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छिनाल पड़ोसन शीला की गंदी चुदाई

Posted on:- 2024-02-25


जी दोस्तों कैसे है आप सब, मेरा नाम स्वेतानन्द  है और में दिल्ली  का रहने वाला हूँ मेरी उम्र 24 साल है और मुझे शुरू से ही अपने से ज्यादा उम्र की भाभियाँ  ज्यादा अच्छी लगती है. दोस्तों आज में आप सभी चाहने वालोँ को अपनी एक ऐसी ही ज्यादा उम्र की सेक्सी आंटी की चुदाई की सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ और अब में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ और आप सभी को पूरे विस्तार से वो कहानी सुनाता हूँ जिसमे मैंने उस आंटी को चोदकर बहुत मज़े किए. दोस्तों मैंने ऐसी तरह न जाने कितने औरतो और लड़कियों बूर में चोदा पेली किया है.

 ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना दोस्तों मेरे सामने वाले फ्लेट में एक बहुत हॉट, सेक्सी आंटी रहती थी जिनका नाम शीला था और वो दिखने में एकदम मस्त माल लगती थी और उनके घर में आंटी अंकल और उनका एक 7 साल का बेटा रहता था, लेकिन वो वहां पर बस अपने बेटे के साथ रहती थी क्योंकि उनके पति उस समय लन्दन में किसी बहुत बड़ी कम्पनी में नौकरी करते और वहीं पर रहते थे. वो साल दो साल में एक बार कुछ महीनों के लिए घर पर आते थे. दोस्तों मेरी आंटी की उम्र करीब 36 साल की होगी, उनके फिगर का साईज 34 -30 -40 होगा, लेकिन मुझे सिर्फ उनकी गांड बहुत पसंद थी और वैसे भी मुझे गांड ही ज़्यादा पसंद है और में आंटी से कभी कभी ऊपर नीचे आते जाते लिफ्ट में मिलता था और कभी उनको अपनी बालकनी में खड़ा होकर घूरता रहता था, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं कहती और इसलिए हमारी बहुत कम समय में एक दूसरे से अच्छी जान पहचान थी. चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए.

 अब सुनिए चुदाई की असली कहानी  दोस्तों में हमेशा सही मौका देखकर उनसे बातें करता और वो मुझे हंस हंसकर मेरी बातों का जवाब दिया करती थी. मेरा उनके घर पर लगातार आना जाना होता रहता था. दोस्तों मैंने जिस दिन से उनको देखा था में उस दिन से उनका दीवाना हो गया था और में हमेशा उन्हे चोदने के बारे में सोचता रहता था. उनको अपनी तरफ आकर्षित करता और मेरी अच्छी किस्मत से एक दिन वो समय आ ही गया. में उस दिन अपने फ्लेट के नीचे मेन दरवाजे पर ही खड़ा हुआ था कि कुछ देर बाद मैंने देखा कि आंटी उस समय कहीं बाहर से आ रही थी और वो मेरे पास आकर रुक गई. अब मैंने उनसे पूछा कि आप कहाँ गई थी आंटी? तो उन्होंने मुझसे कहा कि आज मेरा बेटा स्कूल की तरफ से पिकनिक गया है तो में उसको ही स्कूल छोड़कर आ रही हूँ, वो अपनी पिकनिक से शाम तक वापस आ जाएगा. वहा का माहौल बहुत अच्छा था  दोस्तों.

 ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा दोस्तों  फिर हम दोनों एक साथ लिफ्ट से ऊपर अपने फ्लेट तक आने लगे. तब लिफ्ट में आंटी ने मुझसे बोला कि स्वेतानन्द  अगर तुम फ्री हो तो मेरे घर पर आ जाओ, में आज घर पर बिल्कुल अकेली हूँ और तुम मेरे साथ रहोगे तो मेरा मन लगा रहेगा और मुझे बहुत अच्छा लगेगा वर्ना अकेले घर पर मुझे बहुत अजीब सा लगता है. उह क्या मॉल था दोस्तों गजब.

 मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था दोस्तों फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है और अब में उनके साथ उनके घर पर चला गया और हॉल में जाकर सोफे पर बैठ गया. तब आंटी मुझसे बोली कि तुम बैठो में अभी कुछ देर में अपने कपड़े बदलकर आती हूँ और फिर वो मुझे बैठाकर अपने बेडरूम में चली गयी और करीब 15 मिनट के बाद वो अपने कपड़े बदलकर वापस मेरे पास आ गई. दोस्तों में उनको देखकर बहुत हैरान रह गया, क्योंकि वो उस समय एक जालीदार मेक्सी पहनकर मेरे सामने आ गई और उन्होंने अंदर गुलाबी कलर की ब्रा और पेंटी पहनी हुई थी. दोस्तों वो सब कुछ मुझे उनकी उस जालीदार मेक्सी से साफ साफ नजर आ रहा था. कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था

 उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये दोस्तों में तो उन्हें देखकर बिल्कुल पागल सा हो गया और अब में मन ही मन उन्हें देखकर सोचने लगा कि शायद आज मेरी इच्छा पूरी हो जाएगी और मुझे इस सेक्सी छिनाल को चोदने का मेरा वो सपना पूरा हो जाएगा जिस इच्छा को में इतने दिनों से अपने मन में लेकर बैठा हूँ. अब हम दोनों बैठकर टीवी देखने लगे और कुछ देर बाद मैंने आंटी से पूछा कि क्या आपको कभी अंकल की याद नहीं आती? तो उन्होंने मेरी यह बात सुनकर थोड़ा उदास होकर मुझसे कहा कि याद तो मुझे बहुत आती है, लेकिन अब में क्या करूं? दोस्तों उनके चेहरे पर एकदम से यह बात खत्म करते समय बहुत मायूसी सी छा गई. दोस्तों इस बात का फायदा उठाते हुए मैंने उनका मुलायम हाथ पकड़कर उनसे कहा कि आप अब ज्यादा उदास मत रहा करो, आपके के लिए में हूँ ना आप इस बात को लेकर इतना चिंतित क्यों हो? और अब आंटी मेरे मुहं से यह बात सुनते ही बहुत खुश हो गई वो मुझसे पूछने लगी कि क्या? उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है

 ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है फिर मैंने बोला कि हाँ में बिल्कुल सच कह रहा हूँ और फिर मैंने आंटी को अपने गले से लगा लिया. उन्होंने भी मुझे एकदम कसकर पकड़ लिया और में उनके बड़े आकार के बूब्स को अपनी छाती पर दबाता हुआ महसूस कर रहा था में अब धीरे धीरे उसकी कमर पर अपना एक हाथ घुमाने लगा तब में उनसे बोला कि आंटी में आपको बहुत पसंद करता हूँ और बहुत समय से में आपको चोदना चाहता हूँ, लेकिन आंटी ने मेरे मुहं से यह बात सुनकर भी मुझसे कुछ नहीं कहा. है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई

 उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था दोस्तों फिर वो कुछ देर चुप रहकर कुछ बात सोचकर मुझसे बोली कि आज रात में आ जाना और फिर दोस्तों में उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया और कुछ देर बाद में अपने घर पर चला गया. फिर में रात होने का इंतजार करने लगा और करीब रात को 9 बजे में उनके घर पर चला गया. फिर मैंने दरवाजा खटखटाया तो आंटी ने दरवाजा खोल दिया और मैंने देखा कि आंटी एकदम दुल्हन जैसी लग रही थी, क्योंकि उन्होंने अपनी सुहागरात की ड्रेस पहनी हुई थी. फिर आंटी मुझसे बोली कि चलो बेडरूम में चलो. उसकी बूब्स  देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी

 दोस्तों मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु फिर में तुरंत उनके बेडरूम में चला गया. उन्होंने अपने बेटे को पहले से ही सुला दिया था और अब उन्होंने बेडरूम का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया, फिर वो मेरे पास आई तो मैंने उनसे बोला कि आंटी आप बहुत सुंदर लग रही हो, वो मुझसे बोली कि स्वेतानन्द  मेरा तुमसे एक आग्रह है तो में उनसे बोला कि हाँ बोलो ना आप, तब उन्होंने मुझसे कहा कि तुम मुझे आंटी मत बोलो चाहो तो तुम मुझे रंडी बोलो, कुतिया बोलो, मुझे गाली दो, रखैल बोलो, चाहो तो तुम मुझे अपनी रखेल, रंडी बना लो और मुझे हमेशा गाली के साथ चुदना बहुत अच्छा लगता है. फिर में उनसे बोला कि ठीक है आप जैसा चाहती हो में ठीक वैसा ही करूंगा. उसको पेलने की इच्छा दिनों से है दोस्तों.


 अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता दोस्तों फिर में उनको अपनी बाहों में लेकर किस करने लगा और वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. हमें बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैंने उनकी साड़ी को खोल दिया, अब आंटी मेरे सामने सिर्फ़ पेटीकोट और ब्लाउज में थी और में उनके ऊपर चड़कर किस करने लगा और उनकी गांड को मसलने लगा. फिर मैंने उनसे बोला कि मेरी कुतिया तेरी गांड बहुत मस्त है, आज में इसे फाड़ दूँगा और आज से तू मेरी रखेल बनकर रहेगी में जैसा कहूँगा वैसा करेगी. दोस्तों मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार.


 उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया दोस्तों  जैसे उसके चुत में माखन भरा हो फिर उन्होंने झट से मुझसे बोला कि हाँ फाड़ दे मादरचोद, तू आज मेरी चूत और गांड दोनों को फाड़ दे, में तुझसे कुछ भी नहीं कहूंगी, हाँ अब थोड़ा जल्दी से बाहर निकाल अपना लंड और मेरी चूत में डाल दे, में बहुत दिनों से अपनी तड़पती हुई चूत के दर्द से बहुत परेशान हूँ, आज तू जल्दी से इसकी प्यास को बुझा दे और मुझे शांत कर दे. फिर दोस्तों मैंने उनकी बातें सुनकर जोश में आकर उनके ब्लाउज को एक ज़ोर का झटका देकर फाड़ दिया और ब्रा को बाहर निकाल दिया, पेटीकोट को भी उतार दिया और इस बीच उन्होंने मेरे कपड़े भी उतार दिए. उसको देखने बाद साला चुदाई भूत सवार हो जाता दोस्तों.

मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू    तब तक ठीक नहीं होता अब हम दोनों अंड स्वेतानन्द यर में एक दूसरे के सामने खड़े हुए थे. आंटी ने उस समय लाल कलर की पेंटी पहनी हुई थी, लेकिन वो उनकी चूत को पूरी तरह से नहीं ढक रही थी. में अब उनकी पेंटी के ऊपर से चूत को सहलाने लगा. फिर उन्होंने मेरे लंड को मेरी अंडस्वेतानन्द यर से आज़ाद किया और अब वो लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी, वाह दोस्तों में आप सभी को शब्दों में नहीं बता सकता मुझे उस समय कैसा लग रहा था? एक बात और दोस्तों चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है.

 उह यह उसकी नशीली आँखे में एक दम  चुदकड़ अंदाज है दोस्तों आंटी मेरा लंड ऐसे चूस रही थी जैसे वो कितने सालों से लंड की भूखी है, वो मेरा पूरा लंड अपने मुहं में लेकर कुल्फी की तरह चाट रही थी और मेरे आंड को भी बहुत जोश में आकर चूस रही थी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और में उनके बूब्स को दबा रहा था. फिर मैंने उनकी पेंटी को उतार दिया और अब आंटी मेरे सामने पूरी नंगी हो गई थी, वाह दोस्तों उनकी क्या मस्त उभरी हुई गांड थी और हल्की गुलाबी कलर की चूत थी. में तो देखकर एकदम पागल हो रहा था. दोस्तों देखने से लगता है की वो पका चोदा पेली का काम करती होगी.


 दोस्तों चुत को चाटेने के  समय उसके बूर के बाल मुँह में आ रहे थे फिर मैंने आंटी से कहा कि आप थोड़ी बर्फ और चोकलेट लेकर आ जाओ तो वो मुझसे कहने लगी कि ठीक है में ले आती हूँ, लेकिन मुझे तुम पहले यह बात बताओ कि तुम चोकलेट का क्या करोगे? मैंने बोला कि तुम जल्दी से लाओ में उसके बाद तुम्हे बताता हूँ और तुम भी कुछ देर बाद मेरा काम देखकर अपने आप समझ जाओगी. दोस्तों मुझे तो कभी कभी चुत के दर्शन मात्र से खूब मजा आता क्योकि मई पहले बहुत बार अपने मौसी के लड़की  को बिना पैंटी के देखा था  वाह क्या मजा आया था.

