मुख्य पृष्ठ » चुदाई की कहानी » पहलवान से चुदाई अँधेरे में


पहलवान से चुदाई अँधेरे में

Posted on:- 2023-10-27


नमस्कार दोस्तों और सुनाइए कैसे आप सब दोस्तों मै आप सब का हार्दिक अभिनंदन करता हु अपने बूर फाड् चुदाई की स्टोरी में, ये कहानी एक ग़रीब लड़की की है. श्वेता  एक ग़रीब घर की लड़की थी, जिसके माँ बाप काम करने वाले थे. श्वेता  के दो बहनें थी. एक का नाम सोनाली  और दूसरी का नाम ममता था, वो दोनों बहनें दिखने में सुंदर दिखती थी और काफ़ी स्मार्ट भी थी, परंतु श्वेता  दिखने में ज्यादा सुंदर नहीं थी और गली के लड़के भी श्वेता  की तरफ ज्यादा नहीं देखते थे, श्वेता  सबसे छोटी थी. श्वेता  बहुत ही छोटे कद की और दुबली पतली लड़की थी. बेचारी 25 साल की होकर भी 20 साल की लगती थी. उसकी दोनों बहनें स्मार्ट होने के कारण लड़के भी उन्ही की तरफ ज्यादा देखते थे. श्वेता  मन ही मन में अपने आपको कोसती रहती थी. ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना.

 चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए उनके पड़ोस में एक पहलवान रहता था, जिसका नाम राजवीर  था, श्वेता  की दोनों बहनें उससे चुदाई करवाती थी. एक दिन रात के 12 बजे श्वेता  की नींद खुल गई, श्वेता  पेशाब करने के लिए बाहर जाने लगी तो श्वेता  ने देखा कि सोनाली  और ममता दोनों घर में नहीं थी और इधर उधर देखा तो वो कहीं नज़र नहीं आई. तो श्वेता  को शक हो गया कि दोनों कहीं पास वाले राजवीर  से तो नहीं, श्वेता  का शक सही निकला. जैसे ही श्वेता  धीरे-धीरे से अखाड़े की तरफ चलने लगी तो राजवीर  पहलवान की और उसकी दोनों बहनों की आवाज तेज़ी से सुनाई दे रही थी, मगर कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. ममता की चीखने की आवाज़, आआआआअहहाअ उूऊऊऊउउउ उसके बाद में सोनाली  की आवाज आई ओही ओहो आआहाआ बहुत अच्छा लग रहा है, मुझे राजवीर  और ज़ोर से चोदो मुझे, तुम्हारा बहुत बड़ा लंड है. तो सोनाली  बोली अरे धीरे से बोलो वरना श्वेता  जाग जायेगी, तो राजवीर  बोला आने दो ना उसे भी, में उसे भी चोद डालूँगा. एक ना एक दिन उसे भी चोदना ही है ना. अब सुनिए चुदाई की असली कहानी.
 

 वहा का माहौल बहुत अच्छा था  दोस्तों  ये सुनकर श्वेता  एकदम गर्म हो गयी, आज के पहले श्वेता  ने अपने बारे में किसी से इस तरह की ऐसी बात नहीं सुनी थी और वो सीधी घर में चली गयी और सोने लगी, लेकिन श्वेता  को नींद .नहीं आ रही थी. उसको बार-बार उसी राजवीर  की बात याद आ रही थी कि कैसा होगा उसका लंड, कैसा दिखता होगा, कैसे लेती होगी दोनों बहनें उसको, वैसे श्वेता  ने लंड के बारे में सुना ज़रूर था और पेशाब करते लड़को का देखा भी था, लेकिन किसी का स्पर्श नहीं किया था. फिर उसने अपने सलवार का नाडा खोला और अपना हाथ वहां ले गयी जहां हर लड़की सेक्स में आकर पहुँच जाती है. श्वेता  ने देखा तो उसकी चूत से इतना पानी निकल चुका था कि आज के पहले कभी नहीं हुआ था, उसकी नींद बिल्कुल गायब हो गयी थी. ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा दोस्तों.

 मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था दोस्तों  फिर उसने अपनी उंगली चूत में डाल दी और आगे पीछे करने लगी और अब उसे मज़ा आने लगा था. वो बार-बार उंगली को आगे पीछे करने से वो झड़ गयी और उसका पानी निकल गया. फिर थोड़ी देर के बाद दोनों बहनें वापस आकर सो गयी तो श्वेता  भी सो गयी थी. दूसरे दिन जब श्वेता  नींद से जागी तो उसे रात के बारे में ख्याल आया तो नहाते समय उसने और एक बार उंगली से नहाते समय पानी निकाल लिया और दोनों बहनों को इस बात का पता तक नहीं लगने दिया और कॉलेज चली गयी, मगर उसे बार-बार राजवीर  का ही ख्याल आ रहा था. श्वेता  दुबली पतली और छोटे कद की होने के कारण उसके मन में हमेशा डर सा लगा रहता था तो वो डर भी निकल चुका था, क्योंकि उसे एक चाहने वाला मिल गया था. फिर दिनभर उसे एक ही ख्याल आ रहा था आख़िर उसकी मुलाकात राजवीर  से हो ही गयी, राजवीर  उसे रास्ते में कॉलेज से वापस आते वक्त मिला तो उसकी धड़कन तेज़ी से दौड़ने लगी. राजवीर  ने उससे हाल-चाल पूछा और चला गया. श्वेता  के दिल में राजवीर  के बारे में प्यार हो गया था. कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था.

 उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये फिर कुछ दिन ऐसा ही सिलसिला चलता रहा, श्वेता  रात को चुपचाप अपनी दोनों बहनों की रासलीला सुनती थी और सोते समय अपनी ही उंगली से मुठ मारती थी. एक दिन उसके मामा की शादी के लिए सबको 8 दिन के लिए जाना पड़ा, लेकिन उसी टाईम में श्वेता  की परीक्षा चल रही थी तो श्वेता  नहीं जा रही थी तो उसकी देखभाल के लिए उसकी दादी को रुकना पड़ा. उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है.

 ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है  सब लोग चले जाने के बाद श्वेता  और उसकी दादी ही घर में थी. दादी की उम्र ज्यादा होने के कारण दादी रात भर ज्यादा सोती नहीं थी और थोड़ी सी बात पर ही जाग जाती थी, श्वेता  की परीक्षा होने के कारण वो इधर उधर का ख्याल मन में लाना नहीं चाहती थी. रात के 12 बज चुके थे, मगर उसका मन पढ़ाई में नहीं लग रहा था तो वो उठकर पास वाले राजवीर  के अखाड़े की तरफ जाने लगी तो दादी जाग गयी और दादी ने सो जाने के लिए बोला. है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई.
 उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था दोस्तों दूसरे दिन श्वेता  परीक्षा देकर वापस आ रही थी तो उसके घर के पास ही उसकी मुलाकात राजवीर  से हुई, उसने पूछा पेपर कैसा हुआ है तो श्वेता  बोली ठीक हुआ है, वह बोला कि कल कौन सा पेपर है? तो श्वेता  बोली कल अकाउंट का पेपर है. तो इस बात पर राजवीर  उसे बोला मेरे अखाड़े में कोई लड़का अकाउंट के फाईनल ईयर के कुछ नोट्स छोड़ गया है तो अगर तुम्हारे किसी काम में आयें तो रात को आकर ले जाना. उसकी बूब्स  देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी.

 दोस्तों मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु उस पर श्वेता  कुछ नहीं बोली और ठीक है कहकर सीधी अपने घर को निकल गयी, लेकिन जैसे-जैसे रात होने लगी और श्वेता  की धड़कने तेज हो रही थी, लेकिन दादी का भी ख्याल आ रहा था तो अचानक उसकी नज़र दादी की दवाई पर गयी, उसमें नींद की गोलीयां थी. श्वेता  ने दादी को दवाई देते समय नींद की दो गोलीयां पानी में ही मिला दी थी, उसके कारण दादी चुपचाप सो गयी. रात को श्वेता  अगले पेपर की तैयारी कर रही थी तो रात के 12 बज चुके थे तो उसके मन में राजवीर  का ख्याल आ गया. उसको पेलने की इच्छा दिनों से है दोस्तों.

 अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता दोस्तों फिर उसे नोट्स के बारे में दिन की बातें भी याद आई, लेकिन राजवीर  तो ज़्यादा पढ़ा लिखा नहीं था तो उसको नोट्स के बारे में कैसे पता हो सकता है ये जानते हुए भी श्वेता  अपने आपको संभाल नहीं पा रही थी और आख़िर उसके कदम अखाड़े की तरफ बढ़ने लगे. फिर रात के 12:30 बज चुके थे और सभी मोहल्ले वाले सो चुके थे. राजवीर  भी सो रहा होगा ये सोचकर श्वेता  दरवाजे पर खड़ी रही, उसकी हालत बहुत खराब हो रही थी और पूरी तरह से दिल की धड़कने तेज होती जा रही थी. आख़िर उसने दरवाजे पर जा कर कुण्डी बजा ही दी. दोस्तों मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार.

 राजवीर  एक मंजा हुआ खिलाड़ी था उसने कई ऐसी लड़कीयों की चुदाई की थी और दरवाजे की दस्तक सुनते ही उसे समझने को देर नहीं लगी, उसने दरवाजा खोला तो श्वेता  बाहर खड़ी थी. राजवीर  ने उसका मन ही मन में खुशी से स्वागत किया. उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया दोस्तों  जैसे उसके चुत में माखन भरा हो.

