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ट्रेन में चुदाई की बरसात

Posted on:- 2024-04-08


नमस्ते दोस्तों क्या हाल चाल, मेरा नाम निशांत  है और मेरी उम्र 21 साल है. मेरी हाईट 5.5 फुट 9 इंच, फेयर एंड गुड लुकिंग. में हरियांणा  का रहने वाला हूँ और में अभी एम.बी.बी.एस IInd ईयर का स्टूडेंट हूँ. ये बात 3 साल पहले की जब में मोनाड यूनिवर्सिटी  से बी.ए कर रहा था. जब होली की छुट्टी लग गयी थी और में रात को 9 बजे सरयू एक्सप्रेस पर हापुड़  स्टेशन से बैठा था. मै एक नंबर का चुदकड़ लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है

 ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना अब 1-2 स्टॉप और आगे जाने के बाद ट्रेन बहुत ही ज्यादा भर गयी थी. अब में विंडो के पास वाली सिंगल सीट पर बैठा हुआ था और बाद में वैसे ही सो गया था. फिर करीब 1 घंटे के बाद मुझे लगा कि कोई मेरे पास आकर बैठ गया है, जो मेरे सीट पर थोड़ी सी जगह बची हुई थी वहाँ पर. फिर मैंने देखा कि वो बुर्क़े में एक मुस्लिम औरत थी, तो में फिर से सो गया. अब वो अपने एक हाथ से विंडो को पकड़ी हुई थी और उसका हाथ मेरी जांघो से धीरे-धीरे रगड़ रहा था और उसकी पीठ भी मेरे कंधो से रगड़ रही थी. अब मेरी नींद टूट गयी थी. चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए.

 अब सुनिए चुदाई की असली कहानी फिर मैंने अपना एक हाथ अपनी जांघ पर रख लिया जिससे उसका हाथ मेरी जांघो के ऊपर रखे मेरे हाथ से रगड़ने लगा था. अब मैंने धीरे-धीरे उसके हाथ की कोहनी को अपने हाथ से दबाना शुरू कर दिया था, लेकिन वो कुछ भी नहीं बोली. वहा का माहौल बहुत अच्छा था  दोस्तों.

 वहा जबरजस्त माल भी थी दोस्तों  मैंने थोड़ा ज़ोर लगाकर उसका हाथ मसलना शुरू कर दिया, तो वो फिर भी चुप ही रही. फिर मैंने धीरे-धीरे उसका हाथ मसलते हुए अपना एक हाथ उसके बुर्क़े के अंदर डालना शुरू कर दिया, वो अब भी बिल्कुल चुप थी. अब जब में उसकी चूची के पास पहुँचने की कोशिश कर रहा था, तो अंदर का कोई कपड़ा मेरे हाथ को रोक रहा था. फिर अचानक वो उठी और अपने हाथ को बुर्क़े के अंदर डालकर कुछ किया और फिर से बैठ गयी. ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा दोस्तों.

फिर जब मैंने दुबारा से अपना एक हाथ अंदर डाला तो मेरा हाथ बड़े आराम से अंदर चला गया. अब इस बीच ट्रेन के काफी लोकल पैसेंजर उतर गये थे और काफ़ी सीट भी खाली हो गयी थी. अब उसको मेरे पास से ना जाना पड़े इसलिए उसने सोने का बहाना कर लिया था. उह क्या मॉल था दोस्तों गजब.

अब में अपना एक हाथ अंदर डालकर उसकी बड़ी-बड़ी चूचीयों को दबा रहा था. अब इस बीच मैंने उसके निप्पल को ज़ोर से दबा दिया था. फिर वो बोली कि क्या करते हो? दर्द कर रहा है मेरे सरताज और वो धीरे से अपने हाथों को मोड़कर मेरे लंड को मेरी पेंट के ऊपर से ही मसल रही थी. उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये.

 उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है अब मुझे बहुत ही मज़ा रहा था. फिर मैंने बोला कि जानू मुझे तुम्हारे बूब्स पीने का मन कर रहा है. फिर वो बोली कि मेरे सरताज मन तो मेरा भी कर रहा है, लेकिन ट्रेन में कर भी क्या सकते है? तो मैंने बोला कि में पहले बाथरूम जाता हूँ और बाद में तुम चली आओ, वैसे भी पूरे डिब्बे में बस 4-5 लोग ही है, वो भी सो रहे थे. ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है.

 है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई फिर में उठकर बाथरूम में चला गया और थोड़ी देर में उसके आते ही मैंने उसका बुर्क़ा उठाया, तो मैंने देखा कि वो कोई 30-31 साल की गोरी सी मुस्लिम औरत थी. फिर उसने बताया कि उसके पति दुबई में रहते है. फिर मैंने दरवाजा लॉक करके उसका बुर्क़ा उतारा. उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था दोस्तों.

