मुख्य पृष्ठ » देसी सेक्स स्टोरीज » भाई के दोस्तों ने नंगा किया


भाई के दोस्तों ने नंगा किया

Posted on:- 2023-12-27


कैसे है आप सब आस्था फुलवाणी  है अच्छे होंगे और चुदाई के जुगाड़ में होंगे.. में आस्था फुलवाणी  एक बार फिर से आप सभी लोगों को एक सच्ची कहानी सुनाने आई हूँ और में अपने छोटे भाई के साथ चुदाई करवा चुकी हूँ और अब में थोड़ा अपने बारे में बता देती हूँ. मोटी गांड वाली लड़कियों की बात ही कुछ और है.


 

 लड़किया क्युआ गजब चुदकड़ होती है दोस्तों दोस्तों में अपने भाई से बहुत बार चुद चुकी हूँ और मुझे चुदाई करने में बहुत मज़ा आता है.. या आप यह भी कह सकते है कि चुदाई अब मेरी आदत बन चुकी है और अब में बिना चुदे रह नहीं सकती. जब से मैंने लंड लेना शुरू किया है और में भी निखरने लगी हूँ और मेरे जिस्म ने आकार बदलना शुरू कर दिया है.. मेरे छोटे छोटे आकार के चूचियों  अब बड़े होने लगे है और मेरी गांड और भी ज्यादा सुंदर और चहरे पर चुदाई की चमक आने लगी है. दोस्तों वैसे अपने मुहं से अपनी बड़ाई अच्छी नहीं लगती.. इसलिए में अपनी ज्यादा बड़ाई नहीं करूंगी और अब सीधी अपनी आज की कहानी पर आती हूँ. मेरे मित्रगणों  क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया.


 

 मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला  लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है दोस्तों उस दिन भी फिर यही हुआ और भगवान ने हमे चुदाई का एक बहुत अच्छा मौका दे दिया.. मेरी मम्मी अपने किसी रिश्तेदार के अंतिम संस्कार में मायके गई हुई थी और में अपने छोटे भाई के साथ घर पर अकेली थी और मेरे पापा दुबई में नौकरी करते है और इसलिए वो दो तीन साल में एक बार ही कुछ दिनों के लिए घर पर आते है. मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है.


 

 ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना  लड खड़ा ही हो जायेगा  फिर जब मैंने अपने भाई को रात में मुठ मारते हुए पकड़ा तो में अपने आप को रोक ना सकी और अपने छोटे भाई के साथ ही चुदा बैठी.. लेकिन मेरे भाई को मेरी चूत का रस ऐसा लगा कि वो मुझे हर मौके पर चोदने लगा.. जब भी में कभी कहीं भी उसको मौके से मिल जाती तो वो मेरी चुदाई कर देता और रात में तो हर रोज़ ही चुदने लगी थी.. मुझे भी उसकी आदत सी हो गई थी और अब अच्छा भी लगता था. मेरे मित्रगणों  चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है    .


 

 क्या बताऊ मेरे मित्रगणों   उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये फिर एक दिन मेरा भाई मुझसे बोला कि आस्था फुलवाणी  क्या तुमको मेरे साथ चुदना अच्छा लगता है तो मैंने कहा कि हाँ लेकिन तुम यह सब क्यों पूछ रहे हो तो वो बोला कि वो बात यह है कि मेरे कुछ दोस्त भी तुमको चोदना चाहते है तो मैंने कहा कि क्या भैया तुम भी बहुत बड़े पागल हो और तुम अपनी बहन को अपने दोस्तों से चुदवाओगे तो वो कहने लगा कि क्यों? क्या तुम कभी भी अपनी सहेलियों को मुझसे नहीं चुदवाती हो तो क्या में वैसे ही तुमको अपने दोस्तों से नहीं चुदवा सकता? मेरे मित्रगणों  मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है.


 

