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नौकरानी बबिता की गांड चोदी

Posted on:- 2022-02-26


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रवीश है और मैं फिल्लौर का रहने वाला हूँ. अब मैं आपको मेरी एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ. मेरे फिल्लौर वाले फ्लेट में एक नौकरानी काम करती थी. उसका नाम बबिता था और उसकी उम्र करीब 36 साल होगी, उसके बूब्स बड़े-बड़े थे. जब वो चलती थी तो उसके बूब्स हिलते रहते थे. अब उसे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था, में हर दम सोचता रहता था कि उसको कैसे चोदा जाए? फिर आख़िरकार एक दिन मुझे मौका मिल ही गया. मित्रों ये कहानी आप देशीअडल्टस्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं.

एक दिन में घर पर ही था तो मैंने बबिता को आवाज़ दी, लेकिन मैंने कोई जवाब ना पाकर सोचा कि वो अपने घर चली गयी होगी. अब में बहुत थका हुआ था इसलिए में अपने कपड़े उतारकर नहाने के लिए बाथरूम में घुसा तो मैंने बाथरूम में घुसते ही देखा कि बबिता नहा रही थी, अब उसके बदन पर एक धागा तक नहीं था, वो पूरी नंगी थी, उसकी पीठ मेरी तरफ थी इसलिए उसने मुझे नहीं देखा था. शायद उसने सोचा होगा कि इस वक़्त कौन आएगा? इसलिए शायद उसने बाथरूम का दरवाज़ा बंद नहीं किया था.

अब मैंने भी सोच लिया था कि आज तो में इसे ज़रूर चोदूंगा. फिर मैंने छुपके से उसके सारे कपड़े उठाए और बाहर आ गया और ड्रॉईग रूम में बैठ गया. फिर थोड़ी देर के बाद मुझे उसका चेहरा बाथरूम के दरवाज़े से झांकता दिखाई दिया और फिर वो बोली कि साहब मेरे कपड़े दे दीजिए. फिर मैंने कहा कि खुद आकर ले लो. फिर वो अपने बूब्स को दोनों हाथों से ढक कर बाहर आई.

अब मेरे सामने एक लड़की निर्वस्त्र होकर के खड़ी थी, अब यह देखकर मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया था. फिर मैंने कहा कि तुम बहुत सुंदर हो बबिता, तो वो शर्मा गयी. फिर मेरी हिम्मत बढ़ी और में खड़ा हो गया और खड़े होते ही मेरा लंड और तन गया, अब मेरा 9 इंच का लंड देखकर उसकी आखें फैल गयी थी.

फिर में उसके पास गया और उसके होठों को चूमने लगा. अब पहले तो उसने विरोध किया था, लेकिन फिर बाद में वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी थी. फिर मैंने उसके लिप्स को छोड़ा और थोड़ा नीचे आकर उसके बूब्स को चूसने लगा. फिर मैंने उसे अपनी बाहों में उठाया और बेडरूम में ले गया. फिर मैंने उसे बेड पर लेटाकर उसके दोनों पैरो को फैलाया और उसकी चूत को चाटने लगा, उसकी चूत मक्खन की तरह चिकनी थी.

फिर मैंने उसकी भोसड़े में अपनी उंगलियाँ घुसा दी और अंदर बाहर करने लगा. अब वो गर्म हो रही थी, अब वो बेताबी में अपने हाथों से अपनी चूचीयों को मसलने लगी थी. अब उसके मुँह से आ ओह और करो फाड़ दो मेरी चूत जैसे शब्द सुनकर मेरा जोश और बढ़ गया था. फिर मैंने अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया तो वो उसे लॉलीपोप की तरह चूसने लगी और फिर मैंने उसकी भोसड़े को जी भरकर चूसा.

अब हम दोनों 69 की पोज़िशन में थे. फिर मैंने उससे कहा कि बबिता अब में तुम्हारी चूत को फाड़ दूंगा. अब वो तो पहले से तैयार थी, फिर उसने कहा कि हाँ साहब अब इस चूत को फाड़ दो, अब और रहा नहीं जाता है.

फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर रखा और एक धक्का दिया तो मेरा आधा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया और वो चीख उठी आह धीरे करो दर्द होता है, लेकिन मैंने उसकी एक बात नहीं सुनी और अपना काम जारी रखा. अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर घुसते ही वो चिपकली की तरह मेरे सीने से चिपक गयी थी. अब में अपना लंड तेज़ी से उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा था. अब मैंने उसे कस कस कर चोदा था और अब वो भी अपनी गांड उछाल-उछालकर मेरा पूरा साथ दे रही थी.

फिर बहुत देर तक चोदने के बाद में उसकी चूत में ही झड़ गया और उसके सीने में अपना सिर रखकर लेट गया. फिर मैंने थोड़ी देर के बाद उसकी चूचीयों के बीच में अपना लंड रखा और उसकी चूचीयों को चोदने लगा.

फिर अब थोड़ी ही देर में मेरा लंड फिर से तैयार हो गया था. फिर मैंने उसे डॉगी स्टाइल में बैठाया और कहा कि बबिता अब में तुम्हारी गांड मारूँगा तो वो डर गयी और बोली कि नहीं साहब मेरी गांड मत फाड़ो मुझे बहुत दर्द होगा, आपका लंड बहुत मोटा है. फिर मैंने उसे समझाया कि पहले थोड़ा दर्द होगा, लेकिन फिर तुम्हें भी बहुत मज़ा आएगा. अब वो भी तैयार हो गयी थी, फिर मैंने उसकी गांड के अंदर बाहर वैसलिन लगाई और अपना लंड घुसाने लगा.

अब मेरा लंड थोड़ा ही उसकी गांड के अंदर गया था कि वो दर्द से छटपटाने लगी और छूटने की कोशिश करने लगी, लेकिन मैंने उसको कसकर पकड़ा और जोर-जोर से धक्के लगाता रहा. अब वो रोने लगी थी और मेरा लंड उसकी गांड को चोदे जा रहा था. फिर थोड़ी देर के बाद उसे भी मज़ा आने लगा और फिर वो आराम से चुदने लगी.

फिर काफ़ी देर तक चोदने के बाद में उसकी भोसड़े में ही झड़ गया. फिर मैंने उससे पूछा कि क्यों बबिता मज़ा आया? तो वो बोली कि हाँ साहब बहुत मज़ा आया, आप बहुत अच्छा चोदते हो, अब में रोज़ आपसे ही चुदवाऊंगी. फिर तो हम रोज़ ही चुदाई का मज़ा लेने लगे थे.

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