उसकी बूब्स  देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी अब काली ब्रा में उसके बूब्स गजब ढा रहे थे. फिर मैंने जल्दी से उसकी ब्रा भी उतारी और उसके बूब्स को तेज-तेज चूसने लगा. अब वो मस्त होकर बोलने लगी थी कि आहह जानू आज पूरा दूध पी लो, कुछ भी करो, काट डालो इसको, आज इसकी हर कसर पूरी कर दो मेरे सरताज, ये बहुत दिनों से सुलग रही थी, आज इसकी पूरी गर्मी तुम पी जाओ. अब में अपने दूसरे हाथ से उसकी सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत को रगड़ रहा था. दोस्तों मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु.

उसको पेलने की इच्छा दिनों से है दोस्तों अब वो मेरी पेंट की चैन खोलकर मेरे लंड को मेरी अंडरवेयर से बाहर करके खेलने लगी थी. अब वो मेरे लंड को ज़ोर-जोर से मसल रही थी. अब वो बड़बड़ा रही थी या अल्लाह लंड रखते हो या मूसल जिसकी चूत में जाता होगा वो तो पानी माँगने लगती होगी, सच सच बताओ आज तक अपने इस 10 इंच के लंड से कितनो को चोदा है मेरे सरताज? अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता दोस्तों.

 दोस्तों मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकाफिर उसने अपनी चूचीयों को मेरे मुँह से बाहर निकाला और जमीन पर बैठकर मेरे लंड को चूसने लगी. अब मेरा केवल 50% लंड ही उसके मुँह में जा रहा था, बाकी को वो किनारो से आइसक्रीम की तरह अपने दातों से काट-काकर चाट रही थी. फिर मैंने उसके मुँह में ज़ोर का एक धक्का दिया, तो वो खांसने लगी और बोली कि अल्लाह के लिए रहम कर, यह पूरा नहीं जा पाएगा, यह आधा ही मेरी हलक तक पहुँच रहा है. उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया दोस्तों  जैसे उसके चुत में माखन भरा हो.

 मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू    तब तक ठीक नहीं होता मैंने कहा कि जान अब मुझे तुम्हें चोदने का मन कर रहा है. फिर वो बोली कि मेरे सरताज मन तो मेरा भी कर रहा है, लेकिन यहाँ जगह कहाँ है? फिर मैंने कहा कि नीचे से अपने बुर्क़े को उठाकर अपने हाथ में पकड़कर वॉश बेसिन को पकड़कर झुककर खड़ी हो जाओ, बाकी में खुद कर लूँगा. फिर वो अपनी सलवार के नाड़े को खोलकर अपने बुर्क़े को अपने हाथ में पकड़कर झुककर खड़ी हो गयी. एक बात और दोस्तों चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है.

फिर मैंने उसकी ब्रा पेंटी जो वो पहले ही आधी भीग चुकी थी उतारकर नीचे बैठकर उसकी चूत को चूसने लगा और उस पर अच्छी तरह से अपनी जीभ रगड़ने लगा. उह यह उसकी नशीली आँखे में एक दम  चुदकड़ अंदाज है.

 दोस्तों देखने से लगता है की वो पका चोदा पेली का काम करती होगी  वो वो घुमा-घुमाकर अपनी चूत को और ज़ोर से रगड़ने लगी थी और सिसकियाँ लेकर बोलने लगी आहह बहुत मज़ा आ रहा है मेरे राजा, बस इसी तरह से रगड़ते रहो, अपनी जीभ भी अंदर डालो ना, मुझे ऐसा मज़ा तो आज तक कभी नहीं आया था, मेरी भोसड़ी को काट खाओ, मेरी चूत में बहुत गर्मी भरी पड़ी है, तुम सब चूस लो, हाँ ऐसे ही करते रहो और तेज जानू, मेहरबानी करके रुकना नहीं, नहीं तो मेरी जान निकल जाएगी. दोस्तों मुझे तो कभी कभी चुत के दर्शन मात्र से खूब मजा आता क्योकि मई पहले बहुत बार अपने मौसी के लड़की  को बिना पैंटी के देखा था  वाह क्या मजा आया था.

