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चुदक्कड़ टीचर की होटल में चुदाई

Posted on:- 2023-03-10


क्या हाल चाल मेरे दोस्तों जानता हु अच्छे ही होंगे दोस्तों मेरा नाम रविदास है और मेरी उम्र 25 साल है. में 5.8 इंच लंबा और मेरा गोरा जबरजस्त बदन है. में एक टीचर हूँ और में आज आप सभी लोगों को अपनी एक सच्ची स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ जो कि कुछ दिन पहले मेरे साथ में घटित हुई एक सच्ची घटना है जिसमे मैंने अपने साथ की एक टीचर के साथ चुदाई की और बहुत मज़े किये, दोस्तों मेरे ऊपर हमेशा से ही भगवान बहुत मेहरबान रहे है जिस कारण मुझे अलग अलग लड़कियों के साथ सेक्स करने का मौका मिलता रहा है. मैंने इसकी कहानियाँ पढ़कर बहुत सारे चुदाई के तरीके सीखे और उन्हे चुदाई करते समय अपनाए भी है. मैंने हर बार एक नए तरीके से चुदाई की और मैंने बहुत बार इसकी सेक्सी कहानियों को पढ़कर मुठ मारकर भी काम चलाया. अब में अपनी कहानी की तरफ आगे बढ़कर आपको पूरी कहानी विस्तार में सुनाता हूँ. दोस्तों ध्यान से पढ़िए बहुत मजा आएगा कसम से.

 

इसको पढ़ने के बाद आप सेक्स का ने तरीका सिख सकते है तो दोस्तों हुआ यह कि मेरे साथ पढ़ाने वाली एक टीचर अपने मायके कोलकात्ता से लौटकर आ रही थी और मेरे उसके साथ पहले से ही शारीरिक संबंध थे. तो उसने मुझे फोन किया कि में तुमसे मिलना चाहती हूँ और तुम पास के ही रेलवे स्टेशन पर 9 बजे के बाद मिलो. मुझे लगा वो शायद सेक्स ही करेगी.

 क्योकि सेक्स को काफी टाइम हो गए थे मैंने अपनी सभी तैयारी की और 70 किलोमीटर दूर सतना रेलवे स्टेशन पर पहुंच गया, वहां पर जैसे ही वो एक्सप्रेस ट्रेन आकर रुकी उसमे से वो मुझे मुस्कुराती हुई दिखी और वहीं से वो बोली कि ऊपर आ जाओ. तो में तुरंत बोगी में चढ़ गया, वो बोली कि हम लोग यहाँ से पास की एक माता जी के दर्शन के लिए जायेगें और वहीं पर रात भर रुकेंगे. मुझे तो मालूम ही था की सब चुदाई का जुगाड़ है

 

दोस्तों मेरा भी यही मन थी की उसे कब चोद दू मैंने उससे कहा कि मेरे पास ना तो इतने पैसे है और ना समय, में तो बस तुम्हारे कहने से ऐसे ही चला आया. तो वो बोली कि में हूँ ना तो फिर तुम चिंता क्यों करते हो? तो मैंने कहा कि ठीक है और फिर हम दोनों 30 किलोमीटर दूर मैहर स्टेशन पर उतर गये और स्टेशन से बाहर निकलते ही हम लोग कमरे की तलाश में आगे बड़ने लगे और तभी वहां पर हमे कई लोज दिखे. तो वो मुझसे बोली कि तुम अपनी आई-डी बाहर निकाल लो, हमे रूम लेने के लिए उसे दिखानी होगी. मुझे लगा शयद ठीक बोल रही है

 

उसकी यह बात सुनकर तो मैंने अपना लाईसेन्स जेब से बाहर निकाल लिया और हम एक लोज में गए और मैंने वहां पर अपनी आई-डी दिखाई और अपने नाम से एक कमरा बुक किया और वहां पर मैंने हम दोनों को एक दूसरे का पति-पत्नी लिखवाया था और फिर हमें 1500 रूपये में 24 घंटे के लिए एक एसी रूम मिल गया, हम रूम में अंदर गए और अपना समान रखा और फिर मैंने उससे कहा कि में अभी आता हूँ. में नीचे गया और कुछ देर बाद एक सिगरेट पीकर वापस आया. सिगरेट के पिने बाद मै मदहोशी में आ गया

