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जवान कामवाली की चुदाई

Posted on:- 2022-10-11


नमस्कार साथियो कैसे है आप लोग, मेरा नाम प्रदीप सिंह  है और मेरी उम्र 25 साल है, में उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ. दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है, इसमें मैंने देखा है कि बहुत से लोग अपनी चुदाई घटनाओ को लिखते है, में दिन में जब कभी भी फ्री होता हूँ तो इसकी कहानियों को जरुर पढ़ता हूँ और फिर एक दिन आख़िरकार मैंने भी सोचा कि में आप सभी को मेरे साथ हुई अनेक चुदाई घटनाओ में से यह एक पहली कहानी बताऊँ, जिसमे मुझे जो चाहिए था, वो मिल गया.

 

साथियो में एक छोटा सा कपडे का  धंधा करता हूँ और एक मध्यमवर्गीय फेमिली का हूँ और मेरी लम्बाई 5.7 इंच और दिखने में एकदम हैंडसम  लड़का हु

साथियो यह आज से 10 महीने पहले की बात है, जब मेरे आखिरी परीक्षा को दो महीने बाकी थे और आने जाने में ज्यादा समय खराब ना हो, इसलिए मैंने कॉलेज से थोड़ी ही दूरी पर मेरे मौसा के निजी घर में रहना शुरू किया और उस समय में अकेला ही रहता था और में कभी कभी अपने कुछ मित्रो को भी पढ़ाई करने के लिए अपने घर पर बुलाता था.

 

एक दिन बात है सबेरे ही सबरे कुछ किताबें लेने के लिए अपने एक दोस्त के घर गया और फिर में अंदर जाते ही दरवाजे के पास एक कुर्सी पर बैठ गया, क्योंकि मित्र ने मुझे जूते नहीं उतारने दिए थे और फिर उसने अंदर की तरफ एक आवाज़ दी और एक लड़की ने पानी लाकर मुझे दिया. फिर मैंने पानी पीते पीते सोचा कि शायद यह लड़की मेरे दोस्त की कोई जानने वाली होगी, क्योंकि में अपने दोस्त के घर पर सभी घरवालों को जानता था और वहां पर सिर्फ़ उस लड़की को मैंने पहली बार देखा था

 

दोस्तों लड़की क्या जबरजस्त मॉल थी खेर आगे सुनिए फिर पहले मैंने उस लड़की पर इतना ध्यान नहीं दिया और में दोस्त से गप्पे शप्पे करने लगा और फिर कुछ देर बाद देखा तो वो लड़की फिर से बाहर आई, लेकिन इस बार वो किचन के अंदर से ज़मीन पर पोछा लगाते हुए बाहर की तरफ आई और उसी समय मेरा ध्यान उसके मस्त चूचियों पर गया, क्योंकि वो अपना दुपट्टा उतारकर पोछा लगा रही थी. में तो उसके चूचिया को हिलते हुए बाहर निकलते हुए देखकर जैसे कि मदहोश सा हो गया था और अब मेरा लंड आहिस्ते-आहिस्ते टाइट होने लगा था  

चूचियों का जबाब नहीं था दोस्तों आगे बता रहा हु और में क्या  कहूँ दोस्तों वो उस समय पसीने से एकदम भीगी हुयी थी और उसके कान के पीछे से पसीना निकलकर गर्दन पर से होते हुए उसके दोनों चूचियों के बीच की दरार के अंदर जा रहा था.

 

मै कुछ पागल सा हो गया था मेरा मन तो कर रहा था कि अगर उस समय घर पर कोई नहीं होता तो में अभी उसके चूचि को बाहर निकालकर पिने लगता. फिर बातों बातों में मैंने दोस्त से पूछा कि यह लड़की कौन है? तो उसने जवाब दिया कि वो उसकी कामवाली लड़की है, जो सुबह से दोपहर तक उसके घर का काम करती है. फिर मैंने पूछा कि और उसके बाद वो कहाँ पर काम करने जाती है? तो मेरे दोस्त ने कहा कि उसके बाद वो अपने घर पर चली जाती है.

 

साथियो मै अपने आप को रोक नहीं पा रहा था दोस्तों में क्या बताऊँ जानवी  को देखकर में क्या कोई भी नहीं रह सकता और उसे देखकर कोई भी नहीं कह सकता कि वो एक कामवाली बाई है, वो तो बिल्कुल परी जैसी लगती है. उसकी उम्र आंटी ने 22 साल बताई थी और उसके चूचि ज़्यादा बड़े नहीं थे, लेकिन एक हाथ में तो उसका एक चूचि भी नहीं आ सकता और उसकी कमर बिल्कुल पतली और नीचे से तो वो 36 इंच की ही होगी.

