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मजबूत लंड से सील तुड़वाई

Posted on:- 2021-08-19


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम तमन्ना है और मेरी उम्र 20 साल और मैं अपनी बीए की पढ़ाई गुजरात से कर रही हूँ, मेरे पापा एक सरकारी में टीचर है और मेरी माँ एक हाउस वाईफ है और मेरा एक छोटा भाई भी है. उसका नाम योगेश है और वो अभी अपनी 12th की पढ़ाई कर रहा है. मेरी हाईट 5.6 इंच मेरे फिगर का साईज 34-30-36 है और अभी तक मेरा कोई भी बॉयफ्रेंड नहीं था, लेकिन इस घटना के बाद वो भी मुझे मिल ही गया. उसने पहली बार में ही मुझे अपने लंड का स्वाद चखा दिया. दोस्तों इस घटना के बाद मेरा जीवन बिल्कुल बदल गया और अब ज्यादा टाईम बर्बाद ना करते हुए में अपनी कहानी बताती हूँ.

 

दोस्तों मैं जब कॉलेज में थी और अपने घर से दूर रहकर अपनी बीए की पढ़ाई पूरी कर रही थी, तब मेरे साथ मेरी बस में एक लड़का आता था, उसका नाम महेंद्र था और वो मुझसे 1 साल बड़ा था. दोस्तों वैसे तो में कभी भी किसी से बात नहीं करती थी, लेकिन में उसे जानती थी क्योंकि रोज हम दोनों साथ में एक ही बस में सफ़र करते थे.

 

एक दिन ऐसा हुआ कि में अपना पर्स अपने घर पर भूल गई और फिर जब बस में टिकट लेने के लिए मैंने बेग में देखा तो मुझे पता चला कि में पैसे साथ में नहीं लाई हूँ, महेंद्र यह सब देख रहा था और उसने दिन मेरे भी टिकट के पैसे दे दिए और फिर उस दिन से हम एक दूसरे से बातें करने लगे और जब में अपने कॉलेज के दोस्त के साथ कहीं बाहर घूमने जाती थी तो उसे भी अपने साथ बुला लिया करती थी, क्योंकि बातचीत करने के बाद से हमने अपना अपना मोबाईल नंबर भी एक दूसरे को दे दिया था. एक बार हम साथ में फिल्म देखने के लिए चले गये और मेरी पास वाली सीट पर महेंद्र बैठा हुआ था और दूसरी वाली सीट पर में और उसके पास वाली सीट पर मेरी दोस्त कोमल और उसका बॉयफ्रेंड बैठे हुए थे. फिर जब फिल्म शुरू हुई तो वो दोनों तो अपने में व्यस्त थे, आधे घंटे के बाद महेंद्र ने अचानक से मेरे हाथ पर हाथ रख दिया. मुझे भी अब अच्छा लगने लगा.

 

फिर उसके बाद वो मेरे हाथ पर अपना हाथ फेरने लगा, लेकिन पता नहीं क्यों में उसे मना नहीं कर सकी? और फिर उसने मुझे अपनी और खींचा और एक लिप किस किया. दोस्तों मेरा वो पहला लिप किस था. मुझे भी अब बहुत अच्छा लगने लगा और में भी उसका पूरा पूरा साथ देने लगी. फिर क्या था? यह सिलसिला कुछ देर तक चलता रहा और हम ऐसे ही एक दूसरे के बहुत नज़दीक आ गये. उसके बाद में हमारा हर रोज का घूमना फिरना और फिर किस करना लगातार हो गया. फिर एक दिन उसने मुझे अपने एक दोस्त की जन्मदिन की पार्टी में बुलाया और मैंने भी उसे वहां पर आने के लिए हाँ कह दिया, तो वो मुझे उसके एक दोस्त के फ्लेट पर ले गया.

