के डब्बे में डाल दिया. अब वो मेरी चूत के साथ अपने लंड को रगड़कर खेलने लगे और उन्होंने मेरी चूत के दाने को घिसकर मुझे एकदम पागल जोश में ला दिया. सेक्स करते समय बहुत मजा आया था मित्रों.

 उसके ओठ रसीले थे मित्रों मॉल गजब था मित्रों अब उन्होंने सही मौका देखकर मेरी चूत के मुहं के पास अपना टाईट लंड लाकर एक ज़ोर से धक्का मार दिया, जिसकी वजह से मुझे ऐसा लगा जैसे कि किसी ने मेरी चूत को ब्लेड से चीर दिया हो, मुझे ऐसा दर्द होने लगा और में उस दर्द की वजह से ज़ोर से चीख पड़ी ऊऊईईईईई माँ में मर गई, आईईईईईईई अंकल मेरी चूत फट गई है, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन दोस्तों मैंने छूकर महसूस किया कि अब तक उनके लंड का ऊपर का हिस्सा मतलब उनके लंड का टोपा ही मेरी चूत में गया था और में उस दर्द से मरी जा रही थी और वो लंड मुझे सहना एकदम मुश्किल था और में दर्द की वजह से तड़प रही थी, उन्होंने फिर से अपने लंड का एक जोरदार झटका मेरी चूत पर मार दिया, जिसकी वजह से मुझे और भी ज़्यादा दर्द हुआ और में उस वजह से चिल्लाती रही. उसके लिप्स की चूसै यू ही चलती रही  मित्रों  .


 मित्रों वो मदहोस थी चुदाई के लिए  उसके बाद अंकल ने दो और ज़ोर से झटके मार दिए और अब उनका पूरा लंड मेरी चूत में चला गया और में तो उस दर्द के मारे तड़पने लगी ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी थी. फिर अंकल ने कुछ देर रुकने के बाद धीरे धीरे अपने लंड को मेरी चूत के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था और अब मेरा दर्द चला गया और मुझे भी उनके साथ बहुत मज़ा आने लगा था. उसके बूब्स क्या मस्त थे मित्रों अब मै क्या कहु मित्रों .

 मेरा मन चुदाई का था मित्रों  फिर मैंने अंकल से कहा कि हाँ अंकल और ज़ोर से करो उफ्फ्फफ्फ्फ़ हाँ अंकल मुझे बहुत मज़ा आ रहा है और फिर अंकल ने ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर मुझे चोदना शुरू कर दिया और वो लगातार अच्छे मस्त मजेदार धक्के लगाते रहे और करीब आधे घंटे के बाद में झड़ गई और मेरी चूत से पानी बहकर बाहर आने लगा.

फिर मैंने अंकल को कहा कि अब मेरा काम हो गया और फिर उन्होंने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और मेरे मुहं में दे दिया. करीब पांच मिनट तक में उनके लंड को चूसती रही और उसके बाद उन्होंने अपना स्वादिष्ट गरम .गरम वीर्य मेरे मुहं में डाल दिया, जिसको मैंने बहुत मज़े लेकर चूसते हुए अपने गले से नीचे उतार लिया. मैंने तय किया की चोद कर ही दम लूंगा .


 लेकिन पेलुँगा जरूर . दोस्तों उस दिन की चुदाई के बाद मैंने अपनी पूरी गर्मियों की उन छुट्टियों में जब तक में अंकल के घर पर रही. मैंने उनके साथ बहुत जमकर मस्त मज़े लिए और वो मेरे साथ हर रोज जब भी उन्हें अच्छा मौका मिलता चाहे वो दिन हो चाहे रात सेक्स का खेल खेलते रहे, जिसमें हम दोनों को बड़ा मज़ा आने लगा था. उसके बाद में मेरी छुट्टियाँ खत्म हो जाने पर वापस अपने घर चली आई. मै चुदाई के लिए बिल्कुल बेताब  था  मित्रों  मुझे बूर की मादक खुसबू आ रही थी जो मुझे पागल कर रहे थे  दिन रात बस चुदाई ही चुदाई ख्याल मित्रों और कुछ नहीं .

What did you think of this story??






अन्तर्वासना इमेल क्लब के सदस्य बनें


हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !


* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।