क्या हाल चाल दोस्तों कैसे है आप सब आशा है अच्छे होंगे और चुदाई के जुगाड़ में होंगे, मेरा नाम प्रेम है और में फिर से आपके लिए एक बहुत अच्छी कहानी लेकर आया हूँ. ये उन दिनों की बात है जब में मुंबई से नॉएडा आया था और एक लिमिटेड कंपनी में काम करता था और में कंपनी में नया-नया आया था और मुझे अलीगंज में एक सरकारी मकान एक अख़बार की तरफ से अलॉट हो गया था और मेरा मकान ग्राउंड फ्लोर का था और वहाँ पानी की कोई प्रोब्लम नहीं थी. वहा का माहौल बहुत अच्छा था दोस्तों वहा जबरजस्त माल भी थी दोस्तों.
ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा दोस्तों मेरे ठीक ऊपर एक परिवार रहती थी और उस फैमिली का हेड एक सरकारी नौकरी में सचिवालय में काम करता था. उसकी छोटी बहन भी उसके साथ में ही रहती थी. उसका काम रोजाना सुबह वॉटर पंप नीचे ग्राउंड फ्लोर में लगाना था, तो तब जाकर पानी ऊपर टंकी में पहुँचता था, क्योंकि में उसके ठीक नीचे रहता था इसलिए जब भी वो पंप लगाती थी और ऊपर आवाज़ देकर कहती थी कि अब पंप लगा दिया है, पंप ऑन कर दो. उह क्या मॉल था दोस्तों गजब.
मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था दोस्तों अब ये सब रोज का काम था और मेरे बेडरूम की खिड़की के सामने से आवाज़ देती थी, तो में रोज सुबह 5 बजे उठ जाता था, क्योंकि वो थोड़ी सी मोटी थी, लेकिन हमेशा स्कर्ट में रहती थी. मुझे उसको हमेशा देखकर मन करता था कि में इसे कैसे पटाऊँ? फिर मैंने एक दिन हिम्मत करके जब वो ऊपर आवाज़ लगा रही थी, तो उसको लाईन दी. कुछ भी हो माल एक जबरजस्त था उसको देखकर किसी का मन बिगड़ जाये.
मॉल था चुदाई के लायक वो एकदम से मुस्कुराई और कुछ नहीं बोली, तो में समझ गया कि लाईन क्लियर हो गई है. अब वो जब भी ऊपर आवाज़ देती तो में अपने किचन की खिड़की पर खड़े होकर उसको लाईन देता था और वो हंसकर चली जाती थी. फिर उसके बाद मैंने उसे आँख मारनी शुरू की, तो वो भी मुझे आँख मारती थी, बस अब क्या था? अब में उसको चोदने का प्लान बनाने लगा था. मैंने सोचा पेलुँगा जरूर कभी न कभी.
अगर आप होते तो आप भी चुदाई के बारे सोचते रहते फिर ये सिलसिला कुछ हफ्ते तक ऐसे ही चता रहा और अब वो पहले सुबह 6 बजे पंप लगाती थी, लेकिन अब वो सुबह 5 बजे ही पंप लगाने आ जाती थी और मेरा भी रुटीन उसको देखकर बदल गया था. अब हम दोनों बड़े फ्रेंक हो गये थे और अब मुझे उसको कैसे भी करके चोदना था? अब वो भी मुझे चाहती थी, अब हम दोनों में बहुत बातें होती थी. माल चुदाई के लिए तड़प रही थी दोस्तों.
जब माल अच्छा हो तो कौन नहीं चोदना चाहेगा है न दोस्तों एक दिन में रात को थोड़ी देर से आया तो में देर तक सोता रहा और उस दिन जल्दी नहीं उठ पाया तो अचानक से उस दिन मेरी डोर बेल बजी तो मैंने एकदम से उठकर देखा, तो वो सामने खड़ी थी. फिर मैंने उसको एकदम से उसका हाथ खींचकर अंदर बुला लिया और फिर कुण्डी लगा दी. अब में भी काफ़ी डर रहा था, लेकिन अब जब वो अंदर आई ही गई थी तो मैंने उसको अपनी बाँहों में चिपका लिया और उसके होंठो पर किस करने लगा. उसके ओठ रसीले थे दोस्तों मॉल गजब था दोस्तों.
