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पड़ोसन लड़की को औरत बनाया

Posted on:- 2024-04-21


हैल्लो मित्रगणों मेरा नाम प्रणीत है,  मित्रों ये कहानी आप देशीअडल्टस्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं. पहले में अपना परिचय आप सभी को दे देता हूँ. दोस्तों में रुड़की का रहने वाला हूँ और मेरी हाईट 5 फिट 10 इंच है. मेरा लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. में अभी रुड़की के एक अच्छे कॉलेज से एमबीए कर रहा हूँ और मेरी उम्र 22 साल के करीब होगी. यह कहानी एक सच्ची कहानी है और मेरी अपनी है. यह आज से 6 माह पहले की घटना है.. जब मैंने रुड़की कॉलेज में दाखिला लिया था और में इससे पहले पठानकोट में रहता था और जुलाई में मेरा दाखिला रुड़की कॉलेज में हो गया था.

 

दोस्तों मैंने दाखिले के बाद रुड़की में ही यहीं पर रूम लिया और में जहाँ पर रहता हूँ वहीं पर सभी अपनी अपनी फेमिली के साथ रहते है और उसमे में ही एक सिंगल लड़का हूँ जो कि एक सिंगल रूम वाला फ्लेट लेकर रह रहा हूँ. मेरा फ्लेट पहली मंजिल पर है और उस मंजिल पर दो और फ्लेट है जिसमे दो फेमिली रहती है.. एक जिनकी अभी नई नई शादी हुई.. मतलब नया शादीशुदा जोड़ा और एक अंकल आंटी है जिनकी एक ही बेटी है जिसका नाम संज्योती है. वो एक मस्त माल है.. उसका फिगर 30-28-32 का होगा. वो इतनी मस्त है कि उसे देखने के बाद मुझे मुठ मारनी पड़ती है और उसे मैंने पहली बार अपने मकान की छत पर घूमते हुए देखा था.. जहाँ पर उसने एक पतली सी टॉप एक लोवर पहन रखा था. में तो उसके बूब्स का दीवाना हो गया था और मैंने मन ही मन यह सोच लिया था कि इसे मुझे कैसे भी करके इसे चोदना है.

 

मित्रगणों, मैं बातें बहुत करता हूँ और मेरी इसी अदात के कारण संज्योती के पिताजी से बहुत बनती थी और में उनका छोटा मोटा काम कर दिया करता था.. क्योंकि उनके घर में कोई लड़का नहीं था. एक बार संज्योती छत पर घूम रही थी तो में भी छत पर चला गया और जैसे ही मैंने उसे देखा तो मेरा लंड खड़ा होने लगा और में उसे देखकर मुस्कुरा दिया तो उसने भी मुस्कुरा कर जवाब दिया. तभी में समझ गया कि हंसी तो फंसी. मैंने आगे बात बड़ाकर उससे उसका नाम पूछा. तभी उसने बताया कि मेरा नाम संज्योती है. वो भी मंद मंद मुस्कुरा रही थी और मैंने लोवर पहन रखा था इसलिए मेरा तना हुआ लंड उसे साफ साफ दिख रहा था और में अपने लंड को दीवार से रग़ड़ रहा था और वो अपनी नजरे झुकाए शरमा कर मुस्कुरा रही थी और फिर इसी तरह हम छत पर हर रोज मिलने लगे. तभी मैंने एक दिन उससे उसका मोबाईल नंबर माँगा तो उसने मुझे अपना मोबाईल नंबर दे दिया. फिर हम रोज जब भी मौका मिलता फोन पर घंटो बातें करने लगे. फिर एक दिन मैंने उसे एक फिल्म देखने के लिए कहा लेकिन वो मना करने लगी शायद वो अपने घर वालो के डर से मना कर रही थी और मेरे बहुत समझाने पर वो थोड़ी देर बाद मान गई. फिर वो मेरे साथ फिल्म देखने के लिए सिनेमा हॉल गई. मैंने साइड की दो टिकट ली और हम लोग फिल्म देखने चले गये. फिर फिल्म चल रही थी और पूरे हॉल में अंधेरा था और एक बार एक चुंबन का सीन आया तो मेरी हालत बहुत खराब हो रही थी और संज्योती भी अपनी चूत को जीन्स के ऊपर से ही घिस रही थी. मुझे ये देखकर नहीं रहा गया और मैंने भी अपना लंड सहलाना शुरू किया.

