मुख्य पृष्ठ » चुदाई की कहानी » नंगी शादी और सामूहिक चुदाई


नंगी शादी और सामूहिक चुदाई

Posted on:- 2024-03-05


नमस्कार दोस्तों और सुनाइए कैसे आप सब, मेरा नाम बल्लू  है और मेरी उम्र 18 साल है. ये कहानी एक साल पहले की है जिसमें 2 फेमिली है, एक मेरी और दूसरी हमारे फेमिली फ्रेंड मनोज  अंकल की है. मेरी फेमिली में हम 5 लोग है में, मम्मी, पापा और दो बहनें, जो अभी पढ़ रही है और मनोज  अंकल की फेमिली में 6 लोग है वो, उनकी वाईफ और 3 बेटे और एक बेटी, जो कि 19 साल की है और वो अभी पढ़ रही है. एक दिन मनोज  अंकल और उनकी वाईफ हमारे घर आए, अब वो मेरे पापा और मम्मी से बात कर रहे थे. वो लोग कहीं बाहर जाने की प्लानिंग कर रहे थे, वो लोग छुट्टी मनाने ऊटी जाने का प्लान बनाकर रविवार को निकल गये. वो दोनों अंकल, आंटी और मेरे मम्मी, पापा और हम सब बच्चे अपने घर पर ही थे. वहा जबरजस्त माल भी थी दोस्तों.

 वहा जबरजस्त माल भी थी दोस्तों अब में आपको बता दूँ कि मेरी दोनों बहनों का नाम कविता  और सबिता है, वो दोनों जुड़वा है और बहुत सेक्सी है. वो 19 साल की कामुक लड़कियां है और मनोज  अंकल के बेटे विनय  21 साल, पिंटू 20 साल और चंद्रदीप  19 साल के है. हमारे पापा मम्मी की तरह हम सब भी अच्छे दोस्त थे और बहुत बार मेरी दोनों बहने सबनम  के पास जाया करती थी और हम भी विनय  और उसके भाइयों के साथ बाहर जाते थे. इस तरह जब हमारे पापा मम्मी ऊटी गये थे, तो हम लोग अपने एग्जॉम में व्यस्त थे और अचानक हमें एक शॉक लगा और पता चला कि रोड़ एक्सिडेंट में हमारे माता पिता की मौत हो गई है. ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा दोस्तों.

 ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा दोस्तों फिर हम सबने बहुत दुख से उन सभी का क्रियाकर्म किया. उस समय मेरे पास कुछ नहीं था, फिर में विनय  और उसके भाइयों के घर गया. फिर थोड़ी देर तक बात करने के बाद हमने फ़ैसला कर लिया कि हम सब साथ में रहेंगे. फिर में अपनी दोनों बहनों के साथ उनके घर चला गया और फिर हम एक साथ रहने लगे. फिर करीब 5 महीने के बाद हम सब घुल मिल गये और मस्त रहने लगे. अब विनय  और में बिज़नस किया करते और घर चलाया करते. फिर हमने सोचा कि अब हमें शादी कर लेनी चाहिए. उह क्या मॉल था दोस्तों गजब.

विनय  : क्या यार, अब हमारी शादी कैसे होगी?

में : हाँ यार, में भी यही सोच रहा हूँ.

विनय  : एक बात बोलूं.

में : हाँ बोल.

विनय  : मुझे तेरी बहन सबिता बहुत पसंद है, क्या में उससे शादी कर सकता हूँ?

में : हाँ, मगर एक शर्त है.

विनय  : बोल.

में : मुझे भी तेरी बहन बहुत पसंद है.

विनय  : ये तो खुशी की बात है चल आज ही मीटिंग करते है.

 ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा दोस्तों फिर घर आने के बाद हम सब डिनर टेबल पर बैठे और विनय  ने पूछा कि जिसको भी शादी करनी है वो हाथ उठाओ, तो सबने अपना हाथ उठाया और हम चौंक गये, तो सबिता बोली कि लेकिन करेगें किससे?

में : देख हम सब जवान है और अलग-अलग फेमिली से बिलॉंग करते है, क्यों ना हम आपस में शादी कर ले?

तो सब राजी हो गये और अब सब खुश लग रहे थे, तो पिंटू ने कहा कि लेकिन एक प्रोब्लम है दोस्तों.