उसके लिप्स की चूसै यू ही चलती रही दोस्तों फिर वो ना-नुकर करके मज़ा लेती रही और अब मैंने उसको दीवार के सहारे खड़ाकर रखा था और अपने एक हाथ से उसका एक बूब्स भी सहला रहा था. अब वो थोड़ी सी गर्म हो गई थी और अब उसने अपना बदन थोड़ा ढीला कर दिया था. दोस्तों वो मदहोस थी चुदाई के लिए.
उसके बूब्स क्या मस्त थे दोस्तों अब मै क्या कहु दोस्तों मैंने उसके टॉप को ऊपर करके उसके बूब्स को काटना शुरू किया. अब वो बड़ी मस्त हो गई थी और मुझसे चिपक गई और कहने लगी कि प्लीज मुझे जाने दो, लेकिन वो पूरे मजे ले रही थी, लेकिन थोड़ी ना-नुकर करके वो एकदम से बोली कि में अगर ऊपर नहीं गई तो मेरा भाई मुझे तलाश करने नीचे आ जाएगा, प्लीज अभी मुझे जाने दो, में कल जल्दी आ जाउंगी तो तब जो करना हो कर लेना. मेरा मन चुदाई का था दोस्तों.
मैंने तय किया की चोद कर ही दम लूंगा मैंने भी सोचा कि अगर इसका भाई आ जाएगा तो बड़ी बदनामी होगी इसलिए मैंने उसको जाने दिया और जाते-जाते मैंने उसकी चूत को एक बार उसकी पेंटी के बाहर से जैसे ही पकड़ा, तो वो एकदम से मुझसे चिपक गई प्लीज मत करो, में कल जल्दी आ जाऊँगी, क्योंकि अब मुझे भी डर लग रहा था, इसलिए मैंने उसे जाने दिया. लेकिन पेलुँगा जरूर.
मै चुदाई के लिए बिल्कुल बेताब था दोस्तों अब मेरा वो दिन जल्दी नहीं कट रहा था, अब में सोच रहा था की कब ये रात आएगी? और कब में सुबह उसे चोदूंगा? और इसी उलझन में मुझे दिन बड़ा लगा रहा था और मेरा काम में भी मन नहीं लग रहा था तो में जल्दी घर आ गया और अपना रात का खाना बनाया और दारू पीकर सो गया, लेकिन अब मुझे नींद नहीं आ रही थी, लेकिन फिर में कब सो गया? मुझे मालूम नहीं चला. मुझे तो बस चुदाई की धुन सवार थी दोस्तों.
दिन रात बस चुदाई ही चुदाई ख्याल दोस्तों और कुछ नहीं अचानक से सुबह 5 बजे मेरी डोर बेल बजी और मैंने एकदम से दरवाजा खोला, तो वो सामने खड़ी थी. क्या गजब लग रही थी दोस्तों.
दोस्तों मॉल हो तो ऐसा वो अंदर चली आई, तो मैंने एकदम से दरवाजे की कुण्डी लगाई और उसको बेड पर लेकर बैठ गया. फिर मैंने उसको अपने से चिपकाया और उसके लिप्स पर किस करने लग गया और उसके बूब्स को भी दबाने लगा. फिर इसी दौरान मैंने उसे आधा बेड पर और आधा नीचे लेटा दिया और उसके ऊपर लेट गया और उसको किस करता रहा और उसके बूब्स को दबाता रहा. अब में मेरे एक हाथ से उसकी चूत को सहला रहा था.
