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दारु पीला के चूत की चुदाई की

Posted on:- 2023-01-12


गुड मार्निग दोस्तों आप सब कैसे है,क्या हाल चाल दोस्तों कैसे है आप सब आशा है अच्छे होंगे और चुदाई के जुगाड़ में होंगे यह मेरी पहली कहानी है.. लेकिन में उम्मीद करता हूँ कि यह आप सभी को बहुत पसंद आएगी. यह कहानी मेरी और रेखा  की पहली चुदाई की कहानी है. रेखा  मुझसे तीन साल बड़ी है और वो मुझे अपना भाई मानती है.. लेकिन में तो उसे कुछ और ही समझता हूँ और रेखा  का फिगर कुछ खास नहीं है.. लेकिन हाँ उसके बूब्स बहुत बड़े बड़े है और वो जब गांड मटकाती हुई चलती है तो देखने वालों का लंड पानी छोड़ने लगता है. वो अपनी पतली कमर को बहुत झटके देती हुई चलती है. में उसके गदराए हुए बदन को देखकर बहुत खुश होता हूँ और उसके नाम से दिन में एक बार मुठ मारता हूँ. मै एक नंबर का चुदकड़ लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है.

 ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना दोस्तों यह बात आज से एक साल पहले की है जब में दिल्ली कॉलेज में एडमिशन लेने गया था. वहाँ पर में सबसे पहले रेखा  से मिला जो कि कॉलेज में मेरी सीनियर थी और उसने ही मुझे कॉलेज में एडमिशन लेने में और फ्लेट ढूंढने में मदद की थी. मैंने वहां पर दो कमरों का एक फ्लेट ले लिया था. रेखा  और में बहुत अच्छे दोस्त बन गये थे. हम दोनों अक्सर घूमते फिरते थे और बहुत मस्ती करते थे. चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए.

फिर एक दिन रेखा  ने मुझसे बोला कि उसको दारू पीनी है.

में : नहीं दीदी यह सब बहुत ग़लत बात है.

रेखा  : नहीं मुझे तो एक बार दारू पीनी है.

में : अच्छा ठीक है में आपको दारू पिला दूँगा.. लेकिन आपके जन्मदिन वाले दिन.

रेखा  : ठीक है मुझे तुम्हारी यह बात भी मंजूर है.

दोस्तों तीन दिन के बाद रेखा  का जन्मदिन था और मैंने रात को 12 बजे उसको फोन किया.

में : हैल्लो रेखा  दीदी.. आपको जन्मदिन बहुत बहुत मुबारक हो.

रेखा  : हाँ.. तुम्हे बहुत धन्यवाद.

में : अब पार्टी कहाँ पर मिलेगी?

रेखा  : पहले तू मुझे दारू पिला.. उसके बाद हम पार्टी करेंगे.

में : अच्छा ठीक है आप कल शाम को 6 बजे तक मेरे फ्लेट पर आ जाना में सब कुछ इंतजाम करके रखूँगा.

रेखा  : चलो फिर ठीक है.. बाय.

 अब सुनिए चुदाई की असली कहानी  फिर में 4 बजे मार्केट जाकर एक बोतल विस्की की ले आया.. क्योंकि मुझे अच्छे ब्रांड की दारू ही पसंद है और उसके साथ खाने पीने का थोड़ा बहुत सामान भी ले आया और शाम 6 बजे मेरे फ्लेट का टेलिकॉम बजा और सिक्यूरिटी वाले का फोन था कि एक मेमसाहब आई है, क्या में उन्हें ऊपर भेज दूँ? वहा का माहौल बहुत अच्छा था  दोस्तों.

में : हाँ भेज दो वो मेरी दीदी है.

 वहा जबरजस्त माल भी थी दोस्तों फिर गार्ड ने कहा कि ठीक है साहब जी और वो सीधे मेरे फ्लेट पर आ गई. पहले तो मैंने उसको गले लगाया और जन्मदिन की बधाई दी और जन्मदिन के उपहार में उसको दारू की बोतल गिफ्ट कर दी.. वो खुश हो गई और उसने मुझे ज़ोर से लिप किस किया.. हम दोनों सोफे पर बैठ गये और बातें करने लगे. करीब 7.30 बजे रेखा  ने बोला कि आओ अब हम जश्न मानते है. तो में भी मान गया फिर रेखा  ने दारू की बोतल खोली और दोनों का पहला पेग बनाया. ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा दोस्तों.

