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रेखा की मस्त चुदाई

Posted on:- 2023-06-11


दोस्तों मै आप सब का हार्दिक अभिनंदन करता हु अपने बूर फाड् चुदाई की स्टोरी में. मेरा नाम राकेश है और मैं झारखण्ड  में रहता हूँ.. दोस्तों मैं बहुत दिनों से चुदाई की कथा  कहानियाँ पढ़ रहा हूँ और वो मुझे बहुत अच्छी लगती है और इसलिए मेरी भी इच्छा हुई कि मैं भी अपनी कहानी आप लोगों को सुनाऊं. मेरी उम्र अभी 28 साल है और यह कहानी 4 साल पुरानी है.. उस वक़्त मेरी उम्र 24 साल थी. दोस्तों मेरी एक गर्लफ्रेंड थी जो शक्ल से ज़्यादा सुंदर नहीं थी.. लेकिन उसका शरीर बिल्कुल मदहोश कर देने वाला एकदम चुदाई की कथा  था और मैं जब भी उसको देखता था तो मेरा लंड उसे देखते ही सलामी देने लगता था.  मै एक नंबर का चुदकड़ लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है या यु कह लीजिये की मै चोदा पेली का सरदार हु.

 

 ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना वो उस समय 21 साल की होगी और उसके चूचिया  कम से कम 35 के तो ज़रूर होंगे और वो मेरे पड़ोस में रहती थी. हमने कई बार फ्रेंच किस किया था और मैंने उसके चूचिया  को भी दबाया था.. लेकिन चूचिया  दबाते दबाते जब भी मैं उसकी चूत को छूना चाहता था वो एकदम से मुझे रोक देती थी. फिर मैं हर बार उसकी चूत छूने की उम्मीद में दोबारा छूने की कोशिश करता था.. लेकिन छू नहीं पता था. फिर एक दिन उसके परिवार के सभी लोग कुछ दिनों के लिए बाहर गये हुए थे और घर में, वो उसकी मम्मी और भतीजी रह गये थे और फिर मैंने देखा कि मौक़ा अच्छा है. तो मैंने उससे कहा कि मैं आज रात को तुम्हारे पास आऊंगा.. मुझे तुमसे कुछ ज़रूरी बात करनी है. चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए.

 

 वहा जबरजस्त माल भी थी दोस्तों  ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा दोस्तों फिर मैं रात होने का इंतजार करने लगा और अपना सभी काम खत्म करके अपने रूम में चला गया और सोने लगा.. लेकिन अब मुझे नींद कहाँ आनी थी. तो करीब एक बजे में उठा और उसके घर के पास गया और दरवाज़े पर हाथ रखा तो वो खुल गया.. शायद वो पहले से ही खुला था और फिर मैं धीरे धीरे सीधा अंदर चला गया. तो मैंने देखा कि रेखा आईने के सामने खड़ी अपने बाल बना रही है तो मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और उसके चूचिया  को दबाने लगा.. क्या चूचिया  थे उसके? एकदम मुलायम बड़े बड़े, मैं अपने दोनों हाथों से उसके दोनों चूचिया  को बारी बारी से दबा रहा था.. खुले बाल बिना दुपट्टे के बड़ी सी गांड एकदम चुदाई की कथा  पतली कमर.. मैं उसे ऐसे पहली बार देख रहा था. उह क्या मॉल था दोस्तों गजब  मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था दोस्तों.

 

 

 कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था  उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये मैं पीछे से चूचिया  दबा रहा था और उसकी गर्दन पर किस कर रहा था और फिर वो बोली कि बोलो क्या बोलना है? तो मैंने कहा कि तुम्हारी सुन्दरता को देखकर मैं सब कुछ भूल गया हूँ.. प्लीज आज मुझे अपने सुन्दर जिस्म का मज़ा लेने दो ना और वो शरमाते हुए बोली कि नहीं. तो मैंने कहा कि हाँ और इस तरह में लगातार उसके चूचिया  को दबाए जा रहा था और उसके निप्पल को मसल रहा था और साथ ही उसकी गर्दन पर किस किए जा रहा था.. वो क्या मस्त समा था और वो बार बार मुझे रोकने का नाटक कर रही थी.. लेकिन मैंने आहिस्ता आहिस्ता अब अपना एक हाथ उसकी कमीज़ के अंदर डाल दिया था और उसकी निप्पल को मसल रहा था और वो धीरे धीरे गरम हो रही थी.. उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है

 

