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पूजा की पहली चुदाई दोस्त के रूम में

Posted on:- 2022-10-31


गुड मार्निग दोस्तों आप सब कैसे है, मेरा नाम प्रिंस है और मैं मुंबई  का रहने वाला हु. ये मेरी पहली स्टोरी है. अगर कोई गलती हो.. तो मुझे माफ़ कर देना. अब मैं स्टोरी पर आता हु. कहानी तब शुरू होती है, जब मैं 12 थ क्लास में पढाई कर रहा था. एग्जाम के दिन चल रहे थे. उसी वक्त मेरे भाई ने मुझे बताया, कि मेरे लिए एक लड़की का ऑफर आया है. उस लड़की का नाम पूजा था. पूजा मेरी पड़ोसन थी. वो एक हसीन बला थी और लुक में कमाल थी. उसको देख कर अच्छे – अच्छो का पानी छुट जाए, ऐसा था उसका फिगर 34 – 28 – 32. मेरे भाई की जुबान से पूजा का नाम सुन कर, मैं फुला नहीं समां रहा था और उस रात मुझे उसके खयालो में खो कर नींद भी नहीं आई. नेक्स्ट डे पूजा का कॉल आया और उसने मुझे हेल्लो कहा. मैं तो उसकी आवाज़ को सुनकर काफी खुश हुआ और कुछ बोल ही नहीं पाया. उसने कहा – मैं आपको पसंद करती हु. क्या आप भी मुझे पसंद करते हो? मै एक नंबर का चुदकड़ लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है.

 ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना तो मैंने कहा, कि ऐसी बातें फ़ोन पर नहीं, मिलकर की जाती है. तो हमने घुमने का प्लान बनाया. नेक्स्ट डे, हम मेट्रो से जेपी पार्क पहुच गए. मैंने एक गुलाब खरीदा और पार्क में अपने घुटनों के बल बैठ कर उसको “आई लव यू” कहा. वो बहुत खुश हो गयी और मुझे “आई लव यू टू” कह कर हग करने लगी. पूजा के हग करते ही, मेरी पूरी बॉडी में करंट सा दौड़ गया. उस दिन, हमने कुछ नहीं किया. सिर्फ ढेर सारी बातें की. अब हम धीरे – धीरे एक दुसरे के करीब आने लगे थे और हमने कई बार एक दुसरे को किस भी किया. लेकिन उसके आगे कुछ करने का मौका नहीं मिला. मैंने प्लान बनाया, कि पूजा को मेरे दोस्त के घर पर ले जाकर चोदा जाए. जिसके लिए वो भी मान गयी थी. हम दोनों मंडे को मेरे दोस्त के फ्लैट पर पहुच गए. जहाँ की चाबी मैंने सन्डे को ही ले ली थी. मैंने अन्दर अन्दर होकर डोर को लॉक कर दिया और पूजा से पूछा – अब क्या इरादा है? ये सुनते ही, वो मेरे सीने से लग गयी और फिर क्या था.. मैंने उसकी धीरे से किस करना शुरू कर दिया और फिर हम ऐसे ही किस करते रहे, जैसे की हम दौबारा ना मिलने वाले हो. चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए.


 वहा का माहौल बहुत अच्छा था  दोस्तों  किस करते – करते मैंने पूजा को बेड पर लिटा दिया और अब मैं उसके ऊपर आ था. अब मैंने उसको बूब्स को कपड़ो के ऊपर से ही दबाना शुरू कर दिया. वो सिस्कारिया ले रही थी. मैंने .उसका टॉप उतार दिया और ब्रा को हटा दिया. अब उसके बूब्स मेरे सामने थे एकदम नंगे. मैं उसके चूचो को कभी दबा रहा था और कभी चूस रहा था. पूजा और मैं हम दोनों ही अब कण्ट्रोल से बाहर होने लगे थे. क्योंकि दोनों का ही ये पहली बार था. मैंने उसकी पेंट को उतार दिया और उसकी पेंटी भी अलग कर दी. उसकी चूत मेरे सामने थी, जिसमे से कुछ गीला – गीला निकल रहा था. मुझसे रहा नहीं गया, तो मैंने उसकी चूत में ऊँगली डाल दी और वो एकदम से उछल पड़ी. अब मैंने उसको अपनी ऊँगली से चोदना शुरू कर दिया. कुछ देर में वो झड़ गयी और अब उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरे लंड को देख कर वो डर गयी और कहने लगी, ये नहीं जायेगा. मैंने कहा – चिंता मत करो. आराम से करूँगा. पूजा मान गयी. मैंने अब अपने सुपाडे को उसकी चूत पर सेट किया और एक धक्का लगाया. तो लंड कुछ अन्दर चले गया. तो एकदम से चिल्ला उठी… मर गयी…कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था.

उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये  तो मैंने अपने लिप उसके लिप्स पर रख कर किस करना शुरू कर दिया और उसकी आवाज़ को दबा दिया. इतना करने में भी उसकी चूत में से खून निकल आया था. मैंने उसको खून के बारे में नहीं बताया और फिर से एक और धक्का मारा और मेरा लगभग आधा लंड उसकी चूत के अन्दर पहुच गया. वो रोने लगी थी. पर उसकी आवाज़ मेरे मुह में ही दब गयी थी. वो ठीक से चिल्ला भी नहीं प् रही थी. मैं कुछ देर के लिए रुक गया और उसको शांत किया और उसके शांत होते ही, एक और जोर का धक्का लगा कर पूरा लंड अन्दर उतार दिया. वो अब मेरा साथ देने लगी थी. अब वो गांड उठा – उठा कर मेरा साथ दे रही थी. करीब १० मिनट में हम दोनों झड़ गए और ठन्डे हो गए. उस दिन हमने २ बार चुदाई की. उसके बाद, हमने अपने – अपने कपड़े पहने और हम दोनों घर वापस आ गये. पहली बार चुदाई करने के कारण, हम दोनों बहुत थके हुए थे और आते ही.. हम दोनों सो गए. नेक्स्ट डे, मेरी पूजा से बात हुई. मैंने उसको कल के बारे में पूछा, तो उसने कहा – उसको बहुत मज़ा आया और वो उसकी जिन्दगी का सबसे बड़ा दिन था और उसको सबसे बड़ा सुख मिला. उसने कहा कि वो मेरे साथ पूरी जिन्दगी बिता सकती है. उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है.

 ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है हम धीरे – धीरे और भी ज्यादा एडल्ट होने लगे. हम फ़ोन सेक्स भी भी करने लगे थे. मेरा मन अब उस को रोजाना चोदने का करने लगा था. पर रोज़ – रोज़ रूम मिलना मुश्किल था. एक दिन की बात है, उसके मम्मी पापा किसी काम से बाहर चले गये और वो शाम को वापस आने वाले थे. तो उसने मुझे बताया. तो मैं उसके पैरेंट के जाने के बाद, उसके घर में घुस गया और पीछे से उसे पकड़ लिया. वो डर गयी और चिल्लाई – कौन है? मैंने उसका मुह बंद कर दिया और उसको अपनी ओर घुमाया, ताकि वो मुझे देख सके. मुझे देखते ही उसके चेहरे पर चमक आ गयी और वो मुझे हग करने लगी. मैंने भी उसे जी भर कार हग किया और मैं उस दिन पूजा को ढंग से चोदने के मूड में था. मैंने उसको कमरे में बेड पर लिटा दिया और उसको पूरी नंगी कर दिया. कमरे की रौशनी में वो परी जैसी लग रही थी. मैं एक बोटल में आयल लेकर आया और अपने कपड़े भी उतार दिए. मैंने आयल उसकी पूरी बॉडी पर लगाया और अपने लंड पर भी. जिस से वो भी मेरे लंड की मसाज कर सके. है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई.

 उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था दोस्तों  अब मैंने उसके बूब्स और उसकी मसाज शुरू कर दी. धीरे – धीरे वो गरम होने लगी थी और वो भी मेरे लंड की जोर – जोर से मसाज कर रही थी. पूजा ने मेरा २५ मिनट में पानी निकाल दिया. अब मैं उसकी चूत की मसाज करने लगा. उसे भी बहुत मज़ा आने लगा था और श्श्श्स श्श्श्स की आवाज़े निकाल रही थी. मैंने ढेर सारा आयल चूत पर डाला और जोर – जोर से मसाज करने लगा. अब उसने भी अपना पानी छोड़ दिया था. अब हम दोनों से ही रहा नहीं जा रहा था. उसने कहा – आज जान निकाल दोगे क्या जान? अब नहीं रहा जा रहा है. डाल भी दो अब जल्दी से… मैंने फिर उसकी चूत में अपने लंड को डाल दिया और आयल की वजह से लंड आसानी से अन्दर चले गया. हमने उस दिन जमकर चुदाई और और ३० मिनट के बाद साथ – साथ झड गए. उस दिन मैंने उसको ३ बार चोदा और बहुत मज़ा किया. हम दोनों की शादी हो चुकी है. लेकिन उस दिन वाली सेक्स की फीलिंग मेरे लंड पर आज भी आग लगा देती है. तो दोस्तों, प्लीज मुझे बताना, कि आपको ये मेरी स्टोरी कैसी लगी. है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू    तब तक ठीक नहीं होता एक बात और दोस्तों चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है.

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