 उह क्या मॉल था दोस्तों गजब हम दोनों ने चियर्स किया और पहला पेग पी गए.. ऐसे ही हमने 4-4 पेग पी लिए और अब धीरे धीरे रेखा  को नशा चड़ रहा था और जब वो 5 पेग पी रही थी तो उसका ग्लास गिर गया और दारू उसके टॉप पर गिर गई और वो तो इतने नशे में थी कि उसको कुछ पता ही नहीं चल रहा था. फिर वो मुझसे बोली कि प्लीज मुझे साफ कर दो. मैंने उससे कहा कि में नहीं कर सकता.. इसके लिए तुम्हारा टॉप भी खोलना पड़ेगा. तो वो बोली कि प्लीज तुम कुछ भी मत सोचो और तुम जैसे चाहो इसे साफ करो और फिर मैंने उसका टॉप उतारा और उसको खोलते ही मुझे ब्रा के अंदर उसके बहुत बड़े बड़े मुलायम बूब्स नजर आए.. जिन्हें देखकर मेरा मन उन्हे पकड़ कर चूसने का हो रहा था और अब तक मेरा लंड भी खड़ा हो चुका था और मैंने टावल से उसके गोरे गोरे जिस्म को बहुत धीरे से साफ कर दिया और उसके जिस्म को देखता रहा. मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था दोस्तों.

 कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था  तभी वो बोली कि क्या अब घूरते ही रहोगे या कुछ करोगे भी? प्लीज मेरी ब्रा भी उतार दो.. में भी नशे में था.. लेकिन फिर भी अपने पूरे होश में था. मैंने ज्यादा देर ना करते हुए एक ही झटके में उसकी ब्रा को उतार दिया और अब उसके बड़े बड़े आम जैसे बूब्स एकदम मेरे सामने थे. उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये.

 उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है में हल्के से उनके बूब्स को हाथ लगाकर साफ करने के बहाने से छूकर महसूस करने लगा और मुझे मज़ा भी बहुत आ रहा था और मैंने बूब्स को साफ करते करते थोड़ी दारू जानबूझ कर उसकी जीन्स पर डाल दी और मैंने कहा कि दारू तो तेरी जीन्स पर भी गिर गई है अब क्या करूं? तो उसने कहा कि इसको भी उतार दो और फिर मैंने धीरे धीरे एक एक करके उसके सभी कपड़े उतार दिए. ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है

 है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई  मैंने जब उसकी पेंटी को छुआ तो वो चूत रस में एकदम गीली थी और में समझ गया कि इसको भी मेरे छूने से जोश आ रहा है.. लेकिन उसके पूरे कपड़े उतारते ही मेरा तो जैसे दारू का नशा ही उतर गया हो और मैंने धीरे से अपने भी सारे कपड़े उतार दिए. उसकी बूब्स  देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी.

 दोस्तों मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु  फिर में अपना लंड उसके मुहं के पास ले गया और उसको बोला कि लो लॉलीपोप चूस लो.. तो वो भी नशे की हालत में मेरे एक बार कहने से ही मान गई और मेरे लंड को पूरा अपने मुहं में लेकर चूसने लगी और में उसकी गीली एकदम गरम चूत में उंगली कर रहा था और धीरे धीरे मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी तो उसको बहुत दर्द होने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी. तो में समझ गया कि उसकी चूत अभी तक कुंवारी है और आज में पहली बार उसकी चूत पूजन करूँगा. फिर जब में झड़ने वाला था तो मैंने लंड उसके मुहं से बाहर निकाल लिया और सारा वीर्य एक ग्लास में निकाल दिया और उसी ग्लास में एक और पेग बनाकर रेखा  को पिला दिया और वो बड़े मज़े लेकर पी गई और में उसकी चूत चाटने लगा. उसको पेलने की इच्छा दिनों से है दोस्तों

 अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता दोस्तों  वो थोड़ी ही देर में गरम हो गई और उसकी चूत से पानी भी निकल रहा था.. लेकिन उसको थोड़ा सा भी होश नहीं था कि उसके साथ क्या क्या हो रहा है और फिर मैंने थोड़ी देर बाद उसे एक पेग बनाकर और पिला दिया और फिर उसे गोद में उठाकर अपने बेडरूम में ले आया और बेड पर लेटा दिया और मैंने उसकी कमर के नीचे एक तकिया रख दिया जिससे उसकी चूत का मुहं थोड़ा खुल गया और मुझे उसकी चूत का दाना साफ साफ दिखने लगा.

