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हॉट लड़की की चुदाई

Posted on:- 2021-07-19


दोस्तों क्या हाल चाल आप लोगो के चुदाई तो कर ही रहे होंगे आप लोग मैं मुंबई  से हूँ और मेरी आयु 20 साल है, मैं देखने में हैंडसम हूँ, यह तो मैं ज़रूर कहूँगा जिससे लड़कियाँ मेरे से ज़्यादा बात करें। मैं फुल-टाइम मस्ती करता हूँ। अभी मेडिकल की कोचिंग के लिए झारखण्ड आया हुआ हूँ। मै एक नंबर का चुदकड़ लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है.

 

ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना तो शुरू करता हूँ… बात अगस्त की है, मैं झारखण्ड में नया आया था और यहाँ साला मन भी नहीं लगता था।. चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए.

 

अब सुनिए चुदाई की असली कहानी अब एक दिन मेरे पास एक कॉल आया। वो कॉल मेरी पुरानी दोस्त रेखा (नाम बदला हुआ) का था। उसने बताया कि वो भी झारखण्ड में ही है और उसे यह नंबर मेरे घर से मिला है। वहा का माहौल बहुत अच्छा था  दोस्तों.

 

उसने काफ़ी देर तक बातें की। इन बातों में बस एक चीज़ ही मेरी पसन्द की थी।

 

उसने कहा- अगर तेरा यहाँ मन नहीं लग रहा है, तो तुझे कोई लड़की पटवाने में तेरी मदद करूँ..!

 

यह सुनकर मैं खुश हुआ.. अजी खुश क्या बहुत ही खुश हुआ..!

 

कुछ दिन बाद मैं अपने दोस्तों से बातें कर रहा था कि एक लड़की का कॉल आया।

 

उसने मुझे बताया कि आपका नंबर मुझे रेखा ने दिया है।

 

मैंने उससे बातें भी खूब की, जैसे क्या कर रही है, मुझे देखा कि नहीं, मेरे से कब मिलोगी.. वगैरह वगैरह…!

 

उसने भी चूतिया बनाने वाले जवाब दिए।

 

उसने कहा- वो भी मेडिकल में है, उसने मेरा फोटो फ़ेसबुक पर देखा, कल ही मेरे से मिलेगी, फिल्म देखने के बहाने!

 

 वहा जबरजस्त माल भी थी दोस्तों  अब यार पहली बार कोई लौंडिया को बिना देखे मिलने जाना था, मेरी गांड फट रही थी कि कहीं छम्मक-छल्लो जैसी ना हो, काली सी ना हो, यह सब सोच कर मैं अपने दो दोस्त अभिषेक और शुभम को अपने साथ ले गया और उन्हें समझा दिया कि उसे पता ना चले कि तुम लोग मुझे जानते हो। ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा दोस्तों.

 

 उह क्या मॉल था दोस्तों गजब मैंने मूवी के टिकट ले लिए और उसका इंतजार करने लगा, साथ  में गांड भी फट रही थी कि कोई काली सी लड़की चेप ना हो जाए। मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था दोस्तों.

 

 कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था करीब 15 मिनट बाद रेखा के साथ एक लड़की आई, कसम से एकदम मस्त माल.. मोटे-मोटे मम्मे, कमर पतली, गांड हाए… हाए.. दिल पे छुरियाँ चल गईं…!उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है.

 

ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है रेखा ने उससे मेरा परिचय करवाया, उसका नाम तो बताना ही भूल गया, उसका नाम उज्वला था। अब मेरे दोस्तों ने मुझे देख कर मैसेज किया- बेटा मिल गई चोदने को रापचिक लौंडिया…! अब तो हमें भूल ही जाएगा…!है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई.

उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था दोस्तों उनका मैसेज पढ़ कर मुझे अपने आप पर गर्व हुआ, हम लोग थियेटर में पहुँच गए। उसकी बूब्स  देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी. 

