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दोस्त की बहन के साथ सुहागरात

Posted on:- 2024-02-22


हेलो मेरा नाम तनुश है. मेरी उम्र 25 साल है. और दोस्त की सिस्टर जिसका नाम तनुजा था, उसकी उम्र 19 साल थी. उस समय मेरे मन में उसके लिए कभी ऐसा ख्याल नहीं आया था. मैंने उसे अपनी सिस्टर की तरह ही मानता था. हमारा घर अगल-बगल में होने की वजह से छत से सब साफ़ दीखता है. एक दिन, मैं छत पर किसी काम से गया. थोड़ी देर बाद, मेरी नज़र तनुजा के घर पीछे बने आंगन पर पड़ी. मैं एकदम से हैरान रह गया.. वहां तनुजा पूरी नंगी हो कर नहा रही थी. शायद उसके घर में कोई नहीं था. मैं काफी देर तक, मैं उसे नहाते हुए देखता रहा. पर उसकी नज़र उस पर पड़ गयी. मित्रों ये कहानी आप देशीअडल्टस्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं.

मैं तो उस समय डर ही गया था, कि कहीं उसने घर पर किसी को बता दिया, तो क्या होगा और जल्दी से मैं छत से नीचे आ गया. मेरे दिमाग से, वो पल जा ही नहीं रहा था. कि मैंने उसे नंगी नहाते हुए देखा था. उसके छोटे – छोटे निम्बू जैसे बूब्स और बिना बालो वाली चूत और उसका गोरा और चिकना मस्त बदन को याद करके मेरा लंड खड़ा हो गया. इसके बाद मैं स्नानघर में गया और बहुत देर तक मुठ मारी. बहुत बार मुठ मारने के बाद भी मैं, उस पल को नहीं भूल पाया. एकदिन, जब उसके घर में कोई नहीं था. तब मैं वहां गया और इधर – उधर की बातें करने लगा. शायद वो कम उम्र होने की वजह से वो बात भूल चुकी थी. पर मुझ पर तो हवस का नशा चड़ा हुआ था. मैंने बाते करते – करते अपना लंड बाहर निकाल लिया और ऐसे ही बैठे हुए बात करने लगा. वो थोड़ी घबरा गयी और दुसरे कमरे में जाने लगी.

मैंने उसका हाथ पकड़ा और बोला – तनुजा थोड़ी देर यहीं बैठे रहो. मैं कुछ नहीं करूँगा. तुमको हाथ भी नहीं लगाऊंगा. बस मेरे पास बैठ जाओ. वो घबराती हुई, मेरे पास बैठ गयी. उस समय भी मेरा लंड बाहर ही था. और बातें करते – करते, मैंने अपनी पेंट उतार दी. और उसके बगल में बैठ कर मुठ मारता रहा. मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था. उसके लिए ये सब नया था. पर शायद उसे भी अच्छा लग रहा था. बस थोड़ा घबरा रही थी. इसके बाद मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया. उसने अपनी आँखे बंद कर ली और लंड को जोर से पकड़ लिया. धीरे – धीरे वो उसको सहलाने लगी. क्या बताऊ यारो.. क्या मस्त अहसास था वो, जब वो अपने कोमल हाथो से मेरे लंड के साथ खेल रही थी. बहुत मज़ा आ रहा था. उसने मेरे लंड अपने दोनों हाथो से पकड़ा हुआ था और मेरे लंड को मसल रही थी.