 

दोस्तों  फिर अश्लील वीडियो में एक और सीन आया जिसमे लड़के ने लड़की को बेड पर लेटा दिया और उसके टॉप को उतार रहा था. तभी में अपने आप को रोक नहीं पाया और मैंने संज्योती का हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया.. लेकिन वो घबरा गई और उसने अपना हाथ हटा लिया. फिर भी में अपने लंड को अपने हाथ से रगड़ता रहा और इंटरवेल हो गया. तभी मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ तो मैंने सिनेमा हॉल के बाथरूम में जाकर मुठ मार ली. फिर हम लोगो ने फिल्म देखी और फिल्म खत्म होने के बाद हम घर की और चल दिए.. लेकिन रास्ते में उसने मुझसे बात नहीं की. फिर शाम को हम छत पर फिर से मिले तो मैंने उससे पूछा कि तुमने मुझसे आते समय बात क्यों नहीं की? तो उसने कहा कि तुम हॉल में तो खुद पर कंट्रोल कर लेते और इतना कहकर वापस नीचे चली गई. उसने मेरे फोन करने पर भी कोई संतुष्ट जवाब नहीं दिया ना ही ठीक से बात की.

 

तभी अगले दिन संज्योती के पिताजी मेरे पास आए और मुझसे बोले कि बेटा हम एक दिन के लिए कुछ काम से बाहर जा रहे है तो क्या तुम संज्योती का ख़याल रख लोगे? और उसे किसी भी चीज़ की ज़रूरत होगी तो ला देना. फिर मैंने कहा कि अंकल आप टेंशन मत लो.. में उसके सब कर लूँगा और फिर दिन में उनकी ट्रेन थी और उन्हे रेलवे स्टेशन छोड़ने में और संज्योती भी गये थे और हम उन्हे रेलवे स्टेशन छोड़कर घर पर वापस आ गये और मैंने घर पर पहुंच कर संज्योती से कहा कि किसी भी चीज़ की दिक्कत हो तो मुझे कॉल करना और इसी तरह शाम हो गई और मैंने संज्योती को फोन किया और कहा कि में खाना होटेल से लाकर दे देता हूँ.. तुम खाना मत बनाना. शाम को 7 बजे में ख़ाना पेक करवा कर उसके घर गया उसने दरवाजा खोला तभी में उस देखकर दंग रह गया.

 

संज्योती आज कुछ ज़्यादा ही हॉट और सेक्सी लग रही थी और उसे इस तरह से देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा.. उसका लोवर बहुत ही छोटा था जिससे उसकी जाँघ दिख रही थी. में तो पागल हो रहा था. फिर हमने साथ में खाना खाया और फिर उसने कहा कि उसे घर में अकेले डर लग रहा है इसलिए में आज उसी के यहाँ पर रुक जाऊँ. तभी मैंने कहा कि में चेंज करके आता हूँ और मैंने एक हॉलीवुड सेक्सी फिल्म की डीवीडी ले ली और उसके घर गया और हम लोग फिल्म देखने लगे और में बेड पर लेटकर फिल्म देख रहा था और धीरे धीरे मेरा लंड गरम हो गया और साथ साथ वो भी गरम हो गई और वो अपनी चूत को सहलाने लगी. तभी मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया.. लेकिन पहले तो उसने विरोध किया फिर मेरे कहने पर वो भी मेरा साथ देने लगी और में उसे गोद में उठाकर बेडरूम में ले गया और मैंने उसे बेड पर पटक कर उसके कपड़े उतार दिए और में उसके काले कलर की ब्रा में सफेद कलर के बूब्स को देखकर पागल हो गया और ब्रा के ऊपर से ही बूब्स पर टूट पड़ा और में उसके बूब्स को दबाने और चूसने लगा. वो भी आँहे भरने लगी ऊऊऊऊऊऊ अह्ह्ह्हह और कहने लगी कि और ज़ोर से दबाओ खा जाओ मेरे बूब्स को और में पागल की तरह बूब्स को चूस रहा था.