में : क्या?

पिंटू : हम 4 लड़के है और लड़कियां 3 ही है, कैसे शादी होगी?

विनय  : कुछ सोचो यार.

फिर हम एक फैसले पर आए कि मेरी बहन कविता  के दो पति होगें, तो सब राजी हो गये.

अब हम सब शर्म छोड़ चुके थे और खुलकर बात कर रहे थे. फिर मैंने विनय  की बहन सबनम  से कहा कि

क्या ख्याल है मेरी होने वाली पत्नी?

सबनम  : हाए मेरे राजा आई लव यू.

 उह क्या मॉल था दोस्तों गजब  फिर हम सब हंस पड़े, फिर हमने अगले दिन शादी का प्लान किया और सब खुश हो गये, क्योंकि सब हवस में पागल थे. फिर दूसरे दिन सभी लड़कियां साड़ी पहने थी और सब लड़के कुर्ता पजामा पहने थे, फिर मैंने कहा कि क्यों ना शादी एक नयी स्टाइल में की जाए? मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था दोस्तों

विनय  : कैसे?

में : क्यों ना हम कम से कम कपड़ो में शादी करे?

चंद्रदीप  : अच्छा आईडिया है.

में : गर्ल्स सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में और बॉय सिर्फ शॉर्ट्स पहनकर शादी करे.

सबनम  : आईडिया अच्छा है.

 कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था फिर हम सबने अपने-अपने कपड़े उतारे और ड्रेस कोड में आ गये. अब सबिता और कविता  ने ब्लेक कलर की ब्रा और पेंटी पहनी थी और सबनम  ने रेड कलर की ब्रा पेंटी पहनी थी और सभी बॉय ने ब्लू कलर की शॉर्ट पहनी हुई थी. उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये.

सबनम  : लेकिन, हम शादी शुरू कैसे करे?

फिर हमने हॉल में सब गद्दे बिछाए और अब हम हार पहनाकर शादी कर रहे थे.

कविता  : सिंदूर कहाँ है?

विनय  : हाँ, सिंदूर हम माँग में नहीं चूत में भरेंगे.

तो वो खुश हो गई और अब सब लेडीस अपनी पेंटी को साईड में करके खड़ी थी.

में : हम सिंदूर हाथ से नहीं लंड से भरेंगे.

 उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है  तो सब राजी हो गये, फिर मैंने अपने 8 इंच के लंड पर सिंदूर लगाया और सबनम  की नाज़ुक चूत पर सिंदूर लगाया. वही पिंटू और चंद्रदीप  ने मेरी बहन कविता  की चूत पर सिंदूर लगाया और विनय  ने सबिता की चूत पर अपना लंड लगाकर शादी कर ली थी. अब हम सब रोमांस कर रहे थे, अब में सबनम  की ब्रा खोलकर उसके 19 साल के निपल चूस रहा था. अब वो बहुत सिसकियां मार रही थी, अब कविता  पिंटू और चंद्रदीप  के साथ मज़े ले रही थी और विनय  सबिता की चूत को चाट रहा था. अब में भी सबनम  की चूत चाट रहा था. अब वो लाल हो गई थी और में उसकी चूत पर अपना लंड मसल रहा था और अब वो भी मेरा साथ दे रही थी. ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है.

 है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई फिर मैंने एक जोरदार धक्के के साथ सबनम  की चूत में अपना लंड डाल दिया, तो वो चीख उठी और वहीँ सबिता का भी यही हाल था और कविता  भी एक लंड चूस रही थी और दूसरा लंड अपनी चूत में ले रही थी. इस तरह से हमने रात के तीन बजे तक चुदाई की और अब सब कई बार झड़ चुके थे. फिर सुबह 9 बजे मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि सबनम  मेरी बाहों में सो रही है, सबिता विनय  का लंड अपनी चूत में लिए सो रही हैं और कविता  के दोनों साईड में चंद्रदीप  पिंटू सो रहे थे. उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था दोस्तों.

 उसकी बूब्स  देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी  फिर मैंने सबको उठाया और कहा कि नहा लो, तो अब सब उठकर एक दूसरे को देख रहे थे और फिर सबने अपनी बीवियों को मॉर्निंग किस किया और बीवियों ने लंड मुँह में लेकर सबको ठीक से जगाया. अब सब कपल एक के बाद एक बाथरूम में जा कर चुदाई के साथ फ्रेश होकर कपड़े पहनकर बाहर आए और नाश्ता किया. दोस्तों मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु.