राजवीर  एक हठा कठा 6 फुट का पहलवान था और श्वेता  बेचारी छोटे कद की लड़की थी. तो राजवीर  बोला आ गई श्वेता  तुम, तो श्वेता  ने गर्दन हिला कर हाँ बोली, तो तुम्हें नोट्स चाहिए आओ मेरे साथ और दरवाजा लगा लिया .और श्वेता  का हाथ पकड़कर राजवीर  उसे ले जाने लगा. सब तरफ अखाड़े का सामान पड़ा था और लाईट की रोशनी भी कम थी, ऐसे में श्वेता  को चलने में दिक्कत हो रही थी. उसको देखने बाद साला चुदाई भूत सवार हो जाता दोस्तों.


 मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू    तब तक ठीक नहीं होता  राजवीर  उसे बोला श्वेता  क्या में तुम्हें अपनी गोद में उठा कर ले जाऊं? तो श्वेता  कुछ नहीं बोली तो वो समझ गया और उसने श्वेता  को गोद में उठा लिया और श्वेता  ने अपनी आँखे बंद कर ली. राजवीर  उसे सीधे पीछे वाले खाली रूम में ले गया, वहां पूरी तरह से तैयारी थी. उसने श्वेता  को वहां जाकर खड़ा कर दिया. कमरे में रोशनी बिल्कुल नहीं थी तो श्वेता  बोली ये तुम मुझे कहाँ ले आये हो तो राजवीर  बोला यही तो रखे है नोट्स ज़रा ढूँढना होगा और वो दोनों ढूंढने लगे और अंधेरे का फायदा उठाकर राजवीर  ने अपने सारे कपड़े उतार दिए. फिर श्वेता  नोट्स ढूंढते-ढूंढते आख़िरकार राजवीर  से टकरा ही गयी जैसे ही वो राजवीर  से टकराई वैसे ही राजवीर  ने उसका हाथ अपने लंड पर रख दिया, जीवन में पहली बार किसी मर्द का लंड श्वेता  के हाथ में आया था. अब श्वेता  जान गयी थी कि राजवीर  के शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं है. एक बात और दोस्तों चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है.

 उह यह उसकी नशीली आँखे में एक दम  चुदकड़ अंदाज है  फिर राजवीर  ने श्वेता  के सलवार का नाडा हल्के हाथों से खोल दिया तो श्वेता  कुछ नहीं बोली और उसका टॉप भी निकाल दिया. जैसे ही श्वेता  नंगी हो गयी तो राजवीर  ने उसे गोद में उठा लिया और श्वेता  की चूत में से नदीयाँ बह रही थी, जैसे ही राजवीर  ने देखा तो वो बोला अच्छा तो पहले से ही तैयार थी. श्वेता  बेचारी क्या बोलती? चुपचाप खड़ी रही और छोटे कद की होने के कारण उसे नीचे सुला दिया. राजवीर  का लंड बहुत ही बड़ा था और पूरी तरह से टाईट हो गया था. फिर उसने लंड श्वेता  के हाथ में थमा दिया तो श्वेता  बोली ये तो बहुत बड़ा है. तो वो बोला जानेमन तुम उसकी फ़िक्र मत करो, इतनी गीली चूत में तुम्हें ज्यादा तकलीफ नहीं होगी. उसने श्वेता  को समझाकर उसके दोनों पैर ऊपर उठा लिए और उसके ऊपर झुक गया. श्वेता  अब पूरी तरह से राजवीर  के आगोश में थी. दोस्तों देखने से लगता है की वो पका चोदा पेली का काम करती होगी.

 दोस्तों चुत को चाटेने के  समय उसके बूर के बाल मुँह में आ रहे थे फिर उसने अपने लंड का सुपाड़ा श्वेता  की चूत पर रखा और एक हाथ उसके मुँह पर रखा और लंड को सीधे श्वेता  की चूत में डाल दिया. श्वेता  की अंदर की सांसे अंदर और बाहर की सांसे बाहर रह गई, आहहा मर गयी में, निकाल लो में मर जाउंगी, लेकिन राजवीर  ने उसकी एक ना सुनी और धक्के तेज करता गया. अब श्वेता  भी नॉर्मल हो गयी और राजवीर  का साथ देने लगी. करीब आधे घंटे की चुदाई के बाद ही राजवीर  शांत हो गया और उस रात खूब चुदाई की और बहुत मजे किए और अब जब भी राजवीर  को मौका मिलता है तो वो श्वेता  की खूब चुदाई करता है और मजे देता है. दोस्तों मुझे तो कभी कभी चुत के दर्शन मात्र से खूब मजा आता क्योकि मई पहले बहुत बार अपने मौसी के लड़की  को बिना पैंटी के देखा था  वाह क्या मजा आया था दोस्तों मैंने ऐसी तरह न जाने कितने औरतो और लड़कियों बूर में चोदा पेली किया है कितनो चुत का भोसड़ा तक बना दिया और न जाने कितनो का तो सील तोड़ कर खून निकाल दिया और न जाने कितनी को तो कुवारी में ही माँ बना दिया  और मैं चोदा पेली करने के लिए कही भी और किसी भी हद तक जा सकता हु.

What did you think of this story??






अन्तर्वासना इमेल क्लब के सदस्य बनें


हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !


* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।