 मेरे मित्रगणों  क्या मलाई वाला माल लग रहा था फिर मैंने भी बहुत देर तक उसकी बातों को सोचा हाँ बात तो भैया एकदम सही कह रहा है और में अपनी इच्छाओ पर इतनी स्वार्थी कैसे हो गई और मैंने भैया के बारे में कुछ भी नहीं सोचा और मैंने कुछ सोचते ही भैया से पूछा कि क्यों भैया कौन दोस्त है.. जिनसे तुम मुझको चुदवाना चाहते हो तो वो बोला दीदी में अपने कुछ दोस्तों के साथ एक पार्टी में गया था तो मैंने वहाँ पर अपने एक दोस्त की बहन को चोदा था और अब वो सब भी कह रहे है कि तू अपनी दीदी को भी हमसे चुदवा.. उस समय हम 4 लड़के थे और एक उसकी दीदी थी और उस दिन हम चारों ने उसे बहुत जमकर चोदा था और बहुत मज़ा लिया.. प्लीज दीदी एक बार हाँ कर दो दीदी और तुमको भी बहुत मज़ा आएगा और सोचो कि तुम्हारे पास एक साथ चार चार लंड होगे और तुम अपनी चूत में, मुहं में, गांड में.. सब जगह सिर्फ़ लंड ही लंड लोगी और उस समय तुम्हे कितना मज़ा आयेगा ना दीदी. फिर मैंने अपने भाई की बात पर थोड़ा ध्यान दिया और कहा कि हाँ वो कह तो बिल्कुल सही रहा है और मैंने सोचा कि चलो अब कुछ अलग करके भी देखते है और मैंने हाँ कर दी और हमारी पार्टी का दिन भी तय हो गया और जैसा कि आप लोग जानते ही हो कि में एक सुंदर सेक्सी और चुदक्कड़ लड़की हूँ और किसी को भी मेरी तरफ आकर्षित करने में देर नहीं लगती. चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए.


 

 साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है फिर मेरा भाई और में तय हुवे दिन पार्टी के उसी जगह पर पहुँच गए और वो दिल्ली से कुछ किलोमीटर की दूरी पर बना हुआ एक फार्म हाउस था और वो उसके किसी दोस्त का था.. वो शनिवार की एक बहुत मस्त शाम थी और एकदम ठंडी हवाओं से भरी थी. में काली कलर की टॉप और हल्के हरी कलर की स्कर्ट पहने हुए भैया के साथ वहाँ पर पहुँची थी और उसके तीन दोस्त वहाँ पर पहले से ही मौजूद थे. फिर मैंने उनको गौर से देखा और वो तीनों मेरे भैया से एकदम स्मार्ट भी थे और गठीले बदन के लग रहे थे और में उनको देखकर मन ही मन बहुत खुश हो रही थी.. क्योंकि में सोच रही थी कि आज तो बहुत मज़ा आएगा चुदाई का.. हमें घर पर लेने उसके दोस्त की गाड़ी आई थी. हम गाड़ी से उतरकर अंदर की तरफ पहुँच गए और मैंने ऐसा आलीशान घर सिर्फ़ फिल्म में और कहानियों में ही सुना था. उन तीनो लड़कों की निगाहें मेरे ऊपर ही थी.. वो मुझे आखों ही आखों में चोद रहे थे. अब सुनिए चुदाई की असली कहानी.


 

 मेरे मित्रगणों  एक बार चोदते  चोदते  मेरा लंड घिस गया फिर मैंने थोड़ा ध्यान मेरे पास बैठा एक लड़का जिसका नाम अतुल था उस पर दिया. उसकी आखें मेरे चूचियों  के ऊपर से हट ही नहीं रही थी और फिर में थोड़ा उसके पास ही सरक गई.. वो लगभग 6 फीट का गबरू जवान था. अब में उसकी तरफ और सरककर बैठ गई तो उसको थोड़ी हिम्मत मिल गई. उसने कपड़ो के ऊपर से मेरे चूचियों  पर अपना एक हाथ रख दिया.. मेरी आँख बंद सी होने लगी. उसने यह क्या कर दिया? और में भावुक हो गई.. उसने मेरे बड़े बड़े चूचियों  को धीमे से छुआ और हल्के से दबाया उसका करंट का झटका सीधा मेरी चूत पर लगा और जैसे जैसे उसका स्पर्श मेरे चूचियों  पर बड़ता जा रहा था मेरी चूत को पता नहीं क्या हो रहा था. फिर ठीक एकदम सामने बैठे दोनों और लड़के भी मेरे पास आ गए और मेरे पास बैठकर मेरी बाहों को, मेरे गालों को और मेरी जांघों को देखने और सूंघने लगे. वहा का माहौल बहुत अच्छा था  मेरे मित्रगणों.  


 

 मेरे मित्रगणों  उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया अब धीरे धीरे मेरे शरीर के रोम रोम में मस्ती और उमंग भर रही थी और कब अतुल का हाथ मेरे टॉप के अंदर पहुँच गया और उन दोनों के हाथ कब मेरी स्कर्ट के अंदर आ गए मुझे होश भी नहीं रहा. फिर वो मेरे जिस्म पर अपनी उगलियों का कमाल दिखाने लगे जिसकी वजह से मेरी चूत धीरे धीरे और भी रसीली होती जा रही थी और थोड़ी देर एंजाय करने के बाद हम लोग उठकर बेडरूम में आ गए. वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों  .