लड़कियों की चुत मरने का मजा ही कुछ और है दोस्तों फिर मैंने उसे उठाकर पूरा बेड पर लेटा दिया, अब वो बिल्कुल मस्त हो गई थी और जैसे आज वो मुझसे ही चुदवाने आई थी. फिर मैंने धीरे से उसका टॉप खोल दिया और वो ना-नुकर करती रही, लेकिन में था की मान नहीं रहा था. मेरा लंड तनकर टाइट था दोस्तों.
मेरा लंड चुत में घुसने को तैयार था दोस्तों अब वो अपनी स्कर्ट में और ब्रा में लेटी थी और फिर मैंने उसकी ब्रा को भी खोल दिया. अब में उसके ऊपर से अपने एक हाथ से उसके एक बूब्स से खेल रहा था और एक बूब्स को अपने मुँह से चूस रहा था. चुची की चुसाई में क्या मजा है दोस्तों.
मै उसकी चूची पी रहा था उसने कोई ना-नुकर नहीं की, बस अहह वोह प्लीज जल्दी करो ना. अब क्या था? फिर मैंने जैसे ही उसकी चूत को पकड़ा, तो वो बिल्कुल तैयार बैठी थी. फिर मैंने उसकी स्कर्ट को ऊपर किया और उसकी पेंटी को नीचे करके उसकी दोनों टांगो से आज़ाद कर दिया और उसकी चूत को अपने एक हाथ से सहलाता रहा. अब उसकी आवाज़े आने लगी थी प्लीज जल्दी करो ना, वरना मेरा भाईईईईईईईईईईईईईईई आ जाएगाआआआआआआ, अब प्लीज और ना, प्लीज जल्दी करो. मेरा लंड ताबड़तोड़ चुदाई के लिए तैयार.
मै चुदाई के लिए बिल्कुल बेताब था दोस्तों फिर मैंने अपनी लूंगी खोली और अपना लंड उसकी चूत के ऊपर से रगड़ता रहा. अब वो चुदाई के लिए बिल्कुल तैयार थी. फिर मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डालकर जायजा लिया, तो वो बिल्कुल गीली हो रही थी. क्या रस भरी चुत थी दोस्तों मजा आ गया.
अब वो समय आ गया जब मुझे उसकी चुदाई करनी थी मैंने धीरे से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया, तो वो एकदम से चिल्लाई प्लीज निकालो दर्द हो रहा है, लेकिन मैंने उसे समझाया कि प्लीज थोड़ा सहन कर लो और फिर में धीरे- धीरे करके अपना काम करता रहा. अब वो भी मजे ले रही थी और ज़ोर-ज़ोर से आवाजे भी निकाल रही थी मेरे राजा प्लीज जल्दी करो ना, प्लीज और डालो अंदर, बड़ा मज़ा आ रहा है, प्लीज जल्दी करो. अब उसे चुदाई का मजा मिल रहा था दोस्तों.
मै उसकी चूची पी रहा था अब में भी उसके बूब्स को खा रहा था और उसकी चूत को जोर-जोर से चोद रहा था. अब हम दोनों तूफान के आखरी मोड़ पर थे और अब उसने मुझे अपनी दोनों टांगो से इतनी ज़ोर से पकड़ लिया था कि अब में भी ज़ोर से उसकी चूत में धक्के देने लगा था. फिर हम दोनों एक साथ झड़ गये और अब हम दोनों एक दूसरे से चिपके हुए थे और किस कर रहे थे. चोदने के बाद क्या थोड़ा रिलेक्स हुआ दोस्तों.
सच मुझे अब पता चला की चुदाई में कितना मजा है दोस्तों अब वो मेरे पूरे बदन पर किस कर रही थी और में उसके बूब्स से खेल रहा था. लड़कियों की चुत मरने का मजा ही कुछ और है दोस्तों.
फिर क्या था दोस्तों 20 मिनट के बाद वो उठी और कपड़े पहनकर चली गई. अब जब भी उसका या मेरा मन करता था, तो हम दोनों तैयार रहते थे और हमारी चुदाई सुबह 5 बजे ही होती थी. इस प्रकार हमने मस्त चुत की ताबड़ तोड़ चुदाई की और मजा लिया.