तभी सबनम  ने कहा कि आज राखी है हम सब अच्छे से मनायेंगे, तो मैंने कहा कि अच्छा आइडिया है.

पिंटू : मगर हम राखी हाथ पर नहीं बांधेगे.

कविता  : फिर कहाँ?

चंद्रदीप  : सब बहने अपने भाइयों के लंड पर राखी बांधना.

में : मस्त आइडिया है.

 उसको पेलने की इच्छा दिनों से है दोस्तों अब सब राजी हो गये और भाई अपने लंड को खोलकर सोफे पर बैठ गये. अब सबनम  आरती की थाली ला कर अपने भाइयों के लंड पर राखी बांध रही थी.

में : अपने भाइयों का मुँह मीठा करो.

सबनम  : हाँ करुँगी ना अपनी चूत और निपल से.

अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता दोस्तों अब ये सुनते ही विनय  सबनम  का सलवार उतारकर उसके निपल्स चूस रहा था और यहाँ कविता  और सबिता मेरे लंड पर राखी बाँधकर मेरा लंड चूस रही थी. तभी कविता  अपनी पेंटी खोलकर मेरे लंड पर बैठ गई, अब मुझे बहुत मजा आ रहा था. अब में सबिता की चूत को चाट रहा था और वहीं सबनम  भी विनय  का लंड अपनी चूत में लेकर उछल रही थी और चंद्रदीप  पिंटू का लंड चूस रही थी. अब सब भाई अपनी बहनों को शाम तक चोदकर थक गये और सो गये. दोस्तों मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार.

 उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया दोस्तों  जैसे उसके चुत में माखन भरा हो दोस्तों फिर एक दिन चंद्रदीप  और पिंटू किसी काम से बाहर गये हुए थे में और सबनम  अपने रूम में नंगे सो रहे थे. मैंने अपना लंड सबनम  की चूत पर लगाया हुआ था और विनय  भी रिया के साथ रूम में सो रहा था. तभी हमने देखा कि सिया मेरे रूम के पास आकर खड़ी हो गयी और वो उस समय सिर्फ़ पेंटी में ही थी तभी मैंने उसको आवाज़ दी वो मुस्कुराते हुए मेरे पास आ गई और किस करने लगी और सबनम  ने उसकी पेंटी को खोल दिया और वो उसकी चूत में उंगली डाल रही थी. फिर सिया ने तुरंत मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर खड़ा कर दिया, वो मेरे लंड को चूस चूसकर लाल कर रही थी और वो किसी अनुभवी रंडी की तरह मेरे लंडे को लोलीपॉप की तरह चूस रही थी. उसको देखने बाद साला चुदाई भूत सवार हो जाता दोस्तों.

सबनम  : क्यों तुम्हे मेरे पति का लंड चूसने में मज़ा नहीं आया क्या?

सिया : अरे रांड क्या तू कभी चूसती नहीं क्या?

 मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू    तब तक ठीक नहीं होता दोस्तों उनकी बातें सुनकर सभी हंस पड़े और फिर मैंने सबनम  को अपनी गोद में उठाया और अब में उसे विनय  के रूम में लेकर चला गया, लेकिन सिया भी हमारे पीछे पीछे आ गई और मैंने वहां पर पहुंचकर उससे कहा कि विनय  यह ले तेरी रंडी बहन को, तू चोद दे इसको. वो मेरी यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ और सबनम  के बूब्स को चूसने लगा.

 एक बात और दोस्तों चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है में अब रिया को ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोद रहा था और इस तरह हमारी चुदाई की दास्तान ऐसे ही चलती रही और हम हर दिन रात कभी भी जमकर चुदाई किया करते और अब दोस्तों हमारी शादी को पूरे 20 साल बीत गये है. सबनम  को एक बेटा हुआ विनय  को दो बेटियां हुई और चंद्रदीप , पिंटू को एक एक बेटा हुआ मेरे बेटे का नाम लव था. विनय  रिया की बेटियों के नाम लता और गीता था. हम लोग चुदाई उनके सामने नहीं किया करते थे और अब सभी बच्चे जवान हो गये थे. उह यह उसकी नशीली आँखे में एक दम  चुदकड़ अंदाज है.