 

 मेरे मित्रगणों  चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया अब मेरी बारी थी.. मैंने अपना टॉप उतार कर बाहर किया और स्कर्ट भी उतार दी अब में अपने अंडरगारमेंट में खड़ी थी मेरे शरीर पर काली कलर की पेंटी और काली कलर की ब्रा थी और इसके अलावा कुछ भी नहीं था. अब तो मेरा भाई भी अपने कपड़े उतारकर अपने दोस्तों के साथ मेरी चूत की और आकर्षित हो गया और मेरे जिस्म से खेलने लगा. ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मेरे मित्रगणों  .


 

 मेरे मित्रगणों  एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया फिर उन लोगों ने मेरी ब्रा और पेंटी को उतारकर एक और डाल दिया और मेरे चूचियों  को आज़ाद कर दिया और मुझे बेड पर लेटाकर मेरी चूचियों से, चूत से और जाँघो से खेलना शुरू कर दिया. में भी मस्त होती जा रही थी और अब मुझे महसूस हो रहा था कि मेरी चूत पानी पानी हो रही है. अब अतुल मेरे ऊपर अपने लंड को लेकर आ गया और मैंने उसके लंड को बहुत ध्यान से निहारा.. क्या भीमकाय लंड था? मैंने अपनी जीभ से उसके लंड के टोपे को छुआ.. उसके मुहं से अजीब सी करहाने की आवाज निकल पड़ी और मैंने अपने मुहं को खोलकर पूरे लंड को अंदर लेने की नाकाम कोशिश की.. लेकिन लंड मेरे मुहं के अंदर नहीं गया और इतनी मेहनत के बाद सिर्फ़ आधा लंड ही मेरे मुहं के अंदर जा सका. उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों  गजब .


 

 मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मेरे मित्रगणों   में उसी को धीरे धीरे चूसने लगी.. लेकिन शायद अतुल चाह रहा था कि उसका लंड मेरे मुहं में पूरा चला जाए और यह असंभव था क्योंकि उसका लंड बहुत बड़ा था और वो मेरी गर्दन तक तो घुस गया था और में तो बोल भी नहीं पा रही थी. तभी मुझे कुछ और भी महसूस हो रहा था और दोनों लड़के मेरे चूचियों  के साथ खेल रहे थे और उनको चूस चूसकर लाल कर चुके थे और फिर आशीष सेखवां   ने मुझे चोदने का निर्णय लिया और वो मेरे दोनों पैरों के बीच में आ गया.. लेकिन वो दोनों लड़के मेरे चूचियों  को ही सहला रहे थे जिसकी वजह से मेरी उत्तेजना बडती ही जा रही थी. क्या बताऊ मेरे मित्रगणों  मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया.


 

 कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था  फिर मैंने अपने दोनों पैरों को आशीष सेखवां   के लिए खोल दिया. मेरी चूत उसके सामने खुलकर मुस्कुराने लगी थी.. आशीष सेखवां   खुश हो गया था और उसने अपने लंड को हाथ से दो बार हिलाया और मेरी चूत के होंठो पर रख दिया. मैंने हल्की सी साँस खींची और आशीष सेखवां   ने एक ज़ोर का धक्का .दे दिया और उसका पूरा लंड मेरी चूत के अंधेरे में समाता चला गया. मुझे हल्का सा दर्द हुआ शायद आशीष सेखवां   उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये 

का लंड मेरे भाई के लंड से मोटा था.. क्योंकि मेरे भाई का लंड तो में अपनी चूत में रोज़ ही डलवाती हूँ तो दर्द नहीं बल्कि मज़ा आता है..

 

 मेरे मित्रगणों  मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है अब मेरे पूरे शरीर में आशीष सेखवां   के लंड के जाने से नया एहसास हो रहा था. उसका लंड मेरी चूत में बिल्कुल कसा कसा जा रहा था. वो मेरी छाती के ऊपर आकर मेरे चूचियों  को दबाते हुए मुझे चोदने लगा.. मेरे मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी और दोनों लड़के अब पीछे हट गए थे और अपने लंड को हाथ से पकड़कर मसल रहे थे. मुझे बड़ा मज़ा आने लगा था और आशीष सेखवां   ने अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया था. उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है.