 है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था दोस्तों वो अपनी ज़ुबान से कुछ नहीं कह रही थी. फिर मैंने उसकी कमीज़ को उतारना चाहा.. लेकिन वो मुझे रोक रही थी और आख़िरकार मैंने उसकी एक ना सुनी और ज्यादा देर ना करते हुए उसकी कमीज़ को उतार कर फेंक दिया. फिर अब बारी थी उसकी ब्रा की तो मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और वो एक हाथ से अपनी ब्रा संभाल रही थी और दूसरे हाथ से मुझे हटा रही थी.. लेकिन मैं इतना बड़ा कमीना उसकी कहाँ मानने वाला था और आख़िरकार मैंने उसकी ब्रा को भी उतार कर फेंक दिया और अब वो मेरे सामने ऊपर से बिल्कुल नंगी थी और मैं उसके चूचिया  देख रहा था.. जैसे तो में पागल ही हो गया क्या चूचिया  थे उसके? मैंने उन्हें दबाया तो बहुत था.. उसकी बूब्स  देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी  दोस्तों मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु

 

 उसको पेलने की इच्छा दिनों से है दोस्तों अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता दोस्तों मैं उनको खुला हुआ पहली बार देख रहा था और मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. मैं तो उसके चूचिया  को बार बार एक एक करके चूस रहा था और मस्ती में डूबा हुआ था और अब वो भी बहुत गरम हो गई थी और सिसकियाँ ले रही थी और मस्ती में आ गयी थी.. उसके मुँह से आ उहह की आवाज़ें बता रही थी कि वो कितना गरम हो चुकी है. तो आख़िरकार उसने ज़बान खोली और मुझसे कहा कि प्लीज अपनी पेंट उतारो ना. तो मैंने कहा कि क्यों तुम इसे नहीं उतार सकती? दोस्तों मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार.

 

 

 उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया दोस्तों  जैसे उसके चुत में माखन भरा हो फिर क्या था वो मेरी पेंट को खोलने लगी.. पहले बेल्ट फिर पेंट और आख़िरी में मेरी अंडरवियर.. मेरा जूनियर तो पहले ही बाहर आने के लिए बड़ा बैताब हो चुका था. बिल्कुल गरम लोहे के सरिए की तरह तनकर खड़ा था और उसकी चूत को सलामी दे रहा था. फिर जैसे ही उसने मेरे लंड को देखा उसके मुँह से आह निकल गयी.. बाप रे इतना बड़ा लंड में इसे नहीं ले सकती.. यह तो किसी जानवर की तरह है इससे तो मेरी चूत फट जाएगी. मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू    तब तक ठीक नहीं होता

 

 एक बात और दोस्तों चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है तो मैंने कुछ नहीं कहा बस किस करना शुरू रखा.. उसके चूचिया  और होंठ को किस करते करते बहुत वक़्त लग चुका था और अब मैंने अपना लंड उसे चूसने को कहा.. लेकिन पहले तो उसने मना कर दिया और फिर मेरे कई बार कहने पर धीरे धीरे चूसने लगी. मैं तो जैसे सातवें आसमान पर था और फिर आहिस्ता आहिस्ता मैंने उसकी सलवार को भी उतार दिया.. लेकिन वो पेंटी नहीं पहनती थी और उसकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे. फिर मैंने उसे लेटा दिया और फिर उसकी चूत को चाटने लगा.. वो आहह उफ्फ्फ सीईईईई चिल्ला रही थी.. उह यह उसकी नशीली आँखे में एक दम  चुदकड़ अंदाज है दोस्तों देखने से लगता है की वो पका चोदा पेली का काम करती होगी

 

दोस्तों चुत को चाटेने के  समय उसके बूर के बाल मुँह में आ रहे थे लेकिन इस बार वो मना करने की बजाए मेरा सिर अपनी चूत में दबा रही थी. इसका मतलब कि मुझे वो चूत चोदने को ज़रूर मिलेगी. फिर करीब 20 मिनट तक चूत चटवाने और उसके चूचिया  मसलवाने के बाद वो बोली कि आजा मेरे राजा अब मुझसे सहन नहीं होता प्लीज डाल दे इसे. मेरी प्यासी चूत में जो भी होगा देखा जाएगा. तो मेरा जूनियर तो पहले ही तैयार था और यह सुनते ही मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और वो ज़ोर से चिल्लाई.. लेकिन मैं उसी वक़्त उसे लिप्स किस करने लगा और उसे चिल्लाने से रोक लिया. दोस्तों मुझे तो कभी कभी चुत के दर्शन मात्र से खूब मजा आता क्योकि मई पहले बहुत बार अपने मौसी के लड़की  को बिना पैंटी के देखा था  वाह क्या मजा आया था.