 

तभी मैंने ब्रा को बूब्स के ऊपर से हटा दिया.. लेकिन खोला नहीं क्योंकि मुझे लड़की कुछ कपड़ो में अच्छी लगती है. फिर मैंने उसकी चूत पर हाथ लगाया वो बहुत गीली थी. तभी मैंने उसका लोवर उतार दिया लेकिन उसने पेंटी नहीं पहन रखी थी. में तो चूत देखकर उसकी चूत का दीवाना हो गया क्योंकि मैंने आज तक कुवारीं लड़की की चूत नहीं देखी थी. तभी मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में लगा दी और चूसने लगा. तो मैं धीरे धीरे उसकी चूत में ऊँगली अंदर बाहर कर रहा था और वो आहाहह उउउ अहहाअ की आवाज कर रही थी. वो जोर जोर से चिल्लाने लगी वो पागल हो रही थी और सिसकियाँ ले रही थी आआआअहह में मर जाऊंगी आआआहह आज चोद दो मुझे लड़की से अपनी रंडी बना दो. मैंने लगभग 15 मिनट तक उसकी चूत चूसने के बाद अपनी पेंट उतारी और अपना लंड दिखाया तो वो देखते के साथ ही उसे मुहं में लेकर चूसने लगी और 5 मिनट तक चूसती रही.

 

मैंने अब अपना लंड उसकी चूत पर रखा और एक जोरदार धक्का लगाया तो मेरा लंड चूत में 1 इंच अंदर चला गया और वो चीखने लगी.. लेकिन मैंने उसकी एक ना सुनी और उसकी चूत में लगातार जोर जोर के धक्का लगाता रहा और फिर 3-4 शॉट के बाद मेरा आधा लंड उसकी चूत के अंदर था और वो दर्द से रो रही थी और कह रही थी कि प्लीज छोड़ दो मुझे और उसके बेड पर उसकी चूत से खून निकल कर गिर रहा था. फिर में उसका दर्द कम करने के लिए उसके बूब्स चूसने लगा. 10 मिनट बाद उसका दर्द कम हुआ. फिर मैंने दोबारा से धक्के लगाने शुरू किए में उसे सीधे लेटा कर चोद रहा था और 20 मिनट की जोरदार चुदाई में वो 2-3 बार झड़ गयी थी और अब मेरे झड़ने की बारी थी. तो मैं धीरे धीरे उसकी चूत में लंड अंदर बाहर कर रहा था और वो आहाहह उउउ अहहाअ की आवाज कर रही थी.

तभी मैंने उससे कहा कि में झड़ने वाला हूँ. तो उसने कहा कि प्लीज अंदर ही डालकर मेरी भोसड़े की गर्मी को शांत कर दो. फिर जोर जोर के धक्को के साथ ही उसकी चूत में झड़ गया और 10 मिनट तक उसके ऊपर ही लेटा रहा. फिर हम दोनों उठकर बाथरूम गये और उसने मेरा लंड चाट चाटकर साफ किया और अपनी चूत को भी धोकर साफ किया. मेरा लंड फिर से तनकर खड़ा था उसकी चुदाई करने के लिए और मैंने उसकी चूत को फिर से चोदा. उस रात हमने 3 बार चुदाई की और वो एक लड़की से एक औरत बन गई थी. फिर अगले दिन सुबह हम 10 बजे उठे और उसके पिताजी मम्मी शाम को आने वाले थे तो हम लोग एक साथ नहाए फिर हमने एक बार फिर चुदाई की और आज भी हमे जब मौका मिलता है हम चुदाई करते है. आज वह बुर मरवाने की शौक़ीन हो चुकी है.

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