 मन कर रहा था कब इसे चोद लू मेरा लंड समझने  को तैयार नहीं था फिर वो तुरंत उठकर किचन में चली गई और फिर चोकलेट और बर्फ लेकर आ गई. मैंने बर्फ का एक छोटा सा टुकड़ा उठाकर उनकी चूत को अपनी उँगलियों की मदद से पूरा फैलाकर अंदर डाल दिया और एक छोटा सा टुकड़ा चोकलेट का भी उसके बाद अंदर घुसा दिया, जिसकी वजह से वो अब मचलने लगी. में उनकी चूत को चाटने लगा और कुछ देर बाद उनकी चूत की गरमी से बर्फ पिघलकर चोकलेट के साथ बाहर निकल रहा था और में उसे चाट रहा था, वाह दोस्तों क्या स्वादिष्ट था. दोस्तों मेरे साथ साथ अब आंटी भी पूरे पूरे मज़े ले रही थी, लेकिन कुछ देर बाद वो झड़ गई जिसकी वजह से मुझे चोकलेट, बर्फ और उनकी चूत के पानी का मज़ा आ गया. अब बिना चुदाई के रह नहीं सकता था दोस्तों मै पागल सा हो गया.

 ओह ओह ओह है कब लंड को घुसा दू ऐसा लग रहा था दोस्तों फिर मैंने कुछ देर चूत को चाटकर मज़े लेने के बाद उनकी गांड के साथ भी ठीक ऐसा ही किया. मैंने बहुत देर तक उनकी गांड को भी चाटा और आंटी को अब बहुत मज़ा आ रहा था. इस बीच आंटी दो बार झड़ चुकी थी. फिर हम दोनों खड़े होकर किस करने लगे और आंटी ने मुझसे कहा कि मुझे अब मूतना है स्वेतानन्द  डार्लिंग, मैंने उनसे बोला कि आप मेरे मुहं में मूत दो और उन्होंने ठीक वैसा ही किया, वाह दोस्तों उनके मूत का क्या मस्त नमक जैसा स्वाद था. दोस्तों मेरा जी कर रहा था कि में हर रोज आकर उनका मूत पी जाऊ, आंटी बोली कि स्वेतानन्द  आज तक तुम्हारे अंकल ने मेरे साथ ऐसा कभी नहीं किया, वाह मुझे बहुत मज़ा आया. मैंने सोचा पेलुँगा जरूर  कभी न कभी.

 जब माल अच्छा हो तो कौन नहीं  चोदना चाहेगा  है न दोस्तों फिर मैंने बोला कि आंटी मेरी गांड को चाटो और आंटी तुरंत ही नीचे बैठकर मेरी गांड चाटने लगी, बहुत मज़ा आ रहा था और अब हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे और कुछ देर बाद मैंने उनकी नाक को चाटा फिर कान और फिर उनकी बगल चाटी, उनकी बगल में थोड़े बाल थे जो मुझे बहुत पसंद है और उसकी खुशबु भी मुझे बहुत अच्छी लगती है. फिर उसके कुछ देर बाद आंटी मेरे लंड को चूसने लगी और वो मुझसे बोली कि स्वेतानन्द  प्लीज अब मत तड़पाओ अपनी रंडी को. फिर मैंने उनको बेड पर लेटा दिया और चूत पर लंड को रखकर धीरे धीरे रगड़ने लगा और आंटी आह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ करने लगी. चोदने के बाद थोड़ा रिलेक्स हुआ भाइयो क्या गजब मजा आया.