 

कुछ भी दोस्तों टीचर चुदाई के लिए बिलकुल परफेक्ट थी मैंने जाते समय दरवाजे को बाहर से बंद किया था इसलिए में बाहर से दरवाजा खोलकर अंदर चला गया और फिर मैंने देखा कि वो बाथरूम के अंदर थी, मैंने सोचा कि क्यों ना में भी नहा लेता हूँ? मैंने अपने कपड़े उतारे और बाथरूम के खुले हुए दरवाजे से जब अंदर गया तो मैंने देखा कि वो अंदर एकदम नंगी खड़ी हुई नहा रही थी, मैंने उसको पीछे से पकड़ लिया तो वो मुस्कुराने लगी और अब में भी बिल्कुल गीला हो गया था. उसने साबुन लिया और मुझे नहलाने लगी, उसने मेरी अंडरवियर को उतार दिया और मेरे लंड को साबुन से मलकर धोने लगी और अब उसके नाज़ुक नाज़ुक हाथों के छूने के कारण मेरा लंड एकदम टाईट हो गया और इधर में भी उसके गोरे-गोरे जिस्म को साफ करने और लगा साबुन लगाकर धीरे धीरे मसलने लगा. तभी उसने मुझे पीछे की तरफ धकेल दिया, में दीवार से सट गया तो उसने ढेर सारा साबुन का झाग मेरे लंड पर लगाया और फिर वो अपने पंजो के बल थोड़ा ऊपर हुई. वह दोस्तों क्या मजा आ रहा था.

मेरा लैंड तनकर टाइट हो चूका था  उसकी लम्बाई मुझसे ज़्यादा नहीं थी, लेकिन वो दिखने में उसका सेक्सी जिस्म बिल्कुल मदहोश कर देने वाला था. उसकी चूत में वो नशा था जिसमें हर कोई अपने आप को डुबोना चाहता था. उसके बड़े बड़े चूचिया उसकी सुन्दरता पर चार चाँद लगाते थे और जब वो चलती तो हर किसी का लंड उसकी गांड को देखकर एकदम मजबूर होकर खड़ा हो जाता और उसकी गांड, चूत को सलामी देने लगता था, वो शादीशुदा होने के बाद भी अनछुई कली की तरह दिखती थी. उसकी चूत की गुलाबी पंखुड़ियां मुझे चूत चाटने पर मजबूर करती. दोस्तों फिर उसने लंड को पकड़कर अपनी चूत की गुलाबी पंखड़ियों पर रगड़ना शुरू किया और फिर अपनी कामुक चूत में डालने लगी, तो मैंने भी उसकी मदद की और थोड़ी ही देर में मेरा लंड उसकी चूत में फिसलता हुआ अंदर चला गया. आह  अहा क्या कहु कितना मजा आया.

 

 वैसे तो चुत  मरने अलग ही मजा है तो मैंने उसकी कमर को पकड़ा और खुद थोड़ा नीचे होकर उसको धीरे धीरे धक्के देकर चोदने लगा, ऊपर से उस गर्मी के मौसम में ठंडे पानी की बरसात हम दोनों के ऊपर हो रही थी जिसकी दोस्तों वो फिलिंग अभी भी कभी कभी आता है वजह से हमारे बदन एक दूसरे को और भी जोश से भर रहे थे और फिर में चुदाई के साथ साथ उसके एक चूचिया को चूसने लगा और दूसरे को दबाने लगा और मेरे ऐसा करने से वो मदमस्त हो रही थी, लेकिन उससे ज़्यादा तो में मस्त हो रहा था. तो कुछ देर बाद मैंने उसको अपनी गोद में उठाया और बाथरूम के फर्श पर नीचे लेटा दिया. तो वो बोली कि क्या तुम मुझे यहाँ पर लेटाओगे? तो मैंने कहा कि में लेटाउंगा भी और साथ तुम्हारी चुदाई भी करूंगा. दोस्तों वो मुस्कुराई.