 

आगे की कहानी बता रहा हु दोस्तों उसकी लम्बाई लगभग मेरे बराबर ही थी और काम के कारण ज़्यादा धूप में घूमने से वो थोड़ी ही गोरी है, लेकिन उसका असली गोरा रंग उसके चूचि से पता चल रहा था. फिर दोस्त ने तुरंत मुझसे पूछा कि सोहेल यार तेरे जान पहचान में किसी को कामवाली बाई चाहिए क्या? तो मैंने पूछा कि क्यों? तो उसने जवाब दिया कि जानवी  को दोपहर से शाम तक के लिए भी कोई काम चाहिए, क्योंकि जानवी  ने मेरे दोस्त के घरवालों से कहा था कि जानवी  को और काम की ज़रूरत है.

 

फिर क्या दोस्तों मैंने सोचा कि वाह इससे अच्छा जुगाड़ और कभी नहीं मिलेगा और मैंने तुरंत दोस्त से कहा कि हाँ यार मुझे मेरे घर के लिए भी एक काम करने वाली चाहिए थी. फिर दोस्त ने तुरंत जानवी  को कहा कि यह लो तुम्हारा काम हो गया, हमने वहीं पर जानवी  से काम की और पैसे की लेन देन की बातें कर ली और जानवी  को उसी दोपहर से काम पर आने के लिए कह दिया.

 

मित्रो मेरे खुसी ठिकाना नहीं रहा में वहां से निकलने लगा तो वैसे ही मेरे दोस्त की माँ ने मुझे रोका और कहा कि तू जानवी  को भी तेरे साथ ले जा और तेरे घर जाने का रास्ता भी दिखा देना, वर्ना बाद में इसे लेकर तेरे घर पर कोई नहीं आएगा और वैसे भी लगभग आज घर का सारा काम हो गया है और मेरे दोस्त की माँ ने जानवी  से कहा कि वो मेरे घर पर काम खत्म करके सीधे अपने घर पर चली जाए और फिर दूसरे दिन सुबह आना.

 

दोस्तों फिर मेरे दिमाग में तो अब सचमुच में उसे चोदने का भूत चड़ गया था. फिर में दरवाजे पर उसका इंतजार करने लगा, वो 5 मिनट में तैयार होकर आ गयी और जब वो आई तो दोस्तों जानवी  को देखकर तो मेरा लंड फिर से उठने लगा, क्योंकि जानवी  ने चश्मा लगाया था, जिसको पहनने के बाद वो और भी सुंदर दिख रही थी और बालों को जल्दी बाजी में ऊपर की तरफ पानी के फव्वारे की तरह बनाया था. उस समय वो बहुत ही शरीफजादी लग रही थी, लेकिन बहुत सेक्सी भी लग रही थी.

 

फिर में जानवी  के साथ नीचे आया और ऑटो रिक्शे में बैठाकर उसे अपने घर पर ले जाने लगा और जब जब मेरी बाहें उससे चिपक रही थी, तब तब जानवी  के जिस्म की गरमी मुझे महसूस हो रही थी और घर पर पहुंचते ही मैंने उसको सारा काम समझाया, जैसे कि कपड़े धोना एक दिन के बर्तन साफ करके स्टेंड पर लगाना और बहुत कुछ और उसके बाद उसने कहा कि बस इतना ही काम सर जी.

 

मैंने मज़ाक में उससे पूछा कि तुम और क्या क्या काम कर सकती हो? तो जानवी  ने कहा कि मुझे पैसों की बहुत ज़रूरत है और तुम्हे काम की ज़रूरत है और मुझे धीरे धीरे लगने लगा था कि वो किसी और बातों की तरफ इशारा कर रही है. वो बहुत ही खुले विचारो वाली लग रही थी और मुझे भी जानवी  से बात करने में बहुत अच्छा लगने लगा और हम बैठक रूम में बैठकर बातें करते करते में टी.वी. भी चालू करना भूल गया था.

 

फिर मैंने बातें जारी रखी. उसने कहा कि वो खाना तैयार करना चाहती है और किचन में सामान कहाँ कहाँ है, उसे दिखाओ. फिर हम दोनों बातें करते करते किचन में चले गये. मैंने फिर से जानवी  से पूछा कि तुम्हे क्या क्या काम आता है? तो उसने बिना डरे सीधा जवाब दिया कि सर आप जिस चीज़ से खुश हो जाओगे, में वो भी काम कर लूँगी और अब तो मुझे सीधा सीधा ग्रीन सिग्नल मिल चुका था. फिर में उसके पास गया, वो उस समय चावल धो रही थी.