 

 मेरे मित्रगणों  एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया फिर उसका लंड अब मेरी चूत में अंदर बाहर आने जाने लगा था. उससे मेरी चूत की दीवारों पर रगड़ हो रही थी और में बस आशीष सेखवां   की ही हो जाना चाहती थी. फिर मैंने अपनी आँखो को खोलकर देखा तो आशीष सेखवां   एकदम बिंदास होकर मेरी चूत को मज़े से चोदने में लगा हुआ था.. मैंने अपने दोनों पैरों को पूरा खोल दिया था और उसकी कमर को अपने दोनों हाथों से लपेट लिया था और अब वो मुझे बड़े मज़े से चोद रहा था मेरी चूत पानी छोड़ने लगी और उसका लंड मेरी चूत में बड़ी आसानी से सटा सट अंदर जा रहा था और में उम्मीद में बहती ही जा रही थी. पूरा कमरा मेरी सिसकियों से गूंजने लगा था और मुझे सच में बड़ा मज़ा आ रहा था.. आहह उह्ह्ह आहह आशीष सेखवां   प्लीज़ चोदो मुझे.. प्लीज़ और ज़ोर से हाँ ऐसे धक्के दो और ज़ोर से अहह और प्लीज़ अहह हमम्म मेरी आवाज़ों से आशीष सेखवां   को जोश आने लगा और उसके धक्के मेरी चूत में तेज़ी से लगने लगे. मेरे मित्रगणों  चोदते  चोदते  कंडोम के चीथड़े मच गए.


 

 ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है फिर में जैसे एक बाज़ारू कुतिया की तरह उसके नीचे पड़ी हुई उसके लंड को झेल रही थी.. मज़े ले रही थी और वो मुझे अपने नीचे से हिलने नहीं देना चाहता था और मेरी इच्छा भी यही थी कि वो मेरी जमकर चुदाई करे और अब उसके धक्के तेज़ होते ही चले गए आहह उह्ह्ह्ह में अब झड़ गई थी.. वो भी मेरे साथ ही झड़ गया और मेरी चूत में ही उसका वीर्य गिर गया. में उसको अपनी चूत में जाता हुआ महसूस कर रही .थी और वो मेरी छाती पर अपना सर रखकर लेट गया और में भी उसके बालों में अपनी उंगलियों को फेरती हुई लेटी रही. उसको बहुत प्यार करने का मेरा दिल हो रहा था. उसने मेरी कैसी चुदाई की थी और वो दोनों लड़के मुझे और आशीष सेखवां   को थककर लेटा हुआ देखकर परेशान थे कि कहीं मेरा मूड ना बदल जाए.. मैंने उनको मुस्कुराकर देखा तो मेरा भैया बोला कि आस्था फुलवाणी  दीदी क्या हुआ थक गई क्या? अब मेरे बाकी दोस्तों के साथ कैसे करोगी.. एक बार मैंने अपने मौसी की लड़की को जबरजस्ती चोद दिया.


 

 है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई तो मैंने उससे कहा कि में तेरी दीदी हूँ कोई रंडी नहीं हूँ जो कि इतनी जल्दी थक जाऊँ.. में अभी तो पूरी रात चुद सकती हूँ. में देखती हूँ कि तुझमें और तेरे दोस्तों के लंड में कितना पानी है. यह बात सुनकर आशीष सेखवां   बोला कि चल छिनाल अपने भाई से चुदने वाली हम लोगों को चॅलेंज करती है. तो मैंने कहा कि हाँ करती हूँ.. शर्त लगा लें क्या? शर्त यही कि अगर में सारी रात तुम लोगो से चुदने के बाद थक गई तो में एक महीने तक किसी से भी नहीं चुदवाऊँगी और नहीं तो तुम लोग एक महीने तक सिर्फ़ मुझे ही चोदोगे.. अगर मंज़ूर हो तो बात करो. मेरे मित्रो मामा की लड़की की चुदाई में बड़ा मजा आया.

 मेरे मित्रगणों  कई बार जबरजस्ती शॉट मरने में चुत से खून निकल गया फिर वो लोग थोड़ा सोचकर मान गए और में जानती थी कि में इन सबसे रात भर आराम से चुद सकती हूँ.. फिर रात भर उन लोगों ने मेरे हर छेद में लंड डालकर चोदा और मैंने भी बड़ी मस्ती से सबके लोड़ो का पानी निकला. उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था मेरे मित्रगणों   मेरे मित्रगणों  मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार.

What did you think of this story??






अन्तर्वासना इमेल क्लब के सदस्य बनें


हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !


* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।