 

और मदहोश हो गयी फिर वो झट से मुझसे लिपटकर बोली कि में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ, लेकिन क्यों में तुम्हे इतना प्यार करती हूँ मुझे नहीं पता? तो मैंने कहा लेकिन में तो तुम्हे प्यार नहीं करता, में तो बस तुम्हारे इन अंगो का दीवाना हूँ. तो वो बोली कि तुम्हारे अंग अंग में सेक्स भरा है मुझे यह सारा चाहिए. तो में उससे लिपट गया और अपने लंड को उसकी चूत के मुहं पर घिसने लगा तो वो बोली कि इसे थोड़ा अंदर करो ना और फिर मैंने तुरंत ही एक जोरदार धक्का देकर चूत में लंड को पूरा घुसा दिया. मजा तो बहुत आ रहा था दोस्तों मन करता था की और चोदू.

 

लेकिन वो और चुदना चाहती है फिर में फर्श पर लेटाकर उसको धक्के देकर चोदने लगा, में जितना उसकी चुदाई में अपनी स्पीड को बढ़ता वो उतना ही मुझे ज़ोर ज़ोर से चूमने लगती. फिर कुछ देर बाद मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधो पर रखा और फिर चोदने लगा. वो अपने होंठो को दातों में दबाए हुए थी और अपनी दोनों आँखे बंद किए हुई थी और कुछ देर तक चोदने के बाद मेरा काम तमाम हो गया और में उसकी चूत में ही झड़ गया. मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में निकाल दिया, लेकिन वो अभी बाकी थी और फिर मैंने उसकी चूत में उंगलियाँ डालकर ज़ोर ज़ोर से हिलाई तब जाकर उसका काम तमाम हुआ वो कुछ समय एकदम निढाल होकर पड़ी रही. वो पूरी तरह से झड़ गयी थी दोस्तों.

 

 उसे थकन भी हो गयी फिर हम दोनों वहां पर नहाए, में उससे पहले बाथरूम से बाहर निकल आया और अपने शरीर को साफ करके बेड पर लेटकर टीवी देखने लगा. तभी वो बाथरूम से बाहर आई तो उसने अपने सुंदर जिस्म पर सिर्फ़ एक टावल लपेटा हुआ था, तभी उसने उसी टावल को एकदम से खोल दिया और खुद को नीचे ऊपर तक साफ करने लगी और फिर साफ करके मेरे पास लेट गई, वो एकदम ताजी खिली खिली सी लग रही थी, वो मुझसे बातें करते करते मेरे लंड से खेल रही थी और में भी उसके चूचिया दबा रहा था. और उसे चूस भी रहा था.

 

उसकी चूचियों को चूसते चूसते फिर थोड़ी देर बातें करने के बाद में फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गया. तो मैंने उसको चूमना शुरू किया और में उसके माथे से चूमते हुए नीचे की तरफ आया चूचिया चूसे, फिर मैंने उसके दोनों पैरों को दूर करते हुए चूत को चूमते हुए चूसना भी शुरू कर दिया वो इस कदर तड़प रही थी मानो पहली बार उसके साथ यह सब हो रहा हो और थोड़ी ही देर के बाद मैंने अपने तने हुए लंड पर थूक लगाया और चूत में घुसा दिया. तो वो आआहहहहा अहहहहा यार और ज़ोर से चोदो मुझे अह्ह्ह्ह प्लीज और ज़ोर से कह कहकर मुझे जोश दिलाते रही और में भी उसको ताबड़तोड़ धक्के देकर चोद रहा था और मेरे हर एक धक्के से उसके चूचिया हिलते हुए दिख रहे थे. और मै फिर उसे तेज गति के साथ चोद रहा था.