 

 मन कर रहा था कब इसे चोद लू मेरा लंड समझने  को तैयार नहीं था . अब बिना चुदाई के रह नहीं सकता था दोस्तों मै पागल सा हो गया फिर धीरे धीरे मैं अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी और आज बड़ी मुश्किलों के बाद में अपना लंड उसकी टाईट चूत में डालने में कामयाब हो गया. वो चिल्ला रही थी और ज़ोर से और ज़ोर से फाड़ डालो इस चूत को बहुत दिनों से प्यासी है किसी रस के लिए. तो मुझे यह बात सुनकर बहुत मज़ा आ रहा था और सेक्स का मज़ा और भी बढ़ रहा था. मैं उसके चूचिया  को ज़ोर जोर से दबाने लगा. फिर मैं उसकी चूत की तरफ गया.. उसकी चूत पर थोड़े थोड़े बाल थे और फिर मैंने उसकी चूत के पास एक हाथ रखा और फिर एक ऊँगली उसकी चूत में डाल दी. तो उसके मुहं से एक जोर की चीख निकल गयी. मैं उसकी चूत चाटने लगा. ओह ओह ओह है कब लंड को घुसा दू ऐसा लग रहा था दोस्तों  मॉल था चुदाई के लायक.

 

मैंने सोचा पेलुँगा जरूर  कभी न कभी  माल चुदाई के लिए तड़प रही थी दोस्तों धीरे धीरे उसे और मज़ा आ रहा था. फिर मैं दो उंगली डालकर ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे करने लगा. फिर वो ज़ोर जोर से मेरा लंड हिलाने लगी और थोड़ी देर के बाद मेरे लंड ने भी उसके ऊपर अपना  वीर्य छोड़ दिया. फिर मैंने उसको उठाया और कमरे में ले गया उसको बिस्तर पर पटककर मैं उसकी चूत चाटने लगा और वो मेरा लंड चूस रही थी. फिर 10 मिनट के बाद अब उसकी चुदाई की बारी थी. फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के छेद के पास रख दिया और उसने बिस्तर पर लेटकर अपने दोनों पैर चौड़े कर लिए. जब माल अच्छा हो तो कौन नहीं  चोदना चाहेगा  है न दोस्तों.

 

 चोदने के बाद थोड़ा रिलेक्स हुआ भाइयो क्या गजब मजा आया  सेक्स करते समय बहुत मजा आया था दोस्तों अब मैं धीरे धीरे अपना लंड अंदर डालने लगा. आधा लंड अंदर गया तो मैंने एकदम से पूरा लंड एक जोर के धक्के के साथ अंदर डाल दिया.. उसकी चीख निकल गयी. उसकी चूत के वहाँ से खून आने लग गया फिर मैं ज़ोर ज़ोर से उसे चोदने लगा.. तो उसे भी दर्द के साथ साथ मज़ा आ रहा था. फिर मैंने अपना लंड निकाला और उसे कुतिया की पोज़िशन में बैठाया और उसकी गांड के छेद में अपना लंड धीरे धीरे धक्को के साथ डाल दिया और उसे चोदने लगा. उसके मुहं से आवाज़ आ रही थी. उसके ओठ रसीले थे दोस्तों मॉल गजब था दोस्तों  उसके लिप्स की चूसै यू ही चलती रही  दोस्तों.

 

 दोस्तों वो मदहोस थी चुदाई के लिए  उसके बूब्स क्या मस्त थे दोस्तों अब मै क्या कहु दोस्तों फिर मैं बिस्तर पर लेट गया और वो मेरे ऊपर आ गयी और मैंने अपना लंड उसकी गांड में डाल दिया और उसके चूचिया  चूसने लगा और उसे चोद भी रहा था. फिर एक घंटे तक हम एक दूसरे का मज़ा लेते रहे और फिर मैं उसकी चूत में ही झड़ गया और उसके ऊपर ही लेट गया. फिर थोड़ी देर बाद, मैं बाहर आया तो देखा कि कोई भी नहीं है सारे लोग सो रहे थे तो मैं भी चुपके से अपने घर पर जाकर सो गया और उस रात के बाद कभी मुझे सेक्स करने का मौका नहीं मिला.. लेकिन मुझे हमेशा अपना गुज़रा हुआ समय याद आता है मेरा मन चुदाई का था दोस्तों  मैंने तय किया की चोद कर ही दम लूंगा अब मैंने सोच लिया है जब भी मौका मिलेगा साला चोदना जरूर है चाहे किसी को भी अब मौसी की लड़की को चोदना वो कमसिन जवान हो गयी है.

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