 चोदा पेली करते समय बहुत मजा आया था दोस्तों फिर मैंने अपना मोटा टोपा एक जोरदार धक्का देकर चूत के अंदर डाल दिया, जिसकी वजह से आंटी सिसकियाँ लेने लगी आह्ह्ह्ह आईईईईईई हाँ स्वेतानन्द  ज़ोर से चोदो मुझे उह्ह्ह्हह्ह अपने बच्चे की माँ बना दे. मेरी चूत को आज चोदकर फाड़ दे, तू आज मेरी चूत को अपने लंड की चुदाई से खुश कर दे. दोस्तों मैंने भी अब बहुत जोश में आकर एक ज़ोर का धक्का मारा जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड फिसलता हुआ चूत की गहराईयों में चला गया और आंटी मुझे कसकर पकड़कर चिल्लाने लगी आह्ह्ह्ह अईईईईइ उफ्फ्फ्फफ्फफ्फ्फ़ हाँ चोद मुझे और ज़ोर से चोद. उसके ओठ रसीले थे दोस्तों मॉल गजब था दोस्तों.

 उसके लिप्स की चूसै यू ही चलती रही  दोस्तों दोस्तों में भी अब उनके बूब्स को दबा रहा था और लगातार धक्के मार रहा था, इतने में आंटी दो बार झड़ चुकी थी. दोस्तों मैंने महसूस किया कि आंटी की चूत बहुत टाईट थी और मुझे अपने लंड को अंदर बाहर करने में थोड़ी मेहनत करनी पड़ रही थी, शायद वो बहुत दिनों के बाद चुद रही थी इसलिए उनकी चूत इतनी कसी हुई थी. दोस्तों कुछ देर लगातार चुदाई करने के बाद अब में अपनी मंज़िल पर पहुंचने वाला था इसलिए मैंने पहले ही उनसे पूछा कि में अपना वीर्य कहाँ पर निकालूं? फिर उन्होंने मुझसे बहुत खुश होकर बोला कि तुम मेरी चूत के अंदर ही डाल दो, में गर्भनिरोधक गोली खा लूँगी और तुम्हे डरने की कोई जरूरत नहीं है. उसके बूब्स क्या मस्त थे दोस्तों अब मै क्या कहु दोस्तों.

 मेरा मन चुदाई का था दोस्तों अब में ज़ोर ज़ोर से धक्के मारकर कुछ देर बाद झड़ चूत के अंदर ही झड़ गया और मैंने अपना पूरा वीर्य अंदर डाल दिया. कुछ देर तक हम दोनों एक दूसरे के ऊपर थककर लेटे रहे और करीब 15 मिनट के बाद हम उठकर बाथरूम में चले गये, वहां पर मैंने आंटी से कहा कि मुझे मूतना है, क्यों आप मेरा मूत पियोगी ना? मैंने तय किया की चोद कर ही दम लूंगा.

 मुझे तो बस चुदाई की धुन सवार थी दोस्तों  वो बोली कि नहीं फिर मेरे बहुत बार मनाने, समझाने पर वो मेरी बात मान गयी और वो अपने घुटनों के बल नीचे बैठ गई और मैंने उनके चेहरे पर मूत दिया आंटी मेरा आधे से ज़्यादा मूत पी गई, उसके कुछ देर बाद हम दोनों नहाकर बाहर आ गये और ऐसे ही पूरे नंगे ही लेटे थे. में उनकी चूत में ऊँगली कर रहा था और वो मेरा लंड सहला रही थी. मुझे बूर की मादक खुसबू आ रही थी जो मुझे पागल कर रहे थे.

 दिन रात बस चुदाई ही चुदाई ख्याल दोस्तों और कुछ नहीं  फिर कुछ देर बाद मेरा लंड एक बार फिर से धीरे धीरे खड़ा होने लगा और मैंने उससे कहा कि मेरी शीला रांड, मेरी छिनाल चल अब उठकर मेरा लंड चूस. दोस्तों वो मेरे इतना कहते ही तुरंत उठकर मेरा लंड चूसने लगी जैसे कि वो भी मेरे कहने का इंतजार कर रही हो. अब मैंने उनको बोला कि आंटी मुझे आपकी गांड मारनी है तो वो एकदम तैयार हो गई और फिर मैंने उन्हे डॉगी स्टाइल में बैठाकर अपने लंड को गांड के मुहं पर रखकर दबाते हुए अंदर डालने लगा. सच कहु तो वो चुदाई तो तरस रही थी दो.

