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परियों के साथ चुदाई का मजा

Posted on:- 2021-07-29


मेरे प्यारे मित्रो, मेरा नाम रिन्कुश  है और आज में आपके साथ अपना एक अनुभव शेयर करना चाहता हूँ. में 22 साल का हूँ और मेरा एक दोस्त आत्मज्ञान  है. उसका घर मेरे घर के पास में ही है, वो मेरा सबसे अच्छा दोस्त है.

 अब उसे चुदाई का मजा मिल रहा था मित्रों आत्मज्ञान  के चाचा उदमपुर गाँव में रहते थे, वो जून जुलाई की छुट्टियों में वहाँ जाता था. उसने मुझे भी साथ ले जाने की बहुत कोशिश की, लेकिन में पढाई में बिज़ी रहता है अपने असाइनमेंट्स पूरे करता था, लेकिन एक बार में उसको मना नहीं कर पाया. फिर हम दोनों उसके चाचा के पास चले गये, वो गाँव पहाड़ो में था, हर तरफ जंगल ही जंगल था, वहाँ बहुत कम लोग रहते थे. सच मुझे अब पता चला की चुदाई में कितना मजा है मित्रों.

 इस प्रकार हमने मस्त  चुत की ताबड़ तोड़ चुदाई की और मजा लिया और आप वहाँ पहुँचकर उसने मुझे पूरा जंगल दिखाया, लेकिन शाम होने से पहले वो मुझे वापस ले आया इसका कारण था कि गाँव वाले मानते थे कि अगर रात को कोई जंगल में जाता है, तो उसे परियाँ उठाकर ले जाती है और वो कभी वापस नहीं आता है. फिर कई गाँव वालों ने ऐसी ही अपने घर में हुई घटनाओं की बात बताई, अब में तो डर गया था. सुनकर आपका लंड खड़ा हो जायेगा मित्रों.

 मेरा लंड ताबड़तोड़ है और एक अच्छी चुत के तलाश में है  फिर आत्मज्ञान  ने बताया कि वो परियाँ सिर्फ़ कुंवारे लड़के ही चाहती है और उसने बताया कि परियाँ लड़कों को उठाकर अपने पैलेस में ले जाती है और वहाँ वो उसके साथ सेक्स करती है. अब में डर गया था, लेकिन सेक्स की बात सुनकर वो भी परियों के साथ मुझे काफ़ी अच्छा लगा था. अब हम अंदर रज़ाई डालकर सो गये थे. अब में परियों के बारे में ही सोच रहा था तो मुझे पता ही नहीं लगा कि कब मुझे नींद आ गयी? तो मैंने सपने में देखा कि में और आत्मज्ञान  जंगल में है. उसकी चूची क्या गजब लग रही थी मित्रों.

 उसकी चूची का उभार गगजब था   मित्रों  अब रात हो गयी थी, अब हम वापस गाँव की तरफ चल रहे थे कि आसमान में एक सफ़ेद रंग की लाईट आई, अब हम डर गये थे. फिर थोड़ी देर के बाद जब रोशनी कुछ कम हुई तो मैंने देखा कि दो खूबसूरत लड़कियाँ सफेद ड्रेस में हमारे सामने खड़ी थी. मैंने ऐसी सुंदरता पहले ज़िंदगी में कभी भी नहीं देखी थी, वो परियाँ थी. उसकी बूब्स क्या मन को मचला रहे थे मित्रों.

 मन कर रहा था उसकी चूची पकड़ कर पी जाऊ मित्रों उन्होंने हम दोनों को पकड़ा और हमें आसमान में ले गयी, अब हमारी आखें बंद थी. फिर जब हमारी आँखें खुली तो हमने देखा कि हम पैलेस में है, वहाँ सोने-चाँदी का कीमती सामान था, वो पैलेस बहुत सुंदर था, तो तभी मुझे एक मीठी सी आवाज सुनाई दी. उसकी चुत का टेस्ट नमकीन और मादक था मित्रों बस चाटा जाओ.

बिंदु देवी – उठो मेरे राजकुमारो, उठो.