 

 

 दोस्तों मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु सामने मूवी चल रही है और मैं उज्वला के मम्मे देख रहा हूँ। अब हिम्मत करके मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखा तो उसने अपना हाथ वहाँ से हटा लिया। उसको पेलने की इच्छा दिनों से है दोस्तों

 

मेरी लक तो देखो साला… तभी इंटरवल हो गया।

 

फिर साला टॉयलेट में दोस्तों ने पकड़ लिया। सवाल ऐसे पूछे जो सिर्फ़ दोस्त ही पूछ सकता है।

 

एक बोला- अबे साले ‘चूमा’ कितनी देर तक लिया?

 

दूसरा- चूची दबाकर मज़ा आया कि नहीं?

 

तीसरा- चूची चूसी या नहीं?

 

अब सालों से क्या कहता कि बहनचोद ने हाथ पर हाथ भी ना रखने दिया।

 

कुछ देर बाद मैं वापस थियेटर में पहुँच गया। अब मेरी गांड जल रही थी, उस लड़की के साथ मैं चुपचाप मूवी देखने लगा।

 

अब उसने ही मेरे हाथ पर हाथ रखा और पूछा- नाराज़ हो क्या?

 

लड़की ने शुरू किया तो मैंने मुस्कुरा कर कहा- नहीं.. नाराज़ नहीं हूँ… बस मूवी देख रहा हूँ।

 

उस दिन तो सिर्फ़ उसका हाथ ही पकड़ कर रह गया।

 

 तीन दिन बाद मैं फिर उसके साथ मूवी देखने गया। इस बार साली का चूमा भी लिया। उसके बाद तो आए दिन ही मूवी देखने भाग जाता था।

 

अब तो साली के मम्मे भी पिए और दबाए.. बस इससे ज़्यादा कुछ नहीं हुआ।

 

होता भी कैसे… थियेटर में तो जब मम्मे ही दबाने जाते हैं।

 

 अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता दोस्तों अभी सात दिन पहले मैंने उससे अपने हॉस्टल में आने के लिए कहा। शायद आज किस्मत साथ दे रही थी इसलिए हॉस्टल का मालिक भी नहीं था। सभी लड़के कोचिंग गए थे, जो सुबह वाले बैच के थे, वो सो रहे थे। अब मैंने अपने दोस्त को हॉस्टल के दरवाज़े पर खड़ा कर दिया और मैं अपनी आइटम को लेने चला गया। दोस्तों मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार.

 

उसको देखने बाद साला चुदाई भूत सवार हो जाता दोस्तों साली कोचिंग के पास खड़ी थी, कन्धों पर बैग टांग रखा था.. हरे रंग का टॉप और जीन्स पहन रखी थी।.

 

 मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू    तब तक ठीक नहीं होता अपनी कसम… पूरी ब्लू-फिल्म की पॉर्न-स्टार लग रही थी। पर पता नहीं चलता, लड़कियों की दूर से गांड देख कर कैसे साला सबका लण्ड खड़ा हो जाता है, मेरा तो आज तक नहीं हुआ।.

 

 एक बात और दोस्तों चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है बस गांड को देखना अच्छा लगता था, पर दूर से देखने पर खड़ा कभी नहीं हुआ।.

 

उसको अपने साथ लाने से भी गांड चौड़ी हो रही थी। क्योंकि उस एरिया में मेरे को सब जानते हैं!

 

 मैंने उज्वला से कहा- मेरे पीछे-पीछे आ जाओ… मेरे दोस्त शोएब ने उज्वला और मुझे हॉस्टल में एंट्री करवाई.. पता नहीं शोएब ने क्या ऐसा किया था, पर उस दिन तो पूरा हॉस्टल खाली था।

 

अपनी आइटम को अपने रूम में लेकर आ गया, अब वो साली मेरे से बातें चोदने लगी!

 

उज्वला- वैसे बाबू, तुम्हारी उमर क्या है?