 उसकी आखो में चुदाई का नशा था मैंने गांड पर पहले से ही थोड़ा सा थूक लगा लिया था जिसकी वजह से सुपड़ा अंदर चला गया और आंटी चिल्लाने लगी, आह्ह्ह्ह प्लीज बाहर निकालो इसे मुझे बहुत दर्द हो रहा है, छोड़ दो मुझे, तुम मेरी चूत में अपना लंड डाल दो, लेकिन प्लीज मेरी गांड का पीछा छोड़ दो अह्ह्ह्हह उफ्फ्फ्फ़ माँ बचाओ मुझे. दोस्तों में उनकी चिल्लाने की आवाज सुनकर तुरंत रुक गया और उन्हें किस करने लगा. बूब्स को सहलाने लगा और दर्द के कम होने का इंतजार करने लगा. मैंने उसकी बूर का सील तोड़ दिया दोस्तों.

 मैंने उसकी बूर का सील तोड़ दिया दोस्तों फिर कुछ देर बाद जब मैंने महसूस किया कि आंटी का दर्द अब थोड़ा बहुत कम हो चुका है तो मैंने उन्हें अपनी इधर उधर की बातों में लगाकर उस बात का फायदा उठाकर एक ज़ोर से धक्का मार दिया, जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड अंदर चला गया और आंटी आह्ह्ह्ह आउहह्ह्ह कुत्ते की औलाद, मादरचोद आईईईइ हरामी साले उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ में मर गई करने लगी, लेकिन में अब भी नहीं रुका और में लगातार धक्के मारने लगा और कुछ देर बाद आंटी को भी मज़ा आ रहा था. फर्स्ट टाइम चुदाई में सील टूटती है तो थोड़ा तो दर्द होगा ही.

 लंड घुसाने में लग रहा था बस चुत फैट ही जाएगी दोस्तों  दोस्तों में करीब 25 मिनट तक उनकी गांड को मारता रहा और आंटी इस बीच एक बार झड़ चुकी थी. मैंने उनसे पूछा कि आंटी क्या मलाई खाओगी? तो उन्होंने तुरंत कह दिया कि हाँ मेरे राजा खिलाओ. अब मैंने अपने लंड को जल्दी से गांड से खींचकर बाहर निकाल लिया और मैंने देखा कि मेरा पूरा लंड आंटी की गांड की मलाई से सना हुआ था. क्या गजब लग रही थी दोस्तों.

 क्या रस भरी चुत थी दोस्तों मजा आ गया फिर आंटी तुरंत अपने घुटनों पर बैठ गई और मैंने आंटी को बोला कि लो खा लो मेरी मलाई. आंटी अब मेरा पूरा लंड अपने मुहं में लेकर चाटने लगी और उन्होंने पूरा माल चाटकर साफ कर दिया और इस बीच मेरा भी वीर्य निकलने वाला था इसलिए मैंने आंटी को बोला कि जल्दी से लंड को अपने मुहं में ले लो, उन्होंने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और फिर मेरा वीर्य निकल गया. लड़कियों की चुत मरने का मजा ही कुछ और है  दोस्तों.

 मेरा लंड तनकर टाइट था दोस्तों आंटी ने पूरा वीर्य पी लिया और लंड को बहुत अच्छी तरह चाट चाटकर साफ किया और उस पूरी रात हम दोनों चुदाई करते रहे, मैंने उनको एक बार किचन में भी चोदा और दो बार गांड मारी. दोस्तों मुझे उसके साथ गंदा सेक्स करने में बहुत मज़ा आया और उसके बाद में कुछ घंटो के बाद अपने घर पर आ गया, लेकिन हमारी यह चुदाई ऐसे ही लगातार चलती रही. में हर कभी कोई भी अच्छा मौका देखकर आंटी को चोदने लगा और उनके बदन की आग को ठंडा करने लगा. दोस्तों वो बुल्कुल मादक शराब जैसी लग रहे थी मन कर रहा अभी पी  लू दोस्तों मैंने ऐसी तरह न जाने कितने औरतो और लड़कियों बूर में चोदा पेली किया है कितनो चुत का भोसड़ा तक बना दिया और न जाने कितनो का तो सील तोड़ कर खून निकाल दिया और न जाने कितनी को तो कुवारी में ही माँ बना दिया  और मैं चोदा पेली करने के लिए कही भी और किसी भी हद तक जा सकता हु और तो और मैंने अपने गांव के किसी भी औरत और छोड़ा नहीं है.

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