 

अचानक  मेरी नज़र सामने की तरफ लगे हुए शीशे पर पड़ी उसमें हम दोनों अपनी चुदाई करते हुए दिखाई दे रहे थे तो मैंने उससे कहा कि देखो शीशे में. वो हम दोनों को शीशे में देखकर और भी जोश में आकर बोली कि बिल्कुल ब्लूफिल्म जैसा लग रहा है और मैंने भी उसको लगातार धक्के लगाकर बिल्कुल मस्त कर दिया और कुछ ही देर में हमारा यह तूफान थम गया और थोड़ी देर आराम करने के बाद हम दोनों मार्केट गए. वहां पर हमने खाना खाया और फिर वापस आकर कमरे में लेट गए. हम लोगो को नींद आ गई, फिर अचानक से मेरी नींद खुली तो मैंने उसकी तरफ देखा और उसके चेहरे पर हाथ फेरा. उसका सेक्स पावर तेज हो गया. चुदाई की इच्छा होने बाद तो वो बोली कि में अभी सोई नहीं हूँ, मैंने कहा कि क्यों नहीं सोई हो? वो मुझसे लिपटकर बोली कि अगर मुझे सोना ही होता तो घर ना चली जाती. तो मैंने कहा कि अगर ऐसा है तो में तुम्हे जगा सकता हूँ? वो बोली कि तो फिर जगाओ ना मुझे सारी रात. हम दोनों फिर से लिपट गये और शुरू हो गए, पूरी रात हम दोनों सिर्फ़ सेक्स में डूबे रहे और 5 बजे सोए. 7 बजे फिर से जाग गए तैयार हुए फिर माता के दर्शन के लिए गये और वहां से दो घंटे बाद वापस आए. दोस्तों चुदाई का नशा अभी भी था.

 

यु कह लीजिये बार बार चुदाई की इच्छा हो रही थी कमरे पर आकर हम अपने कपड़े बदलने लगे, मैंने सिर्फ़ अंडरवियर पहना हुआ था और में जैसे ही पलटा तो वो बिल्कुल नंगी थी और थोड़ा झुककर अपनी पायल उतार रही थी. उसके गोरे गोरे कूल्हे देखकर में चुपके से पास गया और पीछे से उसके कूल्हों को चूमने लगा, वो पायल उतारकर झुके हुए मेरी तरफ देखकर मुस्कुराई. फिर मैंने कहा कि तुम बहुत सेक्सी लग रही हो और तुम ऐसे ही झुकी रहो और वो झुकी रही. मैंने अपने लंड पर थोड़ा थूक लगाया और पीछे से लंड को डालकर चोदने लगा और कुछ ही देर में उसके पैर दर्द होने लगे, तो वो सीधी हो गई और बेड के पास आकर दो तकियों को किनारे पर रखकर उन पर अपने दोनों हाथ रखकर झुक गई और में फिर से उसे चोदने लगा. दोस्तों चुदाई करके मजा लेता रहा दोस्तों.

 

चुदाई करते करते मै उसी में खो गया तो मैंने उससे कहा कि मुझे ऐसा बहुत अच्छा लग रहा है और में साथ में उसकी पीठ को चूम रहा था और चूचिया भी दबा रहा था और बहुत देर की इस धमाचौकड़ी के बाद हम लोग ढेर हो गये और थोड़ी देर लेट गये. फिर हमने चाय मंगवाई उसके बाद टीवी देखने लगे और फिर बाहर होटल में जाकर खाना खाकर वापस आए और थोड़ी ही देर आराम किया और फिर से हम लोग शुरू हो गये, वो मेरे लंड को पकड़कर चूसने लगी. वो बिल्कुल अनुभवी लग रही थी और वो सेक्सी फिल्म देखने की बहुत शौकीन थी और मेरे साथ हर तरह से सेक्स करने के लिए तैयार थी. वो एक 33 साल की शादीशुदा औरत थी. शादीशुदा औरत की चुत और मुलायम होती आप समझ सकते है.