 

मैं- मैं 19 साल का हूँ…!

 

उज्वला- झूठ मत बोलो जान…!

 

मैं- सच जानू…!

 

उज्वला- तुम तो मेरे से एक साल छोटे हो.. मैं 20 की हूँ…!

 

मैं- तो क्या हुआ.. आज कल तो सब चलता है…!

 

 उह यह उसकी नशीली आँखे में एक दम  चुदकड़ अंदाज है इस तरह चोदू किस्म की बातें.. जिनसे मुझे गुस्सा और आने लगा था.. मन कर रहा था कि बहनचोद को अभी धक्के मार कर बाहर निकल दूँ, पर मैंने अपने पर काबू किया..!

 

मुझे उस वक़्त उसकी चूत जो दिख रही थी।

 

मैं- प्यार उम्र नहीं देखता… अब तुम मेरे से प्यार करो या ना करो मैं तो करूँगा..!

 

 दोस्तों देखने से लगता है की वो पका चोदा पेली का काम करती होगी इतना कहते ही मैंने अपने होंठ उसके होंठ से मिला दिए और लगा साली को चूसने। वो इसके लिए तैयार नहीं थी, लेकिन थोड़ी देर में उसको भी मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी। दोस्तों चुत को चाटेने के  समय उसके बूर के बाल मुँह में आ रहे थे.

 दोस्तों मुझे तो कभी कभी चुत के दर्शन मात्र से खूब मजा आता क्योकि मई पहले बहुत बार अपने मौसी के लड़की  को बिना पैंटी के देखा था  वाह क्या मजा आया था पर वो ये सब अभी नहीं चाहती थी, वो मुझसे प्यार करने लगी थी। चुदाई के बारे में तो उसने कभी सोचा ही नहीं था, पर मैंने उसकी बात ज़्यादा ना सुनते हुए उसे दोबारा चुम्बन करने लगा।.

 

 मन कर रहा था कब इसे चोद लू मेरा लंड समझने  को तैयार नहीं था . मैंने उसे बिस्तर पर धक्का दिया, आज उसके आने की खुशी में मैंने बिस्तर फूलों से सजाया था। अब मैं उसके कपड़े उतारने लगा, थोड़ी सी देर में मैंने उसे नंगी कर दिया।.

 

अब शर्म की वजह से मुझसे आकर चिपक गई, मैंने उससे बेतहाशा चूमा, अब वो मेरा साथ देने लगी थी। अब बिना चुदाई के रह नहीं सकता था दोस्तों मै पागल सा हो गया

 

मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए, मैं भी अब उसके सामने नंगा था।

 

मैं उसके चूचे पी रहा था, जो सच में बहुत बड़े-बड़े थे, मेरे हाथ में भी नहीं आ रहे थे।

 

मैं कभी उसका दायाँ मम्मा कभी बायाँ मम्मा चूस रहा था।

 

 मुझे तो बस चुदाई की धुन सवार थी दोस्तों मैं धीरे-धीरे नीचे आया, जहाँ चूत होती है और उसकी बुर चाटने लगा। एकदम साफ-सुथरी और गुलाबी चूत, जिस पर एक भी बाल नहीं था। उज्वला सिसकारियाँ ले रही थी, मुझे भी मज़ा आ रहा था। मुझे बूर की मादक खुसबू आ रही थी जो मुझे पागल कर रहे थे

इसी बीच उज्वला झड़ गई।

 

अब मेरे लण्ड को पास से देखती ही बोली- यार, ये क्या.. इतना बड़ा.. मेरे में चला जाएगा?

 

मैंने कहा- मुँह में डाल कर देखो, अगर मुँह में चला जाएगा, तो चूत में भी चला जाएगा!

