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लतिका चौधरी की पहली चुदाई

Posted on:- 2023-04-17


दोस्तों मै आप सब का हार्दिक अभिनंदन करता हु अपने बूर फाड् चोदा पेली की स्टोरी, मैंने आज तक बहुत सारी सेक्स स्टोरी पढ़ी है, उनमें से कुछ चोदा पेली की कहानी होगी और कुछ नहीं होंगी. आज में आपको मेरी एक कहानी बताने जा रहा हूँ जो सिर्फ़ मुझे और लतिका चौधरी को ही पता है. मेरा नाम शांतनु  है और में फरीदाबाद  में रहता हूँ. लतिका मेरे पड़ोस में रहती थी. जब वो उसकी परिवार के साथ यहां रहने आई थी तब में 19 साल का था और फर्स्ट ईयर में पढ़ता था और लतिका चौधरी 22 साल की थी जो कि मुझसे 4 साल बड़ी थी. वो एम.एस.सी फाइनल ईयर में थी. उसकी फेमिली थोड़े ही दिनों में हमारे साथ घुल मिल गयी थी और लतिका भी हमारे घर रोज आया करती थी. मै एक नंबर का चुदकड़ लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है.

 ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना मेरे कज़िन ब्रदर और सिस्टर छुट्टी के दिनों में मेरे घर आए थे और में, मेरे कज़िन्स और लतिका रोज केरम और पत्ते खेलते थे. एक दिन मेरे घरवाले शादी में जाने के लिए दूसरे शहर चले गये और घर पर में और मेरा कज़िन दोनों ही थे. लतिका ने मेरी माँ से कहा था कि वो हमारा ख़याल रखेगी और खाना भी बना देगी. वो रात में मेरे घर आई और बोली कि आज में रात में यहां पर ही रुकना चाहती हूँ, हम बहुत सारी बातें करेंगे और तुम मुझे कंप्यूटर के बारें में थोड़ी जानकारी देना. चोदा पेली की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए.
मैंने खुश होकर कहा कि हाँ लतिका आज हम बहुत सारी बातें करेंगे और मस्ती करेंगे. फिर उसने कहा कि शांतनु  प्लीज मुझे खाना बनाने में थोड़ी हेल्प करो. फिर में रसोई में उसकी हेल्प करने लगा. वो नाइटी में बहुत ही सेक्सी लग रही थी, उसका फिगर 34-26-34 था, उसके लंबे बाल खुले हुए थे, जब वो आटा लगाने लगी तो लतिका के बाल उसके चेहरे पर आ गये. उसने मुझसे कहा कि शांतनु  प्लीज मेरे बालों को सही करके मेरे चेहरे से हटा दो, मैंने चान्स देखकर बाल ठीक करते समय उसकी बॉडी को टच कर लिया.

वहा का माहौल बहुत अच्छा था  दोस्तों फिर उसने मेरी तरफ देखते हुए हंस दिया और बोली कि तुम तुम्हारी बीवी को बहुत खुश रखोगे, क्योंकि तुम रसोई में बहुत अच्छी तरह से मदद करते हो. मैंने कहा कि लतिका अगर मुझे तुम्हारी  दोस्तों. वहा  जैसी बीवी मिली तो में रोज पूरा खाना बना दूँगा. उसने मेरी तरफ घूरकर देखा उसकी आँखों में अलग ही नज़ाकत थी. उसने मुझसे पूछा कि क्यों मुझमें ऐसी क्या खास बात है? तो मैंने कहा कि तुम बहुत सेक्सी और सुंदर लड़की हो. तो वो गुस्से में मुझे बोली कि चलो बातें बहुत हो गयी, अब खाना खाने चलो. में उस समय चुप रह गया और खाना होने के बाद में, मेरा कज़िन और लतिका बैठकर बातें कर रहे थे. में अपनी कॉलेज लाईफ के बारे में बता रहा था कि एक बार कॉलेज में हुए झगड़े में मैंने एक लड़के को कैसे पीटा? यह बातें सुनकर मेरे कज़िन ने मुझसे कहा कि भैया आप में कितनी ताक़त है, आप अपनी ताकत मुझे दिखाओ, क्या आप मुझे एक हाथ से उठा सकते है? तो मैंने कहा क्यों नहीं अभी दिखाता हूँ. मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था दोस्तों.


 उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है फिर मैंने उसको एक ही हाथ में उठाकर दिखाया तो लतिका हंसकर बोली कि शांतनु  वो तो छोटा बच्चा है, अगर तुम मुझे दोनों हाथों से उठाओं तो में सच मान जाउंगी. फिर में आगे बढ़ा और उसको सामने से उठा लिया तो उसके मुँह से आवाज़ निकली शश्श्श्स शांतनु  में गिर जाउंगी. मेरा चेहरा उसके चूचिया  में दबा था, आज पहली बार मुझे किसी लड़की के शरीर के इतने पास जाने का मौका मिला था तो मैंने उसको और कसकर पकड़ लिया और उसके सॉफ्ट और रसीले चूचिया  का मज़ा लिया और फिर एकदम से हमारा बैलेन्स बिगड़ गया और हम सोफे पर गिर गये. में लतिका के ऊपर गिरा था और मेरा पूरा वजन उसके ऊपर था, उसके गाउन के बटन मेरी शर्ट में उलझ गये थे. फिर थोड़ी देर तक हम वैसे ही पड़े रहे. मैंने देखा कि लतिका भी बहुत गर्म हो गयी थी और उसकी छाती ज़ोर-जोर से धड़क रही थी, में उसकी गर्म साँसे महसूस कर रहा था. ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है.


 है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई  फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी जाँघो पर रख दिया था. जिससे मेरा लंड खड़ा हो गया और लतिका को भी उसका एहसास हो गया था. जब उसको मेरे कज़िन का ख्याल आया तो वो बोली शांतनु  में मर जाउंगी, प्लीज जल्दी उठो और वो गाउन के बटन छुड़ाने की कोशिश करने लगी. उसमें 3 बटन खुल गये थे तो मैंने उसके 34 साईज के चूचिया  देखें और में अपने होश खो बैठा, बाद में हम वहाँ से उठे और फिर मेरा कज़िन सोने के लिए चला गया. अब में और लतिका मेरे रूम में कंप्यूटर चालू करके बैठ गये. है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई.

 दोस्तों मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार फिर कुछ देर तक हम दोनों चुप थे. वो मेरी तरफ अलग ही नज़र से देख रही थी और में उससे आँखें नहीं मिला पा रहा था. फिर लतिका मेरे पास आकर बैठी और बोली शांतनु  क्या तुम किसी लड़की को चाहते हो? तो मैंने कहा कि नहीं. फिर उसने उसका हाथ मेरी जाँघ पर रखते हुए पूछा कि मुझे भी नहीं शांतनु ? मैंने कहा कि हाँ लतिका में तुम्हें बहुत पसंद करता हूँ, लेकिन तुम मुझसे बड़ी हो इसलिए हम शादी नहीं कर सकते है. उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया दोस्तों  जैसे उसके चुत में माखन भरा हो.

फिर उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और उसके लाल और गर्म होंठ मेरे होंठो पर रख दिए. फिर उसने कहा कि अरे पागल हम शादी नहीं कर सकते, लेकिन वो सब तो कर सकते है जो एक पति पत्नी शादी के बाद करते हैं. मैंने पूछा कि लतिका क्या यह अच्छी बात है? तो उसने मुझसे कहा इसमे कोई बुरी बात नहीं है. तो में थोड़ा सा शरमा रहा था तो वो बोली शश्श्श्स मुझे तुम्हारा शरमाना बहुत अच्छा लगता है, लेकिन क्या सारी रात ऐसे ही गुजारनी है या कुछ करना भी है? फिर मेरी हिम्मत बढ़ गयी और मैंने दरवाजा बंद किया और लतिका को अपनी बाहों में भर लिया.

