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आंटी और उसकी बेटी की चुदाई

Posted on:- 2022-09-02


क्या हाल दोस्तों, मेरा नाम  प्रेम  है. ये जो चुदाई की कथा  में आप लोगों के साथ शेयर कर रहा हूँ वो मेरी और मेरी पड़ोसी आंटी के बीच की है. उनका नाम पुनिता  है और उनकी उम्र 35 साल है, उनका फिगर साईज 34-30-36 और उनकी बेटी का नाम सावित्री  है. उसकी उम्र 19 साल और उसका फिगर साईज 30-28-32 है. ये अप्रेल की बात है, में भुवनेश्वर में एक किराये के घर में रहकर बी.टेक कर रहा था, उस  घर  में और मेरे जैसे और भी बहुत सारे लोग रहते थे. मेरा एक सिंगल रूम था क्योंकि में अकेला रहता था. अप्रेल महीना गर्मी का मौसम है इसीलिए में छत के ऊपर सोया करता था. छत के ऊपर दो बाथरूम थे, उनमें से एक बाथरूम मुझे मिला हुआ था और एक पुनिता  आंटी को मिला हुआ था. चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए.

 

 अब सुनिए चुदाई की असली कहानी एक दिन में छत पर सोया हुआ था, लेकिन मुझे नींद नहीं आ रहा थी तो में मेरे मोबाइल में ब्लू फिल्म देख रहा था. तब मुझे किसी की पायल की आवाज़ आई, तो मैंने मोबाईल को उल्टा करके रख दिया जिससे की किसी को शक़ ना हो कि मोबाईल चालू है और में सोने का नाटक करके देखता रहा कि कौन आ रही है. वो और कोई नहीं बल्कि पुनिता  आंटी थी और में चुपके से देखता रहा कि वो क्या कर रही है? लेकिन वो तो मेरे नीचे देख रही थी. वहा का माहौल बहुत अच्छा था  दोस्तों.

 वहा जबरजस्त माल भी थी दोस्तों  फिर मैंने सोचा कि वो क्या देख रही होगी? मुझे मालूम पड़ा कि वो मेरे लंड को देख रही थी जो कि फिल्म देखने की वजह खड़ा हुआ था और वो उसको देखकर पेशाब करने बाथरूम की तरफ चली गयी. मैंने सोने का नाटक करते हुए लंड को बाहर निकाल दिया. जब वो पेशाब करके वापस बाहर आई तब वो फिर से मेरे लंड को देख रही थी, लेकिन इस बार तो वो मेरे पास आकर बैठकर मेरे लंड को देखने लगी और धीरे-धीरे सहलाने लगी. में तो चौंक गया था और फिर मैंने सोचा कि इस रंडी को आज अभी यहीं चोद लूँ इसीलिए उसको रंगे हाथ पकड़ना है और में आँख खोलकर बैठ गया, तब वो कांप उठी और फिर में बोला कि.. ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा दोस्तों.

 

में : आंटी आप रात को 1:30   बजे मेरे पास क्या कर रही हो?

 

आंटी : कुछ नहीं टायलेट करने के लिए आई थी और देख रही थी कि कौन सो रहा है.

 

में : ओह तो आपका हाथ किधर था.

 

आंटी : (थोड़ा डर के मारे) किधर भी नहीं, बस यूँ ही इधर उधर हो रहा था.

 

में : इधर उधर मतलब? क्या है एंटी

 

आंटी : छोड़ो मुझे नींद आ रही है. अब में चलती हूँ, उधर सावित्री  अकेली सोई है.

 

और आंटी उठने लगी तो मैंने आंटी का हाथ पकड़ लिया और बोला.

 

में : मेरी जिस चीज़ को आपने जगाया है उसको कौन सुलायेगा. उह क्या मॉल था दोस्तों गजब

 

आंटी : मैंने किस चीज़ को जगाया? मेरा लंड

 

 मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था दोस्तों  तब में उनके सिर को पकड़कर मेरे लंड के पास ले आया और बोला कि इसको तुमने जगाया है अब इसे शांत करो. तो वो थोड़ी डर  गयी और बोली कि ये ठीक नहीं है, तब में उनके चूची और चूत को उनकी साड़ी के ऊपर से दबाने लगा और मजा करने लगा और उनको नीचे लेटाकर उनको ओठ किस करने लगा. फिर वो भी मेरा साथ देने लगी तो में समझ गया कि ये चोदा पेली के लिए राज़ी है, तब मैंने उनको छोड़ दिया. तो वो मुझसे बोली कि क्यों मज़ा नहीं आया? प्लीज़ मुझे अपनी रंडी बनाकर चोद डालो, तब मैंने उनसे पूछा कि अंकल आपको नहीं चोदते क्या? कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था.