 

मैंने धीरे से उसके कान में कहा कि में तुम्हारी तनख़्वा नहीं बड़ाऊंगा, लेकिन में जब कभी भी खुश हो जाऊंगा, तब तुम्हे अपनी मर्ज़ी से खुशी खुशी पैसे दे दिया करूँगा. फिर उसने तुरंत पलट कर कहा कि मुझे मंजूर है और फिर मैंने कहा कि बाद में बदल मत जाना? तो उसने कहा कि बाद की फ़िक्र छोड़ो, अभी तुम्हारी पेंट का उभार दिख रहा है. दोस्तों मेरा लंड सच में बिल्कुल तन गया था और इतनी टाईट अंडरवियर से भी वो दब नहीं रहा था.

 

मैंने तुरंत जानवी  को गर्दन पर चूमा और वो खुद से मुझे मेरे होंठो पर चूमने लगी और साथ ही कहने लगी कि तुम शरमाते बहुत हो, क्या यह सब पहली बार कर रहे हो? तो मैंने कहा कि नहीं बहुत दिनों से मैंने सिर्फ़ वर्जिन दोस्त को ही चोदा है और अब में बहुत बोर हो गया हूँ उन वर्जिन लड़कियों के नखरो से और उन्हे चोदते समय मेरा साथ नहीं देने से और में बहुत दिनों से तुम जैसी किसी लड़की का इंतज़ार कर रहा था, जो कि मुझसे एक कदम आगे हो.

 

फिर मैंने जानवी  को कमर के नीचे से जकड़कर अपनी बाहों में दबा लिया और जानवी  की पूरी जीभ अपने मुहं में लेकर चूसने लगा और पूरे चुदाई के दरमियाँ जानवी  सिर्फ़ बीच बीच में मोन कर रही थी. जानवी  ने कहा कि तुम इन कामों में बहुत माहिर लगते हो? तो मैंने कहा कि अब तक तुमने कुछ भी नहीं देखा और यह कहते ही मैंने जानवी  को गोद में उठाया और किचन की पट्टी के ऊपर बिठा दिया और फिर में नीचे ही खड़ा रहकर 10-15 मिनट तक उसके गले लगकर स्मूच लेने के बाद मैंने उसके बूब्स खोले. दोस्तों वो क्या कयामत बूब्स थे और मैंने पहले ही कहा था ना कि उसका असली गोरा रंग उसके बूब्स से मालूम होता है, उसके बूब्स से एक अलग ही जानवी  आ रही थी.

 

फिर में उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा और बार बार उसके बूब्स को अपने मुहं में पूरा का पूरा अंदर डालने की कोशिश करने लगा. जानवी  तो पहले से ही गरम थी, लेकिन वो और भी गरम होती जा रही थी और वो एक अलग ही अंदाज़ में छटपटा रही थी और मुझे उसकी हरकतों से लग रहा था कि उसकी चूत को भी लंड की बहुत दिनों से प्यास थी.

 

बूब्स चूसने के बाद मैंने जानवी  का पजामा खोलना शुरू किया और फिर पेंटी को बाहर निकाला तो जो कुछ दिखा तो मुझे ऐसा लग रहा था कि भूखे शेर को अपना शिकार मिल गया हो और 5 दिन पहले कटे हुए छोटे छोटे बाल उसकी चूत की सुन्दरता बढ़ा रहे थे और उस हल्के गोरे रंग की गीली चूत के छेद में से हल्के गुलाबी और लाल रंग की धारी निकली हुई थी और उसकी चूत को देखकर ही पता लग रहा था कि इसने पहले चुदाई किया हुआ है या तो यह अपनी चूत में बहुत उंगली करती है, लेकिन मुझे क्या? मुझे तो उस समय जानवी  की गीली चूत ही दिख रही थी, जो कि मेरी पहली पसंद है. में एकदम सच बोल रहा हूँ, दोस्तों ऐसी गीली चूत मैंने अब तक सिर्फ़ एक या दो वर्जिन लड़कियों की ही चोदी है और बाकी सब लड़कियों की तो मुझे चाट चाटकर गीली करनी पड़ती थी.

 

फिर में उसकी गीली चूत को पागलों की तरह चाटने लगा और वो मज़े लिए जा रही थी, हम दोनों पिछले एक घंटे में इतने उत्तेजित हो चुके थे कि वो और में भी अब झड़ने जैसे हो गये थे. फिर मैंने अपने आपको कंट्रोल में रखा और जानवी  को मेरे मुहं में ही झड़ जाने दिया और उसके झड़ने के बाद भी में उसकी चूत को चाटे जा रहा था और अपनी पूरी जीभ उसकी चूत के छेद में घुसाए जा रहा था. फिर एक हल्का हल्का सा तरल उसकी चूत से निकलने लगा. में उसकी चूत को चाट चाटकर पीये जा रहा था.