 मुझे तो कभी कभी चोदा पेली का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चोदा पेली न करू    तब तक ठीक नहीं होता फिर मैंने उसके सारे बदन को किस करना शुरू कर दिया. में उसके दोनों चूचिया  बाहर से मसल रहा था तो लतिका के मुँह से अचानक श्श्हश्श्श्स निकला, शांतनु  प्लीज धीरे करो ना. फिर मैंने उसके गाउन के बटन खोल दिए और अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में खड़ी थी. उसने काले कलर की पारदर्शी ब्रा पहनी थी तो मैंने उसका हुक खोल दिया. फिर उसने मेरी शर्ट और पेंट भी अपने हाथों से उतार दिए और फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और उसके चूचिया  को ज़ोर-जोर से दबाने लगा. क्योकि मई पहले बहुत बार अपने मौसी के लड़की  को बिना पैंटी के देखा था  वाह क्या मजा आया था.

मन कर रहा था कब इसे चोद लू मेरा लंड समझने  को तैयार नहीं था फिर मैंने उसका पिंक निप्पल होठों में पकड़ लिया और चूसने लगा तो मैंने उसके निप्पल को दातों से हल्का सा काट लिया तो उसके मुँह से एक सिसकी निकली. अहह शांतनु  माई बेबी बहुत ही मज़ा आ रहा है, क्या सब खा जाओगे? फिर वो मेरे ऊपर आ गयी और मेरी छाती पर किस करने लगी और वो उसके हाथ मेरे बालों में फेर रही थी. अब बिना चुदाई के रह नहीं सकता था दोस्तों मै पागल सा हो गया.

 ओह ओह ओह है कब लंड को घुसा दू ऐसा लग रहा था दोस्तों  फिर में मेरे हाथ उसकी पीछे की साईड पर और उसकी सेक्सी जांघो पर घुमाने लगा. फिर वो मेरे कान में बोली कि शांतनु  अब में पूरी तरह तुममें समा जाना चाहती हूँ और उसने मेरे लंड को मेरी अंडरवियर से बाहर निकाला तो उसे देखकर उसके मुँह से निकला ओह माई गॉड, शांतनु  तुम्हारा लंड कितना मस्त और प्यारा है? और उसे किस करने लगी. फिर वो मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी. मैंने सोचा पेलुँगा जरूर  कभी न कभी.

 जब माल अच्छा हो तो कौन नहीं  चोदना चाहेगा  है न दोस्तों जब वो मेरे लंड की खाल को खींचकर खेलने लगी तो मुझे बहुत दर्द हुआ, क्योंकि मेरे लंड की खाल पूरी नहीं खुलती थी. फिर लतिका ने पूछा कि क्या यह ऐसा ही है? तो मैंने बोला कि हाँ. तब उसने बोला कि वो अपनी एक दोस्त से बात करेगी जो कि एम.बी.बी.एस कर रही है, उसकी दोस्त का नाम वाणी वालिया था. लतिका ने वाणी वालिया को सारी बातें बताई. सेक्स करते समय बहुत मजा आया था दोस्तों.
      

  उसके ओठ रसीले थे दोस्तों मॉल गजब था दोस्तों तब वाणी वालिया ने उससे बोला कि वो देखने के बाद ही कुछ बता सकती है तो रात का टाइम था इसलिए वाणी वालिया ने अगले दिन आने का वादा किया और फिर बाद में लतिका ने मेरे लंड को चूसकर और हिलाकर मेरा वीर्य निकाला. जब मेरा वीर्य निकला तो वो हैरान रह गयी और देखकर बोली कि इतना ज़्यादा और गाढ़ा वीर्य तो मैंने ब्लू फिल्म में भी नहीं देखा है. फिर मैंने भी उसकी चूत को चूसकर और उंगली करके उसका पूरा रस निकाला और हम नंगे ही चिपककर सो गये. दोस्तों वो मदहोस थी चुदाई के लिए.