 

 दिन रात बस चुदाई ही चुदाई ख्याल दोस्तों और कुछ नहीं  इतना कहने पर वो मेरा लण्ड मुँह में लेकर चूसने लगी। कभी मुँह में रखकर टॉफ़ी की तरह चूसती तो कभी आगे-पीछे करके चूसती.. तो कभी गोलियों को चूसती। सच कहु तो वो चुदाई तो तरस रही थी दो

 

मुझे खूब मज़ा आ रहा था, मैं झड़ने वाला था, उससे पूछा- कहाँ लोगी मेरा माल..! मुँह में या बदन पर?

 

उसने कहा- स्वाद लेकर देखने दो.. कैसा लगता है…!

 

और मादरचोदी मेरा पूरा माल अन्दर ले गई।

 

अब हम एक-दूसरे को चूमने लगे।

 

मैं फिर उसकी चूत चाटने लगा, कुछ देर बाद वो मेरा लण्ड चूसने लगी।

 

अब उसने कहा- अब नहीं रहा जाता, डाल दो अपना साँप मेरे बिल में..!

 

मैंने अपने लण्ड पर थोड़ा तेल लगाया और थोड़ा उसकी चूत में उंगली डाल कर लगाया।

 

 मेरा लंड उसकी बूर को चिर कर आगे निकाल रहा था  लौड़ा निशाने पर रख कर एक-दो बार धक्के दिए, पर अन्दर नहीं गया। उसकी चूत बहुत कसी हुई थी। फिर मैंने ज़ोर से पकड़ कर एक धक्का दिया, आधा लण्ड चूत को चीरता हुआ अन्दर चला गया। लंड घुसाने में लग रहा था बस चुत फैट ही जाएगी दोस्तों.

 

वो बहुत तेज़ चिल्लाई, उसकी चूत से खून की धार बहने लगी और आँखों से आँसुओं की धारा बहने लगी। उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था दोस्तों

 

मैंने अपना हाथ उसके मुँह पर रख दिया और उसे चूमने लगा। उसके चूची पीने लगा और उससे सहलाने लगा। उसकी बूब्स  देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी

 

 दोस्तों मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु जब थोड़ा आराम हुआ तो मैंने एक और धक्का दिया और पूरा साँप बिल में घुस गया। मैंने पूरा लण्ड उसकी चूत में पेल दिया, उसकी साँस एकदम रुक गई.. आँखें बाहर को निकल आईं। मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रखे और चूमने लगा। कुछ देर बाद वो नीचे से गांड हिलाने लगी, तभी मैंने भी उसका साथ दिया और आगे-पीछे होने लगा। उसको पेलने की इच्छा दिनों से है दोस्तों

 

 

फिर 25 मिनट तक चूत-लण्ड का घमासान युद्ध हुआ। चूत.. लण्ड के सामने पानी-पानी हो गई।

 

अब हम दोनों आराम से पड़े हुए थे। उसके लिप्स की चूसै यू ही चलती रही  दोस्तों

 

 उसके बूब्स क्या मस्त थे दोस्तों अब मै क्या कहु दोस्तों उज्वला उठी अपनी चूत और बिस्तर को देख कर घबरा गई। उसकी चूत, गांड और बिस्तर खून में सने हुए थे।

 

मैंने उससे बताया कि पहली बार ऐसा ही होता है.. बाद में सब ठीक हो जाता है।

 

 मैंने तय किया की चोद कर ही दम लूंगा  उसे चलने में दिक्कत हो रही थी, तो मैंने उससे पेनकिलर दी और उसे उसके हॉस्टल छोड़ कर आ गया!

 

 मुझे बूर की मादक खुसबू आ रही थी जो मुझे पागल कर रहे थे तब से अब तक मैंने उसे 5 बार चोदा है।

 

 कैसी लगी मेरी गाथा, दोस्तो, प्लीज़ अपने विचारों का अचार जरूर दें..!

   दोस्तों ऐसी पवित्र गाथाये आपको ऐसे ही सुनाता रहूँगा और नए लौंडो को चुदाई करने की ट्रेंनिग भी ऑनलाइन देता रहूँगा.

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