 

उसकी चुत अच्छी तरह से चाटा में जानवी  को बेडरूम में ले गया और उसको 69 की तरह होने को कहा तो उसने मुझसे कहा कि ऐसा तो मैंने सिर्फ़ गंदी फ़िल्मो में ही देखा है. फिर मैंने कहा कि इससे हम दोनों को एक साथ बहुत अच्छा लगेगा और मैंने उससे कहा कि तुमने कहा था कि तुम मुझे खुश करने के लिए कुछ भी करोगी.

 

ऐसा लगा था वो कुछ शर्माएगी लेकिन दोस्तों वो बिना कुछ बोले मुस्कुराते हुए मेरे लंड को अंडरवियर से बाहर निकालने लगी तो मैंने कहा कि रूको ऐसे नहीं. फिर में नीचे लेट गया और जानवी  से कहा कि अब बाहर निकालो और अपने मुहं में ले लो और फिर जानवी  ने बिल्कुल वैसा ही किया. उसने मेरे लंड को बाहर निकाला और उसको धीरे धीरे जीभ से चाटने लगी. दोस्तों मेरा लंड तो केवल 7 इंच का है, लेकिन बहुत मोटा है.

 

मित्रो जब वह चाट रही थी तब क्या मजा आ रहा था जानवी  फिर मेरे लंड को अपने मुहं में डालने की कोशिश करने लगी, लेकिन मेरे लंड का सिर्फ़ ऊपरी हिस्सा एक या दो इंच ही अंदर जा पा रहा था, लेकिन फिर भी जानवी  पूरी कोशिश कर रही थी कि लंड पूरा अंदर चला जाए, लेकिन वो उसे अंदर नहीं डाल पा रही थी और वो लंड को इतना दबा रही थी कि में भी आख़िर झड़ने की कगार पर आ ही गया.

 

आखिर मै क्या करता मैंने उसकी गांड को पकड़कर चूत को अपने मुहं पर रख दिया और जानवी  की गांड को पकड़कर आगे पीछे हिलाने लगा. वो भी मेरे लंड को उतना ही तेज़ी से मुहं में डालने की कोशिश कर रही थी, जितना कि में उसकी चूत में अपनी उंगली और जीभ डाल रहा था. फिर मैंने उसके सर को अपने दोनों पैरों के बीच में पकड़ा और ज़ोर से उसके सर को लंड की तरफ धक्का दिया और ऐसे समय में मेरे पास सोचने के लिए एक सेकेंड भी नहीं बचा था और उसको बिना बोले में उसके मुहं में ही झड़ गया और झड़ने के बाद मैंने लंड को तुरंत मुहं से बाहर निकाल लिया और जानवी  के मुहं में मेरा सारा वीर्य था और इसलिए वो बिना बोले उसके दोनों हाथों से इशारा करने लगी कि उसको यह वीर्य जल्दी से कहीं बाहर थूकना है.

 

दोस्तों वो और चुत मरवाना चाहती थी फिर मैंने कहा कि थूको मत जानेमन इसे पी जाओ और उसने फिर वीर्य को मुहं में ही रखा और दबे मुहं से बोलने लगी कि कुछ समस्या हो गयी तो? तो मैंने कहा कि कोई प्रोब्लम नहीं होगी और वो सारा वीर्य झट से गटक गयी और हम दोनों फिर 5 मिनट के लिए एक दूसरे को गले लगाकर लेट गये. फिर 5 मिनट के बाद मैंने उसके शरीर पर जो थोड़े बहुत कपड़े बचे हुए थे, वो भी हटा दिए और में भी पूरा नंगा हो गया और फिर से में उसके पैरों को फैलाकर उसकी रसीली गीली चूत को चाटने लगा.