 उसके बूब्स क्या मस्त थे दोस्तों अब मै क्या कहु दोस्तों फिर अगले दिन जब वाणी वालिया आई तो लतिका ने मुझे अपने घर बुलाया. उसकी मम्मी कहीं गयी हुई थी. क्योंकि लतिका ने वाणी वालिया को सारी बातें पहले ही बता रखी थी इसलिए वाणी वालिया ने मेरे जाते ही मुझसे कहा की चलो देखे कि तुम्हारी प्रोब्लम कितनी सीरीयस है. वो मुझे लेकर लतिका के बेडरूम में गयी और मुझे मेरी पेंट उतारने को बोली तो मैंने मेरी पेंट ऊतार दी. उस समय मेरा लंड मुरझाया हुआ था. मेरा मन चुदाई का था दोस्तों.


 मैंने तय किया की चोद कर ही दम लूंगा फिर उसने मुझे अंडरवेयर भी उतारने को कहा तो मैंने वो भी ऊतार दी, अब में वाणी वालिया के सामने सिर्फ़ बनियान में खड़ा था और मेरा 5 इंच का मुरझाया हुआ लंड देखकर वाणी वालिया के मुँह से निकला ओह गॉड वाऊ इतनी कम उम्र में इतना मस्त लंड? फिर वो मेरे लंड को पकड़कर देखने लगी, उसके हाथ लगते ही मेरा लंड खड़ा होने लगा और थोड़ी ही देर में मेरा पूरा लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा हो गया. वाणी वालिया ने जब लंड की खाल पीछे खींची तो मुझे दर्द हुआ और में चिल्ला पड़ा. फिर उसने इधर उधर से कुछ देर तक मेरे लंड को देखा और लतिका को अंदर बुलाया और बोली कि कोई बहुत बड़ी प्रोब्लम नहीं है, जब ये लंड किसी कुंवारी कसी हुई चूत में जायेगा तो अपने आप इसकी खाल खुल जायेगी. ये सुनकर लतिका बहुत खुश हुई और वाणी वालिया को चूम लिया. मै चुदाई के लिए बिल्कुल बेताब  था  दोस्तों.

फिर मैं बोला अब इसे शांत तो कर दो, तो लतिका मेरे पास आई और मेरे लंड को सहलाने लगी और 5 मिनट में मेरे लंड ने अपना लावा उगल दिया और जब वाणी वालिया ने मेरा वीर्य देखा तो देखती ही रह गयी. फिर हमने साथ में बैठ कर चाय पी और वाणी वालिया अपने घर चली गयी. लेकिन वो जाते-जाते मुझे बहुत चाहत और ललचाई नज़रो से देख रही थी.

  मुझे तो बस चुदाई की धुन सवार थी दोस्तों फिर रात को लतिका मेरे घर आई और हमारे लिए खाना बनाया और मैंने मेरे कज़िन और लतिका ने साथ में खाना खाया और उसके बाद हम फिल्म देखने लगे और फिल्म ख़त्म होने के बाद मेरा कज़िन सोने चला गया और में और लतिका मेरे रूम में आकर कंप्यूटर पर गेम खेलने लगे. इसी बीच लतिका ने मुझसे पूछा कि शांतनु  क्या तुमने ब्लू फिल्म देखी है? तो मैंने बोला कि हाँ. तो उसने पूछा कि उसमें क्या होता है? तब मैंने बोला कि तुम खुद ही देख लो और मैंने एक ब्लू फिल्म लगा दी जिसमें एक कुँवारी लड़की पहली बार सेक्स करने जा रही थी, जैसे ही फिल्म स्टार्ट हुई और लड़के ने लड़की को किस करना स्टार्ट किया. मुझे बूर की मादक खुसबू आ रही थी जो मुझे पागल कर रहे थे.