वो सब परियों की बिंदु देवी थी, वो गजब की सुंदर थी और बोली

बिंदु देवी – डरो नहीं, हम तुम्हें कुछ नहीं करेंगे, लेकिन जब तुम हमारी बात मानोगे.

तो मैंने कहा कि मुझे सब मंज़ूर है, आप जो कहेगे में करने को तैयार हूँ.

बिंदु देवी – अच्छा है, आज तुम हम सबको मजा दोगे.

फिर मैंने कहा कि हाँ में आप सबको अपना सब कुछ दूँगा जो भी आपको चाहिए, आप कह सकती है.

बिंदु देवी – सहेलियों, दूसरे लड़के को जो ले जाना चाहती है ले जाए, लेकिन ये मेरा है.

तो तभी 3-4 परियाँ आत्मज्ञान  को उठाकर एक कमरे में ले गयी और दरवाज़ा बंद कर दिया.

बिंदु देवी – सुनो सहेलियों पहले में मजा लूँगी बाकी बाद में आना.

परियाँ – जो हुकुम आपका बिंदु देवी जी.

बिंदु देवी – तो सबसे पहले अपना नाम बताओं?

तो मैंने जवाब दिया – रिन्कुश .

बिंदु देवी – मेरा नाम यसमीन है.

तो मैंने कहा कि बहुत अच्छा नाम है जी.

बिंदु देवी – अच्छा मेरा शरीर कैसा है?

तो मैंने कहा कि कपड़ों में तो आप सुंदर लग ही रही है, बिना कपड़ों के तो?

बिंदु देवी – काफ़ी समझदार हो, चलो अपने ऊपर के कपड़े उतारो.

तो तभी मैंने अपने कपड़े उतार दिए.

बिंदु देवी – चलो अपने नीचे के कपड़े भी उतारो.

फिर मैंने झट से अपने नीचे के कपड़े भी उतार दिए.

बिंदु देवी – अच्छा है, चलो अब पूरे नंगे हो जाओ.

अब मेरा लंड खड़ा था, अब मैंने अपना अंडरवेयर भी उतार दिया. अब में सभी परियों के बीच में बिल्कुल नंगा खड़ा था.

फिर उसने मेरा खड़ा लंड देखकर कहा कि

बिंदु देवी – तुम्हारा लंड बहुत अच्छा है, बहुत मजा आएगा.

अब में ये सुनकर गर्म हो गया था.

बिंदु देवी – चलो अब मैंने तुम्हें खुला छोड़ा और अगर तुमने मुझे संतुष्ट किया तो तुम मरने से बच जाओगे, वरना?

 उसकी चूची पीते पीते तनकर लाल हो गयी  मैंने बहुत सी ब्लू फिल्म देखी थी, मैंने कभी सेक्स तो नहीं किया था, लेकिन लड़कियों का माल कैसे निकालते है? मुझे पता था.

 मै एक चुदकड़ लड़की हु मित्रों  मुझे हमेशा चुदाई भूख रहती मित्रों  उसकी बूर मदमस्त हो गयी मित्रों उह उह उह उह  फिर में उसके करीब गया, अब में उसके शरीर में पूरा खो चुका था. फिर मैंने पहले उसे अपनी बाँहों में लिया और उसके पूरे बदन पर अपना एक हाथ फैरा, वाह कैसा मखमल का बदन था? यारों में बता नहीं सकता, रेशम सी गांड. फिर मैंने उसके होंठो से अपने होंठ चिपका लिए. अब हम दोनों की जीभ एक दूसरे से मिल रही थी. मुझे चुदाई के  बारे सोचकर मै मदहोश हो जाती हु साथियो मुझे   हमेशा  मोटे लड की जरूरत रहती है.

  मित्रों मोटे लैंड से चुदाई करने का मजा कुछ और है मेरी चुत हमेशा लैंड की प्यासी रहती है मित्रों मैंने बहुत कसकर किस किया, उसके होंठ मलाई की तरह थे जिससे मेरे होंठ फिसले जा रहे थे. अब मुझे एक परी के साथ किस करके बहुत मजा आया था. फिर मैंने उसके बूब्स को दबाया आहह क्या नाज़ारा था? गोल-गोल बूब्स, वो भी मखमल की तरह. फिर मैंने उन्हें दबाया और उसके कपड़ों के ऊपर से ही उसकी निप्पल को स्पर्श किया. अब उसे बहुत मजा आ रहा था और ऐसी आवाजे कर रही थी. मित्रों मैंने बहुत बार चुत मरवाई है.