 

और चुदवाने का अच्छा अनुभव भी होता है  फिर मैंने उसको बहुत देर तक लंड चुसवाया. वो लंड चूसते हुए एकदम गरम हो चुकी थी और वो लंड चूसते हुए जब मुझे देखती तो उसकी लाल बड़ी बड़ी आँखे देखकर मुझे उसके जोश का अंदाज़ा साफ साफ मिल रहा था और अब में भी बहुत जोश में आ चुका था. चुदाई की जबरजस्त इच्छा हो रही थी

 

दोस्तों फिर  मैंने एक तकिया उठाया और उसके कूल्हों के नीचे रख दिया और अब उसकी चूत ज़्यादा खुलकर ऊपर की तरफ आ गई थी. तो मैंने तुरंत ही उसमे लंड डाल दिया, लेकिन इस बार पता नहीं क्यों वो ज़्यादा ज़ोर ज़ोर से मोनिंग कर रही थी और इस बार वो चोदो हाँ अह्ह्हह्ह्ह्ह और ज़ोर से मेरे राजा आईईईईइ इसी चुदाई के लिए तो में तुम्हारे साथ हूँ और ज़ोर से चोदो मुझे आहहह्ह्ह्ह यह सब सुनकर में और भी जोश में आ रहा था और मेरे हर एक धक्के में हम दोनों के जिस्म टकराने की ठप-ठप की आवाज़ हमे और भी मदमस्त कर रही थी और वो आवाज़ तेज थी इसलिए मुझे टीवी की आवाज को तेज करना पड़ा. कुछ भी चुदाई का अलग ही  मजा है

 

 चुदाई मजा अचानक और बढ़  गया अहा आह  फिर तो मानो हम दोनों ने जिस्मो को इस तरह से आगोश में ले लिया कि मानो बस एक दूसरे के लिए ही बने हो. उस वक़्त हम दोनों ए.सी. चालू होने के बावजूद भी पसीने से भीग गए थे. वो बार बार मेरे चेहरे, सीने से पसीने को साफ करती जा रही थी और इधर उसके शरीर से निकलने वाली मादक खुश्बू आ रही थी, जिससे में और भी ज़्यादा मज़ा ले रहा था और बहुत देर बाद जब मेरे अंदर का लावा फूटा तो उसने पूरी ताक़त से मुझे जकड़ लिया और मैंने उस वक़्त उसके जिस्म को जी भरकर भोगा. ओह दोस्तों चुत के आगे सब फेल है ओह दोस्तों चुत के आगे सब फेल है

 

मेरा मन नहीं मान रहा था मै चोदता ही रहा दोस्तों इस तरह हम लोगों ने 24 घंटे साथ में बिताए और इस बीच हमने कितनी बार सेक्स कर के मजा लिया  लिया यह तो हमे याद ही नहीं था. लेकिन हम दोनों बहुत खुश थे. फिर उसी शाम को हम लोग वहां से अपने शहर वापस आ गए और बस में वो मेरे पास में बैठी हुई थी और फिर मेरे कंधे पर अपना सर रखकर सो गई और उसने एक बेग मेरी गोद में रख दिया और उसके नीचे से अपना हाथ मेरे लंड के ऊपर रखकर सहलाने लगी और नीचे पैर में पैर फंसाकर घिसने लगी और में मज़े लेता रहा. मुझे फिर चुदाई का बुखार चढ़ गया.

 मेरा मन फिर छोड़ने के लिए बोल रहा था दोस्तों मुझे इस बात से बहुत हैरानी हो रही थी कि उसकी चूत चुदते चुदते एकदम फूल गई थी, लेकिन वो अब भी मुझसे चुदवाने को तैयार थी और कुछ घंटो के सफर के बाद बस हमारे शहर में आ गई.. इस प्रकार हमने चुदाई हर हदे पार कर दी दोस्तों इतना चोदा  इतना चोदा  की उसकी चुत का भोसड़ा बना दिया और गांड भी मारी और मार मार कर गांड का ग़ज़िआबाद बना दिया दोस्तों  .

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