मुख्य पृष्ठ » चुदाई की कहानी » पहली चुदाई प्रियंका के साथ


पहली चुदाई प्रियंका के साथ

Posted on:- 2024-02-07


दोस्तों मै आप सब का हार्दिक अभिनंदन करता हु अपने बूर फाड् चुदाई की स्टोरी में,गुड मार्निग दोस्तों आप सब कैसे है,क्या हाल चाल दोस्तों कैसे है आप सब आशा है अच्छे होंगे और चुदाई के जुगाड़ में होंगे , मेरा नाम इन्द्रजीत  है और में अभी एक कॉलेज में बीटेक का स्टूडेंट हूँ. दोस्तों में आज आप सभी लोगों को अपनी एक असली कहानी सुनाना चाहता हूँ और यह मेरी पहली कहानी है. दोस्तों में एक अच्छा दिखने वाला लड़का हूँ, मेरी हाईट 5.10 इंच है और में अभी 22 साल का हूँ. अब हम लोग और टाईम खराब ना करते हुए अपनी कहानी पर आते है. मै एक नंबर का चुदकड़ लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है.
 ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना यह बात उन दिनों की है जब में अपना 12th के पेपर दे चुका था और मैंने साथ ही साथ इंजिनियरिंग की तैयारी भी की थी तो मैंने अपना सेंटर भुवनेश्वर ही डाला था और में वहीं से अपनी पड़ाई कर रहा था और में वहां पर एक हॉस्टल में रहता था. लेकिन पढ़ाई ख़त्म होने के बाद मेरे कॉलेज वालों ने मुझसे मेरा रूम खाली करने के लिए बोला तो मैंने अपने लिए एक घर खोजना शुरू कर दिया और आप लोगों को पता ही होगा कि किसी भी अंजान लड़के को एक महीने के लिए घर मिलना बहुत ही मुश्किल है. चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए.
 वहा का माहौल बहुत अच्छा था  दोस्तों  फिर मेरी परेशानी को देखते हुए मेरे कॉलेज के एक सर ने मुझसे कहा कि उनके अपार्टमेंट में एक फ्लैट खाली पड़ा हुआ है लेकिन वो सिर्फ एक ही रूम का है. तो मैंने उनसे झट से हाँ कह दिया और फिर सर ने मकान मालिक से वो फ्लैट मुझे देने की बात की. लेकिन मकान मालिक साफ साफ मना कर रहा था और फिर मैंने सर से मकान मालिक का मोबाईल नंबर ले लिया. वहा जबरजस्त माल भी थी दोस्तों.
 ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा दोस्तों मैंने उनसे अपने पापा की आवाज में बात की और मैंने उनको अपनी बातों से अपनी तरफ झुका लिया और फिर में वहाँ पर अगले दिन ही अपना सामान लेकर चला गया. लेकिन मेरा रूम सबसे ऊपर वाली मंजिल पर था जिसमे मुझे अपना सामान ले जाने में बहुत दिक्कत हुई, लेकिन मैंने सब काम खत्म कर दिया और मैंने वहां पर जाते ही आंटी को 6000 रूपये रूम के किराए के हिसाब से दे दिए. उह क्या मॉल था दोस्तों गजब .


 मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था दोस्तों आंटी ने मुझसे बोला कि अभी इसकी क्या ज़रूरत थी? मैंने बोला कि पैसे की ज़रूरत इस पूरी दुनिया में सिर्फ दो ही लोगों को नहीं है उनमे से एक है कुबेर महाराज और दूसरी लक्ष्मी जी. तो उन्होंने मेरी तरफ मुस्कुरा दिया और में अपने रूम में चला गया और मैंने देखा कि मेरा रूम बहुत अच्छा था. उसमे एक बालकनी, एक किचन और एक बाथरूम था और बालकनी को देखकर लग रहा था कि जैसे वो रूम अभी अभी किसी ने साफ किया था. कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था.

 उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये तो में रूम में अंदर गया और दरवाजा बंद कर लिया फिर दस मिनट के बाद मुझे मेरे दरवाजे पर एक नॉक सुनाई दी और जब मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि एक बहुत ही सुंदर लड़की वो लगभग मेरी उम्र की थी. मैं तो उसे देखता ही रह गया, उसके भूरे भूरे बाल थे जो कि हवा के चलने से लहरा रहे थे, उसकी आँखें नीली थी, उसका रंग दूध की तरह सफेद था. उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है.

  ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है उसने मुझसे कहा कि यह लो अपने कमरे की चाबी और रूम को कभी भी खुला छोड़कर जाने के लिए मना किया. तो मैं तभी समझ गया कि वो मकान मालिक की कुछ लगती है और तब मेरे दिल में उसके लिए कोई भी गलत बात नहीं थी और इसके बाद धीरे धीरे ऐसे ही दिन गुज़रते गये और में अपनी पढ़ाई करता रहा. लेकिन मुझे नहीं पता था कि आंटी मुझ पर अपनी नजरें रखती है और में हमेशा अपनी बालकनी में ही पड़ता था और वो मुझे छत के ऊपर से पड़ते हुए देखती थी. तो एक दिन वो मुझसे आकर बोली कि क्यों ना में उनकी बेटी को भी पढ़ा दिया करूं क्योंकि उसका भी उसी समय एग्जाम था और फिर मैंने हाँ कर दिया. है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई.


 उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था दोस्तों दोस्तों उसका नाम प्रियंका था और वो दिखने में बहुत सुंदर थी, उसके जिस्म को देखकर हर किसी का लंड पानी छोड़ दे, उसके बड़े बड़े बूब्स, बड़ी सी गांड मुझे अब अपनी तरफ  आकर्षित करने लगी थी. में मन ही मन उसको चोदने के बारे में सोचने लगा था और अब मेरी आंटी से भी बहुत अच्छी दोस्ती हो गई थी और वो मुझे एक बहुत अच्छा लड़का मानती थी (में एक अच्छा बच्चा दिखता भी था. लेकिन किसी के अंदर से किसने देखा है) आंटी ने मुझे कई बार अपने घर पर खाने पर भी बुलाया और अब धीरे धीरे प्रियंका से मेरी बातचीत बढ़ने लगी. उसकी बूब्स  देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी.

 दोस्तों मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु में उससे कई बार हंसी मजाक किया करता और वो मुस्कुराया करती और वो मेरी एक बहुत अच्छी दोस्त बन गई थी और में उसे किसी भी बहाने से छेड़ता था और वो भी मुझे उसका जवाब देती थी. फिर वो धीरे धीरे मुझे रात रात भर अपनी पढ़ाई की समस्या के बहाने फोन करके मुझसे बात किया करती थी और मैंने लगभग एक हफ्ते में उसे 90% तक पटा लिया था. तो एक दिन मैंने सुना कि अंकल 15 दिनों के लिए कहीं बाहर जा रहे थे और उस समय में प्रियंका रातभर एक दूसरे से फोन पर बात किया करते थे, मैंने और उसने अपने अपने दिल की सभी बातें एक दूसरे से कह दी थी. अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता  दोस्तों.

 दोस्तों मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार फिर एक दिन आंटी को एक पार्टी में जाना था और वहां पर उनका जाना भी बहुत जरूरी था और उस समय घर पर अंकल भी नहीं थे और प्रियंका ने भी वहां पर जाने से साफ साफ मना कर दिया, क्योंकि उसके सर में बहुत दर्द था और उसकी वजह से आंटी को अब अकेले ही जाना पड़ा और फिर उनके जाने के कुछ देर बाद ही प्रियंका ने मुझे कॉल किया और वो मुझसे बोलने लगी कि उसे केमिस्ट्री में कुछ समझ में नहीं आ है, तो मैंने उससे कहा कि तुम ऊपर ही आ जाओ और जैसे ही वो ऊपर आई उसने दरवाजा बजाया और मैंने अपना दरवाजा खोला तो में उसे देखकर बहुत खुश हुआ, क्योंकि वो उस दिन बहुत ही सुंदर लग रही थी. उसने लाल कलर की टॉप, काली कलर की केफ्री जीन्स पहनी हुई थी और वो भी एकदम टाईट जिसकी वजह से उसके बड़े गोल गोल बूब्स और बड़ी सी गांड का पूरा आकार दिख रहा था और उसने अंदर की तरफ ब्रा भी नहीं पहनी हुई थी जिसकी वजह से उस दिन उसके बूब्स की निप्पल एकदम साफ साफ दिख रही थी. उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया दोस्तों  जैसे उसके चुत में माखन भरा हो.

 उसको देखने बाद साला चुदाई भूत सवार हो जाता दोस्तों मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू    तब तक ठीक नहीं होता  दोस्तों उसके फिगर का साईज़ 36-32-36 था तो मैंने उसे अंदर आने के लिए बोला और वो अंदर आ गई और पलंग पर बैठ गई. लेकिन उसका ध्यान भी अब पूरा मेरी तरफ था. तो मैंने कुछ देर बाद उसकी केमिस्ट्री की समस्या को खत्म कर दिया तभी अचानक वो मुझसे आकर .लिपट गयी और पागलों की तरह मुझे किस करने लगी और में तो कोमा में चला गया था, दो मिनट तक में समझ ही नहीं पाया कि मेरे साथ यह हो क्या रहा है? एक बात और दोस्तों चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है.

 उह यह उसकी नशीली आँखे में एक दम  चुदकड़ अंदाज है  फिर कुछ देर बाद मैंने भी उसका साथ दिया और में भी उसे ज़ोर ज़ोर से किस करने लगा. तो कुछ देर बाद मैंने उससे कहा कि हमे कोई इस तरह से देख लेगा तो बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी. फिर उसने कहा कि अपार्टमेंट में कोई भी नहीं है सब लोग पार्टी में गए हुए है. फिर मैंने उसकी गर्दन को चूमा वो तो एकदम पागल सी हो गई. फिर मैंने उसके होंठो को धीरे धीरे अपने होंठो से दबाया और उसके बाद मैंने उसके मुहं में अपनी जीभ को डाल दिया और उसने मेरी पेंट में हाथ डालकर मेरा लंड पकड़ लिया जो कि एकदम लोहे के सरिय की तरह सीधा और टाईट हो गया था. दोस्तों देखने से लगता है की वो पका चोदा पेली का काम करती होगी.