बिंदु देवी – आह, हाँ, आहह, उफफफफफफफफफफफफफफफ्फ.

 मित्रों मुझे गांड मरवाने मजा आता है मित्रों फिर मैंने उसके ऊपर के कपड़े उतार दिए, वाऊ मजा आ गया नंगे बूब्स, गोरे-गोरे, गोल-गोल, बड़े-बड़े. अब मेरा तो पानी निकलने वाला था. अब में उसकी चूचीयों को चूसने लगा था. अब में एक-एक करके उसकी चूचीयाँ चूस रहा था. मित्रों मुझे लड  चाटने में मजा आता है मित्रों

 मित्रो कभी मोटे लड  से गांड मारा देखिये कितना मजा आता मित्रों  अब सभी परियाँ ये सब देख रही थी. अब मुझसे और रहा नहीं जा रहा था तो मैंने उसके नीचे के कपड़े भी उतार दिए तो मैंने एक अलग नजारा देखा, वाह क्या चूत थी? कोई बाल नहीं, कमसिन चूत लग रही थी, उसकी गांड तो और भी चाँद लगा रही थी. फिर मैंने उसे उठाकर पलंग पर लेटा दिया और उसकी पूरी बॉडी को चूमना शुरू कर दिया. अब उसे बहुत मजा आने लगा था और वो बोली मेरे प्यारे मित्रो इस प्रकार हमने बहुत बार चुदाई करा के मजा लिया और चोदा पेली की साडी हदे पार कर दी मित्रों.

बिंदु देवी – और चूसो और चूसो, आहह मजा आआआआ आ रहा है.

फिर मैंने उसकी चूत के छेद को चाटना शुरू कर दिया, तो वो तो गर्म हो गयी.

बिंदु देवी – मुझे ऐसा नज़ारा पहले किसी ने नहीं दिया, अब में तुम्हारी हूँ, मज़े से मेरी चूत मारो और खुद भी मजा लो.

 मन कर रहा था कब इसे चोद लू मेरा लंड समझने  को तैयार नहीं था अब मुझे जोश आ गया था तो मैंने कहा कि पहले मेरा लंड को चूसो, तो उसने मेरा लंड अपने मुँह में डाल दिया और अपना मुँह आगे पीछे करने लगी थी. अब मुझे बहुत मजा आ रहा था तो मैंने कहा कि और ज़ोर से चूसो मेरी रानी और ज़ोर से और फिर में उसका सिर पकड़कर धक्के मारने लगा. अब बिना चुदाई के रह नहीं सकता था मित्रों मै पागल सा हो गया.

 ओह ओह ओह है कब लंड को घुसा दू ऐसा लग रहा था मित्रों  अब मेरा माल निकलने वाला था तो मैंने थोड़ी देर में ही उसके मुँह में अपना माल छोड़ दिया और वो मेरा पूरा माल पी गयी. फिर मैंने उसे घुमाया और उसकी गांड को देखा तो मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. फिर मैंने उसे अपनी टाँगें खोलने के लिए कहा और अपना लंड उसकी चूत के छेद पर रख दिया. मैंने सोचा पेलुँगा जरूर  कभी न कभी.

बिंदु देवी – डाल दो अंदर, मुझे मजा दो, मुझे चोदो, मेरी चुदाई करो.

 जब माल अच्छा हो तो कौन नहीं  चोदना चाहेगा  है न मित्रों  फिर मैंने एक ही धक्का मारा तो मेरा पूरा लंड उसकी मखमल सी चूत में चला गया. उसकी चूत बहुत मुलायम थी इसलिए मुझे बहुत मजा आ रहा था. अब मुझे एक परी की चूत मारकर बहुत मजा आ रहा था. अब में धक्के लगाए जा रहा था, अब में मजा ले रहा था उफफफफफफफ्फ, आह. चोदने के बाद थोड़ा रिलेक्स हुआ भाइयो क्या गजब मजा आया.