 

दोस्तों उसकी रसीली चुत का टेस्ट नमकीन लग रहा था पर कुछ भी हो  मजा आ रहा था वापस से मेरा लंड बिल्कुल तन गया, बिल्कुल लोहे के सरिये की तरह. फिर मैंने पहले उसे सीधा किया और स्टाईल में उसके ऊपर लेटकर लंड को पकड़कर उसकी चूत में डालने की शुरुआत की और उसकी चूत पूरी तरह से गीली थी, इसलिए मेरा लंड फिसलता हुआ बहुत आसानी से दो इंच अंदर चला गया. फिर उसकी चूत थोड़ी टाईट लगने लगी और फिर मेरे थोड़ी कोशिश करने के बाद लंड धीरे धीरे पूरा उसकी चूत में घुस गया और वो थोड़ा चिल्लाने लगी. फिर मैंने तुरंत अपनी जीभ उसके मुहं में रख दी और उसकी आँखो से मैंने पहली बार आँसू निकलते हुए देखा, लेकिन बड़ी अजीब बात थी कि वो अभी भी मेरे लंड का मज़ा ले रही थी.

 

भाईसाहब  मै आपको क्या बताऊ फिर थोड़ी रफ़्तार बढ़ाने के बाद मैंने अब उसे पलंग के किनारे पर ही डॉगी स्टाईल में होने को कहा और में ज़मीन पर खड़ा हो गया और पीछे से तो उसकी चूत और गांड का नज़ारा एक साथ बहुत ही हसीन लग रहा था. मैंने फिर से थोड़ी देर तक चूत चाटी और बाद में लंड को फिर से उसकी चूत में घुसाने लगा. करीब दस मिनट के बाद हम दोनों फिर से झड़ने लगे तो इस बार जानवी  ने मुझसे कहा कि वीर्य उसके मुहं में गिराना और फिर मैंने भी वैसा ही किया, वीर्य उसके मुहं में डाल दिया और वो तुरंत उसको पी गयी और फिर मुझे स्मूच करने लगी, लेकिन अभी भी उसका झड़न बाकी था तो मैंने कहा कि अब मेरा लंड तो सो गया है, इसको चुदाई के लिए तैयार होने में अभी 5 मिनट और लगेंगे.

 

उसकी चुत को जीभ से चाटने लगा और जीभ भी और दूसरे हाथ की उंगली उसकी गांड में डालने की कोशिश कर रहा था, लेकिन वो अंदर जा ही नहीं रही थी. फिर कुछ देर बाद उसका पानी निकल गया और इस समय उसकी चूत ने बहुत पानी छोड़ा और में वो सारा पानी पी गया और उसके झड़ने के बाद मेरा लंड फिर से टाइट हो गया, लेकिन उसको कुछ समय आराम चाहिए था.

 

दोस्तों मै क्या बताऊ की कितना मजा आ रहा था दोस्तों फिर मैंने उसको तुरंत डॉगी स्टाईल में रहने को कहा तो उसने कहा कि थोड़ी देर बाद करते है ना और वो मुझे स्मूच करने लगी, लेकिन मैंने तुरंत उसे पकड़कर डॉगी स्टाईल में आराम करने को कहा और अब मैंने थोड़ी देर उसकी चूत का थोड़ा पानी निकालकर उसकी गांड में मसलने लगा और गांड में उंगली करना शुरू कर दिया, लेकिन उंगली भी बहुत टाईट जा रही थी, इसलिए मैंने अपने कड़क लंड को उसकी गांड में घुसाना शुरू किया, लेकिन उसकी गांड का छेद बहुत ही टाईट था और लंड सिर्फ़ 1.5 इंच ही अंदर घुस पाया और बहुत रगड़ होने के बाद में उसकी गांड में सिर्फ दो इंच अंदर ही लंड को डाल सका और में झड़ गया और मेरा सारा वीर्य झरने की तरह उसकी गांड से बाहर आने लगा.

 

मै थक सा गया था फिर में उसके पास ही थोड़ी देर के लिए लेट गया. हम दोनों पूरी तरह से नंगे थे, इसलिए एक दूसरे से चिपकने का मज़ा भी बहुत आ रहा था और इस बीच हम खाना भी भूल गये और घर का सारा काम भी. मैंने फिर से जानवी  से कहा कि जाने दो आज का काम कल कर लेना और तुम थोड़ा आराम करो, में होटल से खाना ले आता हूँ.

 

सच में चुदाई के बाद मै तनाव मुक्त हो गया फिर में बाहर गया और होटल से खाना लेकर आया और हम दोनों ने एक साथ में खाना खाया और मैंने उसे इनाम में एक सोने की रिंग दिया, जो मुझे भी गिफ्ट मिला था. फिर कुछ देर बाद जब शाम हुई तो मैंने उसको ऑटो से उसके घर पर भेज दिया और जब तक में घर था, तब तक हम दोनों ने बहुत चुदाई किया, लेकिन आजकल हम एक महीने में कभी कभार ही मिल पाते है, लेकिन जब भी मिलते है तो कोई ना कोई नयी तरीके से चुदाई ज़रूर करते है.

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