हम दोनों एक दुसरे को किस करने लगे और किस करते हुए, वो मेरा लंड सहला रही थी और मैं उसकी टीशर्ट के अन्दर हाथ डाल कर उसके दूध दबा रहा था. हम दोनों बस शांत हो के, एक दुसरे के शरीर से खेल रहे थे. इसके बाद मैंने उसकी फरोक के अन्दर हाथ डाला और एक ऊँगली डाल कर उसकी चूत को सहलाने लगा. धीरे से पेंटी नीचे की और उसको बोला, मुझे चूत चाटनी है. वो शरमा गयी. मैंने उसकी टाँगे फैलाई और चूत को चाटने लगा, वो तड़प रही थी. इसके बाद हम अलग हुए और अपने कपड़े पहने और एक – दुसरे से चिपक के बैठ गये और वो रोने लगी. इसके बाद मैंने उसे शांत करवाया और भरोसे में लिया. कि किसी को कुछ नहीं बताना. उसके बाद, मैं घर चला आया. बड़ा अच्छा – अच्छा सा महसूस हो रहा था. उसको भी मेरा अहसास अच्छा लगा था.

इसके बाद हमे जब भी मौका मिलता, ये सब करते और एक दुसरे को खुश रखते. हमे तो बस मौका चाहिए था मज़े करने का. ऐसे दी काफी टाइम निकल गया. हमें जितना मौका मिलता, हम मज़े करते थे. लेकिन, कभी पूरा कुछ करने का मौका नहीं मिल पाया. एकबार भोपाल में, उसे कोई एन्तेरेंस एग्जाम देने जाना था. उसकी मम्मी ने मुझे उसके साथ भोपाल जाने के लिए बोला. क्योंकि उसका भाई बाहर जब करता था. मैंने भी सोचा, आखिर चोदने का मौका मिल ही गया और मैंने भी हाँ कर दी. हम दोनों ने रेजिर्वेशन करवा लिया. पर साथ में उसके साथ की लडकिया भी अपने भाइयो के साथ उसी ट्रेन में जा रही थी.

मित्रगणों ट्रेन में तो कुछ करना इम्पॉसिबल था. मैं और वो दोनों ही बहुत बैचेन थे और हर मौके का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाने के मूड में थे. इसके बाद रात होने पर जब सब सो गए. मैंने उसको कहा – टॉयलेट में जाना चुपके से. मौका देख कर उसके टॉयलेट जाने के बाद, मैं भी चला गया. गेट बंद था, टॉयलेट का अन्दर से. मैंने पूछा, कौन है? उसने कहा – मैं हु तनुजा. उसने गेट खोला और मैं अन्दर घुस गया. हम एक दुसरे पर टूट पड़ा. वो कहने लगी, इतने सालो का इंतज़ार कल पूरा हो जाएगा. कल मेरी सुहागरात है ना. मैंने कहा – हाँ. कल तुम्हारी सुहागरात है.

और तेरी चुदाई तेरा ये भैया करेगा. वो तो हॉर्नी हो चुकी थी. उसने जल्दी से मेरी पेंट उतारी और लंड तुरंत मुह में ले लिया. पूरा का पूरा लंड उसके गले तक पहुच चूका था. १० मिनट बाद, लंड में मलाई निकाली और सारा माल उसके मुह के अन्दर ही निकल गया. उसके होठो से मेरा जूस निकल रहा था. इस हालत में, वो ब्लूफिल्म की हेरोइन लग रही थी. इसके बाद उसने अपना मुह साफ़ किया, हमने कपड़े ठीक किये और इसके बाद हम बर्थ पर आकर सो गये.

मित्रगणों सुबह भोपाल पहुचे और एक होटल में किराये पर रूम लिया. रूम का गेट बंद करते ही, हम एक दुसरे से चिपक गये और एक दुसरे को किस करने लगे. मैंने उसे बोला – तनुजा, आज पहली बार, हम एक दुसरे के सामने पुरे नंगे होने वाले है. क्योंकि हमेशा उसके घर पर किसी ना किसी के आने का डर लगा रहता था. इसलिए ऐसा मौका कभी मिल नहीं पाया. वो कहने लगी, भैया मैं तो नंगी होने के लिए कब से तड़प रही हु. हमने जल्दी की और एक दुसरे को नंगा कर दिया.