बिंदु देवी – हाआआआअन, आहह, चुदाई करो और तेज मारो, हाआँ, आहह, म्म्ममममममम.

 सेक्स करते समय बहुत मजा आया था मित्रों.
 अब सभी परियों ने अपने कपड़े खोल दिए थे. अब में बिंदु देवी के बूब्स दबा रहा था और बीच-बीच में उसके होंठो का रस भी पी रहा था, उसके निप्पल बहुत टाईट थे. अब में किसी बच्चे की तरह उसके दूध पी रहा था, एक परी के बूब्स का रस. अब वो भी अपनी गांड हिला-हिलाकर चुदवा रही थी. फिर मैंने उसको पकड़कर अपने ऊपर लेटा दिया. उसके ओठ रसीले थे मित्रों मॉल गजब था मित्रों.

 उसके लिप्स की चूसै यू ही चलती रही  मित्रों अब मेरा माल फिर से निकलने वाला था, लेकिन उसका एक बार भी नहीं निकला था. फिर में नीचे लेट गया और वो मेरे ऊपर आ गयी और में उसके चूतड़ों को अपने दोनों हाथों से पकड़कर उसे ऊपर नीचे कर रहा था. फिर थोड़ी देर के बाद उसे भी समझ में आ गया और उसे मजा आने लगा. फिर वो खुद ही उछल-उछलकर मुझे चोदने लगी. उसके बूब्स क्या मस्त थे मित्रों अब मै क्या कहु मित्रों.

 मेरा मन चुदाई का था मित्रों  अब मेरा माल निकलने लगा था तो मैंने उसकी चूत में ही अपना माल छोड़ दिया, लेकिन वो उछलती रही और मेरे गर्म माल को अपनी चूत के अंदर महसूस करके उसे बहुत मजा आया. फिर तभी मैंने देखा कि उसका शरीर अकड़ रहा है. अब में समझ गया था तो मैंने भी धक्के तेज-तेज लगाने शुरू कर दिए, तो थोड़ी देर के बाद उसका भी माल निकला और वो मज़े से चिल्ला उठी. मैंने तय किया की चोद कर ही दम लूंगा.
बिंदु देवी – आहह मालल्ल्ल्ल्लल्ल्ल्ल आहहहहहह गई.

 मै चुदाई के लिए बिल्कुल बेताब  था  मित्रों अब उसने अपना माल छोड़ दिया था. फिर जब उसका गर्म-गर्म माल मेरे लंड को लगा, तो मेरा लंड फिर से तन गया. अब में उसके जिस्म के नज़ारे लूटकर मदहोश हो रहा था. फिर तभी वो उठी और उसने कहा कि तुमने मुझे संतुष्ट किया है, तुम्हें जो माँगना है माँगो. अब में तो उसके बदन पर फिदा था और मुझे उसकी गांड चाहिए थी तो मैंने उससे कहा कि मुझे आपकी गांड मारनी है. मुझे तो बस चुदाई की धुन सवार थी मित्रों.

बिंदु देवी – अच्छा, लेकिन मजा जरूर देना.

 मुझे बूर की मादक खुसबू आ रही थी जो मुझे पागल कर रहे थे  तो मैंने कहा कि में आपको इससे भी ज़्यादा मजा दूँगा और फिर मैंने कहा कि अपनी गांड मेरी तरफ करके लेट जाओ और अपनी गांड को ऊपर रखना, तो वो लेट गयी, तो मैंने पहले अपनी जीभ से उसकी गांड के रस का स्वाद लिया और जब उसकी गांड गीली हो गयी, तो मैंने अपना लंड उसकी गांड के छेद पर रख दिया. अब मेरा लंड एकदम तना हुआ था, फिर मैंने एक हल्का सा धक्का मारा. दिन रात बस चुदाई ही चुदाई ख्याल मित्रों और कुछ नहीं.

बिंदु देवी – आहह, धीरे-धीरे आआआहहहहहह.

 सच कहु तो वो चुदाई तो तरस रही थी दो  फिर मैंने एक और धक्का लगाया तो मेरा आधा लंड उसकी रेशम जैसी गांड के अंदर चला गया. मेरा लंड उसकी बूर को चिर कर आगे निकाल रहा था.