फिर मैंने अपना लंड उसकी गरम चूत पर रखा और अंदर डालने लगा.. लेकिन मेरा लंड उसकी टाईट चूत के अंदर नहीं जा रहा था. मैंने उसकी कमर को अच्छी तरह कसकर पकड़ा और लंड को चूत के मुहं पर रखा और एक ज़ोर का धक्का मारा.. मेरा पूरा लंड उसकी चूत में फिसलता हुआ अंदर चला गया और रेखा  के मुहं से एकदम ज़ोर से चिल्लाने की आवाज बाहर आ गई.. लेकिन अब उसका भी दारू का सारा नशा उतर गया और जब मैंने नीचे देखा तो उसकी चूत से खून निकल रहा था.. आँख से आंसू निकल रहे थे, सांसे ज़ोर ज़ोर से चल रही थी, वो पूरी पसीने से गीली हो चुकी थी और अब उसके मुहं से गाली भी निकलने लगी थी. दोस्तों मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार.

रेखा  : साले हरामी कुत्ते की औलाद.. तूने यह क्या किया? मुझे थोड़ी सी दारू पिलाकर चोद डाला. मेरी प्यारी कुंवारी चूत को फाड़ डाला.. अपने इस जानवर जैसे लंड को बाहर निकाल.. मुझे बहुत दर्द हो रहा है.

में : साली रंडी तेरी चूत है ही इतनी मस्त और तू ही तो मुझे बोल रही थी कि उतार दो मेरे सारे कपड़े और अब अगर एक प्यासे लंड के सामने कोई भी चूत आएगी तो वो बिना चुदे तो जाएगी ही नहीं.

 उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया दोस्तों  जैसे उसके चुत में माखन भरा हो  यह बोलते हुए में धीरे धीरे लंड को धक्के देकर उसे चोदने लगा. वो कुछ बोलना चाह रही थी.. लेकिन अपनी चुदाई के दर्द के कारण कुछ बोल नहीं पा रही थी.. वो तो बस अह्ह्ह उह्ह्हह्ह बाहर निकाल इसे प्लीज अह्ह्ह सिसकियाँ ले रही थी और में लगातार ताबड़तोड़ धक्के दिए जा रहा था और मेरे लंड के चूत के अंदर बाहर होने से पूरे कमरे में फच फच की आवाजें आ रही थी और कुछ मिनट के धक्को के बाद उसको भी मज़ा आने लगा और वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी. उसको देखने बाद साला चुदाई भूत सवार हो जाता दोस्तों.

में : क्यों री रांड अब तो तुझे मेरे लंड से चुदाई करने में मज़ा आ रहा है ना?

रेखा  : हाँ अह्ह्ह्ह उह्ह्ह और चोदो मुझे और चोदो.. पूरी फाड़ दो आज मेरी चूत को अह्ह्ह्ह हाँ और ज़ोर से.

 मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू    तब तक ठीक नहीं होता फिर में तो जैसे उसकी वो आवाज़ सुनकर पागल सा हुआ जा रहा था.. आईईइ अह्ह्ह हाँ और तेज चोदो मुझे जानेमन चोदो और तेज़ चोदो.. मुझे आज चोदकर एक औरत बना दो. फिर मैंने अपनी चुदाई की स्पीड तेज़ कर दी.. लेकिन इसी बीच वो दो बार झड़ चुकी थी और जब 10 मिनट के बाद में झड़ने वाला था तो मैंने पूछा कि वीर्य कहाँ पर निकालूँ? एक बात और दोस्तों चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है.

रेखा  : मेरी प्यासी चूत में ही डाल दो और आज इसकी आग बुझा दो.

 उह यह उसकी नशीली आँखे में एक दम  चुदकड़ अंदाज है  तो मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत में निकाल दिया और बहुत थककर बेड पर लेट गया हमने उस रात को और भी बहुत दारू पीकर फिर से दो बार चुदाई की और थककर ऐसे ही नंगे सो गए. दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर मैंने एक बार और उसकी चूत में लंड डाला और उसे चोदा.. लेकिन अब वो बड़े आराम से पड़ी रही और मेरे लंड का मज़ा लेती रही.. क्योंकि रात भर चुदाई से उसकी चूत फट चुकी थी.. जिसकी वजह से मेरा लंड आसानी से अंदर बाहर हो रहा था. उस दिन हम दोनों कॉलेज भी नहीं गए और पूरे दिन नंगे ही पड़े रहे. दोस्तों अब रेखा  हर कभी मेरे फ्लेट पर चुदवाने के लिए आ जाती है और में भी उसको बहुत चोदता हूँ. दोस्तों देखने से लगता है की वो पका चोदा पेली का काम करती होगी.

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