 अब बिना चुदाई के रह नहीं सकता था दोस्तों मै पागल सा हो गया  फिर मैंने खड़े होकर उसकी चूत के ऊपर अपने लंड को रगड़ना शुरू कर दिया. फिर वो बोली कि मेरे सरताज मेहरबानी करके जल्दी से अपना पूरा लंड अंदर डाल दो, अब मुझसे नहीं रहा जाता है, मेरे अंदर बहुत ज्यादा उलझन हो रही है, इसको अंदर डालकर मेरी पूरी गर्मी मिटा दो. मन कर रहा था कब इसे चोद लू मेरा लंड समझने  को तैयार नहीं था.

 ओह ओह ओह है कब लंड को घुसा दू ऐसा लग रहा था दोस्तों लेकिन फिर भी मैंने उसे तड़पाने के लिए अपना लंड अंदर नहीं डाला. तो वो खुद ही अपनी चूत को पीछे धक्का देकर मेरे लंड को अंदर लेने की कोशिश करने लगी और गिड़गिडाने लगी, देखो अभी कोई आ जाएगा तो कुछ भी नहीं हो पाएगा, प्लीज मेहरबानी करके पूरा एक बार में ही अंदर डाल दो ना, अब नहीं रहा जाता है. फिर मैंने अपना लंड एक झटके से उसकी चूत के अंदर डाल दिया, तो वो जोर से चिल्लाई या अल्लाहा मार डाला, पूरा एक साथ ही डाल दिया, इंसानो का लंड रखते हो या घोड़े का? मैंने सोचा पेलुँगा जरूर  कभी न कभी.

फिर मैंने उसकी चूचीयों को पीते हुए अपने लंड को धीरे-धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया, तो उसको आराम आना शुरू हो गया और फिर थोड़ी देर के बाद वो खुद ही अपनी गांड को पीछे धक्का देकर मेरा पूरा पूरा लंड अंदर लेने लगी और बड़बड़ाने लगी हाई पूरा निकाल करके एक साथ अंदर डालो ना जान, बहुत मज़ा रहा है, सच में आज तक मैंने ऐसा लंड कभी नहीं देखा. माल चुदाई के लिए तड़प रही थी दोस्तों.

 जब माल अच्छा हो तो कौन नहीं  चोदना चाहेगा  है न दोस्तों आज के बाद मुझे कोई घोड़ा भी चोदेगा तो दर्द नहीं होगा और तेज धक्का दे मेरे सरताज, मेरी पूरी गर्मी निकाल दो, आज मेरे भोसड़े को एकदम फाड़ दो, जब भी तुम मुझे मिलना तो हमेशा ऐसे ही इतने बड़े लंड से चोदना, सच में बहुत मज़ा आ रहा है, तुम्हारी कुंवारी प्रेमिका का क्या हुआ होगा? जब उसने तुम्हारे 10 इंच के लंड को अंदर लिया होगा. चोदने के बाद थोड़ा रिलेक्स हुआ भाइयो क्या गजब मजा आया.

 सेक्स करते समय बहुत मजा आया था दोस्तों फिर करीब ऐसा ही 15-20 मिनट चलता रहा और वो झड़ गयी. फिर वो बोली कि नहीं प्लीज अब इसमें मत करो, बहुत दर्द हो रहा है. फिर मैंने पूछा कि अब क्या करे? तो वो बोली कि मेहरबानी करके मेरी गांड में अपना लंड डालकर अपनी गर्मी मिटा लो, फिर से इतनी जल्दी मेरी चूत नहीं सह पाएगी.

फिर में उसकी टाईट गांड में अपना लंड डालकर करीब 5 मिनट तक रगड़ता रहा और फिर मेरा वीर्य निकलने के बाद हम दोनों अपने-अपने कपड़े ठीक करके वापस से अपनी सीट पर आ गये और चुपचाप बैठ गये. उसके लिप्स की चूसै यू ही चलती रही  दोस्तों.

 उसके बूब्स क्या मस्त थे दोस्तों अब मै क्या कहु दोस्तों  फिर करीब 1 घंटे के बाद हम फ़ैज़ाबाद पहुँच गये, तो मैंने धीरे से लास्ट बार उसकी चूची दबाई और मुस्कुरा दिया. फिर वो भी धीरे से मुस्कुराकर धीरे से बोली कि वाकई में आज बहुत ही ज्यादा मज़ा आया. फिर मैंने ट्रेन से निकलकर देखा तो उसके घर से स्टेशन पर कई लोग उसे लेने आए थे और फिर में अपने रास्ते चला गया और वो अपने रास्ते चली गयी. मैंने तय किया की चोद कर ही दम लूंगा दोस्तों मैंने ऐसी तरह न जाने कितने औरतो और लड़कियों बूर में चोदा पेली किया है कितनो चुत का भोसड़ा तक बना दिया और न जाने कितनो का तो सील तोड़ कर खून निकाल दिया.

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