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प्यासी पड़ोसन लड़की

Posted on:- 2021-08-29


हेल्लो नमस्कार साथियों, मेरा नाम दक्षेश है. हम दिल्ली में रहते है. कोई अगर मुझे यह पूछे की मुझे अगले जन्म में कहा पैदा होना है तो मेरा जवाब दिल्ली ही होगा, यहाँ पर क्या रंगत है यारो, चारो और तितली जैसी हॉट लड़की कभी घरवाले के साथ तो कभी बहार वाले के साथ रास्तो पर नजर आती हैं. अब मै इस शहर का हिस्सा बन चूका हूँ क्यूंकि पिछले 3 साल से मैं यही रहता हूँ, गोल्डन सिनेमा के पास एक ब्रा पेंटी की दुकान में मैं सेल्समेन हूँ और अच्छी अच्छी भाभियाँ, आंटियाँ और देसी लडकियाँ मेरे सामने अपने स्तन रख देती है. एकाद दो भाभियाँ तो मुझ से चुदवा भी चुकी है, लेकिन एक दो बार की चुदाई के बाद यह आंटी और भाभियाँ धोखा कर देती है और दिखती ही नहीं, लेकिन एक हॉट लड़की है जो मुझ से नियमित चुदाई करवाती है और कभी भागती नहीं, वह मेरे चाल की रचिता है. इस हॉट लड़की रचिता से मुझे अपनी चुदाई का क्वोटा मिल जाता है तभी तो मैं शोलापुर से अपनी बीवी और बेटे को यहाँ नहीं बुलाता. आइये आपको 26 साल की रचिता के साथ मेरी पहेली चुदाई के बारे में बताऊँ. हर जवान औरत की चूत लंड की प्यासी होती है.
सुबह मैं दुकान पर जाने को निकल ही रहा था की शंकर भैया आये, मैं मनोमन बोला, मर गए…बुढ्ढा जरुर किराया मांगेगा, पर उसने तो आके दूसरा ही राग छेड़ा.
“हम लोग दो दिन के लिए मेरठ जा रहे है, रचिता के एग्जाम है इसलिए वोह यहीं रुकेगी ! उसकी मासी रात देर तक आ जाएगी. कृपया तब तक उसे कुछ काम हो तो आप देखेंगे?”
हमने कहा, “कोई बात नहीं शंकर भैया”
हमने जॉब पर जाने से पहेले रचिता को अपना मोबाइल नंबर दे दिया और उस शाम को मैं जॉब से जल्दी घर आ गया, मुझे लगा की शायद रचिता को कुछ काम हो यह सोच मैं सीधा दुसरे मजले पर शंकर भैया के फ्लेट मैं चढ़ा. हमने दरवाजे को हाथ लगाते ही वह खुल गया और अन्दर का द्रश्य देख मैं चोंक उठा…! अंदर रचिता एक सेक्स मैगज़ीन पढ़ रही थी और उसने स्कर्ट के अंदर हाथ करके अपनी चूत को ऊँगली देना शरू कर दी थी. वह दरवाजे को केवल धकेल के बैठी थी, निचे मेईन गेट की चाबी केवल मेरे और शंकर भैया के पास थी इसलिए उसने सोचा होंगा के अभी कोन आएगा और आएगा भी तो निचे तो मेईन गेट बंध ही है. लेकिन मेरे भाग्य अच्छे थे की मैं आज जल्दी आया था…! रचिता के अंदर छूपी हॉट लड़की पहली बार मेरे सामने आई थी, वैसे भी 21-23 साल की लडकियाँ लंड लेने के लिए बेताब रहती है. जब हमने रचिता के हॉट स्तन और उसकी सेक्सी गांड का ख़याल किया तो मेरा लंड इस हॉट लड़की की चुदाई का मन करने लगा. अगर रचिता आज लोहा ले ले तो कुछ साल चुदाई की छुट्टी….!
हमने रचिता से पूछा, “क्या कर रही हो, बताओ तो…”
मैं फट से उसके निकट गया और उसकी मैगज़ीन ले ली, रचिता कुछ नहीं बोली. मैगज़ीन में एक इंडियन लड़की के गेंगबेंग की तस्वीरे थी जिसमे यह लड़की गांड, चूत और मुहं में लंड लिए हुए चुदवाते हुए नजर आती है. हमने रचिता की तरफ देखा और मैं हंस पड़ा,
“रचिता, तू इन सब चीजो के लिए तैयार हो गई है, मुझे तो पता ही न था….!”
मैं इस हॉट लड़की के पास गया और उसके स्तन पर अपना हाथ रख दिया. मेरे स्तन को हाथ लगाते ही रचिता एक कदम पीछे हठ गई, हमने उसे कहा,
“रचिता, घबराओ मत, मैं हम दोनों के सबंध के बारे में किसीको कुछ नहीं कहूँगा. जितनी सेक्स की भूख तूम को है उससे शायद मुझे कुछ ज्यादा ही है…!”