 

मुझे लगा कि यहीं पर जन्मदिन की पार्टी होगी इसलिए महेंद्र मुझे यहाँ पर लाया है, लेकिन जब महेंद्र ने अपनी जेब से फ्लेट की चाबी निकालकर फ्लेट का ताला खोला तो मैंने देखा कि अंदर कोई नहीं था, तो में झट से समझ गई कि महेंद्र ने मुझसे झूठ बोला था कि उसके किसी दोस्त की जन्मदिन की पार्टी है और फिर मैंने तुरंत ही महेंद्र से इस बारे में पूछा तो उसने कहा कि यहाँ पर कोई नहीं है इसलिए में तुम्हे यहाँ पर लाया हूँ ताकि हम यहाँ पर शांति से बैठकर बात सकते है. फिर मैंने उससे मुस्कुराते हुए कहा कि चलो ठीक है और अब हम रूम के अंदर बैठे हुए थे और महेंद्र ने मेरा एक हाथ पकड़ा हुआ था.

 

फिर महेंद्र ने कहा कि कितनी गर्मी है और यह बात कहकर उसने मेरा दुपट्टा खींच लिया. वैसे मैंने तो जींस और टी-शर्ट पहनी थी, लेकिन बाहर से यहाँ आने तक आते समय चेहरे को छुपाने के लिए वो दुपट्टा में साथ में लाई थी. तभी उसने एकदम से अपना एक हाथ मेरे बूब्स पर रख दिया और धीरे धीरे दबा, सहला रहा था और अब में कुछ बोलूं उससे पहले उसने अपने होंठ मेरे होंठ पर रख दिए और में तो उसके किस में लीन थी और वो मेरे बूब्स और निप्पल को ज़ोर देकर दबा रहा था और अब उसने मेरी टी-शर्ट को भी उतार दिया, मैंने अंदर हरे रंग की ब्रा पहनी हुई थी और अब मुझे बहुत शरम आ रही थी, क्योंकि आज पहली बार में किसी लड़के के सामने ऐसे बैठी हुई थी और जब वो मेरी ब्रा को भी उतारने वाला था तो मैंने उससे कहा कि महेंद्र प्लीज ऐसा मत करो, हमको यह सब नहीं करना चाहिए.

 

महेंद्र ने कहा कि में तुम्हे बहुत प्यार करता हूँ. मैंने कहा कि हाँ में भी तुम्हे बहुत पसंद करती हूँ, लेकिन यह सब बिल्कुल गलत है, हमें यह सब अभी नहीं करना चाहिए, लेकिन वो तो अभी भी मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाए जा रहा था और में उससे अब कुछ भी बोल ना सकी और मैंने उसको वो सब करने दिया जो वो मेरे साथ करना चाहता था और अब उसने मेरी ब्रा और जींस दोनों को उतार दिया और अब उसने जल्दी से अपने कपड़े भी उतार दिए. अब वो मेरे सामने अंडरवियर और में उसके सामने अपनी पेंटी में थी. मेरी पेंटी अब अंदर से बिल्कुल गीली हो गई थी.

 

फिर महेंद्र ने मुझे बेड पर लेटा दिया और वो मुझे लगातार किस कर रहा था और फिर उसने अपना एक हाथ मेरी पेंटी में डाल दिया. मुझे बहुत रोमांच महसूस हुआ, क्योंकि यह सब मेरा पहली बार था और अब वो मेरी चूत पर अपना हाथ फेर रहा था. दोस्तों मेरी चूत पर हल्के हल्के से बाल थे और वो उसपर हाथ रगड़ रहा था और में उस अनुभव से छटपटा रही थी. फिर उसने मेरे एक हाथ को लेकर अपनी अंडरवियर में डाल दिया, जिसकी वजह से उसका तनकर खड़ा हुआ लंड मेरे हाथ में आ गया, लेकिन मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था कि इसके आगे मुझे क्या करना चाहिए?

 

फिर उसने मुझसे कहा कि तुम इसे ऊपर नीचे करो, तो में जैसा वो कहता वो सब करने लगी और अब उसने मेरी चूत में अपनी एक उंगली को डाल दिया, जिसकी वजह से मुझे बहुत दर्द हो रहा था और मज़ा भी आ रहा था, क्योंकि वो अपनी उंगली को मेरी चूत में पूरी तरह अंदर घुसाता और फिर एकदम से पूरा बाहर की तरफ खींचता, उसके ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने से मेरी छोटी सी चूत अब धीरे धीरे फैलने लगी थी. फिर में भी पूरे जोश से उसके लंड को ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी और थोड़ी देर के बाद मेरी चूत में से पानी निकल गया, लेकिन उसका अभी भी बाकी था.