 

उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये आंटी : (उदास होकर) अंकल ठीक से नहीं चोदते थे इसीलिए में मेरे एक फ्रेंड्स से चुदवाती थी, लेकिन जब उनको पता चल गया तो वो मुझे छोड़कर चले गए. अब मेरा एक फ्रेंड (संदीप) ही मुझे चोदता है. तब मैंने आइडिया लगाया कि जो लड़का इनके घर पर रोज खाने के टाईम पर आता है वो ही संदीप है और वो ही इसे चोदता है. फिर मैंने उठकर छत के दरवाजे की कुण्डी लगा ली और उनके पास आकर बैठ गया और फिर हमारा सेक्स शुरू हुआ. फिर मैंने उनके ब्लाउज को निकाला और फिर साड़ी और पेटीकोट निकाल दिया. अब वो मेरे सामने ब्रा और पेंटी में ही थी और में उनको पूरा नंगा कर चुका था. उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है.


 

 ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है अब में उनकी बॉडी को अच्छी तरह से नहीं देख पा रहा था और सिर्फ़ थोड़ा-थोड़ा देख पाता था क्योंकि वहां अंधेरा था और सिर्फ़ महसूस करता था. सच बताऊँ यारों क्या मक्खन जैसे चूची थे? जैसे ही मैंने ब्रा को निकाला तो मुझे लगा कि मक्खन के दो पीस लगे हुए है. फिर मैंने उनकी पेंटी उतारी और चूत को टच किया, तो बिल्कुल शेव चूत थी और गीली भी थी. मैंने फिर गांड को दबाया तो मुझे लगा जैसे कि में गुब्बारे को पकड़ा हो, मतलब आंटी अपनी हर चीज़ का बहुत ख्याल रखती थी. है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई.


 

 अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता दोस्तों फिर हम दोनों 69 पोजिशन में आ गये. जब वो मेरे लंड को मुँह में लेती, तो वो बोली कि ये तो 8 इंच का होगा, कितना बड़ा है और मोटा भी है. तो मैंने अंकल और संदीप का साईज़ पूछा तो वो बोली अंकल का 5 इंच का होगा और संदीप का 7.3 इंच का है, लेकिन तुम्हारा तो इतना बड़ा है कि मुझे चोदा पेली में मज़ा आयेगा और हम दोनों चुसाई करने लगे और एक साथ ही एक दूसरे के मुँह में झड़ गये. दोस्तों मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार.


 

 उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया दोस्तों  जैसे उसके चुत में माखन भरा हो फिर वो बोली कि अब अपना लंड मेरी चूत में डालो. फिर मैंने उनके पेरों को फैलाकर उनकी चूत में मेरा लंड रगड़ने लगा और फिर लंड घुसा  डाला तो वो अहह उईईईईईईईईईआआअ की आवाज़ करके बोली कि धीरे-धीरे करो. फिर मैंने देखा तो मेरा लंड 6 इंच ही चूत के अंदर गया था और 2 इंच बाहर था, तो मैंने एक ज़ोर का झटका लगाया और पूरा लंड अंदर डाल दिया और करीब 20 मिनट तक उसको अलग-अलग स्टाइल में चोदता रहा, तब तक वो एक बार झड़ चुकी थी. उसको देखने बाद साला चुदाई भूत सवार हो जाता दोस्तों


 

 मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू    तब तक ठीक नहीं होता फिर हम दोनों एक बार फिर झड़ गये. तब 2 बज गये थे तो वो बोली कि शायद सावित्री  जग गयी होगी और में चलती हूँ. फिर वो अपने कपड़े पहनकर चली गयी और में कपड़े पहनकर सो गया. एक बात और दोस्तों चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है उह यह उसकी नशीली आँखे में एक दम  चुदकड़ अंदाज है.