हॉट लड़की के दिमाग में मेरी बात उतर गई और उसने अपना कदम मेरी तरफ वापस लिया और हमने उसके चुंचे अब मस्त दबाने शरू कर दिए, शायद रचिता का यह अनुभव बिलकुल नया था क्यूंकि उसके चहेरे पे नए ही भाव थे और वह अपना एक हाथ चूत पर रख के सहेलाने लगी. हमने बिलकुल वक्त गवाँए बिना उसके व्हाईट टी-शर्ट और काले स्कर्ट को निकाल दियां. 34D साइज़ के बूब्स भी तुरंत हमने ब्रा के हुक निकाल कर आजाद कर दिएँ, रचिता के झूलते हुए चुंचे मेरे सामने थे और मेरा लंड शीर्षासन करने लगा था. हमने अपनी उँगलियाँ रचिता के सेक्सी निपल्स पर फेरनी शरू की और रचिता के शरीर में जैसे की करंट दौड़ गया हो. मेरे स्तन पर हाथ फेरते ही मुझे लगा की यह हॉट लड़की अंदर से उबल रही थी और अगर जो उसे आज मेरा लंड न मिलता तो वोह कोई और लंड जरुर ढूंढ लेती…!
हमने हाथ अब निचे किया और छोटे छोटे बाल वाली चूत को सहेलाने लगा, रचिता को हमने हलका धक्का दे कर वही पड़ी एक कुर्सी पर बैठा दिया और उसके स्तन मुहं में भरने लगा. हमने पहेले चोदी कुछ कुछ भाभिओं के स्तन के निपल्स तो पांच रूपये के सिक्के जितने बड़े होते थे और मुहं मैं नहीं आते थे लेकिन इस हॉट लड़की के छोटे निपल्स मस्त कड़े और नौक वाले थे जिनको मैं मुहं में दबा दबा के चुसाई कर रहा था. हमने धीमे धीमे से इन निपल्स को दांत से काटना भी शरू कर दिया. मैं खड़ा हुआ और हमने अपनी पेंट और अंडरवेर उतारी, मेरा औजार देख के रचिता चोंक गई क्यूंकि मेरा लंड 8 इंच लम्बा और 2.5 इंच चौड़ा था जो अच्छी अच्छी चुतो को पानी भरा सकता था.
हमने रचिता के पाऊं वही कुर्सी के अंदर फेला दिए और मैं अपने लंड के ऊपर थूंक के उसे चिकना बनाने लगा, रचिता भी अपने चूत को दोनों हाथ से फेलाने लगी…उसको पता चल गया था की उसकी चुदाई का वक्त आ गया है. हमने लंड को इस हॉट लड़की की चूत पर रखा और उसे वहाँ रगड़ने लगा, रचिता की चूत को मेरे लंड की गर्मी अच्छी लग रही थी क्यूंकि वह अपना हाथ मेरे लंड को लगा के उसे रगड़ने में मदद करने लगी. हमने बिना कोई संकेत दिए एक झटका दे दिया और इस देसी लड़की की आँख में आंसू आ गए क्यूंकि मेरा बेलन जैसा लंड आधा उसकी चूत में घुस गया था, उसकी चीख निकल पड़ी और हमने उसकी चीख दबाने के लिए उसके होंठो से अपने होंठ लगा दिए. मेरा लंड बार बार झांटों को चीर के उसकी बुर को भेदने लगा.
रचिता के लिए यह सब बर्दास्त के बहार हो चला था और वह सिसकारियाँ निकाल रही थी, एकाद मिनिट के बाद जैसे ही यह हॉट लड़की थोड़ी स्वस्थ दिखी हमने लंड पूरा उसकी चूत में पेल दिया…अब की बार चीख तो नहीं निकली पर मोनिंग चालू ही थी. रचिता मुहं से उह आह..मम्मी…आह आह ओह ऐसे आवाज निकाल रही थी और हमने अब उसको सही तरह पेलना शरु कर दिया…! रचिता थोड़ी देर में लंड का मजा लेने लगी और अपनी गांड को हिला हिला के चुदाई करवाने लगी, हमने भी अब रचिता को पूरा लंड अंदर दे के उसके स्तन को चुसना शरू किया…उसके निपल्स अकड गए थे और वह बहुत उत्साहित हो गई थी..रुपाने तभी मुझे कमर पर नाख़ून मारे और मुझे कस के पकड लिया…इस हॉट लड़कीका चूत का पानी मेरे लंड के उपर निकल गया था. हमने भी अब अपनी चुदाई की स्पीड बढ़ा दी और जोर जोर से लंड को चूत के अंदर बहार करने लगा. रचिता मुझे कस के पकड़ रही थी और मेरा लंड उसकी चूत को चोदता रहा, तभी मेरा लंड एक फ़व्वारा मार कर इस हॉट लड़की की चूत में झड गया, रचिता की चूत के अंदर हमने लंड को ऐसे ही दो मिनट तक रहने दिया और उसके बाद मैं उठ गया और हमने कपडे पहन लिए. रचिता चाय ले आई और मैं चाय पी के उसको एक किस करके अपने फ्लेट की तरफ चल दिया….!
इस किस्से के बाद यह हॉट लड़की रचिता मुझ से रेग्युलर चुदाई करवाने लगी है और अब मुझे आंटियों और भाभियो से चुदाई की राह नहीं देखनी पड़ती क्यूंकि रचिता अक्सर मेरे फ्लेट में रात के वक्त चुपके से आ जाती है और हम मस्त चुदाई कर लेते है. उसके चूत से झकड़.. झकड़.. झकड़.. झप.. झप... की आवाजें आ रही थी.  वह समय आज भी मुझे बखूबी याद है.

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