 

फिर उसने मुझसे कहा कि थोड़ा और ज्यादा स्पीड से करो तो मैंने उसकी अंडरवियर को उतार दिया और में अब और भी स्पीड से उसका लंड हिलाने लगी. उसका लंड शायद 7 इंच का था और अब कुछ ही देर बार उसका भी पानी निकल गया और थोड़ा सा मेरे हाथ पर गिरा तो मैंने देखा कि वो बहुत बदबूदार था. फिर मैंने अपनी जींस से उसको साफ कर दिया और अब हम दोनों बेड पर ऐसे ही पड़े रहे, थोड़ी देर बाद वापस महेंद्र मुझे छू रहा था, लेकिन मुझे भी अच्छा लग रहा था. में भी फिर से उसके लंड पर हाथ फेरने लगी और फिर महेंद्र मेरे ऊपर आ गया और अब उसने मेरी पेंटी को निकाल दिया.

 

में उसके सामने बेड पर बिल्कुल नंगी पड़ी हुई थी. अब महेंद्र मेरे पूरे जिस्म पर हाथ फेरने लगा और मेरी चूत में उगली डालने लगा. सबसे पहले उसने अपनी एक उंगली डाली और बाद में दो और बाद में तीन, मुझे बहुत दर्द हो रहा था. फिर मैंने उसका हाथ पकड़कर रोक दिया, वो मेरे ऊपर आ गया और अपने लंड को मेरी चूत में डालने की कोशिश करने लगा.

 

मेरी कुंवारी चूत की यह पहली चुदाई थी इसलिए उसका लंड आसानी से अंदर जा नहीं रहा था. बहुत मेहनत के बाद उसका थोड़ा सा लंड चूत में चला गया, लेकिन मेरी तो एकदम बहुत ज़ोर से चीख निकल गई और मुझे लग रहा था कि मेरी चूत से खून भी बहुत निकलेगा और अब में बहुत कोशिश कर रही थी कि महेंद्र अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल ले, लेकिन वो तो वैसे ही मेरे ऊपर लेटा रहा और धीरे धीरे धक्के लगाने लगा.

 

फिर कुछ देर बाद मुझे थोड़ा सा दर्द कम हुआ और अब तक लंड आधा अंदर चला गया था. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और में भी उसका पूरा पूरा साथ दे रही थी और करीब दस मिनट में ही मेरी चूत से पानी निकल गया और अब में कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती थी. फिर मैंने महेंद्र को बोला कि प्लीज तुम अब अपना लंड बाहर निकालो, लेकिन वो मना कर रहा था कि मेरा अभी निकला नहीं है. फिर मैंने उसे समझाया कि हम यह सब बिना कॉंडम के नहीं कर सकते, इस तरह करने से समस्या बहुत ज्यादा होती है. में तुम्हारा अपने हाथ से हिलाकर निकाल दूंगी.

इसके बाद वो मेरी बात मान गया और फिर उसने अपना लंड मेरी भोसड़ी से बाहर निकाल दिया, तब मैंने देखा कि उसका लंड बहुत ही मोटा था और आगे से थोड़ा सा खून से भी गीला था जो मेरी चूत का था और फिर हम बाथरूम में गये और में महेंद्र के लंड को हाथ से हिलाने लगी और वो मुझे किस कर रहा था और अपने एक हाथ से मेरे बूब्स को दबा रहा था. फिर थोड़ी ही देर में महेंद्र का वीर्य निकल गया और वो एकदम शांत हो गया. फिर हम दोनों ने हाथ पैर धोए और फ्रेश होकर अपने अपने कपड़े पहन लिए. महेंद्र ने मुझे एक गिफ्ट भी दिया जिसमे एक नई टी-शर्ट थी. मैंने उसको हग कर लिया और एक लंबी सी किस दी और उसके बाद हम वहां से निकल गये और वो मुझे मेरे घर तक छोड़ गया. तो बुर के शौक़ीन लोगों यह थी मेरी पहली चुदाई अपने बॉयफ्रेंड के साथ.

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