 दोस्तों देखने से लगता है की वो पका चोदा पेली का काम करती होगी  फिर हम माता पिता जब कॉलेज गये थे तो हमने वहां पर एक मीटिंग की और अब बच्चो को इस खेल में कैसे मिलाया जाए, इस बारे में बात करने लगे? तो मैंने सबनम  से पूछा कि बताओ तुम क्या कहती हो? तो सबनम  मुझसे बोली कि हाँ ठीक है जैसा आप ठीक समझे, में इसमें क्या कह सकती हूँ? दोस्तों चुत को चाटेने के  समय उसके बूर के बाल मुँह में आ रहे थे.

विनय  : बच्चे कोई दूध के धुले भी नहीं है, चलो ठीक है.

फिर हमने सोचा कि कुछ नया हो जाए जिसमे हम सबको मज़ा आ जाए.

विनय  : मेरी दो बेटियां है जो अब जवान हो गई है उनका क्या होगा?

पिंटू : हाँ मेरा एक बेटा भी है जो अब जवान हो गया है.

में : हाँ मेरा भी तो एक बेटा है.

 दोस्तों मुझे तो कभी कभी चुत के दर्शन मात्र से खूब मजा आता क्योकि मई पहले बहुत बार अपने मौसी के लड़की  को बिना पैंटी के देखा था  वाह क्या मजा आया था फिर हमने बच्चो की शादी करने के बारे में सोचा और अगले दिन बच्चो को बुला लिया दोस्तों में आप लोगों को बता दूं कि मेरे बेटे का नाम लव था और चंद्रदीप  पिंटू के बेटे का नाम गोरव था. हमने गोरव के लिए गीता और लव के लिए लता को पसंद किया था और फिर अगले दिन बच्चों को बुलाया और उनसे पूछा कि क्या तुम लोग शादी करना चाहते हो? और वो सभी यह शब्द सुनते ही एक दूसरे को देखने लगे और सबसे पहले लव ने हाँ भर दी और फिर गोरव भी हाँ कहकर मान गया और फिर लड़कियाँ भी कहाँ पीछे रहने वाली थी, वो भी हाँ बोलने लगी और हम सभी बहुत खुश हुए और उनसे आगे की बात बोलने लगे. मन कर रहा था कब इसे चोद लू मेरा लंड समझने  को तैयार नहीं था

में : लव बताओ कि तुम्हे लता कैसी लगती है?

लव : हाँ अच्छी लगती है पापा, वो सुंदर होने के साथ साथ बहुत समझदार भी है.

में : हाँ बहुत अच्छा है.

पिंटू : बेटा तू बता अब तुझे गीता कैसी लगती है?

गोराव : जी पापा मुझे वो अच्छी लगती है.

 ओह ओह ओह है कब लंड को घुसा दू ऐसा लग रहा था दोस्तों फिर विनय  ने कहा कि आज में मेरी बेटियों की शादी करूंगा और सभी लोग उसके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हो गए. फिर सबनम , गीता और लता को एक कमरे में ले गई और उनके सारे कपड़े उतारकर वो उन्हें पेंटी, ब्रा पहनाकर बाहर ले आई, वाह क्या मस्त लग रही थी वो कच्ची कलियाँ, उनके छोटे छोटे बूब्स बहुत मस्त लग रहे थे. अब हमने भी गोरव और लव को नंगा करके सिर्फ़ शॉर्ट्स में खड़ा कर दिया, उन दोनों के लंड शॉर्ट्स में टेंट बन गये थे. अब वो आपस में एक दूसरों को माला डालकर खड़े हुए थे और फिर लड़कियों को पेंटी उतारने के लिए कहा गया, वो वैसे ही कर रही थी और लड़के अपने लंड को खोलकर लड़कियों की चूत पर सिंदूर लगा दिया और अब उनकी शादी हो गई, तब तक हम सब भी पूरे नंगे हो चुके थे और विनय  ने रिया को पकड़कर वो उसके बूब्स को मसल रहा था और में सबनम  की चूत में लगातार उंगली डालकर अंदर बाहर कर रहा था और वहीं हमारे बच्चे फुल प्यार कर रहे थे, लड़कियाँ सिसकियाँ लेकर मज़ा ले रही थी. माल चुदाई के लिए तड़प रही थी दोस्तों.