 दोस्तों चुत को चाटेने के  समय उसके बूर के बाल मुँह में आ रहे थे फिर मैंने उससे कहा कि क्यों तुम तो इस काम में बहुत अनुभवी लगती हो? तो उसने मुस्कुराकर कहा कि उसका यह पहला मौका है. फिर मैंने कहा कि में भी अभी तक वर्जिन हूँ. लेकिन आज रात के बाद नहीं रहूँगा तो वो ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी और इतना कहने के बाद मैंने अपने एक हाथ को उसकी टी-शर्ट के अंदर डाल दिया और उसके बूब्स दबाने मसलने लगा और टी-शर्ट के ऊपर से ही बूब्स को चूमने लगा. तो वो अब धीरे धीरे अहहउफफफफफ्फ़ आउुऊुकुऊउक्ककचह आईईईइईईइ की आवाजें निकालने लगी और उसके बाद मैंने उसकी टी-शर्ट को उतार दिया और उसके निप्पल को चूमने चूसने लगा और निप्पल के चारों तरफ मैंने अपनी जीभ को घुमाना शुरू कर दिया वो अब बिल्कुल गरम हो चुकी थी. दोस्तों मुझे तो कभी कभी चुत के दर्शन मात्र से खूब मजा आता क्योकि मई पहले बहुत बार अपने मौसी के लड़की  को बिना पैंटी के देखा था  वाह क्या मजा आया था.


 अब चुदाई करने को  १००% तैयार थी फिर मैंने अपने और उसके बाकी के सारे कपड़े उतार दिए और अब हम दोनों एकदम नंगे हो गये और में अपना मुहं उसकी चूत के पास ले जाकर उसकी चूत का दाना चूसने लगा और एक हाथ से उसके बूब्स को भी दबा रहा था और एक हाथ से उसकी चूत में उंगली कर रहा था. वो तो एकदम अपने होश खो बैठी और मैंने अपना लंड उसके मुहं में डाल दिया और वो इतनी अच्छी तरह से मेरे लंड को चूस रही थी कि में आप सभी को शब्दों में क्या बताऊँ कि में उस समय जन्नत की सैर कर रहा था और उसके कुछ देर बाद मैंने उसे ज़मीन पर लेटा दिया. मन कर रहा था कब इसे चोद लू मेरा लंड समझने  को तैयार नहीं था.

 अब बिना चुदाई के रह नहीं सकता था दोस्तों मै पागल सा हो गया  फिर उसकी दोनों जांघो को थोड़ा फैलाकर में वहाँ पर ठीक उनके बीच में बैठ गया और अब में उसकी गरम चूत पर अपना लंड रगड़ रहा था और उसके बाद में उसके ऊपर चड गया और अपना पहला धक्का अपने पूरे दम और जोश के साथ लगाया तो वो एकदम ज़ोर से चिल्ला उठी. तो मैंने अपना मुहं उसके मुहं से सटा दिया और अगले धक्के पे धक्के मारे जिसकी वजह से मेरा लंड और थोड़ा चूत के अंदर गया और अब मुझे भी बहुत दर्द हो रहा था और अब उसकी चूत से खून निकलने लगा था. ओह ओह ओह है कब लंड को घुसा दू ऐसा लग रहा था दोस्तों.

 सेक्स करते समय बहुत मजा आया था दोस्तों  फिर भी मैंने उसे लगातार करीब बीस मिनट तक चोदा और फिर में उसकी चूत में झड़ गया, लेकिन उस रात मैंने उसे पूरे तीन घंटे तक चोदा, उस दौरान में 2 बार झड़ चुका था और में अपना सारा माल उसकी चूत में छोड़ता गया और वो इस दौरान तीन बार झड़ गयी थी. फिर मैंने कुछ घंटो के बाद उसे उसके घर पर चोदा, वो मुझसे बहुत ज्यादा संतुष्ट थी, क्योंकि मेरा लंड 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा था और उसकी चूत में पूरा फिट आ गया. वो मुझसे उस दिन के बाद रोजाना चुदवाया करती थी. दोस्तों मैंने ऐसी तरह न जाने कितने औरतो और लड़कियों बूर में चोदा पेली किया है कितनो चुत का भोसड़ा तक बना दिया और न जाने कितनो का तो सील तोड़ कर खून निकाल दिया और न जाने कितनी को तो कुवारी में ही माँ बना दिया  और मैं चोदा पेली करने के लिए कही भी और किसी भी हद तक जा सकता हु और तो और मैंने अपने गांव के किसी भी औरत और छोड़ा नहीं है जो नहीं मानती थी उनके साथ जबरजस्ती चोदा पेली किया हु  सोचिये मैं ऐसा हरामी चोदूबीर आदमी हु दोस्तों.

What did you think of this story??






अन्तर्वासना इमेल क्लब के सदस्य बनें


हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !


* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।