बिंदु देवी – आहह में मर गयी, हाईईईईईईईईई धीरे.

मैंने उसकी बूर का सील तोड़ दिया मित्रों  फिर मैंने एक और धक्का मारा तो मेरा पूरा लंड अंदर चला गया और मेरे मुँह से आहह, उम्म्म्मममम की आवाज़ें निकलने लगी. फर्स्ट टाइम चुदाई में सील टूटती है तो थोड़ा तो दर्द होगा ही.

बिंदु देवी – आहह फाड़ दी मेरी गांड, धीरे आहह.

 लंड घुसाने में लग रहा था बस चुत फैट ही जाएगी मित्रों  फिर में कुछ देर ऐसी ही रुका, तो उसकी गांड और मेरे लंड का मिलन ठीक तरह से हो गया और फिर में धीरे- धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा. अब उसे भी बहुत मजा आ रहा था. क्या गजब लग रही थी मित्रों.


 क्या रस भरी चुत थी मित्रों मजा आ गया  बिंदु देवी – हाँ आह चोदो मेरी गांड को, अभी तक मेरी गांड किसी ने नहीं मारी है, मजा दो, आह, आहह, आई लव यू, आहह मेरे राजकुमार मेरी गांड मारते रहो. लड़कियों की चुत मरने का मजा ही कुछ और है  मित्रों.

 मेरा लंड तनकर टाइट था मित्रों  अब में ऐसा सुनकर और भी मज़े में आ गया था और उसके चूतड़ो को अपने दोनों हाथों से कस-कसकर धक्के मारने लगा था, आआआहहहहहहह क्या गांड है? मैंने ऐसी गांड पहले किसी की नहीं मारी थी, मेरी बिंदु देवी ऐसी ही चुदवाओ मुझसे, आहह, आई लव गांड, आहह. मेरा लंड चुत में घुसने को तैयार था मित्रों.

 चुची की चुसाई में क्या मजा है मित्रों अब पच-पच की आवाजे आने लगी थे, मुझे सचमुच ही उसकी गांड बहुत अच्छी लग रही थी. अब वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. फिर मैंने देखा कि वो अपना पानी निकाल चुकी है, तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई और ज़ोर-ज़ोर से बिंदु देवी परी की गांड फाड़ने लगा था और फिर कुछ देर के बाद मैंने अपना पूरा माल उसकी गांड के अंदर ही छोड़ दिया और फिर में उसके ऊपर ही लेट गया. फिर थोड़ी देर के बाद बिंदु देवी उठी और बोली. मै उसकी चूची  पी रहा था अब वो समय आ गया जब मुझे उसकी चुदाई करनी थी मित्रों वो बुल्कुल मादक शराब जैसी लग रहे थी मन कर रहा अभी पी  लू इस प्रकार हमने मस्त  चुत की ताबड़ तोड़ चुदाई की और मजा लिया और आप.

बिंदु देवी – तुमने मुझे बहुत अच्छा चोदा है, कई सालों के बाद मेरी प्यास बुझी है, में तुमको छोड़ देती हूँ और इतना कहकर बिंदु देवी अपने कमरे में चली गयी.

 सुनकर आपका लंड खड़ा हो जायेगा मित्रों  फिर बाकी परियाँ मेरे लंड के पास आ गयी, तो मैंने देखा कि वो 3 परियाँ थी. अब एक परी मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी थी, दूसरी मुझे अपने होंठो का रस पिला रही थी और तीसरी मेरी गांड को चाट रही थी. अब मुझे इतना माज़ा आया था कि मैंने उसके मुँह में ही अपने लंड का माल छोड़ दिया था. तो तभी मुझे आत्मज्ञान  की आवाज़ सुनाई दी. मेरा लंड ताबड़तोड़ है और एक अच्छी चुत के तलाश में है.

आत्मज्ञान  – उठो रिन्कुश , उठो, सुबह हो गयी है, जल्दी उठो यार, में तुम्हारे लिए चाय लाता हूँ.

अब में सोच रहा था कि यार क्या सपना था? वो सपना आज भी मुझे याद है. मै सोचता हु की मुझे ऐसा सपना रोज आये बड़ा मजा आया.

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