 जब माल अच्छा हो तो कौन नहीं  चोदना चाहेगा  है न दोस्तों  अब गोरव ने गीता को अपनी गोद में उठा लिया और वो उसको किस कर रहा था और लव ने भी लता के निप्पल को लोलीपोप की तरह चाट चाटकर लाल कर दिया था और वो अब चूत को भी धीरे धीरे सहला रहा था. फिर गोरव ने गीता की चूत को चाटना शुरू किया वो सिसकियाँ ले रही थी. लव भी यही कर रहा था और यहाँ हम बैठकर बच्चो की चुदाई देख रहे थे और उन्हें चुदाई करना सिखा रहे थे. दोस्तों में अब सबनम  की गांड में अपने लंड को डालकर ऊपर नीचे कर रहा था और विनय  सबनम  की चूत चाट रहा था. चोदने के बाद थोड़ा रिलेक्स हुआ भाइयो क्या गजब मजा आया.

 सेक्स करते समय बहुत मजा आया था दोस्तों  फिर गीता और लता ने लंड चूसना शुरू किया और फिर लड़कों ने उनकी कमर के नीचे तकिया रख दिया जिसकी वजह से चूत ऊपर की तरफ उठकर खुल गई और अब वो उनकी चूत पर लंड मसल रहे थे, तभी गोरव ने लव को आंख मारी और उन दोनों ने जोरदार झटके मारकर आधा लंड चूत में डाल दिया, दोनों भी ज़ोर से चिल्ला उठी और कुछ देर बाद वो शांत होकर फिर से चुदाई का मज़ा ले रही थी, उन दोनों के लंड के टोपे बड़े आकार के थे. सुबह 4 बजे तक चुदाई करने के बाद सभी लोग सो गए. उसके ओठ रसीले थे दोस्तों मॉल गजब था दोस्तों.

 उसके लिप्स की चूसै यू ही चलती रही  दोस्तों  फिर अगले दिन सबनम  ने कहा कि आज कुछ नया हो जाए और उसकी बात को सुनकर सभी लोग ख़ुशी ख़ुशी मान गए और फिर उसने कहा कि आज हम आशीर्वाद का प्रोग्राम रखते  दोस्तों वो मदहोस थी चुदाई के लिए  है जिसमें गीता और लता को विनय , चंद्रदीप , पिंटू के लंड को चूस चूसकर उनका माल निकालना होगा. सभी लोग मान गए और अपना लंड खोलकर बैठ गये. अब लता मेरे लंड को मुहं में लेकर चूस रही थी, वाह क्या मज़ा आ रहा था. फिर वो चंद्रदीप  का भी लंड अपने मुहं में ले रही थी और वो लंड को लोलीपोप की तरह बहुत मज़ा लेकर चूस रही थी. कुछ देर चूसने के बाद वो झड़ गए और उन्होंने अपना गरम गरम लावा पूरा मुहं में भर दिया और बड़े मज़े से लंड को चाट चाटकर साफ भी किया. उसके बूब्स क्या मस्त थे दोस्तों अब मै क्या कहु दोस्तों.

 मेरा मन चुदाई का था दोस्तों  फिर दोस्तों इस तरह हमारे बच्चो की भी शादी हो गई, जिसमें हम सभी ने बहुत मज़े किए और साथ साथ अपने बच्चो को सेक्स करने के नए नए तरीके भी बताए. मैंने तय किया की चोद कर ही दम लूंगा दोस्तों मैंने ऐसी तरह न जाने कितने औरतो और लड़कियों बूर में चोदा पेली किया है कितनो चुत का भोसड़ा तक बना दिया और न जाने कितनो का तो सील तोड़ कर खून निकाल दिया और न जाने कितनी को तो कुवारी में ही माँ बना दिया  और मैं चोदा पेली करने के लिए कही भी और किसी भी हद तक जा सकता हु और तो और मैंने अपने गांव के किसी भी औरत और छोड़ा नहीं है जो नहीं मानती थी उनके साथ जबरजस्ती चोदा पेली किया हु  सोचिये मैं ऐसा हरामी चोदूबीर आदमी हु दोस्तों.

What did you think of this story??






अन्तर्वासना इमेल क्लब के सदस्य बनें


हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !


* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।