आज पहला मौका था, जब हम बिलकुल नंगे हो के एक दुसरे से चिपके हुए थे. हम किस कर रहे थे. वो मेरा लंड पकड़ कर हिला रही थी और मैं उसके दूध पकडे हुए था.  मैं उसके दूध को पकड़ कर दबा रहा था और उसको चूस रहा था. इसके बाद उसको बिस्तर पे लिटा कर, मैंने उसके शरीर के हर हिस्से को चाटा और यू ही सो गये. शायद थकान ज्यादा थी, हमने चुदाई का प्लान रेस्ट के बाद बनाया था. हमारे पास टाइम बहुत था. इसके बाद शाम को नहा कर हम थोड़ा घुमने को निकले और मैंने उसको बहुत सारी शौपिंग भी करवाई. इसके बाद हम होटल वापस आ गये.

साथियों होटल आते ही उसने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए. जैसे कपड़ो से उसे एलर्जी हो. वो कहने लगी, भैया घर में तो हमेशा कपड़ो में रहती हु. यहाँ आपके साथ नंगी ही रहने का मन है. मैंने कहा – जैसे तुम्हारी मर्ज़ी. मैं भी नंगा हो गया और इसके बाद चालू हुई हमारी सुहागरात. हम ६९ में हो गये और वो लंड चूस रही थी. और मैं उसकी चूत को चाट रहा था. कभी आप भी ऐसा करके देखना, बड़ा मज़ा आता है. मैं थोड़ी देर बाद झड़ गया और सारा जूस उसके होठो से बाहर बहने लगा. पर उसने साफ़ नहीं किया और इसके बाद से लंड चूसने लगी.

साथियों अब मैंने अपनी उंगलियों से उसकी गद्देदार चूतर को कुरेदना चालू कर दिया. वो पहली बाद लंड को अपनी चूत में लेने वाली थी. पर इतने सालो में उसकी चूत को कुरेद – कुरेद कर थोड़ा खोल चूका था. पहली बाद, उसकी बुर पर अपना लंड टिकाया और उसे थोड़ा उंगलियों से फैला कर धीरे – धीरे अन्दर डालना चालू किया. उसे दर्द हो रहा था. पर वो चुदवाने के लिए उतावली हो रही थी. थोड़ी ही देर में, लंड पूरा उसकी चूत में समां गया और मैं झटके मारने तेज – तेज चालू कर दिए.

मेरा लंड उसकी बुर के अन्दर – बाहर बहुत ही तेजी से हो रहा था और उसके मुह से अहहाह अहहाह अहहाह अहहः करते हुए, मस्ती भरी सिस्कारिया निकल रही थी. उसकी सिसकारी सुनकर मुझे भी जोश आ रहा था और मैं उसको और भी तेजी से चोदने में लगा हुआ था. मैंने इसके बाद से उसकी चूत को मस्ती में पूरी रात चाटा और बार – बार चोदा. वो पूरी रात मेरी बाहों में लिपटी रही और मस्ती में मेरे से चिपकी रही. उसे सारी रात चोदने के बाद, सुबह उसे पेपर दिलवाया. आते टाइम हम दोनों ने बियर पी और वापस लौट आये.

मेरा एक दोस्त था तन्शु. मैंने अपनी और तनुजा की सुहागरात के बारे में उसे बताया, तो वो भी उसे चोदने की जिद करने लगा. इसके बाद मैंने उसके लिए तनुजा से बात की. तो पहले उसने बिलकुल मना कर दिया और इसके बाद मेरे जिद करने पर थोड़ा सोचने के बाद हाथ कर दी. इसके बाद, एकदिन उसने पेपर के बहाने शहर से बाहर जाने का शहर बनाया. हम तीनो ने एक होटल में रूम लिया और पुरे दिन और पूरी रात उसकी मस्त चुदाई की. उसके गद्देदार चूतर अलग से दिखाई देते है.

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