 

 दोस्तों देखने से लगता है की वो पका चोदा पेली का काम करती होगी फिर सुबह 9 बजे जब में उठकर फ्रेश होकर कॉलेज के लिए निकला तो वो मेरे कमरे में आई जो कि उनके रूम के सामने है और बोली कि आज 4 बजे दिन में चुदाई करते है, क्योंकि उसकी बेटी कॉलेज चली गयी और संदीप 7 दिन से बाहर है और 20 दिन के बाद आयेगा. फिर में उसकी चुदाई करने के लिए रुक गया और उसने मुझे अपने घर में बुलाकर चुदाई करवाई और करीब 5 बार हमने चुदाई की. दोस्तों चुत को चाटेने के  समय उसके बूर के बाल मुँह में आ रहे थे.

 

 दोस्तों मुझे तो कभी कभी चुत के दर्शन मात्र से खूब मजा आता इसके बीच में उसने खाना पकाया और मुझे भी खिलाया, लेकिन दरवाजे पर हम में से किसी का ध्यान नहीं था, वो तो अनलॉक था और हम लोग अन्दर नंगे थे, क्योंकि जब किसी का भी मन करता तो हमारी चुदाई शुरू हो जाती. उस दिन सावित्री  भी 2 बजे कॉलेज से आकर दरवाजे पर खड़ी थी और दरवाजा अनलॉक होने की वजह से वो सीधा अन्दर घुस गयी. तब में और पुनिता  आंटी यानि उसकी माँ सेक्स कर रहे थे. हम लोग 69 पोजिशन से निकल चुके थे और पुनिता  ने अपने पैर फैलाकर मेरे लंड को चूत के दरवाजे पर लगा रखा था और जैसे ही मैंने धक्का मारा तो सावित्री  ने आवाज़ लगाई. क्योकि मई पहले बहुत बार अपने मौसी के लड़की  को बिना पैंटी के देखा था  वाह क्या मजा आया था.


 

सावित्री  : माँ ये क्या हो रहा है?

 

पुनिता  आंटी : (डर के मारे) कुछ नहीं बेटा.

 

सावित्री  : प्रेम भैया अब तो निकालो. (क्योंकि तब तक मेरा लंड पुनिता  आंटी की चूत में था और पास में छुपाने के लिए कुछ भी नहीं था)

 

 अब चुदाई करने को  १००% तैयार थी  फिर मैंने मेरा लंड बाहर निकाला तो मेरा लंड और उसकी माँ की चूत से पानी टपक रहा था, जिसे देखकर सावित्री  बोली कि.. मन कर रहा था कब इसे चोद लू मेरा लंड समझने  को तैयार नहीं था

 

 अब बिना चुदाई के रह नहीं सकता था दोस्तों मै पागल सा हो गया सावित्री  : में जानती हूँ माँ कि पापा के जाने के बाद आप ये सब संदीप अंकल के साथ करती हो, लेकिन अब और किसी के साथ भी करने लगी हो, ये अच्छा नहीं है माँ. में अभी संदीप अंकल को आपके नंबर से मैसेज करके बता दूँगी. ओह ओह ओह है कब लंड को घुसा दू ऐसा लग रहा था दोस्तों 


 

 मॉल था चुदाई के लायक  पुनिता  : ऐसा मत कर, तेरे पापा तो मुझे संतुष्ट कर नहीं पाते थे इसीलिए मैंने संदीप का सहारा लिया और इसलिए तेरे पापा भाग गये और 7 दिन से संदीप आउट ऑफ स्टेशन है और 20 दिन के बाद वो आयेगा, वैसे भी प्रेम का लंड सबसे बड़ा और चुत में लंड पेलने की ताकत  भी अच्छा है इसीलिए में कंट्रोल नहीं कर पाई. तब तक हम दोनों सावित्री  के सामने नंगे खड़े थे. फ़िर सावित्री  ने कुछ देर सोचा और उस समय मैंने गोर किया कि वो अपने हाथ को अपनी ड्रेस के ऊपर से उसकी चूत को दबाकर बोली कि.. माल चुदाई के लिए तड़प रही थी दोस्तों.

 

सावित्री  : ठीक है, में उन्हें नहीं बताउंगी, लेकिन मेरी एक शर्त है.

 

पुनिता  आंटी : क्या शर्त है बेटी?

 

सावित्री  : मुझे भी प्रेम भैया के लंड को इन्जॉय करने को मिलेगा.