 दिन रात बस चुदाई ही चुदाई ख्याल दोस्तों और कुछ नहीं फिर वो कपड़े के ऊपर से ही उसकी चूचीयाँ दबाने लगा और धीरे-धीरे उसने लड़की का टॉप उतार दिया और उसकी चूचीयाँ मुँह में लेकर चूसने लगा. इतना देखकर लतिका की हालत खराब हो रही थी और वो भी मस्त हो रही थी और मेरी तरफ सेक्सी नज़रो से देख रही थी. फिर मैंने उसे खींचकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और उसके होंठो को चूसने लगा. उसकी चुत का टेस्ट नमकीन और मादक था दोस्तों बस चाटा जाओ.


 उसकी बूर मदमस्त हो गयी दोस्तों उह उह उह उह  फिर मैंने उसके कुर्ते के ऊपर से ही उसकी चूचीयाँ मसल दी और मैंने उसकी नाइटी उतारी तो वो अंदर कुछ नहीं पहने थी, उसकी मस्त कसी हुई चूत और चिकनी जांघे देखकर में उसे ऊपर से नीचे तक चूमने लगा. फिर उसने भी मेरी शर्ट और बनियान को उतार दिया और मेरे लंड को पकड़कर किस करने लगी. फिर उसने लंड मुँह में ले लिया और मज़े से चूसने लगी और 10 मिनट तक वो चूसती रही और में उसकी चूत को सहलाता रहा. उसकी चूत से निकले रस से अब उसकी चूत एकदम चिकनी हो गयी थी. अब उसे चुदाई का मजा मिल रहा था दोस्तों.
 सच मुझे अब पता चला की चुदाई में कितना मजा है दोस्तों  फिर मैंने उसे लेटा दिया और उसकी चूत को किस किया और फिर अपना लंड उसकी चूत के छेद पर लगाया और उसके चूचिया  कसकर पकड़े और एक जोरदार धक्का लगाया तो लतिका चिल्लाई. आआईईई म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्मा आआआआआआआआआ उधर मेरे लंड में बहुत तेज दर्द हुआ. फिर कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद मैंने दूसरा धक्का लगाया और मेरा पूरा का पूरा लंड लतिका की चूत में चला गया. इस प्रकार हमने मस्त  चुत की ताबड़ तोड़ चुदाई की और मजा लिया.

 मेरा लंड चुत में घुसने को तैयार था दोस्तों  फिर मैंने उसे आराम से चोदना शुरू किया तो थोड़ी देर मे लतिका भी मस्त होने लगी और बोलने लगी आआआह्ह्ह शांतनु  माई लव, मेरी जान चोदो अपनी लतिका को, बुझा दो मेरी प्यास. फिर मैं भी बोला कि हाँ जान ये लो. फिर मैंने अपने धक्को की रफ़्तार बढ़ा दी और 10 मिनट के बाद जब मेरा निकलने वाला था तो मैंने और कसके धक्के लगाने शुरू किए और मैंने अपना लावा उसकी चूत के अंदर ही गिरा दिया और मेरे साथ ही लतिका भी झड़ गयी थी. मैंने उसकी बूर का सील तोड़ दिया दोस्तों.

सच कहु तो वो चुदाई तो तरस रही थी दो  फिर जब मैंने उसकी चूत से लंड बाहर निकाला तो देखा कि मेरे लंड की खाल हल्की सी कट गयी थी जिससे मुझे दर्द हुआ था. फिर हम साथ में बाथरूम गये और एक दूसरे की सफाई की. फिर लतिका ने मेरे लंड पर क्रीम लगाई और हम साथ में चिपककर सो गये. मेरा लंड उसकी बूर को चिर कर आगे निकाल रहा था    दोस्तों मैंने ऐसी तरह न जाने कितने  मदमस्त  औरतो और खूबसूरत  लड़कियों बूर में चोदा पेली किया है कितनो चुत का भोसड़ा तक बना दिया और न जाने कितनो का तो सील तोड़ कर खून निकाल दिया चुदाई की हर सिमा पारफ कर दी.

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