 

पुनिता  आंटी : (मुझे सावित्री  के पास धक्का देते हुए) ले संभाल इस 8 इंच के लंड को.

 

में : सावित्री  क्या तुम वर्जिन हो?

 

सावित्री  : हाँ.

 

में : तो बहुत मज़ा आयेगा.

 

 जब माल अच्छा हो तो कौन नहीं  चोदना चाहेगा  है न दोस्तों फिर सावित्री  ने मेरे लंड को हाथ में पकड़ा और फिर मैंने उसको एक ज़बरदस्त ओठ किस किया. तब पुनिता  आंटी मेरी गांड के होल को चूस रही थी. फिर 5 मिनट तक ओठ किस करने के बाद मैंने सावित्री  की जीन्स और टी-शर्ट ऊतार दी. मुझे ऐसा लगा कि जैसे दो ओंरेंज को पकड़कर किसी ने ब्रा के अंदर क़ैद कर दिया है. फिर मैंने सावित्री  की ब्रा को खोलकर उसके चूची को दबाया और सक किया. फिर मैंने उसकी पेंटी को उतार दिया. यार उसकी क्या चूत थी? जैसे कि उसकी चूत के जंगल के अंदर से कोई नदी जा रही है. सेक्स करते समय बहुत मजा आया था दोस्तों.

 

 उसके ओठ रसीले थे दोस्तों मॉल गजब था दोस्तों मैंने पूछा कि कभी चूत शेव नहीं की है क्या? तो वो बोली नहीं, फिर मैंने उसकी गांड को टच किया और मज़ा लेता रहा. फिर हम दोनों 69 पोजिशन में आ गये और 10 मिनट में ही एक दूसरे के मुँह पर झड़ गये. फिर वो बोली कि अब तो चुदाई करते है और फिर उसने अपने पैरों को फैला दिया. अब उसकी माँ ने मेरे लंड पर क्रीम लगाई और फिर उसकी चूत पर क्रीम लगा दी और मेरे लंड को उसकी चूत के दरवाजे पर रख दिया. फिर मैंने धक्का दिया तो मेरा लंड फिसलकर बाहर निकल गया और फिर दो बार ट्राई किया तो मेरा लंड 3 इंच अंदर चला गया. फिर सावित्री  दर्द के मारे रोने लगी. तब मैंने पुनिता  आंटी से बोला कि तुम्हारी बेटी के मुँह में अपनी चूत डालो, फिर में धक्का देता हूँ ताकि उसकी चीख बाहर तक सुनाई ना दे. मेरा लंड उसकी बूर को चिर कर आगे निकाल रहा था.


 

 मैंने उसकी बूर का सील तोड़ दिया दोस्तों  फिर पुनिता  आंटी ने बिल्कुल वैसा किया और मुझे उसकी चूत में मेरा पूरा 8 इंच का लंड डालने में 10 मिनट लगे. फिर में लंड को अंदर बाहर करके उसको चोदता रहा और वो भी मेरा साथ देती रही उहह अह मूऊऊऊऊऊऊ मर गई, क्या मज़ा आ रहा है? और ज़ोर से और ज़ोर से, फिर में 30 मिनट में उसकी चूत में झड़ गया और तब तक वो 3 बार झड़ चुकी थी. फिर हम सबने नाश्ता किया और फिर हम तीनों ने एक नया घर देखकर उस घर में शिफ्ट हो गये और उधर हम सब घर में नंगे ही रहते है और खूब चुदाई करते है. फर्स्ट टाइम चुदाई में सील टूटती है तो थोड़ा तो दर्द होगा ही.


दोस्तों मैंने ऐसी तरह न जाने कितने औरतो और लड़कियों बूर में चोदा पेली किया है कितनो चुत का भोसड़ा तक बना दिया और न जाने कितनो का तो सील तोड़ कर खून निकाल दिया और न जाने कितनी को तो कुवारी में ही माँ बना दिया  और मैं चोदा पेली करने के लिए कही भी और किसी भी हद तक जा सकता हु और तो और मैंने अपने गांव के किसी भी औरत और छोड़ा नहीं है जो नहीं मानती थी उनके साथ जबरजस्ती चोदा पेली किया हु  सोचिये मैं ऐसा हरामी चोदूबीर आदमी हु दोस्तों.

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